Sadguru Riteshwar Ji Maharaj Biography: सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज भारत के एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता, प्रेरक वक्ता और लेखक हैं। वे भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाओं के प्रबल समर्थक हैं और जीवन को आनंदमय बनाने के मार्ग पर कार्य कर रहे हैं। उनके विचारों और उपदेशों का प्रभाव न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलता है। उन्होंने आध्यात्मिकता, शिक्षा, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
Sadguru Riteshwar Ji Maharaj Early Life
सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज का जन्म 5 जनवरी 1973 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ। उनके पिता विजय नारायण और माता मंजू देवी दोनों ही शिक्षक थे। एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में जन्मे सद्गुरु का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म और सनातन संस्कृति की ओर था।
उन्होंने वाराणसी से भूविज्ञान और संस्कृत में स्नातकोत्तर (Post Graduation) की पढ़ाई की। शिक्षा के दौरान ही उन्होंने आध्यात्मिकता की गहरी साधना शुरू कर दी। उन्होंने त्रिकूट पर्वत, उत्तराखंड के जंगल, ब्रज चौरासी कोस, काशी और वृंदावन में तपस्या की और देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक यात्राएं कीं।
श्री आनंदम धाम – Sadguru Riteshwar Ji Maharaj Biography
सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन में “श्री आनंदम धाम” की स्थापना की। यह एक अंतरराष्ट्रीय, शैक्षिक और गैर-लाभकारी संगठन है, जो समाज कल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण अभियान चलाता है।
- पर्यावरण संरक्षण: “पानी बचाओ, पेड़ बचाओ, भविष्य बचाओ” अभियान के तहत जल संरक्षण और हरित वातावरण को बढ़ावा दिया जाता है।
- नशा मुक्ति अभियान: युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए शराब और मादक पदार्थों के विरुद्ध कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- नि:शुल्क भोजन सेवा: श्री आनंदम धाम में “लाडली प्रसादम” नामक नि:शुल्क भोजन केंद्र संचालित किया जाता है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को भोजन कराया जाता है।
- भागवत शोध संस्थान: श्रीमद्भागवत महापुराण के गूढ़ रहस्यों पर शोध करने के लिए एक विशेष शोध संस्थान की स्थापना की गई है।
सनातन संस्कृति और शिक्षा में योगदान
सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज सनातन शिक्षा पद्धति के समर्थक हैं। उनका मानना है कि भारत की शिक्षा व्यवस्था में “सनातन बोर्ड” का गठन किया जाना चाहिए, ताकि भारतीय संस्कृति, परंपरा और मूल्यों को संजोया जा सके।
वे मानते हैं कि “श्रीकृष्ण ही आनंद हैं, और आनंद ही श्रीकृष्ण हैं।” उनका संदेश है कि जो कुछ भी किया जाए, उसे भगवान को समर्पित किया जाए, जिससे व्यक्ति सदा जीवन-मुक्त का अनुभव कर सके।
आध्यात्मिक प्रवचन और सांस्कृतिक उत्सव
सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज हर वर्ष विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किए जाते हैं।
- राधा माधव महोत्सव और गुरु पूर्णिमा महोत्सव जैसे भव्य आयोजनों में वे हर साल हजारों लोगों को आध्यात्मिक संदेश देते हैं।
- ये कार्यक्रम स्कॉटलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, नेपाल और अन्य देशों में भी आयोजित किए जाते हैं।
पुरस्कार और सम्मान – Sadguru Riteshwar Ji Maharaj Biography
उनके आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान के लिए सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
- 2022 में उन्हें “सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक नेता” के रूप में 14वें न्यूज़मेकर्स अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- यह पुरस्कार मुंबई के अंग्रेजी दैनिक ‘आफ्टरनून वॉयस’ द्वारा आयोजित किया गया था।
विचारधारा और शिक्षाएं
सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज के अनुसार, संघर्ष में जीवन नहीं, बल्कि आनंद में जीवन है। उनका मानना है कि खुश रहकर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है। वे भगवान कृष्ण के प्रेम और गीता के संदेश को जीवन में अपनाने पर जोर देते हैं।
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