भारत का ये राज्य क्यों चाहता है NEET से छुटकारा, लंबे समय से चल रही है बहस, तमिलनाडु सरकार ने लिया बड़ा एक्शन

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पिछले कुछ समय से देश में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा NEET को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। यह विवाद NEET UG परीक्षा 2024 में अनियमितताओं की घटना के बाद सामने आया है। इस बीच तमिलनाडु में एक बार फिर एक परीक्षा को लेकर जमकर विरोध हो रहा है। राज्य सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि राज्य के छात्रों को इस परीक्षा से राहत मिले और इसके लिए राज्य सरकार ने 28 जून 2024 को तमिलनाडु विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।

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प्रस्ताव में तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह NEET को खत्म करे और राज्य सरकारों को 12वीं के अंकों के आधार पर मेडिकल में प्रवेश की अनुमति दे। डीएमके की एमके स्टालिन सरकार भी 13 सितंबर 2021 को तमिलनाडु में NEET परीक्षा में राज्य के मेडिकल छात्रों को छूट देने के लिए विधेयक लेकर आई थी। जिसे राज्यपाल ने 3 फरवरी 2022 को लौटा दिया था।

बीजेपी विधायकों का वॉकआउट

भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया, जबकि डीएमके के सहयोगी कांग्रेस, वीसीके, सीपीआई, सीपीआई (एम), एमडीएमके के विधायक टी. वेलमुरुगन, एम.एच. जवाहरुल्लाह, मनोज पी. पांडियन और भाजपा सहयोगी पीएमके ने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव का समर्थन किया। भाजपा सहयोगी पीएमके ने स्टालिन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसने तर्क दिया कि यह परीक्षा भेदभावपूर्ण है और ग्रामीण और गरीब छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई करने के अवसर से वंचित करती है।

इस वजह से चल रहा विरोध

तमिलनाडु सरकार का कहना है कि NEET परीक्षा की वजह से गरीब और ग्रामीण छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई करने में दिक्कत होती है। इस पर बीजेपी नेता नैनार नागेंद्रन ने तर्क दिया कि तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और तत्कालीन मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने परीक्षा पास करने वाले राज्य के सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया था। नागेंद्रन ने कहा कि NEET जरूरी है क्योंकि इसके कई फायदे हैं। इसलिए विधानसभा का प्रस्ताव अस्वीकार्य है।

क्या है नीट? 

देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा या NEET परीक्षा आयोजित की जाती है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है और इसमें पास होने वाले छात्रों को ही MBBS सीटों पर प्रवेश मिलता है। पूरे देश में केवल एक ही परीक्षा आयोजित की जाती है और इसके प्रदर्शन के आधार पर उम्मीदवारों को प्रवेश मिलता है। NEET UG परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षा बन गई है जिसमें हर साल करीब 19 से 22 लाख छात्र शामिल होते हैं।

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