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पाकिस्तान में मौजूद हैं सिखों के दो पवित्र स्थल, जानिए ननकाना साहिब का इतिहास

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पाकिस्तान में मौजूद हैं सिखों के दो पवित्र स्थल, जानिए ननकाना साहिब का इतिहास

भारत के बंटवारे के दौरान पंजाबी, बंगाली, कश्मीरी और सिंधी लोगों को सबसे अधिक नुकसान हुआ. पंजाब के बंटवारे के चलते सिख धर्म के आधे पवित्र तीर्थ स्थल पाकिस्तान और भारत के बंटवारे की तरह ही बंट गए. इस दौरान आधे पवित्र तीर्थ स्थल भारत में रह गए और आधे पाकिस्तान में. वहीं, आज हम आपको सिखों के दो पवित्र स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पाकिस्तान में मौजूद है, तो आइए आपको बताते हैं…

सिखों के दो पवित्र स्थल

पाकिस्तान में ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब सिखों के दो पवित्र तीर्थ स्थल हैं. जिनमें से एक ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर से तकरीबन 75 किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं, दूसरी ओर करतारपुर साहिब लाहौर से तकरीबन 117 किलोमीटर पर स्थित है. भारत के तीर्थी पहले करतारपुर साहिब उसके बाद ननकाना साहिब जाते हैं.

कहां है करतारपुर साहिब

पाकिस्तान के नारोवाल जिले में करतारपुर साहिब स्थित है. ये स्थान भारत के सीमा से केवल 3 किमी. की दूर पर है. सिख इतिहास के मुताबिक गुरु नानक देव जी ने अपनी चार प्रसिद्ध यात्राओं को पूरा करने के बाद सन् 1522 में करतारपुर साहिब में रहने लगे थे, जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन काल के आखिर 17 साल यहीं बिताए थे.

कहां है ननकाना साहिब

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ननकाना साहिब है. ये लाहौर के दक्षिण पश्चिम से तकरीबन 80 किमी. और फैसलाबाद के पूर्व से 75 किमी दूर पर है. 550 साल पहले सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्म ननकाना साहिब में हुआ था, उन्होनें यहां पर ही पहली बार उपदेश दिया था. सिखों के लिए उच्च ऐतिहासिक होने के साथ ही धार्मिक मूल्य का एक शहर ननकाना साहिब है. तलवंडी गांव में ननकाना साहिब का जन्म हुआ था.

कहां हुआ था गुरु नानक का जन्म

गुरु नानक जी के जीवन के समय बहुत सी चमत्कारी घटनाएं और कई ऐतिहासिक गुरुद्वारों की जगह है. ननकाना साहिब गुरुद्वारा करीब 18,750 एकड़ जमीन पर है. इस जमीन को तलवंडी गांव के एक मुस्लिम मुखिया राय बुलार भट्टी ने गुरु नानक जी को दी थी. ननकाना साहिब क्षेत्र शुरू में शेखपुरा जिले का एक तहसील था और फिर ये साल 2005 में ननकाना साहिब नाम से एक अलग जिला बना.

ननकाना साहिब में कितने गुरुद्वारे

आपको बता दें कि ननकाना साहिब में गुरुद्वारा जन्मस्थान समेत नौ गुरुद्वारे हैं. जिनमें से गुरुद्वारा जन्मस्थान बहुत बड़ा है, यहां पर बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए आते हैं. गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश स्थल के चारों तरफ काफी लंबी चौड़ी परिक्रमा है. इसी परिक्रमा में बैठकर श्रद्धालु शबद-कीर्तन का आनंद लेते हैं. यहां एक पवित्र सरोवर भी जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं.

कहां बीता गुरु नानक का बचपन

15 से 16 साल की उम्र तक गुरु नानक जी तलवंडी में रहे थे. यहां के बाद वो सुल्तानपुर लोधी चले गए, ये अब भारतीय पंजाब के कपूरथला जिले में है. यहां पर इनकी बहन बीबी नानकी रहती थीं.

18 सालों बाद वतन वापसी: इस छोटी सी गलती की वजह से पाकिस्तानी जेल में बंद रही हसीना बेगम, देश लौटकर बोलीं…

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18 सालों बाद वतन वापसी: इस छोटी सी गलती की वजह से पाकिस्तानी जेल में बंद रही हसीना बेगम, देश लौटकर बोलीं…

दूसरे देश में जाकर रहने वालों को अपने देश की याद तो खूब सताती होगी। जब सालों बाद अपने वतन वापस लौटकर आने का मौका मिले, तो वो खुशी ही अलग होती होगी। और वो भी खासकर तब, जब महज एक छोटी सी गलती के चलते किसी को सालों पाकिस्तान की जेल में रहना पड़े।

कई ऐसे भारतीय लोग होंगे, जो अपनी छोटी छोटी गलती की वजह के चलते सालों से पाकिस्तान की जेल में होंगे और अपने देश वापस लौटकर आने की राह देख रहे होंगे। ऐसा ही एक मामला हसीना बेगम का भी है। 18 सालों तक पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद हसीना बेगम की कल यानी देश के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर वतन वापसी हुईं।

पासपोर्ट खोया और फिर…

65 साल की हसीना बेगम अपनी एक छोटी सी गलती के चलते इतने सालों तक पाकिस्तान की जेल में रहीं और वो गलती थी उनका पासपोर्ट खो जाना। दरअसल, हसीना बेगम अपने पति के रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान गई थीं। इस दौरान उनका पासपोर्ट वहीं पर गुम गया। जिसके बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया। अब बीते दिन मंगलवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में उनकी वापसी हुईं।

‘ऐसा लग रहा है स्वर्ग में हूं’

जब मंगलवार को हसीना बेगम औरंगाबाद पहुंची, तो इस दौरान परिजन समेत कई पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। देश लौटकर आने के बाद हसीन बेगम बहुत खुश हैं। उन्होनें कहा कि पाकिस्तान की जेल में उनके दिन काफी मुश्किलों से भरे गुजरे, लेकिन अब वतन लौटकर आने के बाद उन्हें शांति का एहसास हो रहा है।

हसीना बेगम बोलीं कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि मैं स्वर्ग में हूं। उन्होनें बताया कि मुझे पाकिस्तानियों ने जबरदस्ती कैद किया था। वतन वापसी के लिए हसीना बेगम ने औरंगाबाद पुलिस का भी धन्यवाद किया।

कोर्ट से लगाई गुहार, 18 साल बाद लौटीं देश

बता दें कि हसीना बेगम महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली हैं। उनकी 18 साल पहले मुलाकात उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले दिलशाद अहमद से हुई थी। फिर दोनों की शादी हो गई। हसीना बेगम कुछ रिश्तेदारों से पाकिस्तान के लाहौर गई थीं और वो इस दौरान पासपोर्ट खोने की वजह से 18 सालों तक जेल में रहीं।

पाकिस्तान की जेल में बंद होने के बाद हसीना बेगम ने कोर्ट में गुहार लगाई कि वो निर्दोष हैं। जिसके बाद पाकिस्तान की अदालत ने इस मामले पर जानकारी मांगी। औरंगाबाद पुलिस ने पाकिस्तान को जानकारी देते हुए बताया कि उनके नाम पर औरंगाबाद में सिटी चौक पुलिस स्टेशन के तहत एक घर पंजीकृत है। जिसके बाद बीते हफ्ते ही उनको रिहा किया और भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया। बीते दिन यानी 26 जनवरी को हसीना बेगम अपने परिजनों से मिल पाईं।

रिपब्लिक डे की बधाई देते हुए शिल्पा शेट्टी ने कर दी ये बड़ी गलती, हुई जमकर ट्रोल, लोगों ने कहा- गवार बॉलीवुड

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रिपब्लिक डे की बधाई देते हुए शिल्पा शेट्टी ने कर दी ये बड़ी गलती, हुई जमकर ट्रोल, लोगों ने कहा- गवार बॉलीवुड

26 जनवरी को देश में 72वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया गया। इस दौरान तमाम सितारों ने भी सोशल मीडिया के जरिए रिपब्लिक डे की बधाई दी, जिसमें फेमस एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी का नाम भी शामिल था। शिल्पा शेट्टी ने बीते दिन सोशल मीडिया के जरिए लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। लेकिन इस दौरान वो एक ऐसी बड़ी गलती कर बैठी, जिसकी वजह से शिल्पा को जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

दरअसल, शिल्पा शेट्टी ने मंंगलवार को बधाई देते हुए गलती से गणतंत्र दिवस की जगह स्वतंत्रता दिवस लिख दिया था। बस फिर किया था, जैसे ही उन्होनें ट्वीट किया, लोगों ने उनको सुनना शुरू कर दिया।

जैसे ही शिल्पा को अपनी इस बड़ी गलती का एहसास हो गया, उन्होनें तुरंत अपनी ट्वीट को डिलीट कर दिया। साथ ही फौरन दूसरी ट्वीट में अपनी इस गलती को सुधारा और फिर गणतंत्र दिवस की बधाई लोगों को दी। अपनी गलती को सुधारते हुए शिल्पा ने लिखा- ‘बहत्तरवें गणतंत्र दिवस की ढे़रों शुभकामनाएं। हर भारतीय को रिपब्लिक डे की बधाई। हमारे संविधान ने हमें जो अधिकार और कर्तव्य दिए हैं, उन्हें बरकरार रखने का संकल्प लें …न केवल अपने लिए, बल्कि अपने प्रत्येक साथी नागरिक के लिए भी।’

