इतनी लोकप्रियता के बाद भी चुनाव क्यों हार गया था सिद्धू मूसेवाला

Table of Content

पंजाबी सिंगर रैपर सिद्धू मूसेवाला अब इस दुनिया में नही हैं लेकिन उनके गाये हुए गाने आज भी चर्चा में बने रहते हैं. कहा जाता है कि सिद्धू मूसेवाला ने अपने गानों के लिरिक्स में जो कहा वो उनकी मौत के बाद सच साबित हुआ. फिर वो जवानी में जनाजा गाना हो या 295 गाना, ऐसा ही एक गाना था बाई-बाई जिसकी लिरिक्स में सिद्धू ने कहा था मूसेवाला जट नहीं मिटेगा, उसके टैटुओं से बाहें (हाथ) भरे हुए हैं और ये बात भी सच साबित हुई. सिद्धू एक फैन्स ने उनकी याद उनका फोटो वाला का टैटू बनाया है जिससे पता चलता है कि सिद्धू मूसेवाला कितने पोपुलर थे. वहीं उस बात का अंदाज उस समय में भी लगा जब उनके आखिरी सफ़र में लाखों की संख्या में भीड़ आई थी लेकिन इतनी लोकप्रियता के बावजूद सिद्धू मूसेवाला चुनाव नहीं जीत पाए थे. इतने फैन्स होने के बावजूद भी चुनाव में पहली बार हिस्सा ले रहे AAP पार्टी के कैंडिडेट ने सिद्धू मूसेवाला की लोकप्रियता को कड़ी टक्कर दी और उन्हें हारा दिया.  

Also Read- सिद्धू मूसेवाला के गुरु की भी हुई थी दर्दनाक मौत, जानें कौन थे उनके गुरु?

सिद्धू मूसेवाला ने 2021 में ज्वाइन की कांग्रेस


पंजाबी सिंगर और रैपर सिद्धू मूसेवाला ने दिसंबर 2021 में राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस पार्टी (congress) में शामिल हुए. पंजाब में साल 2022 में चुनाव थे और सिद्धू मूसेवाला की लोकप्रियता की वजह से कांग्रेस पार्टी ने सिद्धू मूसेवाला को मनसा विधानसभा सीट (mansa assembly seat) से टिकट दिया था. लेकिन सिद्धू मूसेवाला को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. 

पॉपुलर होने के बाद चुनाव हार गए मूसेवाला


कहा जाता है कि चुनाव में उन्हें हार उनके गाने और उनके साथ हुए विवाद का कारण बनी.  दरअसल, कांग्रेस नेता और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला कम उम्र में स्टारडम मिल गया था. सिद्धू मूसेवाला ने अपने कॉलेज के दिनों में संगीत सीखा और अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे कनाडा चले गए थे और वहां से लौटने के बाद वो अपने गाने और कई चीजों को लेकर चर्चा में रहे. सिद्धू के गानों में ड्रग्स और हिंसा बढ़ावा मिला जिसके कारण उन्हें लेकर पंजाब में काफी विवाद भी हुआ. इसी के साथ हिंसा को बढ़ावा देने और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में भी उनके ऊपर कई बार एफआईआर दर्ज की गईं. इसी के साथ दिल्ली की सीमा पर किसानों के विरोध को समर्थन देने साथ ही फायरिंग रेंज में शूटिंग करते हुए एक वीडियो वायरल होने के बाद भी उनपर  केस दर्ज हुआ था साथ ही एक हत्याकांड में भी उनका नाम शामिल था. 

नेता की हत्या का लगा था आरोप 


7 अगस्त 2021 को जब यूथ अकाली दल (Youth Akali Dal) के नेता विक्रमजीत मिदूखेरा (Leader Vikramjeet Midukhera) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.  इसका आरोप सिद्धू मूसेवाला पर लगा और कहा गया कि मूसेवाला ने इस हत्या को अंजाम देने की जिम्मेदारी अपने मैनेजर शगुनप्रीत सिंह (Shagunpreet Singh) को दी थी.  शगुनप्रीत ने इस हत्या के लिए कथित तौर पर कौशल गैंग के लोगों को हायर किया था.  इसके बाद से जहां शगुनप्रीत सिंह फरार हो गया.  वहीं इसके बाद से ही सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) गोल्डी बराड़ा (goldie barra) और बिश्वनोई गैंग (Biswanoi Gang) के राडार पर थे. 

सड़क पर हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या 


29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala killed by gangsters) को कुछ बदमाशों ने ताबड़तोड़ 30 राउंड फायरिंग की गयी. जहाँ इस घटना में सिद्धू मूसेवाला की मौत हो गयी तो वहीं उनेक साथ ही इस हादसे में घायल हो गए. सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली. वहीं  गोल्डी बराड़ ने ये भी खुलासा किया कि मूसेवाला का नाम हमारे भाई विक्रमजीत सिंह मिदूखेरा और गुरलाल बराड़ की हत्या में सामने आया था.  लेकिन पंजाब पुलिस ने मूसेवाला के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया.  हमें यह भी पता चला कि सिद्धू मूसेवाला हमारे असोसिएट अंकित के एनकाउंटर में भी शामिल था. 

Also Read- पंजाब जेल में फिर से गैंगवार, सिद्धू मूसेवाला के 2 आरोपियों का कत्ल, गोल्डी बराड़ ने ली जिम्मेदारी.

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds