Pahalgam Terror Attack Update: पहलगाम हमले में NIA की चौंकाने वाली सच्चाई: जल्दबाजी में जारी हुए गलत स्केच, जिनकी तलाश थी, वे हमले में शामिल ही नहीं थे!

Table of Content

Pahalgam Terror Attack Update: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है, और इस जांच के दौरान उन्हें एक बड़ा और चौंकाने वाला सुराग मिला है। जांच में यह सामने आया है कि इस हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे और ये लश्कर-ए-तैयबा जैसे खतरनाक आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे। हालांकि, जांच में जो नया खुलासा हुआ है, वह यह है कि इन आतंकियों को स्थानीय कश्मीरी नागरिकों ने पनाह दी थी। दो स्थानीय नागरिकों – परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर – की गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी सामने आई है। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने आतंकियों को अपने घर में छिपाया, खाना खिलाया और उनकी अन्य मदद की।

और पढ़ें: Jind Human Skeleton: तालाब में निकले नरकंकाल! 8 फीट लंबी हड्डियाँ और रहस्यमयी चीजें देख दहले लोग

सरकार की सुरक्षा रणनीति पर सवालPahalgam Terror Attack Update

यह जांच अब और भी गंभीर हो गई है क्योंकि इस हमले के पीछे की साजिश का पता चलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जब यह घटना घटी, तो पुलिस ने तुरंत तीन संदिग्ध आतंकियों – हाशिम मूसा, अली भाई उर्फ तल्हा और आदिल हुसैन ठोकर – के स्केच जारी किए थे, लेकिन अब यह साबित हुआ है कि ये स्केच गलत थे। असल हमलावरों में से एक आतंकी की पहचान सुलेमान शाह के रूप में हुई है, जो पहले भी एक अन्य हमले में शामिल था, जिसमें सात मजदूरों की जान गई थी। इस पर सवाल उठते हैं कि यदि जांच एजेंसियां पहले से ही इस आतंकवादी को पहचानती थीं, तो उसे पकड़ा क्यों नहीं गया?

एनआईए को सुलेमान शाह के फोन से कुछ तस्वीरें मिलीं, जिनका इस्तेमाल असली हमलावरों की पहचान के लिए किया गया। इन तस्वीरों से साफ हो गया कि हमला पूरी तरह से एक साजिश का हिस्सा था और हमलावर पहले से इलाके में मौजूद थे। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सुरक्षा एजेंसियां हमलावरों की गतिविधियों पर नजर रखने में विफल रही हैं?

तस्वीरों से खुली साजिश की पोल

जांच एजेंसियों ने जब गिरफ्तार कश्मीरी नागरिकों परवेज और बशीर को तस्वीरें दिखाई, तो उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि ये वही लोग थे जो हमले से दो दिन पहले उनके घर आए थे। इसके अलावा, कई स्थानीय चश्मदीदों ने भी इन तस्वीरों की पुष्टि की। ये तस्वीरें कश्मीर में मारे गए एक आतंकी जुनैद के फोन से मिली थीं। इस खुलासे से यह साबित हो गया कि हमले को लेकर पहले से साजिश रची जा चुकी थी और यह हमलावर पूरी योजना के तहत इलाके में घुसे थे।

अब, एनआईए और दूसरी केंद्रीय एजेंसियां सुलेमान शाह की भूमिका को भी पुराने आतंकी हमलों के संदर्भ में खंगाल रही हैं। इनमें अगस्त 2023 में कुलगाम में तीन जवानों की हत्या और मई 2023 में पूंछ में एयरफोर्स जवान की हत्या जैसे हमले शामिल हैं, जिनमें सुलेमान शाह की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।

पनाह देने की जानबूझकर साजिश

एनआईए ने परवेज और बशीर पर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), 1967 की धारा 19 के तहत मामला दर्ज किया है। एजेंसी का कहना है कि इन दोनों कश्मीरी नागरिकों ने आतंकियों को जानबूझकर अपने घर में पनाह दी थी। यह मामला इस लिहाज से और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि आतंकियों के लिए स्थानीय मदद के बिना उनका आना-जाना, सुरक्षित ठिकाने मिलना और हमले को अंजाम देना संभव नहीं था।

इस जांच में एनआईए ने 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की, जिनमें पोनी ऑपरेटर, फोटोग्राफर, दुकानदार और अन्य स्थानीय लोग शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, परवेज की एक जान-पहचान पोनी ऑपरेटर से थी और उनकी पत्नियों के बीच आतंकी के आने की चर्चा भी हुई थी। यह साजिश और गहरी साबित होती है, और इससे यह साफ होता है कि स्थानीय नागरिकों ने आतंकवादियों को खुलेआम मदद दी थी, जिससे हमले को सफल बनाने में मदद मिली।

कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

वहीं, चौंकाने वाला तथ्य सामने आने के बाद, कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद मोदी सरकार ने तीन आतंकियों के स्केच जारी करवाए थे। अब इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक- जो स्केच जारी किए गए, उनमें से एक भी आतंकी पहलगाम हमले में शामिल नहीं था।

पोस्ट में सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने आगे लिखा,

  • पहलगाम जैसे नृशंस आतंकी हमले की जांच में मोदी सरकार द्वारा ऐसी लापरवाही क्यों बरती गई?
  • क्या ये नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का हेडलाइन मैनेजमेंट का तरीका था, ताकि ये दिख सके कि सरकार इस पर कुछ कर रही है?
  • हमले के तुरंत बाद जल्दबाजी में मोदी सरकार ने बिना वेरिफाई करवाए ये स्केच क्यों जारी किए, क्या पुलिस पर स्केच जारी करने के लिए कोई ‘ऊपरी दबाव’ था?
  • आखिर पहलगाम हमले में शामिल आतंकी कहां छिपे हैं, वो कौन हैं और उन आतंकियों को कब मारा जाएगा?

पहलगाम हमले को दो महीने बीतने के बाद देश ये सवाल पूछ रहा है।

सरकार के नाकाम प्रयास

यह पूरी घटना इस बात का संकेत है कि आतंकवादियों के खिलाफ जारी सुरक्षा प्रयासों में भारी कमी हो सकती है। सरकार की ओर से लगातार आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात की जाती है, लेकिन इस प्रकार के हमलों के खुलासे यह दर्शाते हैं कि सुरक्षा के इंतजाम और रणनीतियों में ढील दी जा रही है। अगर स्थानीय नागरिक आतंकवादियों की मदद करने में शामिल हो सकते हैं, तो यह उन सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाता है, जो राज्य और केंद्रीय एजेंसियां लागू कर रही हैं।

और पढ़ें: तेल से लेकर बिजली तक महंगाई का तूफान? अमेरिका-ईरान टकराव से भारत की बढ़ी टेंशन

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds