Maharashtra civic polls: परिवारवाद पर प्रहार करने वाली बीजेपी खुद घिरी, लोहा में एक परिवार के 6 दावेदार

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Maharashtra civic polls: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव करीब आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों की एकता कई जगह कमजोर होती दिख रही है। बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के दोनों धड़े ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ रणनीति बना रहे हैं। नांदेड़ जिला, जिसे पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, इस बार खास चर्चा में है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के बीजेपी में आने के बाद से यहां बीजेपी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है। इसी बीच लोहा नगर परिषद में एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिसने चुनावी माहौल और भी गरमा दिया है।

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लोहा नगर परिषद: बीजेपी से एक परिवार के छह सदस्य चुनावी मैदान में

लोहा तालुका में इस बार राजनीति का सबसे दिलचस्प मोड़ देखने को मिला है। राष्ट्रीय स्तर पर परिवारवाद पर हमला करने वाली बीजेपी यहां खुद उसी मुद्दे में फंस गई है। पार्टी ने एक ही परिवार के छह सदस्यों को टिकट दिया है, जिसमें पति-पत्नी, भाई-भाभी, जीजा और भतीजे की पत्नी शामिल हैं। बीजेपी-शिंदे शिवसेना गठबंधन की ओर से गजानन सूर्यवंशी को काउंसिल प्रेसिडेंट पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। उनके साथ परिवार के बाकी सदस्य भी अलग-अलग वार्डों से चुनाव लड़ रहे हैं।

कौन कहां से लड़ रहा है चुनाव? (Maharashtra civic polls)

बीजेपी ने सभी वार्डों में उम्मीदवार उतारे हैं और सूर्यवंशी परिवार लगभग हर महत्वपूर्ण वार्ड को कवर कर रहा है।

  • गजानन सूर्यवंशी – काउंसिल प्रेसिडेंट पद
  • गोदावरी सूर्यवंशी (पत्नी) – वार्ड 7A
  • सचिन सूर्यवंशी (भाई) – वार्ड 1A
  • सुप्रिया सूर्यवंशी (भाभी) – वार्ड 8A
  • युवराज वाघमारे (जीजा) – वार्ड 7B
  • रीना व्याहारे (भतीजे की पत्नी) – वार्ड 3

इस फैसले ने लोगों को हैरान कर दिया है और चर्चा का विषय बना दिया है कि बीजेपी, जो परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर हमला करती है, वही स्थानीय स्तर पर ऐसा कैसे कर रही है।

त्रिकोणीय मुकाबले की तैयारी

लोहा नगर परिषद में मुकाबला तीन तरफा बन गया है बीजेपी, कांग्रेस और एनसीपी (अजित पवार) के बीच। नगर परिषद में 10 वार्ड हैं, जहां कुल 20 सदस्य चुने जाएंगे। मंगलवार को नामांकन भरने का अंतिम दिन था और सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवारों ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं। अब 21 नवंबर को नाम वापसी के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि अंतिम मुकाबला किन-किन उम्मीदवारों के बीच होगा। इस चुनाव में नांदेड़ में बीजेपी के लिए अशोक चव्हाण की साख भी दांव पर लगी है, जिसके चलते पार्टी यहां पूरी ताकत झोंक रही है। 2 दिसंबर को वोटिंग होगी और 3 दिसंबर को नतीजे सामने आएंगे।

महाराष्ट्र में चुनावों का पूरा कार्यक्रम घोषित

राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। चुनाव तीन चरणों में कराए जाएंगे और इन्हें 31 जनवरी 2026 से पहले पूरा कर लिया जाएगा।

पहला चरण: नवंबरदिसंबर 2025

स्थानीय निकाय चुनावों का पहला चरण सबसे बड़ा माना जा रहा है, क्योंकि इसमें पूरे महाराष्ट्र की 246 नगर परिषदें और 42 नगर पंचायतें शामिल हैं। यह चरण करीब 21 दिनों तक चलेगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि 2 दिसंबर को वोटिंग होगी और अगले ही दिन यानी 3 दिसंबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। इस चरण के परिणाम कई जिलों की राजनीतिक दिशा तय करने वाले माने जा रहे हैं।

दूसरा चरण: दिसंबर 2025 से जनवरी 2026

पहले चरण के तुरंत बाद चुनावों का दूसरा राउंड शुरू होगा, जो दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी की शुरुआत तक चलेगा। इस चरण में मुख्य रूप से जिला परिषदों और पंचायत समितियों के चुनाव कराए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ता संतुलन और स्थानीय नेतृत्व का भविष्य काफी हद तक इसी चरण में तय होता है, इसलिए राजनीतिक दल इसे भी बेहद अहम मान रहे हैं।

अंतिम चरण: जनवरी 2026 सबसे निर्णायक मुकाबला

तीसरा और आखिरी चरण जनवरी 2026 में होगा, जिसे चुनाव प्रक्रिया का सबसे अहम और हाई-प्रोफाइल चरण कहा जा रहा है। इस दौरान मुंबई, पुणे, ठाणे समेत बड़े महानगरों के नगर निगम चुनाव होंगे। इन्हीं निकायों का बजट सबसे बड़ा होता है और राजनीतिक प्रभाव भी। इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने इस चरण को लेकर विशेष रणनीति तैयार की है। महानगरों में जीत राज्य की राजनीति पर सीधा असर डालती है, इसलिए इस चरण पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

EVM से मतदान, 13,000 बूथ तैयार

चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने जानकारी दी कि पूरे चुनाव EVM के माध्यम से कराए जाएंगे। मतदान के लिए पूरे राज्य में 13,000 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं और मतदान प्रक्रिया सुचारू रखने के लिए 27,000 बैलेट यूनिट्स का उपयोग किया जाएगा। आयोग का दावा है कि इस बार की चुनाव प्रक्रिया पहले की तुलना में ज्यादा पारदर्शी और तकनीक आधारित होगी।

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