10 प्वाइंट्स में समझिए…नए वेरिएंट से निपटने के लिए भारत सरकार ने अब तक क्या क्या कदम उठाए?

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कोरोना महामारी ने पिछले 2 सालों से लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। थोड़ी राहत मिलती है और आम जनजीवन सामान्य होने ही लगता कि फिर वायरस का नया रूप सामने आ जाता है। ऐसा ही फिर एक बार हो रहा है। कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से मची भयंकर तबाही के बाद अब जिंदगी पटरी पर लौट ही रही थी कि इस बीच एक और नई आफत आकर खड़ी हो गई है। इस आफत का नाम है Omicron।

कोरोना का एक नया वेरिएंट मिला है Omicron नाम का। इस वेरिएंट ने दुनिया को एक बार फिर से डरा कर रख दिया। Omicron वेरिएंट से इस वक्त हर तरफ दहशत फैली हुई है, क्योंकि ये पिछले सभी वेरिएंट से कई ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। भारत में भी इस वेरिएंट को लेकर डर बढ़ने लगा है। वैसे तो अभी तक इस वेरिएंट के देश में कोई मामले मिलने की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन फिर भी सरकार इसको लेकर सतर्क है। Omicron वेरिएंट देश में कोहराम ना मचाए, इसके लिए केंद्र सरकार पहले ही कदम उठाने लगी है। आइए आपको बताते हैं कि सरकार ने वेरिएंट के मद्देनजर अब तक क्या क्या कदम उठाएं हैं…

– नए वेरिएंट को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को कुछ दिशा निर्देश दिए। इसमें कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे और जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने को कहा गया। 

– केंद्र ने 15 दिसंबर से बंद पड़ी इंटरनेशनल फ्लाइट्स को दोबारा शुरू करने का फैसला किया है, लेकिन अब नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए इसे पोस्टपोन किया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने संकेत दिए के केंद्र अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की प्रभावी तारीख पर निर्णय लेगा।

– गृह मंत्रालय (MHA) ने बताया कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की टेस्टिंग और निगरानी पर मानक संचालन प्रक्रिया की समीक्षा करने का फैसला किया। खासतौर पर उन देशों का, जिनको ‘जोखिम’ वाली श्रेणी में रखा गया है। बता दें कि सरकार ने जोखिम वाले देशों में चीन, साउथ अफ्रीका, बोत्सवाना, ब्राजील, इजरायल, यूके, मॉरीशन, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे, सिंगापुर और हांगकांग को रखा है। MHA ने आगे ये कहा कि हवाई अड्डों/बंदरगाहों पर टेस्टिंग प्रोटोकॉल के सख्त पालन हो, इसके लिए हवाईअड्डा और बंदरगाह स्वास्थ्य अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाएगा।

– केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने नए वेरिएंट के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गहन नियंत्रण, सक्रिय निगरानी, टॉप टेस्टिंग, हॉटस्पॉट की निगरानी, इसके साथ साथ​​टीकाकरण के कवरेज में तेजी और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में वृद्धि पर ध्यान करने के लिए एक लेटर लिखा। इसमें भूषण ने कहा कि जोखिम कैटेगिरी में जो देश शामिल हैं, वहां के यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएं और 14-दिवसीय क्वारंटीन के साथ हॉटस्पॉटया उन क्षेत्रों की निगरानी करना जारी रखना चाहिए, जहां हाल ही में पॉजिटिव केस ज्यादा आए हैं। 

– चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव ने ये भी कहा कि जो देश जोखिम वाली कैटेगिरी में लिस्टेड है, उसके अलावा दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी और 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी। हालांकि उनमें से पांच प्रतिशत का हवाईअड्डे पर टेस्ट किया जाएगा।

– हरियाणा सरकार ने कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर राज्य सरकार नियमित रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा है। वो बोले कि अधिकारियों को हालातों पर नजर रखने और “सबसे खराब” दौर के लिए तैयार रहने को कहा गया है। 

– इसके अलावा तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव राधाकृष्णन ने जिला कलेक्टरों को ओमिक्रॉन स्ट्रेन के उभरने के लिए निगरानी और प्रयासों को बढ़ाने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को टीकाकरण कवरेज में भी तेजी लाने को कहा। 

– दिल्ली और कर्नाटक की सरकार की तरफ से जोखिम वाले देशों से इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर बैन लगाने की मांग की। साथ ही साथ कर्नाटक सरकार ने सभी सामाजिक, सांस्कृतिक समारोह के साथ कॉन्फ्रेंस, सेमिनार और एकेडमिक इवेंट्स पर अगले दो महीने के लिए रोक लगा दी। 

– यूपी सरकार की तरफ से एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग और कड़ी निगरानी तेज कर दी। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और इसके बाद कहा कि पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों से राज्य में आने वाले सभी लोगों को कोविड -19 टेस्टिंग से गुजरना होगा। साथ में जीनोम सिक्वेंसिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश जारी किए।

– उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस के Omicron वेरिएंट के हालातों को देखते हुए बाहर से आने वाले लोगों की सघन जांच करने को कहा। 

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