मन को Control करने वाली दिनचर्या और नियमावली, प्रेमानंद जी महाराज से जानिए

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मन बहुत चंचल होता है और इसे काबू में करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन एक बार अगर आपने अपने मन को काबू में कर लिया तो समझिए आपने दुनिया जीत ली। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि हमें पता होता है कि काम गलत है फिर भी हम अपने मन के वशीभूत होकर उसे कर देते हैं। यहां तक ​​कि अपने जीवन के लक्ष्य को पाने में भी मन काफी बाधाएं खड़ी करता है। इसलिए मन को काबू में करना बहुत जरूरी है। अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि मन को कैसे काबू में किया जाए तो उसके लिए भी एक उपाय है जो वृंदावन के श्रीहित प्रेमानंद महाराज जी ने अपने प्रवचन में बताया है। अगर आप उनके बताए रास्ते पर चलकर मन को काबू में करने की कोशिश करेंगे तो आप मन को काबू में करने में जरूर सफल होंगे। आइए हम आपको बताते हैं मन को कैसे काबू में किया जाए।

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मन पर काबू कैसे करें?

श्रीहित प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि अगर हमें अपने मन को नियंत्रित करना है तो हमें अपने जीवन को नियमों के अनुसार जीना सीखना होगा। क्योंकि नियमों के अनुसार जीवन जीने से हम अपने मन को वो सब काम करने से रोकते हैं, जिन्हें वो अपनी मर्जी से करता है। अब नियम क्या बनाएं इस बारे में महाराज जी कहते हैं कि अगर हर व्यक्ति की दिनचर्या होगी तो मन अपने आप ही नियंत्रण में आ जाएगा। समय पर उठना, समय पर सोना जैसे नियम बनाइए। जैसे अगर आपने रात को 10 बजे सोने का रूटीन बना लिया है तो आपको 4 बजे उठना है और थोड़ी भगवान का नाम लेना है इसके बाद अपनी दिनचर्या शुरू करनी है।

महाराज जी कहते हैं की अगर उठने के लिए 4 बजे का समय निर्धारित है तो 4 बजे ही उठें, 4.15 या 5 बजे नहीं उठे। इस तरह से अगर हम अपने तय किए हुए समय पर उठेंगे तो हम अपने मन पर नियंत्रण रखना शुरू कर देंगे। महाराज जी कहते हैं कि आजकल लोग कोई भी काम नियम से नहीं करते, जिसकी वजह से मन को अपनी मर्जी से करने का लाइसेंस मिल जाता है। साथ ही समय पर जागना और सोना मन को कंट्रोल करने में काम नहीं आएगा।

आपको अपने दिन के हर काम को नियम से करने की आदत डालनी होगी। महाराज जी कहते हैं कि कोई भी पद हो, जैसे कि जिसने सांसारिक पद पाया हो या किसी को घर के काम करने का पद मिला हो, तो उसे अपने सभी काम नियम से करने चाहिए और धर्म के मार्ग पर चलकर करने चाहिए, तभी उसे लाभ मिलता है। अगर अधर्म के मार्ग पर चलकर काम किया जाए और फिर शाम को नाम जप किया जाए और सोचा जाए कि इससे हमारे बुरे कर्म समाप्त हो जाएंगे, तो यह बिल्कुल भी संभव नहीं है। इसलिए अगर मन को नियंत्रित करना है, तो पूरे नियम और धर्म के साथ दिनचर्या बनाएं और उसका पालन करें।

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