GST SCAM CASE: GST के नाम पर बड़े अधिकारियों ने किया 200 करोड़ का घोटाला, 50 अधिकारियों का नाम आया सामने

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Shocking revelation in GST SCAM Case: बीते महीने 22 सितंबर को केंद्र सरकार ने देश भर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दरों में कटौती करते हुए कई चीजों पर राहत दी है। इससे आम जनता को तो भले ही राहत मिली हो लेकिन अब ऐसा लगता है कि जीएसटी ने कई सरकारी अधिकारियों की नींदें उड़ा दी है। दरअसल अभी हाल में एक रिपोर्ट आई है जिसमें लॉकडाउन के दौरान जीएसटी वसूलने के नाम पर करीब 200 करोड़ का बड़ा घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इतना ही नहीं इस घोटाले में उत्तर प्रदेश के 50 उच्च अधिकारी के शामिल होने की भी खबर है। आइए जानते है क्या है ओर मामला।

क्या है पूरा मामला

दरअसल अभी कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक गुमनाम शिकायत सरकार को मिली थी, जिसमें जीएसटी वसूलने के नाम पर अरबों रुपये की रजिस्ट्री के दस्तावेजों के बारे में बात की गई थी, जो कि कई अफसरो की काली कमाई को सफेद करने का तरीका था। साथ ही स्टेट जीएसटी विभाग के करीब 50 अधिकारियों पर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेनामी संपत्ति होने का दावा करते हुए इसकी शिकायत की गई थी, शिकायत को देखकर शासन के कान खड़े हुए और तुरंत जांच शुरु की गई, और सच्चाई बेहद ही चौंकाने वाली निकली।

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जांच में मिले पुख्ता सबूत

सरकार की तरफ से जांच एजेंसियों ने जब रजिस्ट्री कार्यालयों  में इसकी जांच की तो पता चला कि मोहनलालगंज और सुल्तानपुर रोड पर सरकारी अफसरों की अरबों की बेनामी संपत्ति होने के दस्तावेज बरामद हुए। इन बेनामी संपत्ति में अब तक 11 अधिकारियों के नाम सामने आ चुके है और धीरे धीरे और भी नाम सामने आ सकते है। जिससे पूरे महकमे में हड़कंप मच चुका है।

उंचे पद के अधिकारी है शामिल

जांच में पाया कि ज्यादातर घोटाला करने वाले अधिकारी एसआईबी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) से जुड़े थे जो कि गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, , मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, आजमगढ़ और नोएडा जैसे कई जिलों में तैनात थे। लेकिन कोविड 19(covid19) के दौरान अधिकारी कई कई साल एक ही जगह पर थे, और इसका फायदा उठा कर उन लोगो ने काफी संपत्ति बनाई। जिसमें 50 अधिकारी शक के घेरे में है। इन बेनामी संपत्ति को काले से सफेद कमाई में बदलने के लिए एक बिल्डर का सहारा लिया जाता जो कि एक अधिकारी का करीबी रिश्तेदार भी है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केवल बेनामी संपत्ति का ही मामला नही है बल्कि 2020 से लेकर 2023 तक के बीच में इन अधिकारियों ने कई बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए जीएसटी रिटर्न और इनपुट टैक्स क्रेडिट का भी फर्जीवाड़ा किया था। जिसके बदले रिश्वत और बेनामी संपत्ति ली गई।

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आयकर विभाग भी हुआ सक्रिय

करीब 200 करोड़ के घोटालों के सामने आने के बाद आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति सेल भी सकते में आ गया है। आयकर विभाग ने एक लिस्ट बनाई है जिसमें करीब 242 सरकारी अधिकारियों के साथ साथ कई नेता भी शामिल है। इन सभी की जांच की जायेगी। जांच में जो भी अधिकारी इसमें संलिप्त पाया गया उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जायेगी। बताते चले कि बीते 2 सालो में यूपी के कई बड़े जीएसटी फर्जीवाड़े और घोटालों के सच्चाई का खुलासा हुआ है। जिसमें हापुड़ में 21 करोड़ का घोटाला सामने आया और इस मामले में 3 अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। 200 करोड़ के घोटाले के मामले में जांच तेजी से जारी है, देखने ये है कि आगे इस मामले में कौन कौन शामिल पाया जाता है।    

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