Kamika Ekadashi 2024: पूजन विधि, पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत कथा

Table of Content

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। हर माह में दो एकादशी होती हैं और जो व्यक्ति यह व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू धर्म में कामिका एकादशी का भी बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली कामिका एकादशी 31 जुलाई को है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पर विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही यह व्रत तब तक पूरा नहीं होता जब तक इस व्रत से जुड़ी कथा न सुनी जाए, इसलिए हम आपको व्रत पूर्ण करने के लिए कथा बताएंगे।

और पढ़ें: जबरदस्ती नाम जप करते हैं मन नहीं लगता, क्या भगवान मिलेंगे? प्रेमानंद जी महाराज से जानिए

कामिका एकादशी की व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में एक गांव में एक पहलवान रहता था। वह दिल का बहुत अच्छा इंसान था, लेकिन उसका स्वभाव बहुत ही गुस्सैल था। इसलिए वह कभी-कभी किसी से बहस भी कर लेता था। एक बार उसका झगड़ा एक ब्राह्मण से हो गया। उसे इतना गुस्सा आया कि उसने ब्राह्मण की हत्या कर दी, जिसके कारण पहलवान पर ब्राह्मण की हत्या का आरोप लगा। खुद को इस पाप से बचाने और पश्चाताप करने के लिए वह उसके अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, लेकिन पंडितों ने पहलवान को वहां से भगा दिया।

Kamika Ekadashi 2024
source: Google

इसके बाद, पंडितों ने पहलवान को सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया और उसके घर में कोई भी धार्मिक कार्य करने से मना कर दिया, क्योंकि उन्हें लगा कि वह एक ब्राह्मण की मौत का जिम्मेदार है। इसके बाद पहलवान बहुत क्रोधित हुआ और उसने एक साधु से पूछा कि वह ब्राह्मण की हत्या के अपने पश्चाताप से कैसे उबर सकता है।

Kamika Ekadashi 2024
Source: Google

पंडितों ने बताया उपाए

पंडितों ने बताया कि, जब तक वह सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा नहीं करेगा, ब्राह्मणों को भोजन नहीं कराएगा और दान-दक्षिणा नहीं देगा, तब तक वह ब्रह्महत्या के पाप से मुक्त नहीं हो सकता। ब्राह्मण के अंतिम संस्कार के बाद क्षत्रिय ने पंडितों की सलाह मानकर कामिका एकादशी के दिन पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की, फिर ब्राह्मणों को भोजन कराया और दान-दक्षिणा भी दी। इस तरह भगवान विष्णु की कृपा से उसे क्षत्रिय ब्रह्महत्या दोष से मुक्ति मिल गई।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

और पढ़ें: आज तक भगवान से जो भी मांगा नहीं मिला ऐसा क्यों? प्रेमानंद जी महाराज से जानिए 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds