Nawada Dalit Basti Fire: दलित बस्ती में आग लगने पर चर्चा में आई बिहार के दलितों की दर्दनाक यादें, जानें क्या था शंकर बिगहा, लक्ष्मणपुर बाथे और बेलछी नरसंहार

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क्या बिहार के दबंगों को पुलिस प्रशासन का डर नहीं है? क्या बिहार की कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन इतना कमजोर हो गया है कि एक पूरी बस्ती को आग के हवाले कर दिया जाए? दरअसल ये सारे सवाल बिहार के नवादा जिले में हुई हालिया घटना को लेकर उठ रहे हैं। जहां दबंगों का कहर महादलित टोले पर टूटा है। दबंगों ने पहले महादलित टोले पर फायरिंग कर दहशत फैलाई। उसके बाद टोले के 80 घरों को आग के हवाले कर दिया। घटना मुफस्सिल थाना इलाके की बताई जा रही है। घटना के बाद गुरुवार की सुबह का मंजर बिल्कुल भयावह था। घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच कर गश्त कर रही है। घटना में कई जानवरों के जलकर मरने की खबर है। बिहार के नवादा में जमीन विवाद को लेकर दलितों के घर जलाए जाने पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है।

और पढ़ें: बिहार में जंगलराज की वापसी? दबंगों ने फूंक दिए दलितों के 80 घर, जानिए किसने क्या कहा

अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी

लोगों के रहने और खाने का सारा सामान जल चुका है। देर रात से ही इस घटना के बाद इलाके में लगातार छापेमारी की जा रही है। इस मामले में अब तक ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार पुलिस को एक खोखा भी मिला है। प्रशासनिक टीम इलाके के सभी पीड़ितों को सहायता प्रदान कर रही है। प्रशासन ने देर रात तक सभी के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था की। हम अभी और जानकारी दे रहे हैं।

आग लगाने के पीछे का कारण!

इस वारदात को पास के गांव में रहने वाले दलित समुदाय के दबंगों ने अंजाम दिया है। घटना के दौरान फायरिंग करने के अलावा स्थानीय लोगों ने प्राणपुर गांव के मुनि पासवान और उसके साथियों पर घर में आग लगाने का आरोप लगाया है। पूरी कहानी का विषय जमीन विवाद है। कई सालों से दलित परिवार बिहार के कृष्णा नगर में सरकारी जमीन पर रहता था। इस जमीन पर विरोधी पक्ष ने भी दावा किया है। इस दौरान जमीन पर कब्जे की लड़ाई चल रही है और मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है। इसी दौरान यह घटना हुई। जिसमें जिला मजिस्ट्रेट आशुतोष कुमार वर्मा ने पुष्टि की है कि अब तक कुल 21 घर जले हैं। जबकि एसपी अभिनव धीमान ने शुरुआती दौर में कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

Bihar Nawada
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नीतीश के मंत्री ने कहा- नीतीश सरकार में दलित सुरक्षित

बिहार सरकार के मंत्री जनक चमार ने नवादा में हुई बड़ी त्रासदी पर टिप्पणी करते हुए कहा, “इस घटना के पीछे जो भी होगा उसके खिलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।” नवादा में हुई त्रासदी काफ़ी दुखद है और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इस पर इस सरकार के ज़िम्मेदार लोग मुक़दमा दायर करेंगे। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बिहार के दलितों को पूरी सुरक्षा देती है। दलित समुदाय का नेतृत्व मौजूदा बिहार प्रशासन करेगा जो दबंगों के खिलाफ़ कार्रवाई करेगा।

दर्जनों मवेशी भी जले

गांव वालों ने बताया कि गांव में बहुत सारे लोग आ गए हैं और भू-माफिया दलितों को उनकी मर्जी के खिलाफ़ ज़मीन बेचने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इस ज़मीन को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा था। अचानक रात के समय गुंडों का एक झुंड गांव में आ धमका और हवा में गोलियाँ चलाने लगा, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। इसके बाद दलितों की बस्ती में आग लगा दी गई, जिससे 22 से ज़्यादा घर, कुछ मवेशी और अनाज जलकर राख हो गए।

अधिकारी कर रहे कैंप

घटना की जानकारी मिलते ही नवादा सदर अंचल के थानाध्यक्ष विकास कुमार पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। वहां बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी तैनात थे। मामले की हर बारीकी की जांच की गई। बताया जाता है कि इलाके के सभी कानून प्रवर्तन अधिकारी वहां पहुंचकर अपना कैंप जमा चुके हैं।

नवादा मामले में तेजस्वी यादव का बयान

नवादा कांड को लेकर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी, बिहार में आपकी डबल इंजन पॉवर्ड सरकार में दलितों के घर जला दिए गए है। यह भारत देश की ही घटना है। कृपया इस मंगलराज पर दो शब्द तो कह दिजीए कि यह सब प्रभु की मर्जी से हो रहा है इसपर NDA के बड़बोले शक्तिशाली नेताओं का कोई वश नहीं है। यह भी बता दिजीए कि बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री ने महीनों से बोलना बंद कर रखा है। वो ना मीडिया से बात करते है और ना ही पब्लिक से? वो जो भी बोलते है वो अधिकारियों का ही लिखा हुआ बोलते है क्योंकि जब वह स्वयं का बोलते है तो कहीं से कहीं और कुछ से कुछ बोलने लग जाते है शायद इसलिए ही यह पाबंदी लगायी गयी है। NDA को बिहार की नहीं बल्कि अपराधियों की चिंता है।’

नवादाकांड पर प्रियंका और राहुल गांधी का बयान

बिहार के नवादा में जमीन विवाद को लेकर दलितों के घर जलाए जाने की घटना को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा,नवादा में महादलितों का पूरा टोला जला देना, 80 से ज्यादा परिवारों के घरों को नष्ट कर देना बिहार में बहुजनों के विरुद्ध अन्याय की डरावनी तस्वीर उजागर कर रहा है। अपना घर-संपत्ति खो चुके इन दलित परिवारों की चीत्कार और भयंकर गोलीबारी की गूंज से वंचित समाज में मचा आतंक भी बिहार की सोई हुई सरकार को जगाने में कामयाब नहीं हो पाए।भाजपा और NDA के सहयोगी दलों के नेतृत्व में ऐसे अराजक तत्व शरण पाते हैं. भारत के बहुजनों को डराते हैं, दबाते हैं, ताकि वो अपने सामाजिक और संवैधानिक अधिकार भी न मांग पाएं। और, प्रधानमंत्री का मौन इस बड़े षडयंत्र पर स्वीकृति की मोहर है। बिहार सरकार और राज्य पुलिस को इस शर्मनाक अपराध के सभी दोषियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई कर, और पीड़ित परिवारों का पुनर्वास करा कर उन्हें पूर्ण न्याय दिलाना चाहिए।

प्रियंका बोलीं- कानून व्यवस्था ध्वस्त

एक्स पर अपनी पोस्ट में प्रियंका गांधी कहा,’नवादा, बिहार में महादलितों के 80 से ज्यादा घरों को जला देने की घटना बेहद खौफनाक और निंदनीय है। दर्जनों राउंड फायरिंग करते हुए इतने बड़े पैमाने पर आतंक मचाकर लोगों को बेघर कर देना यह दिखाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। आम ग्रामीण-गरीब असुरक्षा और खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। मेरी राज्य सरकार से मांग है कि ऐसा अन्याय करने वाले दबंगों पर सख्त कार्रवाई हो और सभी पीड़ितों का समुचित पुनर्वास किया जाए।’

BJP सांसद ने कही ये बात

घटना को लेकर बीजेपी सांसद संजय जायसवाल का भी बयान सामने आया है। जायसवाल ने कहा,‘बिहार में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होती है। राजद के शासन में सीएम कार्यालय से आदेश आता था कि किसको जलाना है और मारना है। आज बिहार में अपराधियों पर कार्रवाई होती है। ये एनडीए का सुशासन है, इसलिए अपराधी बचेंगे नहीं।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने साधा निशाना

देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसे लेकर बिहार सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “बिहार के नवादा में महादलित टोला पर दबंगों का आतंक एनडीए की डबल इंजन सरकार के जंगलराज का एक और प्रमाण हैबेहद निंदनीय है कि करीब 100 दलित घरों में आग लगाई गई, गोलीबारी की गई और रात के अंधेरे में गरीब परिवारों का सब कुछ छीन लिया गया भाजपा और उसके सहयोगी दलों की दलितों-वंचितों के प्रति घोर उदासीनता, आपराधिक उपेक्षा व असामाजिक तत्वों को बढ़ावा अब चरम पर है प्रधानमंत्री मोदी जी हमेशा की तरह मौन हैं, नीतीश जी सत्ता के लोभ में बेफिक्र हैं और एनडीए की सहयोगी पार्टियों के मुंह में दही जम गया है

मायावती और चंद्रशेखर ने भी उठाए सवाल

वहीं, बीएसपी चीफ मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, बिहार के नवादा में दबंगों द्वारा गरीब दलितों के काफी घरों को जलाकर राख करके उनका जीवन उजाड़ देने की घटना अति-दुखद व गंभीर। सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही पीड़ितों को पुनः बसाने की व्यवस्था के लिए पूरी आर्थिक मदद भी करे। वहीं, दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट करते हुए कहा है कि बिहार के नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में कृष्णा नगर दलित बस्ती में 80 घरों में आगजनी व गोलीबारी की घटना जंगलराज का जीता-जागता उदाहरण है। हमारी प्रदेश की टीम ने आज घटनास्थल पर पहुँच कर पीड़ितों से मुलाकात करेगी। पीड़ितों में भय का माहौल है। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमा से माँग करता हूँ कि मामले में संलिप्त अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर भय का ये माहौल शीघ्र खत्म करने, कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति के लिए व पीड़ितों की आर्थिक मदद का हर सम्भव प्रयास करे और साथ ही मामले की न्यायिक जाँच की भी माँग करता हूँ।

बिहार में पहले भी हो चुका दलितों पर ऐसा हमला

नवादा जिले की इस घटना ने दशकों पुराने जख्मों को फिर से हरा कर दिया है। बिहार में दलितों के खिलाफ ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं। इनमें लक्ष्मणपुर बाथे कांड, शंकर बिगहा नरसंहार और बेलछी नरसंहार जैसी घटनाएं शामिल हैं। यह घटना दलितों के खिलाफ नरसंहार को उजागर करती है और बताती है कि बिहार में शुरू से ही दलितों के प्रति दमनकारी रवैया रहा है।

क्या था लक्ष्मणपुर बाथे कांड

1990 के दशक में लक्ष्मणपुर बाथे हत्याकांड इन भीषण हत्याकांडों में से एक था जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। 1 दिसंबर 1997 को अरवल जिले के लक्ष्मणपुर बाथे टोले में 58 दलितों की हत्या कर दी गई थी। कहा जाता है कि 58 लोगों को रणवीर सेना गिरोह ने गोली मार दी थी, जिसकी स्थापना उच्च जाति के लोगों ने की थी। मृतकों में 16 बच्चे और 27 महिलाएं थीं। 27 में से करीब दस गर्भवती भी थीं। हत्यारों ने यह खूनी खेल करीब तीन घंटे तक खेला।

Laxmanpur Bathe massacre
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शंकर बिगहा नरसंहार का था?

एक समय था जब बिहार में जातिगत नरसंहार चरम पर था। उस दौरान ऊंची जातियों और पिछड़ी जातियों के बीच खूनी नरसंहार होते थे। उसी दौरान बेलछी नरसंहार हुआ। खबरों की मानें तो यह नरसंहार 1977 के बेलछी नरसंहार से शुरू हुआ था, यह नरसंहार जून 2000 के मियांपुर नरसंहार तक जारी रहा। 25 जनवरी 1999 को शंकर बिगहा में 22 दलितों की हत्या कर दी गई थी। कहा जाता है कि यह नरसंहार जमीन की लड़ाई में हुआ था।

Shankar Bigha massacre
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बेलछी नरसंहार

27 मई 1977 को बेलछी कांड हुआ था। बिहारशरीफ के इस गांव में दबंग मध्यम वर्ग के जमींदारों ने जमीन विवाद में 11 दलितों को जिंदा जला दिया था। खबरों की मानें तो गांव में दलित समुदाय के 12 लोगों को सुबह एक समुदाय के लोगों ने गोली मार दी। इसके बाद उन्होंने उन्हें एक जगह इकट्ठा किया और आग लगा दी। घटना के बाद पड़ोसी समुदाय के लोग डर के मारे गांव छोड़कर चले गए थे।

 Belchi massacre
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और पढ़ें: कोलकाता कांड में पुलिस-प्रशासन की वो 5 बड़ी लापरवाहियां जो ममता बनर्जी के लिए बनी मुसीबत!

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