इस डिजिटल इंडिया के दौर में काफी हद तक चीजें भले ही डिजिटल और ऑनलाइन हो गयी हैं लेकिन अभी भी कैश की डिमांड में कोई कमी नहीं आई है बल्कि इसमें और भी इजाफा हुआ है. लेकिन आपने कभी ये बात नोटिस की, कि इस एटीएम से पैसा भी कमाया जा सकता है. जब भी किसी व्यक्ति को अचानक पैसे की जरुरत पड़ती है तो वह बार-बार बैंक जाकर पैसे निकलवाने की बजाय एटीएम से ही पैसे निकाल कर काम चला लेते है. देश भर में लगातार एटीएम का उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि उस अनुपात में अभी देश में एटीएम नहीं लग पाए हैं. अगर आसान भाषा में समझें तो करीब 6100 लोगों के बीच देश में मात्र एक एटीएम का अनुपात है. ऐसे में आने वाले दिनों में शहरों के अलावा रूरल इलाकों (Rural Area), टाउन एरिया में भी एटीएम की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी की उम्मीद है. पब्लिक और प्राइवेट बैंकों के अलावा कुछ NBFC और बीएफएसआई से जुड़ी कंपनियां भी व्हाइट एटीएम देशभर में लगाती हैं. पब्लिक और प्राइवेट बैंकों के अलावा इंडिकैश, मुथूट और इंडिया वन जैसी कंपनियां व्हाइट लेवल एटीएम की सर्विस उपलब्ध कराती हैं. ये कंपनियां एटीएम लगवाने का भी मौका देती हैं. इन कंपनियों के एटीएम उनकी तय शर्तों को पूरा कर लगवाए जा सकते हैं. वहीं, कुछ अन्य कंपनियों की वेबसाइट पर भी एटीएम लगाने के लिए आवेदन खुले हैं. जानते हैं कौन सी कंपनियां दे रही हैं एटीएम लगवाने का मौका?
मुथूट दे रहा एटीएम लगवाने का मौका
इन शर्तों को करना होगा पूरा
1. एटीएम लगवाने के लिए 50-80 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए.
2. स्पेस ऐसी जगह होना जरूरी है, जहां लोगों की आवा-जाही ज्यादा हो.
3. यह स्पेस ग्राउंड फ्लोर और गुड विजिबिलिटी वाली जगह होना चाहिए. यहां आपको 24 घंटे बिना अवरोध के बिजली की सप्लाई सुनिश्चित करनी होगी.
4. हर दिन न्यूनतम करीब 100 एटीएम ट्रांजैक्शन की क्षमता होनी चाहिए.
5. एटीएम के लिए वेबसाइट पर एक पर्सनल डिटेल का फॉर्म भरकर भेजना होगा.
6. साइट की फोटो भी फॉर्म के साथ अपलोड करनी होगी. एक फोटो की साइट 3 एमबी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
7. आपको लोकेशन का एक 30-45 सेकंड का वीडियो बनाकर भेजना होगा. जिसका साइज 40 एमबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
8. इंडिया वन एटीएम भी व्हाइट लेवल एटीएम कंपनी है. यह भी एटीएम लगवाकर हर महीने एक निश्चित इनकम करने का मौका देता है.
ये रहा अप्लाई करने का लिंक- https://www.muthootgroupatm.com/new-registration.php
‘इंडिया वन’ एटीएम
इंडिया वन एटीएम लगवाने के लिए गुड विजिबिलिटी पर जगह होनी चाहिए. पावर सप्लाई होनी चाहिए. कॉमर्शियल एक्टिविटी के लिहाज से अच्छी जगह पर स्पेस होना बेहतर होगा. दुकान में भी लगवा सकते हैं. इंडिया वनआप अपनी दुकान या ऑफिस एरिया में भी इंडिया वन एटीएम लगवा सकते हैं.
एटीएम के लिए इंडिया वन एटीएम की वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. एटीएम का सेटअप और कैश लोडिंग कंपनी की ओर से की जाएगी. सिक्योरिटी का इंतजाम आपको करना होगा.
नोट: यह जानकारी इंडिया वन एटीएम की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
ALSO READ: जानिए e-Rupee कैसे अलग है UPI से, बिना इंटरनेट के भी हो सकता है अब लेनदेन
वकरांगी लिमिटेड
वकरांगी ने हाल ही में 500 नए एटीएम के लिए ऑर्डर दिया है. कंपनी को कुल 15 हजार एटीएम लगाने के लिए आरबीआई से लाइसेंस मिला था. वकरांगी का फोकस सेमी अर्बन और रूरल एरिया में भी एटीएम की संख्या बढ़ाने पर है. रिजर्व बैंक व्हाइट लेबल एटीएम लगाने के लिए वकरांगी लिमिटेड को भी अधिकृत कर चुका है.
ऐसे होती है इनकम
एटीएम से होने वाले हर कैश विद्ड्रॉल या नॉन फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के बदले आपको कमीशन मिलता है. ऐसे में बेहतर है कि एटीएम के लिए अपनी वो स्पेस चुनें, जहां लोगों का आना-जाना बहुत ज्यादा हो. जिससे में ट्रांजैक्शन बढ़ने का चांस भी बढ़ जाता है.
1 लाख रुपए तक कर सकते हैं मंथली इनकम
एक प्राइवेट कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ने बताया कि अपनी शॉप या ऑफिस में एटीएम लगवा कर अच्छी इनकम कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि रोजाना 50 ट्रान्जैक्शन होने पर मंथली इनकम करीब 19,500 रुपए हो सकती है. वहीं, रोजाना 300 ट्रान्जैक्शन होने पर 1.17 लाख रुपए मंथली इनकम कर सकते हैं
अप्लाई करने का लिंक: https://vakrangee.in/atm.html
जितना ट्रांजेक्शन उतनी कमाई
1.एटीएम लगाने पर टाटा इंडिकैश द्वारा आपको रेंट नहीं दिया जाता.
2.कंपनी एटीएम में होने वाली हर ट्रान्जे्क्शन का कमीशन देती है.
3.जितना अधिक ट्रान्जे्क्शन होगा, उतना अधिक कमाई होगी.
4.आपको हर महीने कंपनी को मेंटीनेंस, कैश लोडिंग और होल्डिंग चार्ज के तौर पर मंथली फीस देनी होगी.
ALSO READ: ATM पर फर्जीवाड़े रोकने के लिए याद रखें ये Tips, नहीं तो बैंक अकाउंट हो सकता है खाली!.
कितना आता है खर्च
एटीएम लगवाने के लिए पहले आपको एटीएम इंस्टाल करने वाली कंपनी को सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में 2 से 3 लाख रुपए तक देने पड़ते हैं. हालांकि अगर कांट्रैक्ट खत्म होता है तो आपको यह रकम वापस मिल जाती है.