जानिए कौन हैं 5 बार के CM को हराने वाले लक्ष्मण बाग, कभी हुआ करते थे ‘दिहाड़ी मजदूर’

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2024 के लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी हुए। लेकिन इसके नतीजे यहां की राजनीति में करीब ढाई दशक से दबदबा रखने वाली बीजू जनता दल (BJD) के लिए विनाशकारी साबित हुए। दरअसल, इस बार बीजेपी उम्मीदवार ने बीजू जनता दल के प्रमुख चेहरे और ओडिशा के 5 बार के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को 16000 वोटों से हरा दिया। यह हार राजनीतिक जीवन में प्रवेश करने के बाद नवीन पटनायक की कांटाबांजी से पहली हार है। नवीन पटनायक पिछले 24 सालों से ओडिशा के मुख्यमंत्री थे। उनके नाम इस तटीय राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है। नवीन पटनायक को हराने वाले भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण बाग है।

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चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, लक्ष्मण बाग को 90876 वोट मिले हैं। जबकि नवीन पटनायक को 74 हजार 532 वोट ही मिल पाए। द हिंदूकी एक रिपोर्ट के अनुसार, लक्ष्मण बाग की जीत महज संयोग या किस्मत का खेल नहीं है। लक्ष्मण बाग ने लगातार कांटाबांजी निर्वाचन क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों की मदद की और उनके अच्छे कामों ने उनकी शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई।

कौन हैं लक्ष्मण बाग?

लक्ष्मण बाग की जीत के बाद अब लोग उनके बारे में जानने को उत्सुक हैं। खबरों के मुताबिक, लक्ष्मण बाग एक गरीब किसान परिवार से आते हैं। उनके छह भाई-बहन थे। घर चलाने के लिए उन्होंने अपने परिवार के खेतों में काम किया और एक समय में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर भी काम किया। उन्होंने मामूली वेतन पर एक ट्रक ड्राइवर के लिए हेल्पर के तौर पर काम किया। उन्होंने खलासी (ट्रक पर सामान चढ़ाने और उतारने) का काम करके भी अपना गुजारा किया। बाद में उन्होंने खुद एक ट्रक खरीदा और ट्रांसपोर्ट का कारोबार शुरू किया। इस काम से उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा। पिछले साल दाखिल आयकर रिटर्न में उनकी आय 4.89 लाख रुपये दिखाई गई है।

राजनीति की दुनिया में रखा कदम

जब उनका कारोबार अच्छा चल रहा था तो उन्होंने राजनीति में किस्मत आजमाई। 2014 का चुनाव लड़ा और तीसरे नंबर पर रहे। फिर 2019 में वे फिर से उसी जगह से खड़े हुए लेकिन कांग्रेस के संतोष सिंह सलूजा से मात्र 128 वोटों से हार गए। इसके बाद उन्होंने 5 साल तक मेहनत की और अपनी पहचान बनाई। 2024 आते ही उन्हें अपनी मेहनत का फल मिल गया। वे 90 हजार वोट पाकर जीते। वहीं, कांग्रेस के संतोष सिंह को उन्होंने 64 हजार वोटों से हराया। स्थानीय नेता को पता था कि लक्ष्मण आगे चल रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं लगता था कि वे नवीन पटनायक को हरा सकते हैं। यह उनके लिए बिलकुल अकल्पनीय है।

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