जानिए कैसे की जाती है SGPC के प्रमुख और अकाल तख्त के जत्थेदार की नियुक्ति ?

Table of Content

Selection Process of Jathedar –  अकाल तख्त के साथ दुनिया भर के सिखों का प्रमुख है. जत्थेदार सिखों के मुख्य होने के नाते, अकाल तख्त से किसी भी सिख के रूप में पहचान करने वाले किसी भी व्यक्ति को बुलाने, मुकदमा चलने और सजा दीं की वास्तविक शक्ति है. यह पद किसी संवैधानिक दस्तावेज़ द्वारा स्थापित नहीं किया गया है बल्कि यह सिख समूह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति द्वारा नियुक्त किया जात है. जिसका आदेश विश्व के सभी सिखों को मानना पड़ता है.

हम आपको बात दे कि पूरे भारत में पांच तख्तों के लिए पांच जत्थेदार नियुक्त किए जाते है इनका मुखिया अकाल तख्त का जत्थेदार होता है. अकाल तख्त का औधा सिखों में सबसे माना जाता है. तख्त फारसी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब अथॉरिटी के बैठने की जगह या सिंहासन है इसकी शुरुआत सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह ने 1609 में की थी. सिख धर्म की इस सबसे बड़ी संस्था के प्रमुख पद पर बैठे जत्थेदार को सिखों का मुख्य प्रवक्ता माना जाता है. दोस्तों आज हम इस लेख से अकाल तख्त के जत्थेदार के बारे में कुछ बताएं जानेंगे, कि कैसे जत्थेदार की नियुक्ति की जाती है. सिखों में इनकी आज्ञा का क्या महत्व है.

और पढ़ें : जानिए क्या है तख्त श्री दमदमा साहिब का इतिहास

SGPC और अकाल तख्त के जत्थेदार की शुरुवात

अकाल तख्त का पद संवैधानिक तौर पर दस्तावेजों में दर्ज नहीं है. जत्थेदार की नियुक्ति 1920 में उभरी अकाली नेतृत्व ने 15 नवम्बर 1920 को अमृतसर में अकाल तख्त के आस पास सभी तरह के मत रखने वाले सिखों की एक आम सभा बुलाई थी. इस सभा का उदेश्य श्री हरमंदिर साहिब और सभी गुरुद्वारों के लिए निर्णय लेने वाली समिति का निर्माण करना था. इस सभा के दो दिन पहले ब्रिटिश सरकार ने श्री हरमंदिर साहिब की देखभाल के लिए 36 सिखों की समिति बनाई थी. जिसके बाद 1920 में राजनीति तौर पर सिखों ने 175 सदस्यों वाली एक समिति बनाई, जिसका नाम “शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति” रखा गया.

जिसका 1925 में संवैधानिक तौर पर गठन किया गया. इस समिति में सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य भी शामिल किए गए. उसी समय से सिखों और गुरुद्वारों के सारे फैसले यही समिति करती है. यह समिति सिखों के पांच पवित तख्तों के लिए भी एक मुखिया नियुक्त करती है. जिससे हम ‘जत्थेदार’ के तौर पर जानते है. जत्थेदार के पास सभी सिखों और गुरूद्वारे के लिए फैला लेने का हक होता है. इन पांच मुखियाओं में से सबसे शक्तिशाली अकाल तख्त का जत्थेदार होता है जो सभी सिखों का मुखिया कहलाता है.

SGPC के मुखिया और अकाल तख्त के जत्थेदार की नियुक्ति

SGPC यानि कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के नियम के अनुसार इसके सदस्यों का चुनाव हर 5 साल में होने जरूरी है, SGPC के कुल सदस्य 191 है जिसमे 170 सदस्य चुने जाते है और 15 सदस्य मनोनीत किए जाते है, 5 सदस्य तख्तों के मुखिया और एक ग्रंथी श्री दरबार साहिब के मुखिया होते है.  हमारे यहा SGPC के कुल मतदाताओं की संख्या 56.50 लाख से ज्यादा ही है. 2011 चुनाव के अनुसार सबसे ज्यादा 53 लाख वोटर पंजाब से हैं, इसके अलावा SGPC में हरियाणा के 3.37 लाख, 23,011 हिमाचल प्रदेश और 11,932 वोटर चंडीगढ़ से हैं . SGPC में रजिस्टर्ड वोटर ही इस संस्था के प्रमुख का चुनाव करते हैं .

दूसरी तरफ, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानि SGPC के 160 सदस्य और 15 लोगों की प्रबंधक समिति मिलकर श्री अकाल तख्त साहेब के जत्थेदार (Selection Process of Jathedar) का चुनाव करती है. वर्तमान में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह को नियुक्त किया गया है. इनकी नियुक्ति शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी 16 जून 2023 को की गयी थी. ज्ञानी रघुबीर सिंह  अब विश्व के सभी सिखों के मुखिया हैं.

और पढ़ें : पांचों तख्त में क्यों सबसे अहम है श्री केशगढ़ साहिब ?

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds