भारत के साथ-साथ इन देशों में भी 15 अगस्त को मनाया गया स्वतंत्रता दिवस, जानें सबकुछ

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भारत में स्वतंत्रता दिवस काफी धूम धाम से मनाया जा रहा है। देश आजादी के 75 साल पूरे कर चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से आज आठवीं बार तिरंगा झंडा फहराकर देश को संबोधित किया। उन्होंने आने वाले 25 वर्षों की प्लानिंग को सामने रखा। 15 अगस्त 1947 को देश अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त हुआ था। 

आज के दिन भारत के साथ-साथ दुनिया के अन्य भी तमाम देशों में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। क्या आप जानते हैं कि 15 अगस्त को भारत के साथ दुनिया के अन्य भी देशों में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है? अगर नहीं…तो आईए इसे विस्तार से समझते हैं। 

भारत

15 अगस्त के दिन भारत (Independence day of India) के साथ-साथ दुनिया के 4 देशों में स्वतंत्रता दिवस मनाई जाती है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी। जिसके बाद से ही हर साल 15 अगस्त के मौके पर हम तिरंगा झंडा फहराकर देश की आजादी का जश्न मनाते हैं।

जापान

उत्तर कोरिया का पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया (Independence day of South Koria) को 15 अगस्त 1945 को आजादी मिली। दक्षिण कोरिया उस दिन जापान के चंगुल से मुक्त हुआ था। दरअसल, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया। अभी जापान इस हमले से संभला भी नहीं था कि 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराय। इस हमले के 6 दिनों बाद दक्षिण कोरिया को जापान से आजादी मिली थी।

बहरीन

बहरीन को 15 अगस्त 1971 को आजादी मिली थी। इसी दिन बहरीन (Independence day of Bahrin) ब्रिटेन के चंगुल से आजाद हुआ था। बहरीन अरबखंड में स्थित एक देश है। जिसकी राजधानी पनामा है। मौजूदा समय में 1 बहरीन दीनार की कीमत 196.93 भारतीय रुपये के बराबर है।

कांगो

मध्य अफ्रीका का देश कांगो को 15 अगस्त 1960 (Independence day of Kango) में आजादी मिली थी। इसी दिन कांगो फ्रांस के चंगुल से मुक्त हुआ था। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा देश है। साथ ही यह दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक था लेकिन औपनिवेशवाद, गुलामी और भ्रष्टाचार ने इसे दुनिया के सबसे गरीब देशों की कतार में ला कर खड़ा कर दिया।

1997 में रवांडा के नेतृत्व में कई पड़ोसी देशों ने कांगो पर हमला कर मोबुतु से छुटकारा पाने का फैसला किया। खबरों के मुताबिक रवांडा इस बात को लेकर नाराज़ था कि मोबुतु ने रवांडा में 1994 के नरसंहार के लिए दोषी लोगों को अपने यहां पनाह दी थी। इस नरसंहार में सौ दिन के भीतर लगभग आठ लाख लोग मारे गए थे।

लिकटेंस्टीन

लिकटेंस्टीन (Independence day of liechtenstein) पश्चिमी यूरोप में स्थित एक छोटा सा देश है। जिस पर जर्मनी ने कब्जा जमा लिया था। इस देश को 15 अगस्त 1866 को जर्मनी से आजादी मिली थी। उसके बाद से ही हर साल 15 अगस्त को यहां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। लिकटेंस्टीन की करेंसी स्विस फ्रैंक है। 1 स्विस फ्रैंक की कीमत मौजूदा समय में 81 भारतीय रुपये के बराबर है।

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