हालांकि जब तक शिल्पा ने अपनी इस गलती को सुधारा तब तक काफी देर हो चुकी थीं। लोगों ने शिल्पा की पुरानी ट्वीट का स्क्रीनशॉट ले लिया था और वो वायरल होने लगा। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनको जमकर ट्रोल किए जाने लगा।

एक यूजर ने शिल्पा पर तंज कसते हुए लिखा- ‘अब कह दो स्वंतत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस बस 19-20 का ही तो फ्रक है। केवल ट्वीट्स करने से देशभक्ति नहीं दिखती।’

वहीं एक अन्य यूजर ने कहा- ‘आपको पता है, हम भारतीय को बॉलीवुड के लोगों से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। हमें आपके IQ के बारे में पता है। हम जानते है कि बॉलीवुड पैसों, काउस और ड्रग के अलावा और कुछ नहीं सोच सकता। तो क्यों आप हमें इंप्रेस करने के लिए ज्यादा प्रयास करते हैं।’

इसके अलावा एक और यूजर ने कहा- ‘स्वतंत्रता दिवस वाला स्क्रीनशॉट सबके पास है। बॉडी फिगर, साइज जीरो और योगा के अलावा देश के बारे में भी कुछ सीख लो आंटी, फिर करना संविधान के अधिकार की बड़ी बड़ी बातें। अपने बच्चों को भी थोड़ी बहुत सीखा देना।’

वर्क फ्रंट की बात करें तो इन दिनों शिल्पा ने बॉलीवुड से दूरी बनाई हुई हैं। अपनी फिटनेस और योगा के लिए जाने जानी वाली एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव रहती हैं। वो अपने फैंस के साथ अपनी तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। इसके अलावा शिल्पा सोनी टीवी के डांस शो सुपर डांसर को जज करते हुए भी नजर आती हैं।

दीप सिद्धू कौन? जिन पर लग रहा ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप, क्या है इनका सनी देओल के साथ कनेक्शन?

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दीप सिद्धू कौन? जिन पर लग रहा ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप, क्या है इनका सनी देओल के साथ कनेक्शन?

देश के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, जो शर्मसार कर देने वाला था। अपने हक के लिए किसान 2 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हुए थे।उनका ये प्रदर्शन अब तक शांतिपूर्ण था। लेकिन ट्रैक्टर रैली के दौरान इसने हिंसक रूप ले लिया। दिल्ली की जगह-जगह पर जमकर उत्पाद मचा। कहीं बसों में तोड़फोड़ की गई, तो कहीं पर पुलिसकर्मियों पर पथराव भी हुआ।

सिर्फ यही नहीं इस दौरान प्रदर्शनकारी तलवार लहराते हुए भी नजर आए। इसके अलावा लाल किले की प्राचीर पर भी संगठन ने अपना झंडा फहरा दिया। किसानों ने अपनी ट्रैक्टर रैली को शांतिपूर्ण निकालने की बात कही थीं। लेकिन ऐसा कुछ भी होता हुआ नहीं दिखा।

दीप सिद्धू पर लग रहे गंभीर आरोप

ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और किसानों का आरोप कुछ चुनिंदा लोगों पर लग रहा है। इसमें से एक नाम दीप सिद्धू का भी सामने आ रहा है। किसान नेता दीप सिद्धू पर किसानों को भड़काने और हिंसा फैलाने के आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, जब प्रदर्शनकारियों ने लाल किले के प्राचीर पर अपना झंडा लगाया, उस दौरान वहां पर दीप सिद्धू भी मौजूद थे। जिसकी वजह से उन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं।

आरोपों पर दीप सिद्धू की सफाई

हालांकि हंगामा होने के बाद दीप सिद्धू अपने बचाव में उतरे और कहा कि लाल किले से जो तिरंगा हटाकर अपना झंडा फहराने का आरोप लग रहा है, वो गलत है। उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को नहीं हटाया गया, सिर्फ एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था। ‘निशान साहिब’ सिख धर्म का प्रतीक है और इस झंडे को सभी गुरुद्वारा परिसरों में लगाया जाता है। आइए बताते हैं आपको कि आखिर दीप सिद्धू हैं कौन?

जानिए कौन हैं दीप सिद्धू?

दीप सिद्धू का जन्म 1984 में हुआ। पंजाब के मुक्तसर जिले में जन्म सिद्धू ने लॉ की पढ़ाई की हुई है। वो किंगफिशर मॉडल हंट के विजेता रह चुके हैं और मिस्टर इंडिया कॉन्टेस्ट में मिस्टर पर्सनैलिटी का खिताब भी जीत चुके हैं।

दीप सिद्धू की पहचान एक पंजाबी एक्टर के तौर पर होती हैं। 2015 में दीप की पहली पंजाबी फिल्म ‘रमता जोगी’ आई थी। हालांकि उनको पहचान ‘जोरा दास नुम्बरिया’ फिल्म से मिलीं, जिसमें उन्होनें एक गैंगस्टर का रोल निभाया। दीप की ये फिल्म 2018 में आई थीं। दीप अब तक करीबन 8 फिल्मों में काम कर चुके हैं। दीप एक एक्टर होने के साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वो लगातार किसान आंदोलन से जुड़े हुए हैं और किसानों का साथ दे रहे हैं।

वायरल हो रही पीएम मोदी और सनी देओल के साथ तस्वीर

दीप सिद्धू का नाम मशहूर बॉलीवुड एक्टर और बीजेपी सांसद सनी देओल से जुड़ रहा है। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और सनी देओल के साथ दीप सिद्धू की तस्वीर काफी वायरल हो रही हैं। जिसको लेकर लोग ये दावा कर रहे हैं कि दीप सिद्धू, सनी देओल के करीबी है।

सनी देओल के लिए कर चुके हैं प्रचार

दरअसल, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सनी देओल ने गुरदासपुर सीट से चुनाव लड़ा था। इस दौरान दीप सिद्धू ने सनी के लिए काफी प्रचार किया था। सनी ने अपने चुनाव कैंपेन की टीम में दीप सिद्धू को रखा था। हालांकि किसान आंदोलन के बाद से सनी ने दीप से दूरी बना ली।

दीप सिद्धू के करीबी होने के दावे को लेकर सनी देओल ने बीते दिन भी एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होनें लिखा- ‘आज लाल क़िले पर जो हुआ उसे देख कर मन बहुत दुखी हुआ है, मैं पहले भी 6 December को Twitter के माध्यम से ये साफ कर चुका हूं कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नहीं है। जय हिन्द।’

जानिए कैसा रहेगा 27 जनवरी को आपका दिन

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जानिए कैसा रहेगा 27 जनवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 27 जनवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। कामों में आ रही बाधाएं कम होगी। परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा। स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों के नजरअंदाज ना करें।

वृषभ राशि- आपका दिन मिला जुला रहेगा। कामों में आ रही मुश्किलें कम होगी। प्रयासों में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य थोड़ा डामाडोल रहने के आसार है।

मिथुन राशि- दिन की शुरुआत अच्छी होगी। विदेश से शुभ समाजार मिलने के आसार है। आज के दिन किसी जोखिम भरे कदम को उठाने से बचें। परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा।

कर्क राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। आर्थिक समस्याओं का सामना आज आपको करना पड़ सकता है। बने बनाए काम भी बिगड़ सकते है। आज के दिन हर परिस्थिति में धैर्य बनाएं रखें।

सिंह राशि- दिन आपका ठीक ठाक रहेगा। घर में थोड़ा टेंशन का माहौल रहेगा। किसी बुजुर्ग का स्वास्थ्य चिंता बढ़ा सकता है। ज्यादा टेंशन लेने से बचें।

कन्या राशि- आज के दिन आपको संभलकर रहना है। अनजान व्यक्ति आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है। दिन आपका मिला जुला रहेगा। पैसों से जुड़ा कोई लेन-देन आज ना करें।

तुला राशि- दिन आपका बढ़िया बीतेगा। काफी दिनों से चली आ रही परेशानी से आज छुटकारा मिलेगा। आज आपके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होगी। जल्दबाजी में आकर कोई बड़ा फैसला ना लें।

वृश्चिक राशि- दिन आपका अच्छा रहेगा। कार्यक्षेत्र से अच्छी खबर मिलने के आसार है। धन संबंधी परेशानियां कम होगी। लेकिन फिजूलखर्च से आपको बचना चाहिए।

धनु राशि- नए कामों के लिए दिन शुभ है। मेहनत के नतीजे मिलेंगे। मन आपका प्रसन्न रहेगा। परिवारवालों के साथ अच्छा समय बिताएंगें।

मकर राशि- आपका दिन परेशानियों से भरा बीतेगा। लंबे समय से चली आ रही दिक्कतें आज और बढ़ सकती है। किसी भी चीज को नजरअंदाज ना करें। हर परिस्थिति में धैर्य के साथ काम करें।

कुंभ राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। नौकरीपेशा लोगों के हाथ आज अच्छे अवसर लग सकते है। किसी भी नए काम को शुरू करने से आपको बचना चाहिए। स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा।

