जब ऋषि ने कपूर खानदान की परंपरा को नीतू कपूर के ऊपर रखा था और फिर…

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बॉलीवुड को बॉबी जैसी सुपरहिट ग्लैमरस फिल्म देकर रातों रातों फिल्म जगत पर छा जाने वाले एक्टर ऋषि कपूर भले ही आज हमारे बीच नहीं है…लेकिन उनकी फिल्में, उनकी अदाकारी और उनकी बेबाकी को फैंस हमेशा के जहन में हैं। कपूर साहब एक ऐसी मजबूत शख्सिय़त थे, जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते थे। अगर कोई बात पसंद नहीं तो सीधा और साफ बोल देना… उन्हें सबसे अलग बनाता था। बीते साल ऋषि कपूर साहब कैंसर की बीमारी के कारण दुनिया को अचानक अलविदा कहकर चले गए। 

ऋषि कपूर ने एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर करियर शुरू किया था। वो अपने अंतिम समय तक फिल्मों से जुड़े हुए थे, लेकिन जिंदगी के इस सफर में उनका अंत तक साथ निभाया था उनकी पत्नी और एक समय में बेहद सफल अभिनेत्री रही नीतू सिंह यानि की नीतू कपूर ने। लेकिन जब नीतू कपूर को उनके साथ की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब ऋषि साहब ने उनका साथ देने के बजाए अपने परिवार की परंपरा को चुना। ये पूरा किस्सा क्या है, आइए इसके बारे में आपको बताते हैं…

जिस वक्त दोनों ने शादी का फैसला लिया था…नीतू सिंह मात्र 21 साल की थी, लेकिन तब तक वो सफल अभिनेत्री बन गई थी। कभी-कभी फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों को प्यार हो गया था और दोनों ने 5 साल डेट करने के बाद शादी करने का फैसला लिया। नीतू 21 साल की ही थी, मगर अब वो घड़ी भी आ गई थी..जिसके बारे में किसी ने नहीं सोचा था। शादी से पहले आई कपूर खानदान की परंपरा। वो परंपरा जो ऋषि कपूर के दादाजी पृथ्वीराज कपूर के वक्त से चली आ रही थी। ये परंपरा थी कि कपूर खानदान की औरतें फिल्मों में काम नहीं करेंगी। उम्र कोई भी हो। अगर कपूर खानदान का नाम जुड़ा है तो फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ना ही होगा। नीतू कपूर के सामने 2 चॉइस थी…पहली की या तो वो अपने प्यार को अलविदा कहे या फिर करियर को। 

और नीतू सिंह ने प्यार को चुना और छोड़ दिया मात्र 21 साल में अपना करियर। ताउम्र साथ देने का वादा करने वाले ऋषि कपूर ने अपने परिवार की परंपरा को एक तरफ करके नीतू जी को अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित नहीं किया, बल्कि उन्होंने भी इस परंपरा को बढ़ाया। आपको ये भी बता दें कि उनकी बेटी रिद्ध्मा कपूर भी फिल्मी दुनिया से दूर रहती है। हालांकि नीतू कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपनी मर्जी से करियर छोड़ा था, मगर हम इस बात को झुठला नहीं सकते है कि कपूर खानदान की परंपरा कितनी पुरानी थी, जिसे करिश्मा कपूर और करिना कपूर से पहले तक कि सभी औरतें निभा रही थी।

ये परंपरा बबीता को भी निभानी पड़ी थी, क्योंकि उन्होंने रणधीर कपूर से शादी की थी। वैसे आपको बता दें कि बबीता करिश्मा कपूर और करीना कपूर की मां है। जिंदगी में हर मोड़ पर साथ निभाने का वादा करने वाले ऋषि साहब ने सबसे नाजुक मोड़ पर नीतू जी का साथ नहीं दिया था। हालांकि नीतू कपूर को इस बात का मलाल नहीं है, लेकिन उनके फैंस को तो जरूर होगा ही।

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