लॉटरी जीतने के बाद करोड़पति बन गया रिक्शा चालक, अमीर बनने के बाद भी जी रहा सादा जीवन, जानिए इसके पीछे की वजह

Table of Content

क्या हो अगर आप गरीबी की जिंदगी जी रहे हों और एक जीत से करोड़पति बन जाएं। कुछ ऐसा ही हुआ मोगा के धर्मकोट के लोहगढ़ गांव के एक गरीब रिक्शा चालक के साथ। उसकी किस्मत तब बदल गई जब बैसाखी बंपर प्राइज में उसे 2.5 करोड़ रुपये मिले। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस लॉटरी में रिक्शा चालक का नाम गुरदेव सिंह है। गुरदेव सिंह 90 साल के हैं। वह रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करते हैं। हालांकि, 2.5 करोड़ रुपये की लॉटरी जीतने के बावजूद वह साधारण जिंदगी जीते हैं और रिक्शा चलाते हैं। इसकी बड़ी दिलचस्प वजह है।

और पढ़ें: PhD Sabzi Wala: एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति ठेले पर सब्जी बेचने को क्यों हुआ मजबूर? जानिए संघर्ष की पूरी कहानी

गुरदेव सिंह ने जीती करोड़ो की लॉटरी

बीबीसी को दिए इंटरव्यू में गुरदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने 500 रुपए में बैसाखी बंपर खरीदा था। वह पहले भी लॉटरी टिकट खरीदते थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इस बार जो लॉटरी टिकट उन्होंने खरीदा है वह उन्हें करोड़पति बना देगा। जिस एजेंट से उन्होंने यह बंपर खरीदा था, वह उनके घर आया और उन्हें बताया कि उन्होंने 2.5 करोड़ रुपए की लॉटरी जीती है।

Rickshaw driver became a millionaire
Source: Google

सड़क पर बने गड्ढों को भरते है गुरदेव सिंह

इतनी बड़ी धनराशि जीतने के बाद भी गुरदेव सिंह सादा जीवन जी रहे हैं और उनका कहना है कि उन्हें सादा जीवन जीना ही पसंद है। उन्होंने बताया कि पिछले 40 सालों से वह सड़क पर बने गड्ढों को भर रहे हैं ताकि कोई सड़क दुर्घटना न हो। वह सड़क किनारे लगे पेड़-पौधों को भी पानी देते हैं। लगता है पिछले 40 सालों से की जा रही सेवा का फल आज गुरदेव सिंह को मिला है।

ढाई करोड़ रुपये की लॉटरी जीती

गुरदेव सिंह ने बताया कि उनकी एक बेटी और चार बेटे हैं। हर बच्चे की शादी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भगवान ने उनकी सुनी और उनकी कृपा से ही लॉटरी में उन्हें 2.5 करोड़ रुपए मिले हैं। वहीं इतना पैसा जीतने के बाद उन्होंने अपनी अपने बच्चों को ज़रूरत की सारी चीज़ें दे दीं। अपनी बेटी को किराए के घर से निकालकर एक पक्के घर में शिफ्ट कर दिया और अपने बेटों को भी सारी सुख-सुविधाएँ दे दीं।

Rickshaw driver became a millionaire
Source: Google

इसके अल्वा गुरदेव सिंह ने वादा किया कि इस पैसे से वे अपने बच्चों के लिए एक अच्छा घर बनवाएंगे। वे वंचितों की मदद भी करेंगे। वे समाज की सेवा उसी तरह करते रहेंगे, जैसे वे करते आए हैं। गुरदेव सिंह के परिवार के एक सदस्य का दावा है कि पूरा परिवार एक साथ रहता है, ठीक वैसे ही जैसे उनके पिता गुरदेव सिंह मानते हैं कि पूरा परिवार उनके साथ रहता है।

और पढ़ें: राजस्थान का सबसे अनोखा गांव, यहां हर कोई अपने नाम के आगे लगाता है एक ही सरनेम 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Ahan Pandey News

Ahan Pandey News: ‘सैयारा’ के बाद बदल गई ज़िंदगी, 28 की उम्र में बॉलीवुड का नया सेंसेशन बने अहान पांडे

Ahan Pandey News: बॉलीवुड में बहुत कम ऐसे चेहरे होते हैं जो आते ही माहौल बदल देते हैं। ज्यादातर कलाकारों को पहचान पाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए पहली ही फिल्म गेमचेंजर साबित होती है। अहान पांडे उन्हीं नामों में शामिल हो चुके हैं। हाल ही...
Who is CR Subramanian

Who is CR Subramanian: 1600 स्टोर, 3500 करोड़ का खेल… और फिर ऐसा मोड़ कि आज जेल में पाई-पाई को तरस रहा है ये कारोबारी

Who is CR Subramanian: देश में ऐसे कई बिजनेसमैन रहे हैं जिन्होंने बिल्कुल जीरो से शुरुआत कर अरबों की दुनिया खड़ी की। लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जहां सफलता जितनी तेजी से मिली, उतनी ही तेजी से सब कुछ हाथ से निकल गया। भारतीय कारोबारी सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) की कहानी भी कुछ ऐसी...
Bath in winter

Bath in winter: सर्दियों में नहाने से डर क्यों लगता है? जानिए रोज स्नान की परंपरा कहां से शुरू हुई और कैसे बनी आदत

Bath in winter: उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम आते ही नहाना कई लोगों के लिए सबसे बड़ा टास्क बन जाता है। घना कोहरा, जमा देने वाली ठंड और बर्फ जैसे ठंडे पानी को देखकर अच्छे-अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग रोज नहाने से कतराने लगते हैं, तो...
Sikhism in Odisha

Sikhism in Odisha: जगन्नाथ की धरती पर गुरु नानक की विरासत, ओडिशा में सिख समुदाय की अनकही कहानी

Sikhism in Odisha: भारत में सिख समुदाय की पहचान आमतौर पर पंजाब से जोड़कर देखी जाती है, लेकिन देश के पूर्वी हिस्सों, खासकर ओडिशा में सिखों की मौजूदगी का इतिहास उतना ही पुराना, जटिल और दिलचस्प है। यह कहानी केवल धार्मिक प्रवास की नहीं है, बल्कि राजनीति, औपनिवेशिक शासन, व्यापार, औद्योगीकरण और सामाजिक संघर्षों से...
Ambedkar and Christianity

Ambedkar and Christianity:आंबेडकर ने ईसाई धर्म क्यों नहीं अपनाया? धर्मांतरण पर उनके विचार क्या कहते हैं

Ambedkar and Christianity: “मैं एक अछूत हिंदू के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं।” डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की यह पंक्ति सिर्फ एक व्यक्तिगत घोषणा नहीं थी, बल्कि सदियों से जाति व्यवस्था से दबे समाज के लिए एक चेतावनी और उम्मीद दोनों थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति प्रथा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds