Ahmedabad Land Sinking: गुजरात में धीरे-धीरे धंस रही है ज़मीन: अहमदाबाद-सूरत में सबसे ज्यादा खतरा

Table of Content

Ahmedabad Land Sinking: आप सोचिए, अगर किसी दिन आपको लगे कि आपके घर की नींव खिसक रही है। दीवारों में दरारें आने लगी हैं, और जमीन कुछ मिलीमीटर नहीं, बल्कि सेंटीमीटर दर से नीचे जा रही है। यह कोई फिल्मी कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बन चुकी है और वो भी देश के सबसे विकसित माने जाने वाले राज्य गुजरात में।

और पढ़ें: Maharashtra News: ‘बाबू घूस भ्रष्टाचार करेंगे और 8 घंटे बैठेंगे’ लेकिन राज्य में प्राइवेट कर्मचारियों को करना होगा 10 घंटे काम!

कुछ साल पहले उत्तराखंड के जोशीमठ और उत्तरकाशी में जो संकट आया था, वह अब गुजरात के मैदानी इलाकों में पाँव पसार रहा है। देहरादून की यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (UPES) के रिसर्चर्स ने इस बारे में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं, जिनमें कहा गया है कि अहमदाबाद, सूरत और कच्छ जैसे शहर धीरे-धीरे धंस रहे हैं और यह संकट अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अहमदाबाद में जमीन धंसने की रफ्तार 4.2 सेमी प्रति साल! Ahmedabad Land Sinking

शहरों में लगातार हो रहे जमीन धंसाव को लेकर InSAR सैटेलाइट तकनीक से निगरानी की गई, जिससे मिलीमीटर के स्तर पर भी जमीन में आए बदलाव का पता चल सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि:

  • पिपलाज (अहमदाबाद) में साल 2014 से 2020 के बीच जमीन 4.2 सेंटीमीटर/साल की रफ्तार से नीचे गई।
  • वटवा और बापल इलाके में 2020 से 2023 के बीच यह दर 3.5 सेंटीमीटर/साल रही।
  • 2017 से 2020 के बीच तीन बड़े सब्सिडेंस ज़ोन पहचाने गए जहाँ सालाना 2.5 सेमी तक जमीन धंसी।

सूरत और कच्छ में भी हालात डरावने

सिर्फ अहमदाबाद ही नहीं, सूरत में भी जमीन के नीचे जाने का सिलसिला जारी है। 2014 से 2020 के बीच वहां 0.01 से 6.7 सेंटीमीटर/साल तक धंसाव दर्ज हुआ। करंज क्षेत्र यहां सबसे ज्यादा प्रभावित है।

वहीं कच्छ और सौराष्ट्र में जमीन धंसाव की दर 4.3 मिलीमीटर/साल औसतन रही है। लेकिन कुछ इलाकों में यह 2.2 सेंटीमीटर/साल तक भी पहुंच गया। कच्छ के कट्रोल हिल फॉल्ट लाइन पर भी चिंताजनक गतिविधियां दर्ज की गई हैं।

वजह क्या है?

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस संकट की सबसे बड़ी वजह है भूजल का अत्यधिक दोहन। जब ज़मीन के नीचे के जलस्तर को जरूरत से ज्यादा खींचा जाता है, तो वहां की मिट्टी और चट्टानें सघन हो जाती हैं और धीरे-धीरे बैठने लगती हैं। यही प्रक्रिया जमीन को नीचे खिसकाने लगती है।

इसके अलावा भूगर्भीय हलचलों (Tectonic Movements) का भी असर पड़ता है, जिससे धीरे-धीरे जमीन खिसकती है। परिणामस्वरूप घरों की दीवारों में दरारें, छतों में क्रैक और सड़कों पर भी गड्ढे बनने जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं।

खतरे की घंटी

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर अभी भी इसे हल्के में लिया गया, तो आने वाले सालों में शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, जल आपूर्ति, कृषि और लोगों के जीवन पर गंभीर असर पड़ सकता है। खासतौर पर अहमदाबाद और सूरत जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में यह संकट भविष्य की बड़ी आपदा का संकेत बन सकता है।

अब क्या करना होगा?

इस तरह की गतिविधियों की स्थायी निगरानी, स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट, और शहरी नियोजन में भू-गर्भीय पहलुओं को शामिल करना अब वक्त की जरूरत बन गई है। वरना, जोशीमठ जैसी तस्वीरें अब समतल इलाकों में भी आम होती चली जाएंगी।

और पढ़ें: GST में बड़ा बदलाव: रोजमर्रा की 100+ चीजें सस्ती, तंबाकू-लक्ज़री पर टैक्स बढ़ा, देखें पूरी लिस्ट

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds