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Tony Todd Death: मशहूर हॉरर फिल्म अभिनेता टोनी टॉड का निधन, 240+ फिल्मों में किया अभिनय

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Hollywood actor Tony Todd passed away
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Tony Todd Death: मशहूर हॉरर फिल्म अभिनेता टोनी टॉड का निधन हो गया है। ‘फाइनल डेस्टिनेशन’ अभिनेता ने 69 वर्ष की आयु में लॉस एंजिल्स स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। टोनी टॉड एक अमेरिकी अभिनेता, निर्माता और आवाज कलाकार हैं, जो मुख्य रूप से हॉरर फिल्मों में अपने अनोखे अभिनय के लिए जाने जाते थे। उनका जन्म 4 दिसंबर, 1954 को वाशिंगटन, डी.सी. में हुआ था। उन्होंने 1986 में फिल्म प्लाटून से डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें खास पहचान 1990 के दशक में मिली, जब उन्होंने “कैंडीमैन” जैसी मशहूर हॉरर फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 नवंबर को उनका निधन हो गया था (Tony Todd Death)। हॉरर फिल्म ‘फाइनल डेस्टिनेशन’ के निर्माताओं ने टोनी को श्रद्धांजलि दी है। उनके समेत कई हॉलीवुड सेलेब्स ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें श्रद्धांजलि दी। इंसोमनियाक गेम्स ने भी ट्विटर पर एक पोस्टर शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। फैन्स का कहना है कि उन्होंने एक लेजेंड एक्टर खो दिया है।

 

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कैंडिमैन: हॉरर सिनेमा में पहचान- Tony Todd career

टोनी टॉड का करियर बहुत ही विविधतापूर्ण रहा। उनका अभिनय इतना विविधतापूर्ण था कि उन्होंने 240 से ज़्यादा फ़िल्मों और टेलीविज़न शो में काम किया। टोनी टॉड के करियर (Tony Todd career) में अहम मोड़ तब आया जब उन्हें फिल्म “कैंडीमैन” (1992) में मुख्य भूमिका निभाने का मौका मिला। इस फिल्म में उन्होंने एक रहस्यमय और डरावने किरदार ‘कैंडीमैन’ की भूमिका निभाई थी। टोनी टॉड को न्यूयॉर्क सिटी हॉरर फिल्म फेस्टिवल में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया, जो उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि थी।

कैंडिमैन के बाद, टॉड ने “कैंडिमैन 2: फारेस्ट” (1995) और “कैंडिमैन 3: डेविल्स नाइट” (1999) जैसी फिल्मों में भी अपनी भूमिका निभाई। 2021 में “कैंडिमैन” के रीबूट में भी उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जो इस फ्रैंचाइज़ी के प्रति उनकी कड़ी निष्ठा को दर्शाता है।

अन्य प्रमुख फिल्में और टीवी शो

कैंडिमैन के अलावा, टोनी टॉड (Candyman Actor Tony Todd) ने कई अन्य फिल्में और टीवी शो में भी अभिनय किया था । उन्होंने “फाइनल डेस्टिनेशन” सीरीज में भी अहम भूमिका निभाई, जिससे उनके प्रशंसकों की संख्या में और इजाफा हुआ। इसके अलावा उन्होंने “नाइट ऑफ द लिविंग डेड” और “द क्रो” जैसी फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी। इसके अलावा, वे टीवी शो “24”, “फायरफ्लाई”, और “Star Trek: Deep Space Nine” जैसी लोकप्रिय सीरीज़ में भी नजर आए।

आवाज़ का जादू: टोनी टॉड की विशेषता – Tony Todd Voice Actor

टोनी टॉड ने कई वीडियो गेम्स, एनिमेटेड शोज़ और डॉक्यूमेंट्रीज़ में भी अपनी आवाज़ दी थी। वॉयस एक्टर टोनी टॉड ने गेम में ड्रैगन नाइट जैसे कई प्रतिष्ठित नायकों को अपनी आवाज़ दी, जिसमें स्लीराक, नाइटस्टॉकर और वाइपर के रूप में जाना जाने वाला उनका ड्रैगन रूप भी शामिल है। उन्होंने नेटफ्लिक्स की एनिमेटेड सीरीज़ Dota 2: ड्रैगन्स ब्लड में स्लीराक की भूमिका को भी दोहराया।

डोटा वीडियो गेम वॉयस एक्टिंग के अलावा टोनी टॉड ने स्पाइडरमैन (2023) में वेनम, बैक 4 ब्लड (2021) में डॉ. रोजर्स और लेयर्स ऑफ़ फियर 2 (2019) में द डायरेक्टर को भी आवाज़ दी थी।

