Headlines

India losing its sunshine: भारत से रूठता सूरज! घटती धूप, बढ़ते बादल और संकट की दस्तक… वैज्ञानिक चिंतित

Table of Content

India losing its sunshine: साल 2025 के मानसून ने भारत को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया। एक तरफ उत्तर भारत में सामान्य से कहीं अधिक बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए, वहीं दूसरी ओर पूर्वी भारत, खासकर बिहार और बंगाल, पूरे मानसून के दौरान बूंद-बूंद को तरसते रहे। लेकिन जैसे ही मानसून लौटने लगा, इन इलाकों में बादलों ने ऐसा कहर बरपाया कि भारी नुकसान देखने को मिला। मौसम की ये अनिश्चितताएं अब इत्तेफाक नहीं रहीं, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं और अब एक नई रिपोर्ट ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है।

और पढ़ें: North Sea asteroi: समुद्र के नीचे छिपा था रहस्य, अब हुआ खुलासा, यॉर्कशायर के पास मिला 4.3 करोड़ साल पुराना उल्का पिंड का क्रेटर

सूरज की रोशनी भारत में हो रही है कम- India losing its sunshine

एक ताज़ा वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, भारत के अधिकतर हिस्सों में पिछले तीन दशकों से सूर्य की धूप लगातार घट रही है। यानी भारत धीरे-धीरे सूरज की रोशनी खो रहा है। यह रिपोर्ट भारत के ही प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों जैसे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM), और इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) के संयुक्त शोध पर आधारित है और इस महीने नेचर की साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुई है।

1988 से 2018 तक नौ क्षेत्रों के 20 मौसम स्टेशनों से जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिसमें सामने आया कि भारत के हर इलाके में सालाना धूप के घंटे घटे हैं। सिर्फ पूर्वोत्तर भारत में मामूली स्थिरता देखने को मिली है।

हर साल कम होती जा रही है धूप

शोध के अनुसार:

  • उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हर साल 13.1 घंटे की गिरावट देखी गई।
  • पश्चिमी तट पर यह गिरावट 8.6 घंटे प्रति वर्ष रही।
  • पूर्वी तट और डेक्कन पठार में भी क्रमशः 4.9 और 3.1 घंटे की कमी हुई।
  • केंद्रीय भारत में भी 4.7 घंटे प्रति वर्ष की गिरावट देखी गई।

हालांकि सूखे महीनों (अक्टूबर से मई) में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी देखने को मिली, लेकिन मानसून के महीनों (जून-सितंबर) में धूप में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

धूप घटने की वजह क्या है?

इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह है बढ़ता हुआ एरोसोल प्रदूषण। ये एरोसोल हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण होते हैं जो बायोमास जलाने, वाहनों के धुएं और औद्योगिक उत्सर्जन से आते हैं। ये कण बादलों के संघनन में मदद करते हैं जिससे आसमान लंबे समय तक बादलों से ढका रहता है, भले ही बारिश न हो।

IITM के एक वैज्ञानिक के अनुसार, “जब एरोसोल की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो बादल लंबे समय तक बने रहते हैं और सूरज की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पातीं।” इस साल भी भारत के कई हिस्सों में मानसून के दौरान ऐसे ही हालात रहे कि बिना बारिश के भी आसमान बादलों से ढका रहा।

भारत में एरोसोल प्रदूषण कितना गंभीर?

भारत में एरोसोल प्रदूषण वैश्विक औसत से दोगुना है। इसका असर सिर्फ मौसम पर नहीं, बल्कि हिमालयी ग्लेशियरों के पिघलने और बारिश के पैटर्न पर भी पड़ रहा है। यह क्षेत्र अब ‘ब्राउन क्लाउड जोन’ के रूप में जाना जाने लगा है, जहां धूप का निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है।

सोलर एनर्जी और कृषि पर असर

भारत का लक्ष्य है कि वह 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करे, जिसमें सोलर पावर की बड़ी हिस्सेदारी है। लेकिन जब धूप ही कम हो रही है, तो सोलर पैनलों की क्षमता घटना तय है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि धूप घंटे 10% तक घटते हैं, तो सोलर आउटपुट में 5-7% की कमी आ सकती है। यह ऊर्जा सेक्टर के लिए एक बड़ा झटका होगा।

इसी तरह, कृषि क्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है, खासकर उन फसलों में जो सूरज की रोशनी पर ज्यादा निर्भर हैं जैसे धान और गेहूं। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में रुकावट आने से फसल चक्र बिगड़ रहा है, जिसका असर किसानों की आमदनी और देश की खाद्य सुरक्षा पर पड़ सकता है।

जलवायु मॉडलिंग में नई चुनौती

धूप के घंटे घटने से मौसम पूर्वानुमान में भी दिक्कतें आ रही हैं। अब तक के मॉडल हवा, नमी और तापमान पर आधारित होते थे, लेकिन अब सूरज की रोशनी को भी गंभीरता से शामिल करना होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि एरोसोल की मॉनिटरिंग और कंट्रोल अब नीति का हिस्सा बनना चाहिए।

क्या है समाधान?

  • प्रदूषण नियंत्रण नीतियां और कड़े कानून बनाए जाएं
  • हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) को बढ़ावा दिया जाए
  • वनरोपण और कार्बन कैप्चर जैसी नीतियों को ज़मीनी स्तर पर लागू किया जाए
  • सोलर इंफ्रास्ट्रक्चर को हाइब्रिड मॉडल पर शिफ्ट किया जाए ताकि कम धूप में भी बिजली बनाई जा सके

चेतावनी भरी भविष्यवाणी

साल 2025 में मानसून के दौरान दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300+ रहा, जो दिखाता है कि हवा में एरोसोल की मात्रा कितनी खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है। ऐसे में सरकार की क्लाइमेट रिसर्च एजेंडा 2030 पर अमल और ज़रूरी हो जाता है।

लेकिन विशेषज्ञ साफ कहते हैं – अगर यही हाल रहा, तो भारत जैसे “सनशाइन स्टेट” का सपना धुंध और बादलों में गुम हो जाएगा।

और पढ़ें: Black Hole Science: जब ब्लैक होल बना बेकाबू दानव, 2.4 गुना स्पीड से कर रहा है ब्रह्मांड को चकनाचूर!

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

DoT latest news

DoT latest news: टेलीकॉम सेक्टर में सर्कुलर इकॉनमी की ओर भारत का बड़ा कदम, DoT और UNDP ने मिलकर शुरू की राष्ट्रीय पहल

DoT latest news: भारत का टेलीकॉम सेक्टर आज सिर्फ कॉल और इंटरनेट तक सीमित नहीं रह गया है। यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था, गवर्नेंस, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सामाजिक बदलाव की रीढ़ बन चुका है। इसी तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में दूरसंचार विभाग (DoT) और संयुक्त...
Jabalpur Viral Video

Jabalpur Viral Video: जबलपुर में वायरल वीडियो पर मचा बवाल, नेत्रहीन छात्रा से अभद्रता के आरोपों में घिरीं भाजपा नेता

Jabalpur Viral Video: मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में एक महिला नेता को एक नेत्रहीन छात्रा के...
Vaishno Devi Yatra New Rule

Vaishno Devi Yatra New Rule: नए साल से पहले वैष्णो देवी यात्रा में बड़ा बदलाव, RFID कार्ड के साथ समय सीमा तय, जानें नए नियम

Vaishno Devi Yatra New Rule: नववर्ष के मौके पर माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। बोर्ड ने साफ किया है कि ये बदलाव श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर...
Banke Bihari Temple Trust Bill

Banke Bihari Temple Trust Bill: श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट कानून 2025 लागू, अब कैसे होगा मंदिर का संचालन?

Banke Bihari Temple Trust Bill: उत्तर प्रदेश में श्री बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा एक अहम फैसला अब पूरी तरह से लागू हो गया है। श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही यह विधेयक अब...
BMC Election 2024

BMC Election 2024: ठाकरे बंधुओं का गठबंधन टला, सीटों के पेंच में अटका ऐलान, अब 24 दिसंबर पर टिकी नजरें

BMC Election 2024: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। खासतौर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संभावित गठबंधन ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दोनों दलों के बीच गठबंधन का...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds