Abhay Chautala Controversy: 22 साल पुराना मामला फिर सुर्खियों में, जज पत्नी ने अभय चौटाला पर लगाए सनसनीखेज आरोप

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Abhay Chautala Controversy: रिटायर्ड आईपीएस रामसिंह यादव के खिलाफ लगाए गए 39 जूते मारने जैसे गंभीर आरोपों का मामला अब सोशल मीडिया पर बड़े विवाद में बदल गया है। इस पूरे विवाद में सबसे मुखर होकर सामने आई हैं उनकी पत्नी और रिटायर्ड जज अनुपमा यादव। उन्होंने बीते दो दिनों में अपने फेसबुक अकाउंट पर 20 से अधिक पोस्ट डालकर सीधे तौर पर अभय सिंह चौटाला पर निशाना साधा है और इन आरोपों को राजनीतिक प्रताड़ना बताते हुए पलटवार किया है।

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अनुपमा यादव की पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से सुर्खियां बन रही हैं। वे न सिर्फ अपने पति का बचाव कर रही हैं, बल्कि 2003 में प्रकाशित अखबारों की कटिंग भी शेयर कर रही हैं। उनका कहना है कि अगर अभय चौटाला को आपत्ति है, तो वे मानहानि का केस दर्ज करें, “हम सच को साबित करके दिखाएंगे।”

क्यों भड़कीं अनुपमा यादव? (Abhay Chautala Controversy)

अनुपमा यादव ने एक दिन में 14 पोस्ट और दो दिनों में 20 से अधिक पोस्ट की हैं। इन पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति के खिलाफ पुराने मुद्दे को फिर से हवा दी जा रही है और “झूठा नैरेटिव” बनाया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस सांसद जयप्रकाश (जेपी) का एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें सांसद खुद भी अभय चौटाला के खिलाफ ऐसे ही आरोप लगाते दिख रहे हैं।

इंटरनेट मीडिया पर यह मुद्दा लगातार चर्चा में है। उनकी कई पोस्ट को समर्थन मिला, वहीं कई लोग उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं।

फेसबुक पर अनुपमा यादव ने क्या कहा

अपनी पोस्ट में अनुपमा यादव ने काफी तीखा लिखा है। उनके कुछ प्रमुख आरोप इस प्रकार हैं:

  • “22 साल पहले भी प्रताड़ना की बात उठाई थी। जुर्म की कोई एक्सपाइरी डेट नहीं होती।”
  • “राजनीतिक मामलों में कोर्ट से न्याय मिलना मुश्किल है… कभी जजों को डरा दिया जाता है, कभी खरीद लिया जाता है।”
  • “सवाल पूछा जाता है कि तब क्यों नहीं आए? अब उन्हें कैसे समझाएं कि सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना कितना मुश्किल होता है।”
  • “अखबारों ने भी डर के कारण अभय चौटाला का नाम छिपाया। सिर्फ यह लिख दिया कि गिरफ्तार करके प्रताड़ना की गई।”
  • “क्योंकि चौटाला आज भी राजनीति में सक्रिय है और दोबारा सत्ता में आने का सपना रखता है, इसलिए उसकी करतूतों को जनता तक पहुंचाना जरूरी है।”

उन्होंने दावा किया कि वे अदालत में नहीं, बल्कि “जनता की अदालत” में न्याय की गुहार लगा रही हैं।

सोशल मीडिया यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया

अनुपमा यादव की कई पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने समर्थन किया, लेकिन कई लोगों ने उन्हें सवालों के कटघरे में भी खड़ा किया।

एक यूजर ने लिखा, “22 साल बाद अचानक जागने के पीछे क्या कारण है? अगर सब सच था, तो इतने लंबे समय तक चुप क्यों बैठे रहे?”

वहीं किसी अन्य ने लिखा, “यादव साहब पहले इसलिए नहीं बोल सके क्योंकि अभय चौटाला पावर में था। आज उनकी राजनीति खत्म होने को है, इसलिए डर नहीं रहा। पावरफुल आदमी से सब डरते हैं।”

एक अन्य कमेंट में लिखा गया, “घायल की पीड़ा वही समझ सकता है जो खुद घायल हो। बाकी सोशल मीडिया पर कोई भी कुछ भी लिख सकता है।”

विवाद के बढ़ने के संकेत, राजनीतिक गलियारों में भी हलचल

यह पूरा मामला अब सिर्फ एक पुराने आरोप का नहीं रहा। सोशल मीडिया पर बहस बढ़ने के बाद यह एक राजनीतिक टकराव में बदलता जा रहा है। अभय सिंह चौटाला पर आरोप पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन इस बार एक रिटायर्ड जज और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी दोनों खुलकर सामने आ गए हैं।

अनुपमा यादव दावा कर रही हैं कि यह उनका “न्याय के लिए संघर्ष” है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग इसे दूसरे नजरिये से देख रहे हैं कुछ राजनीतिक बदले की कार्रवाई मान रहे हैं, तो कुछ दबे हुए सच के सामने आने की कोशिश के रूप में।

अब आगे क्या?

सोशल मीडिया पर छिड़ा यह विवाद थमने के बजाय और बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक अभय सिंह चौटाला की ओर से कोई बड़ा आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अनुपमा यादव के लगातार पोस्ट करने से यह साफ है कि मामला आसानी से शांत होने वाला नहीं है।

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