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निर्भया जैसा कांड: गैंगरेप के बाद प्राइवेट पार्ट में डाला रॉड, तोड़े पैर और…जानकर मामला कांप उठेंगे आप!

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निर्भया जैसा कांड: गैंगरेप के बाद प्राइवेट पार्ट में डाला रॉड, तोड़े पैर और…जानकर मामला कांप उठेंगे आप!

दिल्ली के निर्भया कांड को 8 साल से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। बीते साल 20 मार्च को निर्भया के चारों दरिंदों को फांसी पर चढ़ाकर इंसाफ भी मिल गया। लेकिन इसके बावजूद देश में निर्भया कांड जैसी घिनौनी वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही। अब उत्तर प्रदेश से एक बार फिर अंदर तक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

  यूपी के बदायूं में एक अधेड़ महिला के साथ हैवानियत की सारी हदों को पार किया गया। यहां महिला के साथ गैंगरेप करने के बाद उसके प्राइवेट पार्ट पर रोड जैसी किसी चीज से हमला किया गया। जिसके चलते महिला के प्राइवेट प्रार्ट पर कई गंभीर चोटें आई है। इस घटना के बाद महिला की मौत भी हो गई।

महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जो आपको हिला कर रख देगा। पीड़ित महिला की पसली और पैर तोड़ दिए गए। इतना ही नहीं फेफड़ों पर भी किसी वजनदार चीज से हमला किया गया। है।

ये मामला उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव का बताया जा रहा है। रविवार शाम को महिला पास के गांव के एक मंदिर में गई थी, जिसके बाद वो लौटकर ही नहीं आ पाई। स्थानीय लोगों की मानें तो रात के करीब 12 बजे कार सवार कुछ लोग महिला को लहूलुहान अवस्था में छोड़ दिया और वहां से भाग निकले। रात में ही महिला की मौत हो गई। बताया ये भी जा रहा है कि इससे पहले आरोपी महिला को इलाज के लिए गाड़ी में चंदौसी लेकर गए थे। पीड़िता के परिजनों ने गैंगरेप और बाद हत्या का आरोप लगाया।


परिजनों ने लगाया पुलिस पर लापरवाही का आरोप

  इस मामले में पुलिस का लापरवाही वाला रवैया भी सामने आया। परिजनों की मानें तो पुलिस ने केस दर्ज करने में देरी की। इस घटना के 18 घंटों बाद पीड़ित महिला का पोस्टमार्टम शव के लिए भेजा गया। ये वारदात रविवार को घटी थी, जबकि महिला का पोस्टमार्टम मंगलवार को हुआ। इसके अलावा थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को SSP ने निलंबित कर दिया।


अब तक एक आरोपी गिरफ्तार, दो फरार

  मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे SSP ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें बनाई हैं। परिजनों की तहरीर पर आरोपी महंत समेत उसके एक साथी और ड्राइवर पर गैंगरेप और हत्या का केस दर्ज किया गया। अब तक एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है, जबकि दो अभी भी फरार बताए जा रहे हैं।

Whatsapp की नई पॉलिसी: अगर नहीं किया ये काम तो डिलीट हो जाएगा आपका अकाउंट, जानिए…

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Whatsapp की नई पॉलिसी: अगर नहीं किया ये काम तो डिलीट हो जाएगा आपका अकाउंट, जानिए…

मैसेजिंग ऐप Whatsapp अपने यूजर्स की सुविधा के अनुसार नए-नए अपडेट लाता रहता है। अब Whatsapp ने अपनी टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया है। जिसका नोटिफिकेशन मंगलवार शाम से ही भारत में यूजर्स को धीरे-धीरे दिया जा रहा है। 8 फरवरी 2021 कोे यूजर्स को इस नई पॉलिसी को एक्सेप्ट करने पड़ेगा, नहीं तो उनको अकाउंट भी डिलीट करना पड़ सकता है।

8 फरवरी से बंद हो सकता है अकाउंट

  अपने अकाउंट को जारी रखने के लिए इस नई पॉलिसी को एक्सेप्ट करना जरूरी होगा। जो नोटिफिकेशन यूजर्स को भेजा रहा है, उसमें एक ऑप्शन Accept का है। लेकिन अभी पॉलिसी को एक्सेप्ट करने के लिए ‘Not Now’ का विकल्प भी दिया जा रहा है। जिसका मतलब ये है कि आप चाहे तो कुछ समय के बाद भी नई पॉलिसी को एक्सेप्ट कर सकते हैं, तब तक आपका अकाउंट चलेगा। लेकिन 8 फरवरी के बाद अकाउंट डिलीट भी हो सकता है।

इस नई पॉलिसी में इंस्टाग्राम और फेसुबक का इंटीग्रेशन ज्यादा है। पहले से ज्यादा यूजर्स का डेटा अब फेसबुक के पास होगा। इससे पहले भी यूजर्स के डेटा को फेसबुक के साथ शेयर किया जा रहा है। लेकिन अब कंपनी की ओर से ये साफ तौर पर बता दिया गया है कि फेसबुक के साथ Whatsapp और इंस्टाग्राम का इंटीग्रेशन ज्यादा रहेगा।


क्या है इस नई पॉलिसी में…?

  लेकिन यहां पर डरने की कोई भी बात नहीं है क्योंकि ये पॉलिसी यूजर्स की प्राइवेसी के लिए ही है। Whatsapp ने अपनी इस नई पॉलिसी में कहा है कि हमारी सेवाओं को ऑपरेट करने के लिए आप Whatsapp को जो कंटेंट आप अपलोड, सबमिट, स्टोर, भेजते या फिर रिसीव करते हैं, उनको यूज, रिप्रोड्यूस, डिस्ट्रीब्यूट और डिस्प्ले करने के लिए दुनियाभर में नॉन-एक्सक्लूसिव, रॉयल्टी फ्री, सब्लिसेंसेबल और ट्रांसफरेबल लाइसेंस दिया जाता है। लाइसेंस में आपके द्वारा दिए गए अधिकार हमारी सर्विस को ऑपरेट और उपलब्ध कराने के सीमित उद्देश्य के लिए हैं।’

जानिए कैसा रहेगा 06 जनवरी को आपका दिन

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जानिए कैसा रहेगा 06 जनवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 06 जनवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…


मेष राशि- 
आपका दिन आज बढ़िया बीतेगा। मन से किए कामों में सफलता मिलेगी। नकारात्मक ऊर्जा दूर रहेगी। स्वास्थ्य भी आपका ठीक रहेगा।


वृषभ राशि- 
दिन आपका मिला जुला बीतेगा। नौकरीपेशा लोगों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। नए कामों की शुरुआत करने से बचें। परिवार में माहौल खुशनुमा रहेगा।


मिथुन राशि- 
दिन की शुरुआत अच्छी होगी। संतान की तरफ से अच्छी खबर मिल सकती है। आज के दिन बेफिजूल में घर से निकलने से बचें। सेहत का ज्यादा ध्यान रखें।


कर्क राशि- 
दिन आपका सामान्य रहेगा। आज आप आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे। किसी भी काम को कल पर ना टालें। लव लाइफ अच्छी रहेगी।


सिंह राशि- 
दिल की बातों का इजहार करने के लिए दिन अच्छा है। लोग आज आपकी भावनाओं की कद्र करेंगे। दिन आपका अच्छा बीतेगा। पॉजिटिव एनर्जी के साथ हर काम को पूरा करेंगे।


कन्या राशि- 
दिन आपका तनाव से भरा बीतेगा। गृहस्थ जीवन में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा। किसी भी परिस्थिति में संयम ना खोएं। कुछ खास लोगों का पूरा सहयोग मिलेगा।


तुला राशि- 
दिन आपका सामान्य रहेगा। कामकाज में आ रही बाधाएं कम होने के आसार है। जीवनसाथी के साथ रोमांटिक दिन बिताएंगे। आज किसी दूसरे के विवाद में पड़ने से बचें।


वृश्चिक राशि- 
आपका दिन उतार चढ़ाव से भरा रहेगा। बिजनेस में नुकसान होने की संभावना है। आज के दिन कोई भी जोखिम भरा काम ना करें। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।


धनु राशि- 
लंबे वक्त से चली आ रही परेशानी दूर होगी। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगीं। पैसों का लेन-देन करने से आपको बचना चाहिए। आपका दिन मिला जुला बीतेगा।


मकर राशि- 
दिन आपको शानदार बीतेगा। लंबे वक्त से कोई योजना बना रहे हैं, तो उस पर काम करने के लिए दिन अच्छा है। किस्मत का आपको साथ मिलेगा। सेहत भी बढ़िया रहेगी।


कुंभ राशि- 
दिन की शुरुआत कुछ परेशानियों से होगी। घर में टेंशन का माहौल रहेगा। भाग-दौड़ करनी पड़ सकती है। स्वास्थ्य की प्रति कोई लापरवाही आज ना बरतें।


मीन राशि- 
दिन आपका ठीक ठाक बीतेगा। किसी के भी झांसे में आने से बचें। कोई भी फैसला अपनी सदबुद्धि से लें। दोस्तों का हर परिस्थिति में साथ मिलेगा।

सिडनी टेस्ट से पहले Team India को बड़ा झटका, सीरीज से बाहर हुए केएल राहुल, जानें वजह?

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सिडनी टेस्ट से पहले Team India को बड़ा झटका, सीरीज से बाहर हुए केएल राहुल, जानें वजह?

गुरुवार 7 जनवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला खेला जाने वाला है। पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया, तो दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया ने मैच जीतकर सीरीज को एक-एक से बराबर किया हुआ है। ऐसे में सिडनी में होने वाला तीसरा मैच काफी अहम है। जो भी टीम ये मैच जीतेगी उसका पलड़ा सीरीज में भारी हो जाएगा।

जहां एक तरफ दूसरा टेस्ट मैच जीतने के बाद टीम इंडिया काफी कॉन्फिडेंट होगी। वहीं ऑस्ट्रेलिया टीम भी वापसी करने की पूरी कोशिश करेगी।

चोटिल होने की वजह से बाहर हुए राहुल

  तीसरे टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया को तगड़ा झटका लग गया है। दरअसल, टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी केएल राहुल सीरीज से बाहर हो गए है। जिसका मतलब ये है कि वो तीसरे और चौथे टेस्ट मैच का भी हिस्सा नहीं बन पाएंगे। केएल राहुल चोटिल होने की वजह से इस सीरीज से बाहर हुए है। इससे पहले सीरीज के दो शुरुआती मुकाबलों में उनको मौका नहीं दिया गया। उनका नाम प्लेइंग 11 में शामिल नहीं किया गया था।


प्रैक्टिस सेशन के दौरान आई मोच

  दरअसल, शनिवार को टीम इंडिया के एक प्रैक्टिस सेशन के दौरान वो चोटिल हो गए। मेलबर्न में नेट्स पर बल्लेबाजी करते हुए राहुल की बाई कलाई में मोच आ गई। उनको पूरी तरह से ठीक होने में तीन हफ्तों का वक्त लगेगा। जिसके चलते उनको टेस्ट सीरीज से बाहर किया गया। केएल राहुल अब देश वापस लौटेंगे और बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में रिहैब की प्रक्रिया से गुजरेंगे।


राहुल को मौका मिलने की थीं संभावनाएं

  राहुल का सीरीज से बाहर होना टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका है। दरअसल, पहले और दूसरे मुकाबले में मौका नहीं मिलने के बाद उम्मीद थीं कि सिडनी टेस्ट में केएल राहुल खेलते नजर आ सकते हैं। वो फिलहाल अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। संभावनाएं ये थीं कि तीसरे टेस्ट मैच में उनको हनुमा विहारी की जगह मौका दिया जाएगा। शुरुआती दो टेस्ट मैचों में विहारी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। तीन पारियों में वो केवल 45 रन ही बना पाए है। इसी वजह से केएल राहुल को हनुमा विहारी की जगह मौका मिलने की संभावना थीं। लेकिन अब उनके सीरीज से बाहर होने की वजह से टीम इंडिया की प्लेइंग 11 पर असर पड़ सकता है।

सिर्फ यही नहीं 5 फरवरी से टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज भी खेलनी हैं। जिसमें भी राहुल का खेलना अब संदिग्ध माना जा रहा है।

वैसे टीम इंडिया के कई खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान चोटिल हुए हैं। इसमें मोहम्मद शमी और उमेश यादव का नाम पहले से शामिल था और अब केएल राहुल भी इसमें जुड़ गए। देखना होगा कि अब तीसरे टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया किन 11 खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरती है…?

कोई बीमारी से जंग हारा, तो किसी ने खुद मौत की लगाया गले…2020 में इन सितारों को खोया

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कोई बीमारी से जंग हारा, तो किसी ने खुद मौत की लगाया गले…2020 में इन सितारों को खोया

साल 2020 हर किसी के लिए काफी उतार चढ़ाव से भरा है। इस साल जो हुआ, उसकी किसी ने कभी भी कल्पना तक नहीं की थीं। पूरी दुनिया ने कोरोना जैसी भयंकर महामारी का सामना किया। वहीं बॉलीवुड के लिए भी ये कभी नहीं भुला पाने वाला साल बन गया। एक तरफ इंडस्ट्री का काम महीनों तक चौपट पड़ा रहा। वहीं दूसरी ओर एक के बाद एक दिग्गज कलाकारों ने इस दुनिया को अलविदा कहा। किसी की बीमारी की वजह से मौत हो गई, तो किसी ने खुद ही मौत को गले लगा लिया। इसके अलावा कोरोना वायरस ने भी कई सितारों को हमेशा के लिए हमसे छीन लिया। आज उन्हीं सितारों पर एक बार नजर डालते हैं, जो 2020 में हमें छोड़कर चले गए…

निम्मी- मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस निम्मी का लंबी बीमारी के चलते 26 मार्च को निधन हो गया। 88 साल की उम्र में वो दुनिया छोड़ गई। उसका वास्तविक नाम नवाब बानो था। निम्मी ने ‘आन’, ‘बरसात’ और ‘दीदार’ जैसी फिल्मों में काम किया है।

इरफान खान- बॉलीवुड को तगड़ा झटका तब लगा, जब अचानक ही दिग्गज कलाकार इरफान खान के निधन की खबर आई। 29 अप्रैल को 54 साल की उम्र में इरफान खान का निधन हो गया।न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से इरफान जूझ रहे थे। अपने एक्टिंग के जरिए वो लोगों के दिल जीत चुके थे।

ऋषि कपूर- इरफान खान की मौत के सदमे से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि अगले ही दिन दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। 30 अप्रैल को ऋषि कपूर का निधन हुआ था। ऋषि कपूर भी कैंसर से जंग रहे थे। वो इलाज के लिए देश से बाहर भी गए थे और सितंबर 2019 में देश लौटकर आए थे। इसके बाद 30 अप्रैल को उनके निधन की खबर आ गई। 67 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हुई। ऋषि ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में जो योगदान दिया है, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।

बासु चटर्जी- दिग्गज फिल्ममेकर बासु चटर्जी ने 4 जून को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 93 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। वो अपनी फिल्मों के जरिए आम आदमी की रोजमर्रा की कहानी को पर्दे पर लाते थे। छोटी सी बात, रजनीगंधा, बातों बातों में, एक रुका हुआ फैसला समेत कई फिल्मों का निर्देशन बासु चटर्जी ने किया।

वाजिद खान- बॉलीवुड की फेमस संगीतकार साजिद-वाजिद की जोड़ी उस वक्त टूट गई, जब वाजिद खान का इंतकाल हो गया। 5 जून को उनके परिवार ने इसकी जानकारी साझा की। उन्होनें बताया कि दिल का दौरा पड़ने की वजह से वाजिद खान की मृत्यु हुई। साजिद वाजिद की जोड़ी काफी मशूहर थी। लेकिन अब ये जोड़ी हमें कभी साथ नजर नहीं आ पाएगी।

सुशांत सिंह राजपूत- बॉलीवुड को इस साल सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब 14 जून की दोपहर को ये खबर आई कि सुशांत सिंह राजपूत इस दुनिया ने नहीं रहे। सुशांत का शव उनके मुंबई वाले घर में पंखे से लटका हुआ मिला। मुंबई पुलिस ने कहा कि डिप्रेशन की वजह से सुशांत की मौत हुई। लेकिन इस केस में एक के बाद एक ऐसे चौंकाने वाले दावे किए गए जिसने पूरी इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया। सुशांत मामले में बॉलीवुड की काफी मबदनामी हुई। सुशांत की मौत को 6 महीनों से ज्यादा का वक्त गुजर गया, लेकिन उनके केस की जांच अब तक जारी है।

सरोज खान- मशहूर कोरियोग्रॉफर सरोज खान का भी इस साल निधन हुआ। 3 जुलाई को सरोज खान ने कार्डियक अरेस्ट की वजह से दम तोड़ दिया। सरोज खान को ‘मास्टर जी’ के नाम से जाना जाता था। उन्होनें 2000 से भी ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया है। माधुरी दीक्षित के साथ उनकी जोड़ी काफी मशहूर थीं। माधुरी को बॉलीवुड की ‘धक धक गर्ल’ के नाम से जाना जाता है। उन्हें इस गाने पर डांस सरोज खान ने ही कराया था। इसके साथ ही माधुरी के कई सुपरहिट सॉन्ग जैसे डोला रे डोला, एक दो तीन, चने के खेत में को उन्होनें ही कोरियग्राफ किया।

जगदीप- 8 मई को एक और लीजेंडरी एक्टर जगदीप का 81 साल की उम्र में निधन हुआ था। वो लंबे वक्त से बीमार थे। जगदीप ने वैसे तो कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया, लेकिन ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार सबसे खास रहा। उन्होनें 400 के करीब फिल्मों में काम किया।

निशिकांत कामत- फिल्ममेकर निशिकांत कामत ने 17 अगस्त को अस्पताल में अंतिम सांस ली। 50 वर्ष की उम्र में उनका निधिन हुआ। वो पिछले दो सालों से लिवर सिरोसिस से जूझ रहे थे। अजय देवगन स्टारर ‘दृश्यम’, इरफान खान की फिल्म ‘मदारी’ और जॉन अब्राहम के साथ ‘फोर्स’ और ‘रॉकी हैंडसम’ जैसी बॉलीवुड फिल्मों का उन्होनें डायरेक्शन किया था।

समीर शर्मा- अगस्त में टीवी एक्टर समीर शर्मा ने सुसाइड कर ली थी। वो ‘कहानी घर घर की’ समेत कई सीरियलों में काम कर चुके थे। 44 साल की उम्र में उन्होंने अपने मलाड पश्चिम स्थित घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी।

एसपी बालासुब्रमण्यम- दिग्गज सिंगर का एसपी बालासुब्रमण्यम 74 साल की उम्र में निधन हो गया था। 5 अगस्त को वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उनको सलमान खान की आवाज के तौर पर जाना जाता था। 50 साल के सिंगिंग करियर में एसपी बालासुब्रमण्यम ने हिंदी समेत तेलुगू, कन्नड़, तमिल और मलयालम में करीब 40 हजार गाने गए। कन्नड़ कंपोजर उपेंद्र कुमार के लिए उन्होनें 12 घंटों में 21 गाने गाए थे, जिसकी वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज हो चुका है।

आसिफ बसरा- एक्टर आसिफ बसरा ने हिमाचल के धर्मशाला में सुसाइड कर अपनी जान दे दी। वो 12 नवंबर को अपने घर पर मृत पाए गए थे। पालतू कुत्ते के पट्टे से फंदा लगाकर उन्होनें सुसाइड कर ली थी। आसिफ बॉलीवुड के एक जाने माने चेहरे थे। उन्होनें ‘परजानियां’, ‘ब्लैक फ्राईडे’ ‘काई पो छे’ जैसे कई फिल्मों में काम किया।

सौमित्र चटर्जी- 15 नवंबर को बंगाल के लेजेंडरी एक्टर सौमित्र चटर्जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। वो लंबे समय से बीमार थे। वो कोरोना का शिकार भी हुए थे, लेकिन वायरस को उन्होनें मात दे दी थी। वो कई अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। चटर्जी को 2004 में पद्म भूषण दिया गया, 2012 में सौमित्र चटर्जी को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही 2018 में उनको फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन डी ऑनर’ से भी सम्मानित किया गया था।

इन कलाकारों की भी हुई मौत- इसके अलावा भी कई और दिग्गज कलाकारों का 2020 में निधन हुआ। 28 जुलाई को मशहूर एक्ट्रेस कुमकुम की मृत्यु हुईं। 22 सितंबर को फेमस एक्टर्स आशालता वबगांवकर का निधन हुआ। वो कोरोना से पीड़ित थीं। इसके अलावा 83 साल की उम्र में मशहूर अभिनेता रवि पटवर्धन का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। 9 दिसंबर को साउथ एक्ट्रेस वीजे चित्रा अपने होटल रूम में मृत पाई गई। 7 दिसंबर को टीवी एक्ट्रेस दिव्या भटनागर की कोरोना की वजह से मौत हो गई। वो 34 साल की थीं।

Yearender 2020: सुशांत की मौत से लेकर कंगना के पंगों तक…बॉलीवुड के इन 10 बड़े विवादों ने बटोरीं सबसे ज्यादा सुर्खियां

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Yearender 2020: सुशांत की मौत से लेकर कंगना के पंगों तक…बॉलीवुड के इन 10 बड़े विवादों ने बटोरीं सबसे ज्यादा सुर्खियां

साल 2020 अब खत्म होने वाला है। ये साल काफी मुश्किलों से भरा रहा। महामारी कोरोना वायरस ने लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। बॉलीवुड के लिए भी ये साल काफी उतार चढ़ाव से भरा रहा। जहां एक तरफ कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से कोई भी फिल्म थिएटर में नहीं रिलीज नहीं हो और महीनों तक शूटिंग भी रुकी रहीं। वहीं इस दौरान कई दिग्गज कलाकारों ने दुनिया को अलविदा भी कहा। लेकिन फिर भी बॉलीवुड फिर भी किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में बना रहा। 2020 में ऐसी कई कंट्रोवर्सी हुई, जिसने बॉलीवुड में तहलका मचा दिया। आइए आज 2020 में हुई बॉलीवुड की बड़ी कंट्रोवर्सी के बारे में बात करते हैं…

दीपिका का JNU विवाद

साल 2020 की शुरुआत ही बॉलीवुड के लिए कंट्रोवर्सी से हुई थीं। दीपिका की फिल्म छपाक तब विवादों में घिर गईं थीं, जब वो दिल्ली की JNU यूनिवर्सिटी पहुंच गई थीं। इसके बाद उनकी फिल्म औंधे मुंह बॉक्स ऑफिस पर गिर पड़ीं। JNU हिंसा के बाद दीपिका वहां छात्रों का साथ देने के लिए पहुंची थीं, जिसके बाद लोग इस पर भड़क गए और उनकी फिल्म को बॉयकाट किया।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने चौंकाया

इस साल बॉलीवुड की सबसे बड़ी कंट्रोवर्सी सुशांत सिंह राजपूत की मौत रही। 14 जून को अचानक से ये खबर आई कि महज 34 साल की उम्र में सुशांत ने मौत हो गई। जहां मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत को सुसाइड बता दिया। बताया गया कि सुशांत ने डिप्रेशन की वजह से सुसाइड की। लेकिन उनके तमाम चाहने वालों के लिए ये मानना मुश्किल हो रहा था। सुशांत की मौत का मामला ऐसा उछला कि विदेशों में भी इसकी गूंज सुनने को मिलीं। इस केस में सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती सवालों के घेरे में आ गई। ये मामला मुंबई पुलिस से होता हुआ सीबीआई, एनसीबी और ईडी तक पहुंचा। सुशांत की मौत को 6 महीनों से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अब तक उनकी मौत की असल वजह सामने नहीं आ पाई है।

बॉलीवुड को ड्रग एंगल ने हिलाया

सुशांत की मौत का मामला महीनों तक सबसे ज्यादा चर्चित टॉपिक बना रहा। सुशांत के केस की जांच में ही ड्रग्स का एंगल भी निकलकर सामने आया, जिसने बॉलीवुड के दामन पर कई ऐसे दाग लगा दिए जो शायद कभी नहीं मिट पाएंगे। ड्रग्स एंगल की जांच के दौरान जहांं एक तरफ रिया चक्रवर्ती कुछ दिनों के लिए जेल गई, तो दूसरी ओर इसमें कई बड़े बॉलीवुड सितारों के नाम भी सामने आए। दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह, श्रद्धा कपूर, अर्जुन रामपाल, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया समेत कई सितारे ड्रग्स मामले की जांच के लिए एनसीबी के सामने पेश हुए।

नेपोटिज्म को लेकर घिरा बॉलीवुड

सुशांत की मौत को लेकर एक और विवाद खड़ा हुआ था और वो था नेपोटिज्म को लेकर विवाद। एक्टर की मौत के बाद से ही नेपोटिज्म को लेकर जोरों-शोरों पर चर्चाएं शुरू हो गईं। इस दौरान लोगों के निशाने पर बॉलीवुड आ गया। कई लोगों ने ये आरोप लगाए कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा दिया गया, जिसकी वजह से सुशांत जैसे कलाकार यहां टिक नहीं पाए। इसके बाद लोगों ने स्टारकिड की फिल्मों को बॉयकाट करना शुरू कर दिया। इसका असर आलिया भट्ट की फिल्म ‘सड़क 2’ पर देखने को मिला। सड़क-2 के ट्रेलर को लोगों ने इतना डिस्लाइक किया कि फिल्म का ट्रेलर दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा डिस्लाइक किया जाने वाला वीडियो बन गया।

सोनू निगम के भूषण कुमार पर गंभीर आरोप

सुशांत की मौत के बाद सोनू निगम ने एक चौंका देने वाला दावा कर सनसनी मचा दी। मशहूर सिंगर ने एक वीडियो जारी कर कहा कि सुशांत की तरह ही म्यूजिक इंड्रस्टी के भी कई सिंगर आत्महत्या कर लेंगे। ये मामला तब बढ़ गया, जब सोनू ने टी सीरीज के मालिक भूषण कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए और उनको म्यूजिक इंडस्ट्री का माफिया तक कह डाला। जिसके बाद भूषण की पत्नी उनके बचाव में उतरी और सोनू निगम को जवाब देते हुए एक वीडियो शेयर की। भूषण की वाइफ दिव्या खोसला कुमार ने कहा कि टी सीरीज ने ही सोनू को ब्रेक दिया था और अब वो इतने बड़े सिंगर बनने के बाद ऐसा कह रहे हैं।

कंगना और महाराष्ट्र सरकार के बीच छिड़ी जंग

सुशांत के बाद इस साल जो बॉलीवुड सितारा सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा, वो थीं पंगा गर्ल कंगना रनौत। इस साल कंगना ने ना जाने कितने लोगों से पंगे लिए। सुशांत की मौत पर भी कंगना ने काफी आवाज उठाई और इस दौरान बॉलीवुड पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तो ये तक कह दिया कि सभी बड़े एक्टर्स का डोप टेस्ट कराने तक की मांग रख दीं। इस दौरान कंगना की महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस से सीधी जंग छिड़ गए। सुशांत के केस को लेकर कंगना ने मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत से जुबानी जंग छिड़ी। इस दौरान कंगना ने एक ट्वीट कर मुंबई की तुलना PoK से कर दी, जिस पर काफी विवाद हुआ। इसके बाद BMC ने कंगना के ऑफिस पर बुल्डोजर चला दिया।

किसान आंदोलन पर दिलजीत से भिड़ी कंगना

कंगना रनौत किसान आंदोलन पर अपनी ट्वीट को लेकर अभी भी खूब सुर्खियों में बनीं हुई हैं। कंगना अक्सर ही ट्विटर पर लोगों से भिड़ती हुईं नजर आती हैं। थोड़े दिन पहले ही उनकी लड़ाई मशहूर सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ से हो गईं थीं। कंगना ने एक बुजुर्ग महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जिसको लेकर दिलजीत उन पर भड़क गए। जिसके बाद दोनों के बीच में बात काफी बिगड़ गई। कंगना और दिलजीत दोनों ने एक-दूसरे को अपशब्ध कहे। इस दौरान दिलजीत को खूब सपोर्ट बॉलीवुड की तरफ से मिला।

जया बच्चन का ‘थाली में छेद’ वाला बयान

सुशांत केस में सामने आए ड्रग्स मामले को लेकर बॉलीवुड दो हिस्सों में बंट गया था। एक तरफ कंगना, रवि किशन जैसे सितारे थे जो बॉलीवुड में ड्रग्स की समस्या पर अपनी राय रख रहे थे। दूसरी तरफ जया बच्चन समेत कई सितारों ने बॉलीवुड को बदनाम करने के आरोप लगा दिए थे। जया बच्चन ने संसद में बयान देते हुए कहा था कि ये लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद कर रहे हैं। उनके इस बयान की जहां लोगों ने जमकर आलोचना की, तो वहीं जया बच्चन को इंडस्ट्री के कई लोगों का साथ मिला था।

करण जौहर और मधुर भंडारकर के बीच विवाद

करण जौहर के लिए ये साल काफी बुरा रहा। उनको नेपोटिज्म विवाद की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा करण का मधुर भंडारकर के साथ भी वेब सीरीज को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, मधुर भंडारकर ने करण पर वेब सीरीज का नाम कॉपी करने का आरोप लगा दिया। द फैब्यूलेस लाइफ ऑफ बॉलीवुड वाइफ्स नाम से करण जौहर का एक शो नेटफ्लिक्स पर आया था, जिसको लेकर हंगामा हुआ। मधुर ने कहा कि करण ने उनकी इजाजत के बिना करण ने नाम को बदलकर इस्तेमाल कर लिया। जिसके बाद करण ने मधुर की आपत्ति पर पोस्ट डालकर बताया कि उनका नाम कुछ और था। इस दौरान दोनों के बीच में बहस देखने को मिली।

इन फिल्मों-वेब सीरीज ने पहुंचाई धार्मिक भावनाओं को ठेंस

अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी भी इस काफी विवादों में रहीं। दरअसल, उनकी फिल्म पर लव जिहाद को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंचाने के आरोप लगे। जिस दौरान अक्षय को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। वैसे सिर्फ फिल्में ही नहीं कई वेब सीरीज पर भी धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंचाने के आरोप झेलने पड़े, जिसमें बॉबी देओल की आश्रम और अ सूटेबल बॉय शामिल थीं।

कहीं बच्चों को डराकर, तो कहीं लाल रंग का अंडरवियर पहनकर…इन देशों में बेहद अलग तरीके से मनाया जाता है क्रिसमस

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कहीं बच्चों को डराकर, तो कहीं लाल रंग का अंडरवियर पहनकर…इन देशों में बेहद अलग तरीके से मनाया जाता है क्रिसमस

दुनियाभर में क्रिसमस के त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन ज्यादातर लोगों के घरों में साज-सजावट करते है। कई लोग अपने घर में क्रिसमस ट्री भी लगाते हैं। 25 दिसंबर क्रिसमस डे को प्रभु यीशु के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर लोग एक-दूसरे को केक खिलाते हैं। सेंटा क्लॉज बनने के साथ इस दिन गिफ्ट्स का लेन-देने भी किया जाता है।

क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है, जिसके दुनिया के कई देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ देशों में क्रिसमस मनाने की बेहद ही रोचक और अजीब परंपराएं है। आइए आज हम आपको उन देशों और उनकी अजीबो-गरीब परंपराओं के बारे में बताते हैं…

जापान में ऐसे चुनते हैं पार्टनर

क्रिसमस का त्योहार जापान में कुछ हटकर मनाया जाता है। यहां इस त्योहार को प्रेम के प्रतीक के रूप में मना जाता है। जापान में इंटरनेट पर पहले पार्टनर की तलाश की जाती है और उसके बाद उनके साथ शाम में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। अगर किसी को कोई पार्टनर नहीं मिलता है तो वो घर पर ही रहता है।

ऑस्ट्रेलिया में बनाई जाती है खास खीर

ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। यहां सार्वजनिक जगहों पर क्रिसमस ट्री और सांता क्लोज के स्टेच्यू लगाए जाते है। ऑस्ट्रेलिया में इस मौके पर आलू बुखारे की खीर बनाई जाती है। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया में गर्मी का मौसम रहता है जिस वजह से सेंटा समुद्र के किनारे सर्फ बोर्ड पर घूमते-फिरते नजर आते हैं।

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स्पेन में है रोचक प्रथा

स्पेन में क्रिसमस पर रोचक प्रथा होती है। इस दिन यहां के लोग रेड रंग की अंडरवियर पहनते हैं। स्पेन में 8 दिसंबर से ही क्रिसमस के त्योहार की शुरुआत हो जाती है। इस अवसर पर यहां के सभी लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं और उन्हें गिफ्ट भी देते हैं।

ऑस्ट्रिया में डर का खेल

ऑस्ट्रिया में क्रिसमस के त्यौहार पर एक ‘दानव’ द्वारा बच्चों को डराने की एक बेहद ही अनोखी परंपरा है। यहां पर युवक भूत-प्रेत और राक्षस का वेश बनाकर सड़क पर घूमते हैं और शरारती बच्चों को डराते हैं। कहा जाता है कि इस तरह से करने पर शरारती बच्चों में सुधार आता है।

मेक्सिको में अनोखी प्रथा

मेक्सिको में क्रिसमस डे के अवसर पर जड़ वाली सब्जियों के स्टैच्यू बनाने की प्रथा है। यहां पर 16 दिसंबर से 25 दिसंबर तक क्रिसमस डे मनाया जाता है। इस अवसर पर सभी चर्च में ही डिनर करते हैं। इसके बाद 5 जनवरी को गिफ्ट्स का लेन-देन किया जाता है।

फ्रांस में बच्चे करते हैं ऐसा

फ्रांस में रात को सोने से पहले बच्चे फायर प्लेयस के पास अपने जूते लटकाते हैं। उनका ऐसा मानना है कि रात के समय सेंटा उस जूते में गिफ्ट रखकर जाते हैं।

युक्रेन में काफी अलग

यूक्रेन में क्रिसमस डे कुछ अलग तरीके से मनाया जाता है। यहां क्रिसमस ट्री पर गुडलक के लिए मकड़ी के जाले लटकाए जाते हैं। इसके अलावा इस अवसर पर 12 तरह के पकवान बनाए जाते हैं। ये सभी व्यंजन ईसा मसीह के 12 अनुयायियों को दर्शाते हैं। वहीं, इन 12 पकवान बनाने के दौरान बच्चों को रसोई में नहीं जाने दिया जाता है।

नार्वे में छिपा देते हैं झाड़ू

क्रिसमस डे के अवसर पर नार्वे में सभी लोग अपने घर में झाड़ू छिपा देते हैं। इसके पीछे का कारण ये है कि क्रिसमस की शाम हवा में गंदी वस्तु्एं और बुरी चीजें उड़ती हैं। लोगों की मान्यता है कि ये सभी झाड़ू के साथ घर में आ जाते हैं। जिसके चलते झाड़ू छिपाने से ये गंदी वस्तुएं घर में नहीं आ पाती हैं।

ब्रिटेन में फादर को लिखते हैं चिट्ठी

क्रिसमस डे के अवसर पर ब्रिटेन में बच्चे काफी उत्साहिक रहते हैं। इस दिन वो फादर के नाम एक चिट्ठी लिखकर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और इसे आग के पास डाल देते हैं। ऐसे में अगर इस चिट्ठी को आग पकड़ लेती हैं तो बच्चे एक बार फिर एक नया पत्र लिखते हैं।

क्रिसमस ट्री से लेकर सांता क्लॉज की कहानी तक….Christmas से जुड़ी ये बातें जरूर जानें आप!

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क्रिसमस ट्री से लेकर सांता क्लॉज की कहानी तक….Christmas से जुड़ी ये बातें जरूर जानें आप!

क्रिसमस का त्योहार दुनिया के ज्यादातर देशों में मनाया जाता है। इस दिन लोग चर्च जाकर प्रेयर करते है। इसके अलावा क्रिसमस के दिन लोग अपने करीबियों को केक खिलाते हैं और तोहफे देते हैं। साथ ही इस दिन क्रिसमस ट्री भी सजाया जाता है। क्रिसमस ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होता है और इसे बड़ा दिन भी कहते है। आइए आपको क्रिसमस से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताते है…

इसलिए 25 दिसंबर को मनाया जाता है क्रिसमस

ऐसी मान्यता है कि 25 दिसंबर को प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। हालांकि बाइबल में प्रभु यीशु के जन्म की कोई निर्धारित तारीख के बारे में जिक्र नहीं किया हुआ है। फिर भी हर वर्ष 25 दिसंबर के दिन ही उनका जन्मदिन क्रिसमस डे के रूप में मनाते हैं।

हालांकि प्रभु यीशु के जन्म दिवस की डेट को लेकर विवाद भी हुए। 336 ईस्वी में इस त्योहार को सबसे पहले रोम में मनाया गया था। जिसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक रूप में प्रभु यीशु के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने की घोषणा कर दी थी।

क्या है प्रभु यीशु के जन्म की कहानी?

पौराणिक कथाओं के मुताबिक एक दिन सपने में मरियम को ये भविष्यवाणी होती हुई सुनाई दी कि उनके घर में प्रभु यीशु का जन्म होने वाला है। इसके कुछ दिन बाद मरियम गर्भवती हो गई। गर्भावस्था में उनको बेथलहम की यात्रा पर जाना पड़ा। इस दौरान रास्ते में रात होने के चलते एक गुफा में उनको शरण लेनी पड़ी, जिसमें पशु पालने वाले गड़रिए रहते थे। इस गुफा में ही प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

सांता क्लॉज से जुड़ी ये कहानी जानते हैं आप?

सांता क्लॉज की भी क्रिसमस पर काफी मान्यता होती है। ऐसा माना जाता है कि सांता क्लॉज रात के अंधेरे में बच्चों को गिफ्ट्स देते है। प्रचलित कहानियों के मुताबिक संत निकोलस, जिनको हम सांता क्लोज के नाम से जानते है, उनका जन्म ईसा मसीह की मृत्यु के करीबन 280 साल बाद मायरा में हुआ। संत निकोलस अमीर थे, बचपन में ही उनके माता पिता का निधन हो गया था।

उनकी प्रभु यीशु में काफी आस्था थी। संत निकोलस का बच्चों से काफी लगाव था। वो हमेशा गरीबों की मदद किया करते थे। वो सीक्रेट तोहफों के जरिए लोगों को खुश करने की कोशिश करते थे। संत निकोलस को एक दिन ये पता चला कि एक गरीब शख्स है, जिसकी तीन बेटियां है। उनकी शादी के लिए उनके पास पैसे नहीं है।

जिसके बाद निकोलस ने उस व्यक्ति की मदद करने के बारे में सोचा। उन्होनें रात को उस शख्स की छत में लगी चिमनी में से सोने से भरा बैग नीचे डाल दिया। इसी दौरान उस व्यक्ति ने अपना मोजा सुखाने के लिए चिमनी में लगाया हुआ था। इसी दौरान उनसे देखा कि मोजे में सोने से भरा बैग आकर गिरा और ऐसा तीन बार हुआ। अंत में व्यक्ति ने निकोलस को ये करते देख लिया। निकोलस ने इसके बारे में किसी को नहीं बताने को कहा, लेकिन फिर भी ये बात फैल गई और इसी के बाद से क्रिसमस के दिन तोहफे देने का और सांता क्लॉज का रिवाज शुरू हुआ।

12 दिनों तक मनाया जाता है क्रिसमस

क्रिसमस का जश्न 12 दिनों तक चलता है। इसके पीछे का कारण ये बताया जाता है कि जीसस का जब जन्म हुआ उसके 12वें दिन 3 आलिम उन्हें गिफ्ट और दुआएं देने आए थे। इसकी शुरुआत 25 दिसंबर से होती है।

इसलिए सजाया जाता है क्रिसमस ट्री

इस दिन क्रिसमस ट्री भी सजाया जाता है। क्रिसमस ट्री की शुरुआत हजारों साल पहले उत्तरी यूरोप में हुई थी। उस दौरान “Fir” नामक पेड़ को सजाकर इस त्योहार को मनाते थे। जैसे-जैसे वक्त बीता वैसे-वैसे दुनियाभर में क्रिसमस ट्री का चलन बढ़ गया। ज्यादतर लोग अब क्रिसमस डे पर इस पेड़ को घर लाकर खिलौने, कैंडी,लाइट्स, बल्ब,गिफ्ट्स और चॉकलेट्स से सजाते हैं। कहा जाता है कि 1570 से क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा की शुरुआत हुई थी। क्रिसमस ट्री एक सदाबहार पेड़ है। इस पेड़ के पत्ते किसी भी मौसम में नहीं गिरते हैं और ना ही कभी मुरझाते हैं। क्रिसमस ट्री को लेकर ये भी मान्यता है कि इसे सजाने से घर में मौजूद किसी भी तरह का वास्तु दोष तक दूर हो जाता है।

भारत के पांचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की है जयंती, जानिए क्यों कहलाए जाते हैं “किसानों का मसीहा”

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भारत के पांचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की है जयंती, जानिए क्यों कहलाए जाते हैं “किसानों का मसीहा”

डॉ. अंबेडकर और सरदार पटेल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ऐसे तीसरे महापुरुष हैं जिन्हें अपने विचारों के लिए जीवनकाल में उतनी स्वीकार्यता और प्रसिद्धि नहीं मिली जितनी उनके निधन के बाद प्राप्त हुई. आज यानी 23 दिसंबर, शुक्रवार को देश के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती है और इनकी स्मृति में राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है, तो आइए आपको पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बारे में बताते हैं…

पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों की आवाज बुलंद करने वाले प्रखर नेता चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसबंर 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर ग्राम में हुआ था. एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्में चौधरी चरण सिंह का का परिवार जाट पृष्ठभूमि वाला था. इन्होंने 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला था.

किसानों के कहलाए जाते थे मसीहा

अंग्रेजों की गुलामी में भी चौधरी चरण सिंह ने भारत के किसानों का कर्ज माफ कराने का दम रखा, इन्होंने खेतों की नीलामी और जमीन इस्तेमाल का बिल तैयार करवाया था. जिसके चलते इन्हें “किसानों का मसीहा” भी कहा जाता है. बता दें कि साल 1979 में उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के तौर पर चरण सिंह ने प्रस्तुत अपने बजट में 25 हजार गांवों के विद्युतीकरण को अनुमति दी थी.

साल 1937 में जब भारत में अंतरिम सरकार बनी तो उस दौरान चरण सिंह भी विधायक बने थे. साल 1939 में सरकार में रहते हुए उन्होंने कर्जमाफी विधेयक पास करवाया था. ये पहले ऐसे नेता रहे जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से कर्जमाफी करवाई थी.

अगर बात करें चौधरी चरण सिंह की पढ़ाई की तो इन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा प्राप्त कर साल 1928 में गाजियाबाद में वकालत शुरू की. उसके बाद इनकी शादी गायत्री देवी से हुई थी.

संसद का नहीं किया सामना

जुलाई 1979 में चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बने, वो बात अलग है कि बाद में इंदिरा गांधी ने अपना समर्थन वापस ले लिया और उनकी सरकार भी गिरी. जिसके चलते इतिहास में ये भी दर्ज है कि चरण सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्हें कभी संसद का सामना नहीं कर पड़ा था.

वहीं, चरण सिंह को लेकर एक और बड़ी बात ये है कि वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को मानने वाले लेकिन नेहरू के प्रतिस्पर्धी थे. वो अपने आपको कभी भी किसी से कम नहीं समझते थे. 85 साल की उम्र में 29 मई, 1987 को किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह ने अलविदा कह दिया. इतिहास के पन्नों में चौधरी चरण सिंह का नाम प्रधानमंत्री से ज्यादा एक किसान नेता के तौर पर जाना जाता है.

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस: 18 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है ये दिन और कब से हुई शुरुआत!

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अल्पसंख्यक अधिकार दिवस: 18 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है ये दिन और कब से हुई शुरुआत!

देशभर में 18 दिसंबर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day) मनाया जाता है. इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग, के अलावा कई संस्थाएं विभन्न कार्यक्रम करती हैं. इस दिन को अल्पसंख्यक लोगों को आगे लाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए खासतौर पर मनाया जाता है. भारत में अल्पसंख्यकों में सिख, ईसाई,मुस्लिम, बौद्ध, जैनी और पारसी को गिना जाता है. आइए आपको अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के बारे में बताते हैं कि ये भारत में क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरूआत कब से हुई है….

ये है अल्पसंख्यक अधिकार दिवस माने का कारण

भाषाई, धर्म, जाति और रंग के आधार पर भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस नागरिकों के अधिकारों को बढ़ावा और संरक्षित करने हेतु एक अहम दिन है. हालांकि भारतीय संविधान हमेशा अल्पसंख्यकों के साथ ही सभी समुदायों को समान और न्यायपूर्ण अधिकार प्रदान करता था और करता रहेगा मगर अल्पसंख्यकों के अधिकारों से जुड़े कुछ मुद्दे आज भी जीवित हैं. वहीं, देश में 18 दिसंबर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने के पीछे का कारण हर राज्य अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर पूर्ण रूप से केंद्रित है. इसके अलावा ये सुनिश्चित करता है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार उनके प्रांत में सुरक्षित हैं.

इसलिए चुना गया अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का दिन

आपको बता दें कि साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मानाने के लिए 18 दिसंबर का दिन चुना था. भाषा, अल्पसंख्यक धर्म, जाति या राष्ट्रीयता के आधार पर होते हैं. इस दिन की तारीक का ऐलान करते वक्त संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने कहा था कि देशों को अल्पसंख्यकों की संस्कृति, धर्म-जाति आदि की रक्षा करने के लिए कदम उठाने होंगे, जिससे कि अल्पसंख्यकों का अस्तित्व खतरे में न आए.

संयुक्त राष्ट्र ने उठाया था ये बड़ा कदम

आपको बता दें कि अल्पसंख्यक अधिकार दिवस को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा बड़े कदम उठाया गया था. ऐसे में विशेषतौर पर भारत के नजरिए से भी ये कदम उठाया गया था. कहा जाता है कि इसी को ध्यान में रखते  हुए भारत में अल्पसंख्यक आयोग बनाया गया था, इस आयोग का कार्य अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ ही कदम उठाता है. इसके अलावा बहुसंख्यकों के साथ इनका समन्वय बनाने का प्रयास करता है.