Donald Trump Raising Tariff: डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा कदम: 22 देशों पर 25% से 50% तक के टैरिफ, भेजा गया नोटिस

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Donald Trump Raising Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को 22 देशों के लिए नए व्यापार टैरिफ की घोषणा की है, जिनमें इन देशों के सामान पर 20% से 50% तक शुल्क लगाए जाएंगे। यह कदम ट्रंप की नई व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह अमेरिका के व्यापारिक समझौतों को पुनः संरेखित करने की कोशिश कर रहे हैं। नए टैरिफ 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे, और इसका उद्देश्य व्यापार संतुलन को सुधारना और अमेरिकी उद्योगों के लिए अधिक अवसर उत्पन्न करना है।

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कौन से देश प्रभावित हुए हैं? (Donald Trump Raising Tariff)

ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ का असर फिलीपींस, श्रीलंका, ब्रुनेई, अल्जीरिया, लीबिया, इराक, मोल्दोवा और ब्राजील जैसे देशों पर पड़ेगा। इन देशों के लिए शुल्क 20% से लेकर 50% तक निर्धारित किया गया है। इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों को व्यक्तिगत रूप से पत्र भेजकर इन शुल्कों की जानकारी दी गई है। इससे पहले सोमवार को भी कुछ देशों को इसी प्रकार के पत्र भेजे गए थे, जिसमें वही शुल्क दरें थीं जिनकी ट्रंप ने अप्रैल में चेतावनी दी थी। हालांकि, कुछ देशों को मामूली राहत दी गई है और उनकी दरें पहले के मुकाबले कम की गई हैं।

क्या हैं इन देशों के लिए टैरिफ दरें?

नए टैरिफ के अनुसार, कुछ देशों को ज्यादा और कुछ को कम शुल्क का सामना करना पड़ेगा। प्रमुख देशों की सूची इस प्रकार है:

  • श्रीलंका: 30%
  • लीबिया: 30%
  • इराक: 30%
  • अल्जीरिया: 30%
  • फिलीपींस: 20%
  • ब्रुनेई: 25%
  • मोल्दोवा: 25%
  • म्यांमार: 40%
  • लाओस: 40%
  • कंबोडिया: 36%
  • थाईलैंड: 36%
  • बांग्लादेश: 35%
  • सर्बिया: 35%
  • इंडोनेशिया: 32%
  • बोस्निया और हर्जेगोविना: 30%
  • दक्षिण अफ्रीका: 30%
  • जापान: 25%
  • कजाकिस्तान: 25%
  • मलेशिया: 25%
  • दक्षिण कोरिया: 25%
  • ट्यूनीशिया: 25%
  • ब्राजील: 50%

क्या है इसका उद्देश्य?

ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य अमेरिका के व्यापार संतुलन को सुधारना है और विदेशी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर अमेरिका में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना है। यह कदम अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों के साथ किए गए व्यापार समझौतों के अनुरूप है, जिसमें ट्रंप ने व्यापार से संबंधित असमानताओं को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। कुछ देशों को राहत मिलने के बावजूद, इस कदम का मुख्य निशाना एशियाई देशों पर है, खासकर वे देश जिनका अमेरिका के साथ व्यापार में असंतुलन है।

यूरोपीय संघ पर भी निगाहें

अमेरिका ने अब तक ब्रिटेन और वियतनाम के साथ व्यापार समझौते किए हैं, जबकि चीन के साथ कुछ समझौतों में शुल्क कम करने पर सहमति बनी है। यूरोपीय संघ (EU) अभी तक अमेरिका से ऐसे पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन ट्रंप ने कहा है कि उनकी सरकार जल्द ही यूरोपीय संघ को एक पत्र भेजेगी, जिसमें बढ़ी हुई टैरिफ दरें शामिल होंगी। ट्रंप ने कहा कि यूरोपीय संघ ने पहले कठोर रुख अपनाया था, लेकिन अब वे अमेरिका के प्रति नरम हो रहे हैं। यूरोपीय संघ ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है, और कहा है कि वह अमेरिका के साथ जल्द ही एक समझौता करने के लिए तैयार है।

BRICS देशों पर असर

ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) को अतिरिक्त 10% टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। इसमें भारत भी शामिल है, और इसका असर भारतीय उत्पादों पर भी हो सकता है।

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