India-US News: टैरिफ की धमकी पर भारत ने दिखाया आईना, विदेश मंत्रालय ने 6 प्वाइंट में खोली पोल’

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India-US News: अमेरिका खुद को दुनिया का चौधरी समझता है। मौका मिले नहीं कि टैरिफ की धमकी देने से पीछे नहीं हटता। लेकिन अब भारत पहले वाला शांत रहने वाला देश नहीं है। आज का भारत पलटकर जवाब देना जानता है, और ये बात एक बार फिर दुनिया ने देख ली, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी पर भारत ने ठोस और तीखा जवाब दिया।

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विदेश मंत्रालय ने जिस तरीके से अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की दोहरी नीति की पोल खोली, वो काबिल-ए-गौर है। मंत्रालय ने साफ कर दिया कि जब खुद अमेरिका और यूरोप रूस से अरबों डॉलर का कारोबार कर रहे हैं, तो भारत को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का कोई हक उन्हें नहीं है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी बिना लागलपेट के कहा कि अब वो वक्त गया जब कोई भी देश दबदबे की राजनीति करता था। भारत अब किसी की दादागिरी नहीं मानेगा। यही नहीं, रूस की तरफ से भी अमेरिका को आड़े हाथों लिया गया। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिका अब अपने घटते प्रभाव को स्वीकार नहीं कर पा रहा है। कोई भी टैरिफ वॉर या पाबंदियां इस बदलाव को रोक नहीं सकतीं।

अब आइए समझते हैं कि भारत ने कैसे 6 ठोस प्वाइंट्स में अमेरिका और यूरोपीय देशों की पोल खोली:

तेल आयात को लेकर दोहरा रवैया- India-US News

यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से तेल खरीदना शुरू किया। इसकी वजह थी कि पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की तरफ मोड़ दी गई थी। हैरानी की बात ये है कि तब खुद अमेरिका ने भारत को ऐसा करने के लिए सपोर्ट किया था। अब उसी बात पर सवाल उठाना दोहरा रवैया नहीं तो और क्या?

भारत की प्राथमिकता – उपभोक्ता

भारत का मकसद अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा को सस्ता और उपलब्ध बनाए रखना है। ये कोई ऐश का फैसला नहीं, बल्कि ज़रूरत है। जबकि जो देश आज आलोचना कर रहे हैं, वो खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं वो भी बिना किसी ज़रूरत के!

यूरोपीय देशों का खुद का रिकॉर्ड

सिर्फ 2024 में यूरोपीय यूनियन ने रूस से 67.5 अरब यूरो का सामान मंगवाया। ऊपर से 17.2 अरब यूरो की सेवाएं भी लीं। वहीं एलएनजी का आयात 1.65 करोड़ टन तक पहुंच गया जो अपने आप में रिकॉर्ड है।

सिर्फ ऊर्जा नहीं, और भी बहुत कुछ

यूरोप और रूस के बीच सिर्फ तेल-गैस का नहीं, बल्कि उर्वरक, माइनिंग प्रोडक्ट्स, स्टील, मशीनरी और ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट का भी बड़ा व्यापार है।

अमेरिका भी पीछे नहीं

अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम, पैलेडियम, उर्वरक और केमिकल्स जैसे अहम सामान मंगा रहा है। फिर भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?

भारत का साफ संदेश

भारत ने दो टूक कहा है कि वो भी अब एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और अपने हितों की सुरक्षा के लिए हर ज़रूरी कदम उठाएगा। किसी का डर नहीं मानने वाला।

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