Kiren Rijiju on UCC: यूसीसी पर सरकार का यू-टर्न? रिजिजू बोले– आदिवासी रहेंगे कानून से बाहर

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Kiren Rijiju on UCC: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) को लेकर जारी बहस के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का बड़ा और साफ बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि प्रस्तावित UCC पूर्वोत्तर और अन्य आदिवासी इलाकों में लागू नहीं होगा। आदिवासी समुदायों को उनकी परंपराओं के अनुसार स्वतंत्र जीवन जीने की पूरी आज़ादी दी जाएगी।

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रिजिजू रविवार को आरएसएस से जुड़े वनवासी कल्याण आश्रम के एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर गलत नैरेटिव बना रहे हैं और सरकार को निशाने पर ले रहे हैं।

जब क्रिमिनल लॉ सबके लिए एक है, तो सिविल लॉ क्यों नहीं?” Kiren Rijiju on UCC

अपने संबोधन में रिजिजू ने कहा:

“सरकार और भाजपा संविधान के अनुसार समान नागरिक संहिता लाने पर विचार कर रही है। जब देश में फौजदारी कानून (क्रिमिनल लॉ) सबके लिए समान है, तो नागरिक कानून (सिविल लॉ) क्यों नहीं होना चाहिए?”

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को ध्यान में रखते हुए, यह कानून अनुसूचित जनजातियों के क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा।

आदिवासी क्षेत्रों को मिलेगी UCC से छूट

रिजिजू ने साफ शब्दों में कहा कि अनुसूची 5 और अनुसूची 6 के तहत आने वाले क्षेत्रों खासतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों और बाकी आदिवासी इलाकों को इस कानून से छूट दी जाएगी।

उन्होंने कहा, “आदिवासियों को अपने तरीके से जीने की आज़ादी मिलनी चाहिए। हमें उनकी परंपराओं, संस्कृति और सामाजिक संरचना का सम्मान करना होगा।”

इस समय UCC पर विधि आयोग विचार कर रहा है, जबकि उत्तराखंड राज्य पहले ही इसे लागू कर चुका है।

कांग्रेस पर परोक्ष हमला, मोदी सरकार की सराहना

कार्यक्रम में रिजिजू ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा, हालांकि किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली में आदिवासियों के लिए न तो कोई बड़ा संस्थान था और न ही केंद्र सरकार में उनका उचित प्रतिनिधित्व।

उन्होंने एक पुराने नेता अरविंद नेताम का ज़िक्र करते हुए कहा कि वो कई बार सांसद रहे, लेकिन उन्हें सिर्फ राज्य मंत्री ही बनाया गया।

इसके उलट, रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार में 3 कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री आदिवासी समुदाय से हैं। उन्होंने द्रौपदी मुर्मू का जिक्र करते हुए कहा, “आज वही समुदाय देश की सबसे ऊंची संवैधानिक कुर्सी राष्ट्रपति पद पर भी है।”

खट्टर और होसबाले का भी समर्थन

कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता की तारीफ करते हुए कहा कि जो काम पहले सिर्फ कल्पना में थे, आज हकीकत हैं। वहीं RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने भी आदिवासी युवाओं को धर्मांतरण और उग्रवाद से बचाने की बात कही।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर विकास परियोजनाओं के लिए आदिवासियों का विस्थापन होता है, तो उचित पुनर्वास की गारंटी देना ज़रूरी है।

UCC पर चर्चा जारी, लेकिन आदिवासी संस्कृति को मिलेगा सम्मान

केंद्र सरकार की ओर से यह बयान UCC को लेकर फैल रही भ्रांतियों के बीच एक बड़ा संकेत है। सरकार जहां पूरे देश के लिए एक समान नागरिक कानून चाहती है, वहीं वह यह भी सुनिश्चित कर रही है कि देश की विविधता और आदिवासी पहचान से कोई छेड़छाड़ न हो।

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