मीन राशि- आपका दिन मिला जुला बीतने वाला है। छात्रों को आज अधिक मेहनत की जरूरत है। मन मुताबिक परिणाम नहीं मिलने से हताश होंगे। नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

किसानों के खिलाफ बोलकर बुरी फंसी कंगना रनौत? छिन गए 6 बड़े ब्रैंड्स के कॉन्ट्रैक्ट, एक्ट्रेस ने कहा…

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किसानों के खिलाफ बोलकर बुरी फंसी कंगना रनौत? छिन गए 6 बड़े ब्रैंड्स के कॉन्ट्रैक्ट, एक्ट्रेस ने कहा…

वैसे तो देश से जुड़े मुद्दों पर बॉलीवुड के कम ही सितारे अपनी राय सोशल मीडिया पर देते नजर आते हैं। लेकिन एक एक्ट्रेस है, जो किसी मुद्दे पर भी अपनी राय रखने से पीछे नहीं हटती। जी हां, हम बात कर रहे है एक्ट्रेस कंगना रनौत की। कंगना हर मुद्दे पर अपनी खुल कर राय रखती हैं। इस दौरान उनके कई लोगों के साथ पंगे भी होते ही रहते है। बीते लंबे वक्त से एक्ट्रेस लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं।

देश में इस वक्त किसान आंदोलन का मुद्दा हर तरफ छाया हुआ है। कंगना इस आंदोलन पर भी लगातार अपने विचार सोशल मीडिया के जरिए रख रही है। बीते दिनों इसकी वजह से काफी बवाल भी हो गया था, जब सोशल मीडिया पर उनकी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोझांज के साथ तीखी बहस भी हुई थी।

किसान आंदोलन के विरोध में हैं कंगना

आज यानी रिपब्लिक डे के मौके पर दिल्ली में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने का फैसला लिया था। लेकिन किसानों की इस रैली ने कई जगह पर हिंसक रूप भी ले लिया। दिल्ली की अलग-अलग जगहों से किसानों-पुलिस में झड़प, तोड़फोड़ और पथराव की खबरें आई।

एक्ट्रेस ने खुद किया ये खुलासा

ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा पर कंगना ने कई ट्वीट्स किए। इस दौरान वो भड़कते हुए नजर आई। सिर्फ यही नहीं कंगना ने ये भी बताया कि किसान आंदोलन का वो जो विरोध कर रही है, वो उनको कितना भारी पड़ रहा है। एक्ट्रेस ने एक ट्वीट कर बताया कि इसकी वजह से उनसे 6 कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिए गए है।

कंगना ने ट्वीट कर कहा- ‘6 ब्रांड ने मेरे साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिए, जिसमें से कुछ पहले से ही साइन थे। कुछ ने कहा कि तुमने किसानों को आतंकवादी कहा इसलिए वो मुझे एंबैसडर नहीं बना सकते। मैं आज हर एक भारतीय से ये कहना चाहती हूं कि जो इन दंगो का सपोर्ट कर रहा है, वो भी एक आतंकवादी है, जिसमें वो लोग भी शामिल हैं जो एंटी नेशनल ब्रैंड के हैं।’

ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर जमकर भड़कीं कंगना

वहीं इससे पहले एक्ट्रेस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर कहा- ‘झंड बनकर रह गए है, अनपढ़ गंवार मोहल्लों में किसी के घर शादी या कोई अच्छा त्योहार आए तो जलने वाले ताऊ/चाचा/चाची कपड़े धोना या बच्चों को आंगन में शौच करवाना या खटिया लगाके बीच आंगन में शराब पीकर नंगे हो कर सो जाना, वही हाल हो गया है इस गंवार देश का। शर्म कर लो आज रिपब्लिक डे है।’

सिर्फ यही नहीं कंगना  ने एक ट्वीट कर प्रियंका चोपड़ा और दिलजीत दोझांज को घेरा। दरअसल, कई सितारे किसान आंदोलन समर्थन में है, जिनमें इन दोनों का नाम भी शामिल है। कंगना ने एक तस्वीर को शेयर करते हुए दोनों पर निशाना साधते हुए पूछा- ‘प्रियंका और दिलजीत आपको इसे समझाना होगा। पूरी दुनिया हम पर हंस रही है, आपको लोगों को यही चाहिए था ना। बधाई हो।’

योगेंद्र यादव ने जोड़े हाथ, तो राकेश टिकैत ने दिया बड़ा बयान…हालात बेकाबू होने पर ये बोले किसान नेता

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योगेंद्र यादव ने जोड़े हाथ, तो राकेश टिकैत ने दिया बड़ा बयान…हालात बेकाबू होने पर ये बोले किसान नेता

नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन 2 महीनों से जारी हैं। ना तो सरकार किसानों की मांग को मान रही है और ना ही किसान इन कानूनों को वापस लेने से पहले पीछे हटने को तैयार हो रहे। सरकार के साथ जारी इस तनातनी के बीच किसानों ने 26 जनवरी यानी 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का फैसला लिया था।

ट्रैक्टर रैली ने लिया हिंसक रूप

किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर ये डर लगातार बना हुआ था कि गणतंत्र दिवस के मौके पर माहौल खराब हो सकता है और हुआ भी वैसा ही। किसानों की ये रैली कई जगहों पर उग्र हो गई। कई प्रदर्शनकारी किसान बैरिकेड्स तोड़ते हुए दिल्ली में घुस गए। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लगातार किसानों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं।

दिल्ली के ITO, गाजीपुर बॉर्डर, अक्षयधाम समेत कई जगहों पर किसानों की इस रैली ने हिंसक रूप ले लिया। कई जगहों पर जमकर तोड़फोड़ और पथराव किया गया। पुलिस को भी इस दौरान हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया। सिर्फ यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने तो लाल किले की प्राचीर तक पर तिरंगा फहरा दिया।

कई जगहों पर जमकर हंगामा

किसान नेताओं की ओर से ये साफ तौर पर कहा गया था कि उनकी ये ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण होगी। ट्रैक्टर रैली की दिल्ली पुलिस ने इजाजत तो दे दी थी, लेकिन केवल कुछ ही रूट पर। दिल्ली पुलिस द्वारा तय किए गए रूट का पालन नहीं किया गया, कुछ किसानों ने तय रूट से अलग रूट पर निकल पड़े। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हंगामा हो रहा है, उसका जिम्मेदार कौन हैं? दो महीनों से किसान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान कुछ भी गड़बड़ नहीं हुई, तो अचानक ये आंदोलन इतना हिंसक कैसे हो गया? और रिपब्लिक डे के मौके पर चाक चौंबद व्यवस्था के बावजूद इतना बवाल कैसे मचा?

राकेश टिकैत ने कहा ये

वहीं किसानों का ये प्रदर्शन उग्र और हालात बेकाबू होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों के लोग आंदोलन में शामिल होकर गड़बड़ी कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि जिन्होनें ये सबकुछ किया, वो उनकी नजर में हैं।

योगेंद्र यादव की किसानों से अपील

वहीं दूसरी ओर स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो ऐसा कोई भी काम ना करें, जिसकी वजह से किसानों के आंदोलन की बदनामी हो। योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान आंदोलन की इज्जत आपको हाथों में हैं। कुछ भी ऐसा ना करें जिसकी वजह से आंदोलन को नुकसान पहुंचे।

योगेंद्र यादव ने आगे तय रूट पर ही जाने की अपील की। वो बोले कि इससे अलग होने का फायद नहीं। अगर हम शांति से प्रदर्शन करेंगे, तब ही जीत पाएंगे। बीते 2 महीनों से देश और दुनिया ये कह रही हैं कि किसानों की ताकत और शांति देखिए। अगर ये शांति टूटेगी, हमारी ताकत टूटेगी।

जिसका डर था वही हुआ! गणतंत्र दिवस पर उग्र हुआ किसानों का प्रदर्शन, जानिए बड़ी अपडेट्स…

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जिसका डर था वही हुआ! गणतंत्र दिवस पर उग्र हुआ किसानों का प्रदर्शन, जानिए बड़ी अपडेट्स…

रिपब्लिक डे के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली कई जगहों पर हिंसक रूप ले चुकी हैं। इस रैली के दौरान दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली। प्रदर्शन कर रहे किसान कई जगहों पर बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली में घुस गए। इस दौरान भारी बवाल लगातार देखने को मिल रहा है।

कई जगहों पर उग्र हुआ प्रदर्शन 

दिल्ली के ITO समेत कई जगहों पर भारी बवाल मचा। प्रदर्शनकारी किसानों ने तोड़फोड़ भी की। जिसके चलते हालातों को काबू में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया।

लाल किले पर फहराया गया झंडा

सिर्फ यही नहीं कुछ प्रदर्शनकारी किसान तो लाल किले पर भी पहुंच गए। आंदोलनकारियों ने लाल किले की प्राचीर से अपने संगठन का झंडा फहरा दिया। यह झंडा वहां फहराया गया है, जहां 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। इसके अलावा दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, अक्षरधाम समेत कई जगहों पर भी किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष होता हुआ देखने को मिला।

एक ट्रैक्टर चालक की मौत

इस हंगामे के बीच दिल्ली के DDU मार्ग पर एक व्यक्ति की मौत की खबर भी आ रही है। जानकारी के मुताबिक ट्रैक्टर पलटने की वजह से ड्राइवर की मौत हो गई। चालन की मौत हो जाने के बाद प्रदर्शनकारी इस जगहों पर जमकर हंगामा किया।

कई मेट्रो स्टेशन बंद

हालात इतने बिगड़े दिल्ली में भारी बवाल के चलते कुछ मेट्रो स्ट्रेशन को भी बंद करना पड़ा। दिल्ली मेट्रो की ग्रीन लाइन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया, जबकि येलो लाइन बंद किए गए। येलो लाइन के समयपुर बादली, रोहिणी सेक्‍टर-18 व 19, हैदरपुर बादली मोर, जहांगीर पुरी, आदर्श नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्‍वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइंस मेट्रो स्‍टेशनों को बंद कर दिया गया है। यानी इस स्टेशन पर लोग एंट्री और एग्जिट नहीं कर सकते। वहीं ग्रीन लाइन पूरी तरह से बंद है।

गौरतलब है कि एक तरफ जहां देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना जा रहा हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों और पुलिस के बीच झड़प की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन बीते 2 महीनों से जारी हैं। किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए है।

लेकिन इसी बीच प्रदर्शनकारी किसानों ने ये फैसला लिया था कि वो 26 जनवरी यानी रिपब्लिक डे के दिन अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। दिल्ली पुलिस ने किसानों को रैली निकालने की इजाजत तो दी थी, लेकिन सिर्फ तीन ही रूट पर। प्रदर्शनकारी किसानों ने इस आदेश का पालन नहीं किया और तय रूट से अलग रूट पर मार्च निकाला।

राम मंदिर, राफेल, आत्मनिर्भर भारत…इन चीजों ने रिपब्लिक डे की शान, जानिए बड़ी बातें…

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राम मंदिर, राफेल, आत्मनिर्भर भारत…इन चीजों ने रिपब्लिक डे की शान, जानिए बड़ी बातें…

देश में आज 72वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। कोरोना काल के बीच मनाए जा रहे इस गणतंत्र दिवस में भले ही महामारी की वजह से कई बदलाव किए गए हो। लेकिन इसके बावजूद लोगों का जोश और उनके अंदर मौजूद देशभक्ति की भावना जरा सी भी कम नहीं हुई। हर साल लोग 26 जनवरी को होने वाली परेड बेसब्री से इंतेजार करते हैं। इस बार कोरोना के चलते परेड में कई बदलाव हुए। लेकिन इस बार की परेड काफी खास रही। कोरोना काल में हुई इस परेड में बेहद अद्भूत नजारा देखने को मिला। आइए आपको बताते हैं कि इस बार की परेड की कुछ खास बातें…

– राफेल का बढ़ाई परेड की खान- राजपथ पर हुई परेड में इस बार राफेल लड़ाकू विमानों ने भी देश की आन-बान और शान बढ़ाई। पहली बार परेड में राफेल लड़ाकू विमान नजर आए। जिसकी गर्जना से हर देशवासी को गर्व महसूस हुआ, वहीं दुश्मन इसे देखकर कांप गए होंगे। पूरी दुनिया में राफेल लड़ाकू विमानों ने अपना दम दिखाया। परेड में भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत दिखाई।

राम मंदिर की झांकी ने सबसे खूबसूरत- इस बार परेड में 28 राज्यों की झांकियां शामिल थीं। पहली बार लद्दाख की झांकी भी परेड में देखने को मिलीं। सबसे पहली झांकी लद्दाख की ही थीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की झांकी भी इस बार बेहद खास थीं क्योंकि ऐतिहासिक राम मंदिक की झलकियां इसमें देखने को मिलीं। ये नजारा बेहद ही खूबसूरत था, जिस दौरान परेड में मौजूद लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगे। इसके अलावा पंजाब की में नौवें सिख गुरु तेग बहादुर को याद किया गया।

– मेक इन इंडिया की झलकियां भी दी दिखाई- सूचना एवं ब्रॉडकास्टिंग मंत्रालय की झांकी की थीम काफी अलग थी। इसके जरिए लोकल फॉर लोकल मुहिम को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। वहीं आयुष मंत्रालय की झांकी में कोरोना महामारी से जुड़ी झलकियां नजर आईं। इसमें इम्युन इंडिया और एक्टिव इंडिया की थीम दिखाई दी, जिसमें चारों तरफ गिलोए लगे हुए थे। CRPF की झांकी में सरदार पटेल की प्रतिमा थी।

– कोरोना वैक्सीन की थीम भी परेड का हिस्सा- साथ ही बायोटेक्नॉलोजी विभाग की झांकी में कोरोना वैक्सीन की थीम देखने को मिली। आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया, न्यू इंडिया की झलकियां भी इस बार रिपब्लिक डे परेड में देखने को मिलीं।

– वहीं पहली बार बांग्लादेश सशस्त्र सेनाओं के 122 सैनिक मार्चिंग दस्ते का हिस्सा बनें। दस्ते में बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान शामिल रहे।

– परेड में भारत के टी-90 भीष्म टैंक ने भी अपना दमखम दिखाया। वहीं नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड के जवानों ने परेड में हिस्सा लिया। NCG का गठन 1984 में हुआ था।

वो मंदिर जहां 26 जनवरी की जगह 20 फरवरी को मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस, जानिए इसके पीछे की खास वजह

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वो मंदिर जहां 26 जनवरी की जगह 20 फरवरी को मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस, जानिए इसके पीछे की खास वजह

26 जनवरी यानी रिपब्लिक डे का इंतेजार देश के लोग हर साल बेसब्री से करते हैं। इस खास दिन पर होने वाली परेड हर किसी के लिए बेहद खास होती है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और इसी के बाद से हर साल इस दिन गणतंत्र दिवस देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे खास मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को नहीं मनाया जाता। बल्कि अलग-अलग तारीख पर मनाया जाता है। ऐसा क्यों किया जाता है आइए इसके पीछे की वजह के बारे में आपको बता देते हैं…

ये है ऐसा करने के पीछे की वजह

उज्जैन के बड़े गणेश मंदिर में तारीख नहीं बल्कि तिथि के अनुसार गणतंत्र दिवस मनाया  जाता हैं। इस बार यहां तिथि के अनुसार 20 फरवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। ऐसा करने की वजह मंदिर प्रबंधन ये बताते हैं कि तारीख के अनुसार तीज, त्योहार, वर्षगांठ मनाने की परंपरा अंग्रेजों की हैं। हमारे राष्ट्रीय पर्वों को भी अग्रेंजों की तारीख के अनुसार मनाया जाता हैं। जबकि भारतीय सनातन धर्म, परंपरा और ज्योतिष विज्ञान में पंचांगीय गणना से निर्धारित तिथि को देखते हुए पर्व मनाए जाते हैं।

वहीं जब भारत का संविधान लागू हुआ यानि 26 जनवरी 1950 को, तब माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी। इसी वजह से हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर उज्जैन के इस मंदिर में गणतंत्र दिवस का पर्व मनाया जाता है। वहीं इस बार ये तिथि 20 फरवरी को पड़ेगी, जिसके चलते उज्जैन के बड़े गणेश मंदिर में 20 फरवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य पं.आनंदशंकर व्यास इसके बारे में बताते हैं कि बड़े गणेश मंदिर में सालों से ये परंपरा चली आ रही है। इस बार भी ऐसा ही होगा। 20 फरवरी को यहां पर देश की रक्षा, सुख-समृद्धि के लिए भगवान बड़े गणेश का महाभिषेक किया जाएगा। साथ ही मंदिर के शिखर पर नया ध्वज भी लगाया जाएगा। वहीं इस दौरान स्वंतत्रता सेनानियों  को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।

1908 में हुई थी मंदिर की स्थापना

इस मंदिर में अंग्रेजी तारीखों का बहिष्कार और हिंदी तिथि के मुताबिक ही पर्व मनाने का सिलसिला 113 सालों से चला आ रहा है। ये मंदिर उज्जैन महाकाल मंदिर से कुछ ही कदमों की दूरी पर हैं। वर्ष 1908 में माघ कृष्ण चतुर्थी के दिन पर बड़े गणेश मंदिर की स्थापना हुई थी। उस दौरान बालगंगाधर तिलक के गणेश उत्सव अभियान से प्रेरित होते हुए पं. नारायण व्यास ने इस मंदिर की स्थापना की थीं। ये मंदिर आजादी की लड़ाई की ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी भी रहा है। साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों भी रहा।

दूसरे राष्ट्रीय पर्व भी तिथि अनुसार ही मनाए जाते हैं

सिर्फ गणतंत्र दिवस ही नहीं बल्कि दूसरे राष्ट्रीय पर्वों को भी यहां तारीखों की जगह तिथियों के अनुसार ही मनाया जाता हैं। जैसे स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को श्रावण कृष्ण चतुर्दशी के दिन मनाया जाता हैं। वहीं महात्मा गांधी की जयंती यानी 2 अक्टूबर को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता हैं। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू जयंती यानी 14 नवंबर को इस मंदिर में मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी मनाया जाता है।