पांचों तख्त में क्यों सबसे अहम है श्री केशगढ़ साहिब ?

Table of Content

Takht Sri Keshgarh Sahib History in Hindi – सिख धर्म में तख़्त को सबसे ऊपर माना जाता है. पूरे भारत में सिखों के पांच तख्त है, जिसमे सबसे ऊपर श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर है, उसके बाद तख्त श्री पटना साहिब, तख्त श्री केसगढ़ साहिब, तख्त श्री हजूर साहिब तथा पांचवां तख्त श्री दमदमा साहिब है. तख़्त का आदेश मानना हर सिख का धर्म होता है, हर सिख तख्त के आदेश को मानने के लिए बाध्य है. इन्ही पांच तख्तों में से एक तख्त श्री केशगढ़ साहिब जी, जिनके निर्माण की कहानी काफी रोचक है, जिसमे सिखों का अपने धर्म के प्रति समर्पण दिखता है. दोस्तों आज हम आपको हमारे इस लेख के जरिये सिखों के पांचों तख्त में क्यों सबसे अहम है श्री केशगढ़ साहिब के निर्माण और महत्व के बारे में बताएंगे.

और पढ़ें : जानिए राजा मेदिनी ने क्यों मांगी, गुरु गोविंद सिंह जी से उनकी तलवार 

पांचों तख्त में क्यों सबसे अहम है श्री केशगढ़ साहिब

श्री आनंदपुर साहिब में स्थित तख्त श्री केशगढ़ साहिब, सिखों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. तख्त श्री केशगढ़ साहिब जो खालसा का जन्मस्थान है. जिसकी स्थापना (खालसा पंथ) 1699 में श्री गुरु गोबिंद सिंह ने यहां की थी. श्री आनंदपुर साहिब की आधारशिला 30 मार्च 1689 को रखी गई थी. यहीं पर खालसा का जन्म हुआ था, जब युवा गुरु ने 1699 के वैसाखी के दिन हजारों सिखों की उपस्थिति में एक विशेष मंडली बुलाई थी.तख्त श्री केशगढ़ साहिब उस स्थान पर स्थित है जहां गुरु गोबिंद सिंह ने पांच प्यारों, ‘पंज प्यारों’ को दीक्षा दी थी और उन्हें अमृत पिलाया था.

श्री आनंदपुर साहिब का शाब्दिक अर्थ है ‘आध्यात्मिक आनंद का शहर’. जो क्षेत्र अब आनंदपुर साहिब के नाम से जाना जाता है, उसमें चक नानकी, आनंदपुर साहिब और आसपास के कई गांव शामिल हैं. आमतौर पर यह माना जाता है कि आनंदपुर की स्थापना गुरु तेग बहादुर साहिब ने 19 जून 1665 को की थी, लेकिन, वास्तव में यह चक नानकी था जिसकी स्थापना पहली बार 1665 में हुई थी. चक नानकी का क्षेत्र (1665 में) अगमगढ़ गांव और केशगढ़ साहिब और शहर के बस स्टैंड के बीच के चौक तक फैला हुआ था.

क्या है इस तख्त का पूरा इतिहास

सिखों के इतिहास के अनुसार, बैसाखी पर 1699 में एक बहुत बड़े पंडाल में गुरु गोविंद सिंह जी अपने हाथ में चमकती हुई तलवार लेकर खड़े हो गए. और आए हुए हजारों सिखों से कहा कि कोई सिख हमें अपना शीश भेंट करे. यह सुनकर  भाई दया राम खड़े हो गए और अपना शीश हाजिर किया. गुरु जी उनकी बाजु पकड़ कर तम्बू में ले गए. कुछ समय बाद रक्त से भीगी तलवार लेकर तम्बू से बाहर आए. गुरु जी ने फिर से एक शीश की मांग की,  जिसके बाद भाई धर्म जी खड़े हो गए उन्हें भी गुरु जी तम्बू में ले गए. गुरु जी फिर भर आए और शीश माँगा, अब मोहकम चंद व चौथी बार भाई साहिब चंद आगे आए. पांचवी बार हिम्मत मल हाथ जोड़कर खड़े हो गए, गुरु जी उन्हें भी अंदर ले गए.

गुरु जी अपनी तलवार को म्यार में डाल दिया और अपने सिंघासन पर जाकर बैठ गए. तम्बू में अपने शीश भेंट करने वाले प्यारों के नए पोशाक पहना कर अपने पास बता लिया और  संगत से कहा कि यह पांच मेरा ही स्वरूप है. मैं इनका स्वरूप हूं. यह पांच आज से मेरे प्यारे है. जिसके बाद तीसरे पहर गुरु जी ने लोहे का बाटा मंगवाकर, उसमें सतलुज नदी का पानी डाल कर अपने आगे रख दिया. पांच प्यारों को सजा कर अपने सामने खड़ा कर लिया और गुरु जी मुख से जपुजी साहिब आदि बाणियों का पाठ करते रहे. पाठ की समाप्ति के बाद अरदास करके पांच प्यारों को एक-एक करके अमृत के पांच-पांच घूंट पिलाए. इस तरह पांच प्यारों से गुरु गोविंद जी ने अमृत छका और अपने नाम के साथ भी श्री गोविंद राय से श्री गुरु गोविंद सह जी कहलाए. इस स्थान पर ये इतिहास की अहम घटना हुई, उस तख्त श्री केसगढ़ साहिब स्थापित हुआ.

सिखों को जाना ही उनकी धर्म के प्रति समर्पण भाव से जाना जाता है, सिखों के लिए उनके तख़्त के आदेश से ऊपर कोई आदेश नहीं होता है. बहुत सारे सिखों ने अपने धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया है.

और पढ़ें : स्वर्ण मंदिर के परिसर में ‘पहला बल्ब’ जलने के 33 साल बाद आई थी बिजली

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds