कैसे एक लकड़हारे का बेटा बन गया अरुणाचल प्रदेश का पहला IPS, झकझोर देगी रॉबिन हिबू की कहानी

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IPS Robin Hibu struggle story in Hindi – अरुणाचल प्रदेश के पहले IPS अधिकारी रॉबिन हिबू जो राजधानी दिल्ली में “वर्दी वाला गाँधी” और नार्थ-ईस्ट में देश के वर्तमान गाँधी के नाम से मशहूर हैं. रॉबिन हिबू को गाँधी  इसलिए कहा क्योंकि जहाँ उन्होंने IPS बनने के लिए कड़ी मेहनत की और देश के लिए काम किया तो वहीं वो नौकरी पर रहते हुए लोगों की मदद करते हैं. इसी काम के लिए उन्हें जहाँ कई सारे पुरस्कार मिले तो वहीं गाँधी के नाम का टाइटल भी मिला और इस समय वो दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त के पद पर तैनात हैं. वहीं हाल ही में IPS अधिकारी रॉबिन हिबू ने दिल्ली के बाल भारती स्कूल के एक कार्यक्रम में शामिल हुए. जहाँ उन्होंने भाषण दिया और अपने इस भाषण के जरिए छात्रों को कामयाब होने के मंत्र दिया तो वहीं अपने आईपीएस बनने के मुश्किल सफ़र के बारे में भी बताया.

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IPS अधिकारी रॉबिन हिबू ने छात्रों को किया संबोधित

IPS अधिकारी रॉबिन हिबू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे देखकर कहा गया कि तुम इंडियन नहीं लगते हो और मैं उनसे कहा कहता था आप हमारे हिंदुस्तान को नहीं जानते हमारा हिंदुस्तान एक बगीचे की तरह है. मेरी जैसे छोटी आंख वाले नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से है. हमारे हर धर्म के लोग हैं जो सब अपन पहनावे और बोली से जाने जाते हैं. इसी के साथ आईपीएस ऑफिसर ने छात्रों से कहा कि मेरा नसीब आप लोगों के जैसा नहीं था. इतना अच्छा स्कूल इतनी व्यवस्था सब कुछ इतना अच्छा है. मैं तो गांधी आश्रम के पढ़ा एक विद्यार्थी हूँ जहाँ कोई भी सुविधा नहीं थी.

इसी के साथ IPS अधिकारी रॉबिन हिबू ने कहा कि अगर आप अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने आप को मजबूत करना होगा. आप लोग खुशनसीब हैं कि आप देश की राजधानी दिल्ली में हैं और आपको पढ़ने का इतना अच्छा वातावरण मिला है लेकिन बहुत से बच्चे हैं जिन्हें ये सब नहीं मिला लेकिन आप खुशनसीब है आपको ये सब मिला और इस समय को ऐसे ही बेकार न जाने दे अगर आप इस समय को गवां देंगे तो आप ज़िन्दगी में कुछ नहीं बन पाएंगे.

IPS ऑफिसर ने छात्रों से की अपील 

वहीं IPS अधिकारी रॉबिन हिबू ने ये भी कहा कि मैं देखता हूँ कि आज कल एक समय में आज के छात्रों के सबसे बड़े दुश्मन हैं सोशल मीडिया है. सोशल मीडिया की लत को छोड़कर पढाई पर ध्यान देना होगा जो काम में आपको रूचि है उस काम में मेहनत करो तभी कामयाबी मिलेगी साथ ही ये भी कहा कि कामयाब होने के बेसिक पढाई का होना बहुत जरुरी है तभी आप कामयाब होंगे.

जानिए कौन है IPS अधिकारी रॉबिन हिबू

अरुणाचल प्रदेश के पहले IPS अधिकारी रॉबिन हिबू का जन्म और पालन-पोषण अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से गाँव होंग (IPS Robin Hibu birth place) में जीरो वैली में हुआ था और आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की लेकिन उनका ये सफ़र इतना आसान नहीं था.

गाँधी आश्रम में शुरू की पढ़ाई – IPS Robin Hibu struggle story

अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों और पहाड़ों के बीच रहने वाले रोबिन हिबू का परिवार गरीब था और उनके पिता कि पिता जो लकड़ी काटकर घर का गुजारा करते थे. वहीं यहां पर रहने के दौरान उन्हें कई चीजों की परेशानी भी होती थी. अवतानी जनजाति में पैदा हुए रोबिन हिबू ने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई गाँधी आश्रम में की और ये वो समय था जब उनके पैरों में चप्पल भी नही थी. वहीं जहाँ वो स्कूल जाते वहां के स्कूल में कोई पानी बिजली आदि की सुविधा भी नहीं थी.

रोबिन ने झेलना पड़ा भेदभाव 

रोबिन (Robin Hibu works) के अलावा घर में एक भाई और दो बहने भी थी पर रोबिन पढ़ाई में काफी होशियार थे लेकिन उन्हें भी जाति के नाम का भेदभाव झेलना पड़ा. इसी दौरान रोबिन हिबू की मुलाकात गाँधी सेविका टीचर गुनी वाइटियो से हुई और उनकी वजह रोबिन की ज़िंदगी ही बदल गई।

टॉयलेट के समाने बैठकर आए दिल्ली

गुनी वाइटियो रोबिन (Robin Hibu struggle story) के गांव के पास कस्तूरबा गाँधी सेवा आश्रम में पढ़ाती थी. 1991 में रोबिन हिबू का एडमिशन दिल्ली के जवाहरलाल विश्विधालय में हो गया. तब वह पहली बार अपने गांव से निकलकर दिल्ली आए. वहीं ट्रेन का कन्फर्म टिकट होने के बाद भी बोगी की टॉयलेट के समाने बैठकर आए. दरअसल, उनकी बोगी में फौजियों का एक दस्ता चढ़ गया और उनको उनकी सीट से उठाकर खड़ा कर दिया.

जिसके बाद उन्होंने पूरी रात टॉयलेट के सामने बदबू में बिताई वहीं जेएनयू में दाखिले के बाद भी उनके साथ भेदभाव हुआ लेकिन भेदभाव को सहकर उन्होंने पढाई जारी रखी और 1993 में उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी पास की और अरुणाचल के पहले आईपीएस बनने का गौरव हासिल किया. वहीं रोबिन हिबू वर्तमान में दिल्ली पुलिस में डीजी रैंक के अधिकारी हैं और इस समय स्पेशल कमिश्नर आर्मड पुलिस के पद पर तैनात है।

आईपीएस बनने के बाद शुरू की समाजसेवी संस्था 

इसी के साथ अपने लोगों के लिए कुछ करने के लिए उन्होंने समाजसेवी संस्था “हेल्पिंग हैंड” शुरू की और नार्थ-ईस्ट के लोगों के लिए जो भी दिक्कतें, परेशानियां बाहर के राज्यों में आती थी, उनको दूर करने की पुरज़ोर कोशिश करते हैं वहीं रोबिन हिबू पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गठित संस्था के ब्रांड एम्बेस्डर भी हैं। वहीं अपनी इस “हेल्पिंग हैंड” संस्था के जरिए वो जरुरतमंदों की मदद करते हैं और उनके इस काम के लिए उनके कई सारे पुरस्कार से भी नवाजा गया है.

वहीं आईपीएस अधिकारी रॉबिन हिबू की जीवनी पर किताब भी लिखी गयी हिया जिसका विमोचन छह बार की विश्व एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियन और राज्यसभा सांसद मैरी कॉम ने मुख्य अतिथि तारा गांधी (महात्मा गांधी की पोती) ने किया है.

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