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Cyber Crime: QR कोड स्कैन करने से साफ हो सकता है आपका बैंक अकाउंट, जानिए इस फर्जीवाड़े से बचने के तरीके

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Cyber Crime: QR कोड स्कैन करने से साफ हो सकता है आपका बैंक अकाउंट, जानिए इस फर्जीवाड़े से बचने के तरीके

देश में डिजिटल पेमेंट का चलन आजकल काफी बढ़ गया है। लोग झटपट हर चीज का भुगतान अपने मोबाइल फोन के जरिए कर देते है। लेकिन जैसे जैसे इंडिया डिजिटल होता जा रहा है, वैसे वैसे फर्जीवाड़े भी बढ़ रहे हैं। साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाते हुए नजर आ रहे हैं।

गृह मंत्रालय की ओर से किया गया अलर्ट

इनमें से एक तरीका क्यूआर कोड का भी है। यही वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लोगों को आगाह किया गया कि किसी भी अनजान स्त्रोत से फोन पर आए क्यूआर कोड को भूल से भी स्कैन ना करें। इससे आपका बैक अकाउंट खाली हो सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘साइबर दोस्त’ ने एक ट्वीट करते हुए कहा- ‘किसी अज्ञात स्रोत से प्राप्‍त क्‍यूआर कोड को स्‍कैन न करें। इससे आपके खाते से अनधिकृत रूप से धन निकाला जा सकता है।’ बता दें कि साइबर दोस्त साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में लोगों में जागरूक करने के लिए एक सोशल मीडिया का प्लेटफॉर्म है। क्या होता है क्यूआर कोड और कैसे इसके जरिए फर्जीवाड़ा होता है, आइए आपको बताते है…

जानिए क्या होता है QR कोड?

क्यूआर कोड यानी Quick Response Code। ये कोड संकेत अक्षरों के रूप में होता है, जिसको हम नहीं पढ़ सकते। इसको पढ़ने के लिए उपकरण में लगे स्कैनर की जरूरत होती है। ये एक तरह का मैट्रिक्स बारकोड है, जिसके अंदर कई तरह की जानकारियां मौजूद होती हैं।

वैसे तो QR Code मोटर वाहन उद्योग के लिए शुरू किया गया। लेकिन अब इसका दायरा काफी बढ़ चुका है। ऐसा शायद ही कोई सेक्टर होगा, जहां पर इसका इस्तेमाल ना होता हो। QR Code के बढ़ते इस्तेमाल के साथ इससे होने वाली फर्जीवाड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं। 0

आजकल हर प्रोडक्ट पर एक QR कोड होता है, जिसमें उस प्रोडक्ट से जुड़ी सभी जानकारी होती है। इसका इस्तेमाल पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर मोबाइल पेमेंट्स के लिए भी किया जाता है। कोरोना काल के दौरान इसका चलन देखने को बढ़ा है। कोरोना काल में जब लोग किसी भी को छुने से डरने लगे, तब दूध की दुकान से लेकर राशन, ऑटो रिक्शन सब जगह इसका इस्तेमाल किया जाने लगा।

कैसे होता है इससे फर्जीवाड़ा?

मोबाइल पेमेंट के लिए QR कोड का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इस कोड को स्कैन करते ही वॉलेट या फिर बैंक अकाउंमट से पेमेंट की जा सकती है। जिसके चलते कैश रखने की झंझट लोगों को नहीं होती। लेकिन ये उतना भी सुरक्षित नहीं। किसी अनजान स्त्रोत पर अगर आप QR कोड को स्कैन कर लेते हैं, तो ठगी का शिकार हो सकते हैं और आपका बैंक अकाउंट तक साफ हो सकता है।

सवाल ये भी है कि आखिर QR कोड के जरिए फर्जीवाड़ा होता कैसे है? दरअसल, जो लोग ठगना चाहते है वो मोबाइल फोन पर किसी तरह क्यूआर कोड भेजते हैं, जिसके बाद ये उसे स्कैन कराने के लिए लोगों झांसे में लेते है। इसके लिए वो कई तरह के लालच भी देते हैं। लेकिन कोड के स्कैन करते ही कुछ ऐसी जानकारियां ठग के हाथों लग जाती, जिससे वो आपके अकाउंट को खाली कर सकते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके है, जब लोग QR कोड स्कैन करने की वजह से ठगी का शिकार हुए। यही वजह है कि सरकार इससे लोगों को अलर्ट करती रहती है और कहती है कि जब तक आपको QR कोड की पूरी जानकारी ना हो तब तक इसे स्कैन ना करें।

अब सिंघु बॉर्डर पर हंगामा: प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने पहुंचे स्थानीय लोग, लाठी-डंडे, पत्थर, तलवार चले

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अब सिंघु बॉर्डर पर हंगामा: प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने पहुंचे स्थानीय लोग, लाठी-डंडे, पत्थर, तलवार चले

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई जबरदस्त हिंसा के बाद भी किसान आंदोलन के नाम पर हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। लाल किले पर प्रदर्शनकारियों ने जो किया, उसको लेकर देश के लोग उन पर आगबबूला है। यही वजह है कि अब किसानों को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। 

धरना खत्म कराने पहुंचे स्थानीय लोग

शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से हंगामा देखने को मिला। जब खुद को स्थानीय निवासी बताने वाले कुछ लोग वहां पर पहुंच गए और किसानों का धरना प्रदर्शन खत्म कर रास्ता खोलने की बात कहने लगे। खुद को स्थानीय बताने वाले इस लोगों ने वहां पर ‘सिंघु बॉर्डर खाली करो’ के नारे भी लगाए। 

इसके बाद ही वहां पर हालात बिगड़ गए। स्थानीय लोग और प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए। इस दौरान यहां पर पत्थरबाजी हुईं और लाठी-डंडे भी चले। हालत तनावपूर्ण देख पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़। वहीं अफरा-तफरी के इस माहौल के बीच एक प्रदर्शनकारी की तलवार से अलीपुर के SHO प्रदीप पालीवाल घायल हो गए।

गौरतलब है कि 26 जनवरी को हुई  हिंसा के बाद से ही सिंघु बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई थीं। जिसके चलते यहां पर भारी पुलिस बल की तैनाती पहले से ही थीं। शुक्रवार सुबह यहां पर पुलिस की तैनाती और बढ़ा दी गई थीं। 2 किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को रोका जा रहा था। इस दौरान कुछ लोग पुलिस फोर्स की तैनाती वाली जगह पर आ गए और खुद को पास के गांव का बताने लगे। 

पत्थर-तलवार भी चले

पुलिस ने इन लोगों को पहले ही रोक दिया था, लेकिन फिर भी ये आगे बढ़ने लगे। खुद को स्थानीय बताने वाले इन लोगों ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और इसी दौरान किसानों और इन स्थानीयों के बीच झड़प होने लगी। खुद को पास के गांव का बताने वाले इन लोगों ने किसानों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जिसके बाद किसानों की ओर से भी पलटवार  किया गया। फिर दोनों गुटों के बीच पत्थरबाजी भी शुरू हो गई। 

तलवार से हमले में घायल हुए SHO

इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई। वहीं तलवार से हमले में एक SHO घायल हुए। हालातों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लिया। इस दौरान खुद को स्थानीय बताने वाले एक शख्स ने ये आरोप लगाया कि पहले किसानों ने हमला शुरू किया और तलवार से वार भी उन्हीं के द्वारा  किया गया। 

वहीं पुलिस के जवानों का भी यही कहना है कि किसानों ने तलवार का इस्तेमाल किया, जिस दौरान एक तलवार जब्त भी की गई।

जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिए बवाना और नरेला गांव से कथित स्थानीय लोग पहुंचे थे। उनका कहना है कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से हाईवे बंद है, जिसके चलते उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ रहा है। 

Bigg Boss 14: एंटरटेनमेंट के नाम पर राखी सावंत ने की हदें पार, अभिनव शुक्ला के साथ की ये घटिया हरकत, मचा बवाल

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Bigg Boss 14: एंटरटेनमेंट के नाम पर राखी सावंत ने की हदें पार, अभिनव शुक्ला के साथ की ये घटिया हरकत, मचा बवाल

बिग बॉस का सीजन 14 कई महीनों से लोगों को एंटरटेंन कर रहा है। पिछले सीजन के मुकाबला बिग बॉस 14 का मजा थोड़ा फीका पड़ता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन कुछ एक्स कंटेस्टेंट की एंट्री के बाद शो में दम आया। ड्रामा क्वीन राखी सावंत भी शो का हिस्सा बनीं हैं और वो लोगों को एंटेरटेंन करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हुई नजर आ रहीं।

राखी की हरकतों से परेशान हुए अभिनव

राखी रोजाना ही ऐसा कुछ ना कुछ कर देती हैं, जिसके चलते वो सुर्खियों बटोरी लेती हैं। बिग बॉस 14 में राखी कंटेस्टेंट अभिनव शुक्ला के प्यार में पड़ चुकी हैं। वो किसी ना किसी तरीके अभिनव को छेड़ते हुए नजर आती रहती है। लेकिन राखी का प्यार अब पागलपन का रूप लेता जा रहा है। जहां एक ओर अभिनव भी उनकी हरकतों से तंग आने लगे है, तो दूसरी ओर बाहर शो के दर्शकों का भी गुस्सा उस पर फूट रहा है।

हाल के ही एपिसोड में राखी ने अपनी पूरी बॉडी पर ‘आई लव अभिनव’ लिखवा लिया था। आने वाले एपिसोड में भी राखी सांवत एक और ऐसी ही हरकत नजर आएगीं। जिसको लेकर अभिनव की पत्नी रुबीना आगबबूला हो जाएगी। ये पूरा माजरा क्या है, आइए आपको बताते हैं…

अब राखी सावंत ने की ये हरकत

बिग बॉस के अपकमिंग एपिसोड का एक प्रोमो सामने आया है, जिसमें राखी सावंत अभिनव के शॉट्स के स्ट्रिंग खोलते हुए नजर आ रही हैं। वो अभिनव के पैंट उतारने की कोशिश कर रही होती है, जिसको लेकर अभिनव भी चौंक जाते हैं।

प्रोमो में देखने मिल रहा है कि राखी अभिनव का पीछा कर रही होती है और वो लगातार उनको तंग करने की कोशिश करती है। अभिनव उनसे बहुत इरिरेट होने लगते है। इसके बाद दोनों खड़े होते है, तो राखी अचानक ही अभिनव के शॉर्ट्स की इलास्टिक को खींच देती है। जिसको देखकर हर कोई हैरान रह गया। वहीं अभिनव भी पीछे हटते हुए इससे खुद को बचाने की कोशिश करते नजर आते है।

फूट पड़ा रुबीना का गुस्सा

इस घटना के बाद रुबीना के सब्र का बांध भी टूट जाएगा और वो राखी को खरी-खोटी सुनाएगी। प्रोमो में जैसे देखने को मिला उसके मुताबिक रुबीना, राखी से कहती हैं- ‘आप, अपनी लिमिट क्रॉस मत करो।’ रुबीना कहती हैं कि अगर तुम मेरे पति की इज्जत नहीं करोगी, तो मैं सबसे पहले तुम्हारे सामने खड़ी रहूंगी।

जिसके बाद राखी और रुबीना के बीच काफी तीखी जुबानी जंग भी हो जाती है। रुबीना को जवाब देते हुए राखी कहती हैं कि वो रियल लाइफ में तुम्हारा पति होगा, लेकिन यहां एक कंटेस्टेंट हैं। साथ ही राखी ने ये भी कहा कि जो उनको एंटेरटेनमेंट लगता है, उसके वो करेगी।

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं जब राखी अपनी इस तरह की हरकतों को लेकर लाइमलाइट में आई हो। इससे कुछ दिन पहले भी उन्होनें इस तरह की हरकत राहुल महाजन के साथ भी की थीं।

क्या आप जानते हैं एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 के बारे में ये बातें, जानिए कब करना चाहिए ये नंबर डायल

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क्या आप जानते हैं एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 के बारे में ये बातें, जानिए कब करना चाहिए ये नंबर डायल

कुछ साल पहले उत्तर प्रदेशवासियों के लिए आपातकाल में एकदम से एम्बुलेंस मिलना काफी मुश्किल हो जाता था, और तो और तो फ्री सेवा में मिलना तो लोगों के लिए केवल एक सपना ही था. लेकिन जब से एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 ने इस सपने को हकीकत में बदल दिया है, तब से प्रदेश के लोगों को काफी राहत मिली है. वहीं अगर आप एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 से अनजान है, तो आइए आपको इसके बारे में कुछ असुनी बाते बताते हैं…

पहले तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में 14 सितंबर 2012 को 108 एम्बुलेंस सेवा (समाजवादी स्वास्थ्य सेवा ) शुरू हुई थी, जबकि 17 जनवरी 2014 को  102 एम्बुलेंस सेवा (नेशनल एम्बुलेंस सर्विस) की शुरुआत हुई थी. प्रदेश में इनका संचालन जीवीके एमआरआई संस्था द्वारा किया जा रहा है.

क्या है 108

नंबर 108 का इस्तेमाल चिकित्सा, पुलिस और आग से सम्बंधित आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है. ये एक निशुल्क सेवा है जो 24*7 जनहित के लिए उपलब्ध है. 108 नंबर को किसी भी फोन से डायल किया जा सकता है. ये नंबर समाज के सभी वर्ग के लिए है.

कब डायल करें 108 नंबर

  • किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर.
  • तेज पेट दर्द होने पर.
  • सांस में दिक्कत होने पर.
  • दिल का दौरा पड़ने पर.
  • जानवरों के काटने पर.
  • अचानक बेहोश होने पर.
  • किसी तरह के कोई अपराध होने पर.
  • जब आग लगने पर फायर बिग्रेड और एम्बुलेंस की आवश्यकता हो.
  • हर तरह की इमरजेंसी स्थिति में.

क्या है 102

102 तीन अंकों का एक टोल फ्री नंबर है. ये बिल्कुल फ्री है आपके इस नंबर पर कॉल करने पर पैसे नहीं लगेंगे. 102 सेवा एक निशुल्क एम्बुलेंस सेवा है, जो 24*7 लोगों की सेवा में होती है.

कब डायल करें 102

आपको बता दें कि एम्बुलेंस सेवा 102 गर्भवती महिला को घर से अस्पताल तक लाने और फिर उसे वापस घर तक छोड़ने के लिए मिलती है. इसके अलावा अच्छे इलाज के लिए  गर्भवती महिला और शिशु को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तक छोड़ा जाता है. इस सेवा में 1 साल तक के बच्चों को किसी भी तरह की बीमारी होने पर घर से हॉस्पिटल लाने और वापस घर छोड़ा जाता है.

बेवजह न करें 108 और 102 फोन

108 और 102 के आशियाना सयहित कॉल सेंटर में रोजाना हजारों लोगों की जरूरी कॉल्स आती हैं, वहीं बेवजह के फोन्स आने की वजह से आपताकालीन सेवाओं में बाधा पड़ती है. इसके अलावा जरूरतमंदों को समय पर सेवा नहीं मिल पाती है.

इको फ्रेंडली की तरफ एम्बुलेंस सेवा

एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 पर्यावरण को बचाने के दिशा में भी अपना योगदान दे रहीं हैं. प्रदेश भर में तैनात इन सभी 3756 एम्बुलेंस में एंड्रॉयड मोबाइल फ़ोन दिए गए हैं, जिसके चलते एम्बुलेंस से जुड़ी रिपोर्टिंग, स्टाफ की स्थिति के साथ-साथ अन्य दैनिक कार्य में इसी आधुनिक फोन के जरिए किए जा रहे हैं. ये ही वजह है कि एम्बुलेंस का दैनिक कामकाज पेपरलेस हो गया है.

राम मंदिर के लिए महादान: 60 सालों से गुफा में रह रहे संत ने दान दी इतनी बड़ी राशि, बैंककर्मी भी गए चौंक

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राम मंदिर के लिए महादान: 60 सालों से गुफा में रह रहे संत ने दान दी इतनी बड़ी राशि, बैंककर्मी भी गए चौंक

दशकों तक चली लड़ाई के बाद अब देश जल्द ही ऐतिहासिक राम मंदिर का साक्षी बनेगा। राम मंदिर के लिए हर कोई काफी उत्साहित है। मंदिर निर्माण के लिए बढ़कर लोग अपना योगदान दे रहे हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए फिलहाल देशभर दान इकट्ठा किया जा रहा है। घर-घर जाकर लोगों से राम मंदिर के लिए दान लिया जा रहा हैं। वहीं कई बड़ी हस्तियां भी मंदिर के लिए दिल खोलकर दान करती हुई नजर आ रही हैं। लेकिन इस दौरान एक संत ने राम मंदिर के लिए इतना बड़ा दान दिया, जिसके बारे में जानकर बैंककर्मी तक हैरत में आ गए।

फफ्फड़ बाबा ने दिया एक करोड़ का दान

ऋषिकेश के संत स्वामी शंकर दास बीते 60 सालों से गुफा में रह रहे हैं। 83 साल के संत स्वामी शंकर दास ने राम मंदिर के लिए एक करोड़ का महादान दिया। लोग उनको फफ्फड़ बाबा के नाम से भी जानते हैं। वो ऋषिकेश स्टेट बैंक की शाखा में पहुंचे और एक करोड़ का चैक बैंककर्मियों को सौंपा।

पहले तो बैंककर्मियों को इस पर विश्वास नहीं हुआ। लेकिन उन्होनें खाते की जांच की स्वामी शंकर दास के अकाउंट के अकाउंट में पर्याप्त राशि मौजूद है। अपने जिंदगीभर की कमाई को फफ्फड़ बाबा ने राम मंदिर के लिए दान कर दी। 

जिंदगीभर की कमाई कर दी दान

फक्कड़ बाबा के गुरु टाट वाले बाबा थे। उन्होनें अपने जीवन को गुफा में बड़ी सादगी से गुजारा। वो कहते हैं कि उनका केवल एक ही सपना था, वो ये कि राम मंदिर को अपनी आंखों के सामने बनते देखें, जो अब पूरा हो रहा है। इसके लिए उन्होनें जिंदगीभर की कमाई दाम कर दी।

संत स्वामी शंकर दास का कहना है कि वैसे तो वो ये दान गुप्त रखना चाहते थे, लेकिन उन्होनें दान की राशि इसलिए जाहिर की, जिससे दूसरे लोगों को प्रेरणा मिले और वो भी मंदिर निर्माण के लिए बढ़-चढ़कर दान करें। बता दें कि फक्‍कड़ बाबा का जीवन लोगों की दान-दक्षिणा से ही चलता है।

इतने बड़े दान की रकम मिलने के बाद बैंक कर्मचारियों ने इसको लेकर तुरंत ही आरएसएस को सूचित किया। जिसके बाद ऋषिकेश क्षेत्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह कृष्ण कुमार सिंघल बैंक पहुंचे और उनके द्वारा दान में दी गई राशि के चेक को राम मंदिर के खाते में जमा कराया।

गौरतलब है कि करोड़ों लोगों का सपना अयोध्या में राम मंदिर बनते हुए देखने का था। दशकों तक राम मंदिर के लिए लड़ाई चली। इस आंदोलन में कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई। राम मंदिर का मुद्दा सालों तक राजनीति में छाया रहा। लंबे समय तक कानूनी लड़ाई चली और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जिसके बाद 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भव्य भूमि पूजन हुआ। अब अगले कुछ ही सालों में ये मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

Budget 2021: ब्रीफकेस से बही खाता तक…कुछ यूं टूटी बजट पेश करने की परंपरा, जानिए इससे जुड़ा पूरा इतिहास

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Budget 2021: ब्रीफकेस से बही खाता तक…कुछ यूं टूटी बजट पेश करने की परंपरा, जानिए इससे जुड़ा पूरा इतिहास

आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना तीसरा आम बजट पेश करने जा रही हैं। वैसे तो हर साल ही बजट का लोगों को काफी इंतेजार रहता है। लेकिन इस बार की अहमियत ज्यादा है। 2020 में आई कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को अस्त-व्यस्त करके रख दिया। महीनों तक लगे लॉकडाउन की वजह से लोगों की जिंदगी पर भी काफी असर पड़ा। ऐसे में इस बजट सत्र में सरकार किसको क्या सौगात देगी, ये जानने के लिए हर कोई उत्साहित है।

वैसे जब से नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई है, बजट सत्र में कई बदलाव देखने को मिले। मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री बनीं। 2019 में उन्होनें बजट को ब्रीफकेस में लेकर आने के ट्रेंड को ही खत्म कर दिया। इसकी जगह वो लाल रंग के मखमली कवर वाली फाइल में बजट लेकर पहुंची, जिसने खूब चर्चाएं भी बटोरीं।आइए आपको ब्रीफकेस से लेकर लाल कवर तक बजट से जुड़ी खास इतिहास के बारे में बताते हैं…

लाल कवर में बजट लाकर मोदी सरकार ने अग्रेंजों के जमाने से चली आ रही परंपरा को खत्म  किया। 1733 में ब्रिटिश सरकार के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रॉबर्ट वॉलपोल बजट पेश करने आए, तब उनके हाथ में एक चमड़े का थैला था। इस थैले को फ्रेंच भाषा में बुजेट कहा जाता था, जिसको बाद में इसी के आधार में बजट कहा जाने लगा।

इसके बाद 1860 में पहली बार लाल सूटकेस का इस्तेमाल हुआ। इस दौरान ब्रिटिश बजट चीफ विलिमय ग्लैडस्टोन सूटकेस लेकर पहुंचे थे, जिसको बाद में ग्लैडस्टोन बॉक्स भी कहा गया। इसके बाद से लगातार इस बैग में ही ब्रिटेन का बजट पेश होता रहा। लेकिन फिर इसकी हालत काफी खराब होने लगी। 2010 में इसको आधिकारिक तौर पर म्यूजिम में रख दिया गया।

1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद भी बजट की परंपरा अंग्रेजों वाली ही चलती रही। आजाद भारत का पहला बजट वित्त मंत्री आर के शानमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, तब वो उस दौरान लेदर के थैले में इसको लेकर पहुंचे थे। जिसके बाद सालों तक इसी परंपरा के अनुसार बजट पेश होता रहा।

हालांकि कई बार ब्रीफकेस का रंग और आकार में बदलाव देखने को मिलता रहा है। 1958 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने काले रंग के ब्रीफकेस में बजट पेश किया था। वहीं 1991 में जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तो उन्होनें लाल रंग के ब्रीफकेस में बजट पेश करने की परंपरा शुरू की। एक फरवरी 2019 को पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था, जिस दौरान भी लाल ब्रीफकेस का ही इस्तेमाल किया गया।

लेकिन इसके बाद लंबे समय से चली आ रही ब्रीफकेस की परंपरा टूटी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री बनीं और उन्होनें ब्रीफकेस की परंपरा को ही खत्म कर दिया। जब निर्मली सीतारमण अपना पहला बजट पेश करने बजट पहुंची, तो उनके हाथों में ब्रीफकेस की जगह एक मखमली लाल रंग के कवर में बजट था, जिस पर अशोक चिन्ह भी बना हुआ है। अब इसे ‘बही खाता’ कहा जाता है। दो बार से वित्त मंत्री ऐसे ही बजट पेश करती आ रही हैं और अब एक फरवरी को तीसरी बार भी लाल रंग के कवर में ही बजट लेकर संसद पहुंचेगीं।

खत्म हो रहे किसान आंदोलन को यूं मिली संजीवनी…गाजीपुर बॉर्डर पर बीती रात हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा, जानिए पूरा घटनाक्रम

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खत्म हो रहे किसान आंदोलन को यूं मिली संजीवनी…गाजीपुर बॉर्डर पर बीती रात हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा, जानिए पूरा घटनाक्रम

26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसमें किसानों की काफी बदनामी हो रही है। वहीं इसका असर किसान आंदोलन पर भी पड़ता हुआ साफ तौर पर नजर आ रहा है। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद कई किसान संगठनों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। हालांकि अभी भी कई संगठन आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया है।

दिल्ली हिंसा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत की मुश्किलें भी लगातार बढ़ी हुई हैं। बीती रात गाजीपुर बॉर्डर पर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। दिल्ली हिंसा के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ने लगा था। किसान अपने घरों को लौटने लगे थे। लेकिन इस दौरान राकेश टिकैत के आंसूओं ने पूरी बाजी ही पलटकर रख दी। गाजीपुर बॉर्डर पर बीती रात क्या क्या हुआ, आइए आपको पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बता देते हैं…

छावनी में तब्दील हो गया गाजीपुर बॉर्डर

गुरुवार शाम को भारी संख्या में पुलिस बल गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गई। बॉर्डर को एक तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। बड़ी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस के जवान वहां पर तैनात थे। साथ ही साथ बॉर्डर पर धारा 144 भी लागू कर दी गई। उस दौरान ऐसा ही लग रहा था कि राकेश टिकैत या तो सरेंडर कर देंगे, या फिर उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी।

राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने भी आंदोलन खत्म करने की बात कह दी थी। लेकिन फिर राकेश टिकैत प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक होते हुए रोने लगे और यहीं से पूरी गेम पलट गया।

टिकैत से आंसूओं से पलटी बाजी

राकेश टिकैत ने साफ तौर पर कह दिया कि आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होनें तो ये तक बात कह दी कि वो आत्महत्या कर लेंगे। टिकैत ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने की अपील की। बस फिर क्या था, टिकैत के आंसूओं से किसान भावुक हो गए और बड़ी तादाद में दोबारा गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे। जहां एक समय पर ऐसा लग रहा था कि दो महीनों से चला आ रहा ये आंदोलन खत्म हो जाएगा, वहीं वहां पर दोबारा से देर रात को भीड़ जुटने लगी और पुलिस को बैरंग ही वापस लौटना पड़ा।

बैरंग ही वापस लौटी पुलिस

बीती रात गाजीपुर बॉर्डर छावनी में तब्दील था। वहां पर बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती है। हालात काफी बिगड़े हुए नजर आ रहे थे। टकराव की स्थिति भी  बन रही थी। आधी रात तक आंदोलन खत्म नहीं करने पर किसानों को हटाने की चेतावनी भी दी गई। लेकिन कुछ समय बाद ही किसानों के नए समूह धरनास्थल  पर पहुंचे लगे और आखिरकार पुलिस को बिना आंदोलन खत्म कराए वहां से वापस लौटना ही पड़ा।

वहीं देर रात राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि आज यानी शुक्रवार सुबह तक बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं।

‘आंदोलन को निर्णायक अंजाम तक पहुंचाएंगे’

राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने हालात तनावपूर्ण होता देख आंदोलन खत्म करने की बात कह दी थी। लेकिन अपने भाई के आंसू देखने के बाद उनके भी तेवर बदल गए। इसके बाद नरेश टिकैत ने कहा कि भाई के आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। किसान आंदोलन को निर्णायक अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। उन्होनें शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत बुलाने का भी ऐलान किया।

हिंसा के बाद बढ़ी किसान नेताओं की मुश्किलें

गौरतलब है कि नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन 2 महीने से भी ज्यादा वक्त से जारी है। किसान तीनों नए कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, जबकि सरकार इनको वापस लेने को तैयार नहीं। आंदोलन को तेज करने के लिए 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया। हालांकि किसानों की ओर से ये कहा गया था कि ये रैली शांतिपूर्ण ढंग से निकाली जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ कुछ नहीं।

ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में जगह-जगह पर हिंसा हुई, जिसने गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत को दुनिया के सामने शर्मसार किया। वहीं लाल किले पर तिरंगे के साथ प्रदर्शनकारियों ने अपना झंडा फहरा दिया, जिसको लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस हिंसा के बाद किसान नेताओं की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। कई किसानों नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया, जिसमें राकेश टिकैत का नाम भी शामिल हैं। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। वहीं गुरुवार को किसान नेताओं के खिलाफ ‘लुक आउट’ नोटिस भी जारी किया गया।

जानिए कैसा रहेगा 29 जनवरी को आपका दिन

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जानिए कैसा रहेगा 29 जनवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 29 जनवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। आर्थिक समस्याएं कम होगी। आज तरक्की की राह पर आगे बढ़ेंगे। स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है।

कर्क राशि- दिन आपका ठीक ठाक बीतेगा। आज के दिन किसी भी काम को टालें नहीं। जिम्मेदारियां बढ़ेगीं। मेहनत के नतीजे भी देखने मिलेंगे।

सिंह राशि- आपको थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। व्यापार में कोई भी फैसला सोच-समझकर लें। किसी भी काम में जल्दबाजी दिखाना भारी पड़ सकता है। संतान की तरफ से अच्छी खबर मिलने के आसार है।

कन्या राशि- दिन आपका बढ़िया बीतेगा। छात्रों को आज मेहनत अनुसार परिणाम मिलेंगे। पारिवारिक जीवन में चली आ रही परेशानियां कम होगीं। स्वास्थ्य भी सामान्य रहेगा।

तुला राशि- दिन आपका अच्छा रहेगा। रुका हुआ पैसा मिलने के आसार है। मन आपका प्रसन्न रहेगा। किसी से पंगा लेने से बचें।

वृश्चिक राशि- आज के दिन आपको किसी भी चीज में निवेश करने से बचना चाहिए। आपका दिन सामान्य रहेगा। मन मुताबिक काम नहीं होने पर परेशान रहेंगे। हर परिस्थिति में परिवारवालें साथ खड़े रहेंगे।

धनु राशि- आपका दिन अच्छा बीतेगा। कामों में आ रही अड़चने दूर होने के आसार है। करीबियों के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे। आर्थिक परेशानियां भी कम होगीं।

मकर राशि- दिन आपका मिला जुला रहेगा। किसी से भी बदतमीजी से बात ना करें। लव लाइफ सामान्य रहेगी। भविष्य से जुड़ा फैसला आज लेना पड़ सकता है।

कुंभ राशि- दिल की बात किसी से भी कहने के लिए दिन अच्छा है। लोग आपकी भावनाओं की कद्र करेंगे। दुश्मनों से थोड़ा सावधान रहें। दिन आपका सामान्य बीतेगा।

मीन राशि- आपका दिन शानदार बीतेगा। आज के दिन बिजनेस में लाभ होने के आसार है। विदेश से अच्छी खबर मिल सकती है। स्वास्थ्य भी आपका बढ़िया रहेगा।

कुछ यूं तैयार होता है देश का Budget: वित्त मंत्रालय की टीम का बाहरी दुनिया से कट जाता है नाता, जानिए क्यों?

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कुछ यूं तैयार होता है देश का Budget: वित्त मंत्रालय की टीम का बाहरी दुनिया से कट जाता है नाता, जानिए क्यों?

1 फरवरी 2021 को भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेगीं। कोरोनामहामारी की वजह से आर्थिक संकट से जूझ रही देश की जनता को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें है। कोरोना संकट के कारण लाखों लोगों की नौकरियां चली गई। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार का आम बजट आम लोगों के लिए कुछ खास सौगातें लेकर आएगा। बजट के पेश होने से पहले आइए इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें बताते हैं, जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे…

क्यों बनाया जाता है बजट?

केंद्रीय बजट या आम बजट पूरे साल होने वाले खर्चे का विवरण होता है। इसमें बीते तीन सालों में हुए खर्चो का भी विवरण लिया जाता है, जिसके आधार पर ये तय होता है कि सरकार एक साल में क्या नई योजना लाने वाली हैं और इस पर कितना पैसा खर्च होगा। साथ ही कहां कहां से पैसा आएगा।

कैसे पड़ा बजट नाम?

दरअसल भारत के संविधान में बजट जैसे शब्द का कहीं उल्लेख ही नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 112 में बजट के बजाए वार्षिक वित्तीय विवरण नाम दिया गया है। बजट शब्द फ्रेंच भाषा के एक शब्द Bougette से निकला है। इसका मतलब होता है चमड़े की अटैची। जिसमें सरकार के खर्चों का और वित्त मंत्री के भाषण का विवरण होता है। इस अटैची को पहली बार ब्रिटिश संसद में बजट पेश करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। साथ ही भारत में भी पहले चमड़े के काले अटैची में ही बजट लाया जाता था। जिसके कारण ही इसे बजट नाम दिया गया।

कैसे बनाया जाता है बजट?

बजट की तैयारी महीनों पहले यानी अगस्त-सितंबर के महीने से ही शुरू हो जाती है। सबसे पहले मंत्रालय की तरफ से हर मंत्रालयों और विभागों को एक सर्कुलर भेजा जाता है। इस सर्कुलर में मंत्रालयों और विभाग से ये जानकारी मांगी जाती है कि उनको किस काम के लिए कितने फंड की जरूरत है। फिर इसी के मुताबिक बजट का खाका तैयार किया जाता है।

बजट के लिए कई चरणों में बैठक की जाती हैं। सरकार केवल अपने मंत्रालयों और विभागों से ही बात नहीं करती, इसके लिए उद्योगपतियों, किसानों, मजदूर यूनियनों समेत दूसरे समूहों के साथ भी बैठकें की जाती हैं।

फिर बजट तैयार करने की बारी आती है। बजट से एक हफ्ते पहले हलवा सेरेमनी की जाती है। जिसके बाद ‘लॉक इन प्रक्रिया’ भी शुरू हो जाती है। जो भी बजट तैयार करने वाली टीम में शामिल होने वाले अधिकारी, टेक्नीशियन्स, स्टेनोग्राफर्स समेत जितने लोग होते हैं, उनको वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में ‘लॉक’ कर दिया जाता है। जिसके बाद अगले 7 दिनों तक बाहरी दुनिया से इतना पूरी तरह से नाता ही खत्म हो जाता है। मंत्रालय के बेसमेंट में ही रहकर टीम बजट तैयार करती है।

क्यों किया जाता है ऐसा?

ऐसा इसलिए किया जाता है, जिससे बजट को पूरी तरह से गोपनीय रखा जा सके। किसी भी हाल में बजट को लेकर जो भी प्लेनिंग की गई है वो लीक ना हो और इससे कोई छेड़छाड़ न हो सके। प्रिंटिंग से पहले तक केवल वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री को ही बजट में क्या क्या है इसकी जानकारी होती है।

बजट तैयार करने की टीम में शामिल लोगों पर इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारी नजर रखते हैं। वो सबकी मूवमेंट्स और फोन कॉल्स पर नजर रखते हैं। जानकारी लीक ना हो, इसके लिए एक फोन जैमर भी इंस्टॉल किया जाता है, जो कॉल्स वगैरह को ब्लॉक कर देता है। इस 7 दिनों के दौरान टीम में शामिल लोगों को परिवारवालों से संपर्क करने की इजाजत नहीं होती।बजट तैयार होने के बाद इसकी प्रिटिंग का काम होता है, हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते ऐसा नहीं होगा।

कैसे पेश होता है बजट?

जिस दिन बजट पेश होता है उस दिन पहले राष्ट्रपति से परमिशन ली जाती है। उनकी परमिशन के बाद बजट पेश होने से एक घंटे पहले कैबिनेट मीटिंग होती है, जिसमें बजट का एक ब्रीफ आइडिया दिया जाता है। फिर पीएम से सभी प्रस्तावों पर चर्चा करके पीएम से अनुमति लेनी होती है। सभी टैक्सी और खर्चों की मंजूरी का इजाजत लोकसभा से ली जाती है। इसके बाद ही इस पर राज्यसभा में बहस होती है और फिर इसे पारित मान लिया जाता है।

वरुण-नताशा के बाद अगला किसका नंबर? ये सितारे रिलेशनशिप को लेकर सुर्खियों में…फैंस कर रहे शादी का इंतेजार

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वरुण-नताशा के बाद अगला किसका नंबर? ये सितारे रिलेशनशिप को लेकर सुर्खियों में…फैंस कर रहे शादी का इंतेजार

बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन आखिरकार अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड नताशा दलाल के साथ शादी के बंधन में बंध ही गए। पिछले साल ही वरुण और नताशा शादी करने की प्लानिंग में थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते ये संभव नहीं हो पाया। हालांकि अब 2021 के शुरू होते ही खास मेहमानों की मौजूदगी में दोनों एक दूसरे के हो गए। वरुण की शादी इस वक्त काफी चर्चाओं में बनी हुई है। लेकिन वरुण-नताशा के अलावा भी ऐसे कई कपल है जिनकी शादी का इंतेजार उनके फैंस बेसब्री से कर रहे है। आइए आज उन जोड़ियों पर एक नजर डाल लेते हैं…

रणबीर कपूर-आलिया भट्ट

लिस्ट में सबसे ऊपर नाम है बॉलीवुड के क्यूट कपल रणबीर कपूर और आलिया भट्ट का। 2018 से ही दोनों अपने रिलेशनशिप को लेकर सुर्खियों में हैं। रणबीर और आलिया भी जल्द  ही शादी के बंधन में बंध सकते हैं। रणबीर ने कुछ समय पहले दिए गए इंटरव्यू में ये कहा था कि उनकी शादी कोरोना की वजह से टली। अब उम्मीद हैं कि दोनों इस साल शादी कर लें।

श्रद्धा कपूर-रोहन श्रेष्ठा

वरुण धवन की शादी होते ही श्रद्धा कपूर भी इन खबरों को लेकर सुर्खियों में आ गईं। वरुण धवन ने एक कमेंट करके श्रद्धा की शादी की हिंट देकर फैंस की एक्साइटमेंट बढ़ा दी। श्रद्धा कपूर, रोहन श्रेष्ठा को डेट करने को लेकर सुर्खियों में हैं। हालांकि एक्ट्रेस ने अपने रिलेशन को अब तक ऑफिशियल नहीं किया, लेकिन दोनों कई बार साथ देखे जा चुके हैं। ऐसे में संभावना है कि अब श्रद्धा भी जल्द ही शादी के बंधन में बंध में जाए।

सलमान खान-यूलिया वंतूर

बॉलीवुड की शादियों की चर्चाएं हो और सलमान खान का नाम ना आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। सलमान हमेशा ही अपनी शादी की खबरों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। भाईजान बॉलीवुड के मोस्ट एलिजिबल बैचलर हैं और उनकी शादी का इंतेजार हर कोई बेसब्री से कर रहा है। लेकिन सलमान हर बार ही अपने तमाम चाहने वालों का दिल तोड़ देते है। वैसे सलमान, यूलिया वंतूर के साथ रिलेशनशिप को लेकर चर्चाओं में हैं। लेकिन वो शादी कब करेंगे, इसका जवाब कोई नहीं दे सकता।

अली फसल-ऋचा चड्ढा

लिस्ट में अगला नाम एक्टर अली फजल और एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा का है। ये दोनों बीते साल ही शादी कर लेते, अगर कोरोना महामारी नहीं होती तो। कोरोना वायरस की वजह से अली और ऋचा की शादी टल गई। लेकिन 2021 में अब एक-दूजे के हो सकते हैं।

मलाइका-अर्जुन

अरबाज के साथ तलाक के बाद मलाइका अरोड़ा एक्टर अर्जुन कपूर को डेट कर रही हैं। दोनों लंबे वक्त से रिलेशनशिप में हैं। साथ में कई बार मलाइका और अर्जुन को देखा जा चुका है। दोनों पब्लिकली अपने रिश्ते को लेकर तो कई बार बोल चुके है, लेकिन शादी को लेकर नहीं। देखना होगा कि कब ये कपल भी शादी करता है।

फरहान-शिबानी

फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर रिलेशनशिप में हैं। 2018 से दोनों एक दूसरे को डेट  कर रहे हैं। फरहान और शिबानी को कई बार साथ में स्पॉट किया गया। फैंस अब इस कपल की शादी का भी इंतेजार कर रहे हैं।

सुष्मिता सेन-रोहमन शॉल

सुष्मिता सेन और रोहमन शॉल की शादी का इंतेजार भी फैंस कर रहे हैं। भले ही इन दोनों में उम्र का फासला हो, लेकिन इनकी जोड़ी को लोग काफी पसंद करते हैं। सुष्मिता और रोहमन कई बार अपने प्यार का इजहार कर चुके हैं। देखना ये होगा कि आखिर दोनों शादी कब करते हैं।

एक्ट्रेस तारा सुतारिया बॉयफ्रैंड आदर जैन के साथ शादी को लेकर चर्चाओं में बनी रहती हैं। दोनों अपने रिलेशनशिप को इंस्टाग्राम पर ऑफिशियल भी कर चुके है। अब इंतेजार है तो इनकी शादी का।