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हिमाचल में समोसे पर सियासत! CID कर रही मामले की जांच, मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताई क्या है विवाद के पीछे की असली कहानी

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Himachal Samosa Politics
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Himachal Samosa Politics: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu) की जगह उनके स्टाफ को समोसे परोसने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार सुबह से ही हिमाचल प्रदेश में समोसे को लेकर खूब सियासत हो रही है। दरअसल, 21 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान इस बात पर विवाद शुरू हो गया था कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए खास तौर पर लाए गए समोसे किसने खाए। इसके बाद मामले की जांच को सीआईडी ​​को सौंप दिया गया। इस पर सीआईडी ​​के डीएसपी रैंक के अधिकारी ने जांच रिपोर्ट सौंपी। जांच रिपोर्ट के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो सीआईडी ​​की अनूठी जांच को लेकर प्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई।

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जानें क्या है पूरा समोसा विवाद? (Himachal Samosa Politics)

21 अक्टूबर को एक समारोह में भाग लेने गए मुख्यमंत्री को परोसने के लिए सीआईडी ​​मुख्यालय में समोसे और केक लाए गए थे। हिमाचल की राजनीति में समोसे के मुद्दे की यहीं से शुरुआत हुई (CID investigation on Samosa)। हालांकि, समन्वय की कमी के कारण ये खाद्य पदार्थ मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों को परोसे गए। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को एक महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी ने मुख्यमंत्री के दौरे के लिए होटल से कुछ खाद्य पदार्थ लाने का निर्देश दिया। इसके बाद सब-इंस्पेक्टर ने एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को खाद्य पदार्थ लाने का निर्देश दिया।

CID investigation on Samosa
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सीएम सुक्खू के लिए आए थे तीनों डिब्बे

उसके बाद, एएसआई और हेड कांस्टेबल ने एसआई को सूचित किया कि वे होटल से तीन सीलबंद डिब्बों में नाश्ता लेकर आए हैं। जब पुलिस ने पर्यटन विभाग के ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से पूछा कि क्या तीनों डिब्बों में नाश्ता मुख्यमंत्री को परोसा जाना था, तो उन्होंने कहा कि वे मेनू में नहीं थे, उनके बयान के अनुसार। किसी वरिष्ठ अधिकारी से सलाह किए बिना, खाद्य पदार्थ (केक और समोसे) प्राप्त करने वाली महिला निरीक्षक ने नाश्ता यांत्रिक परिवहन (एमटी) इकाई को भेज दिया।

CID investigation on Samosa
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CID ने घटना को सरकार विरोधी बताया

जब स्थिति और गंभीर हो गई, तो सीआईडी ​​जांच की गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार, केवल एसआई, जिसने एएसआई और हेड कांस्टेबल को होटल से नाश्ता लाने का काम सौंपा था, को पता था कि तीनों डिब्बे सुखू के लिए थे। यह तथ्य कि ये डिब्बे सुखू के लिए थे, भोजन परोसने वालों को नहीं पता था। सीआईडी ​​जांच में इसे ‘सरकार विरोधी’ कृत्य माना गया।

कांग्रेस को बदनाम कर रही भाजपा: CM सुक्खू

सीएम सुखू (Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने शुक्रवार को कहा कि जांच समोसे के बारे में नहीं थी जैसा कि मीडिया ने दावा किया था। इसके बजाय, यह अधिकारियों के “खराब आचरण” के बारे में जानने के लिए थी। इसके अलावा, उन्होंने इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा उन पर किए गए हमले को “बचकाना” बताया। सुखू के अनुसार, हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा 40 सीटें जीतने के बाद से ही बीजेपी कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के अभियान पर लगी हुई है।

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OpenAI ने किया दुनिया के सबसे पुराने डोमेन का अधिग्रहण! भारतीय मूल के धर्मेश शाह ने 126 करोड़ रुपये में बेचा

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HubSpot co-founder and CTO Dharmesh Shah
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ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने आखिरकार दुनिया के सबसे पुराने डोमेन में से एक Chat Dot com का अधिग्रहण कर लिया है, जिसे मूल रूप से सितंबर 1996 में पंजीकृत किया गया था। अब चैट डॉट कॉम टाइप करने वाला कोई भी व्यक्ति सीधे ओपनएआई के लोकप्रिय एआई चैटबॉट चैट जीपीटी (Chat GPT) पर पहुंच जाएगा। जानकारी के मुताबिक, पिछले साल OpenAI ने HubSpot के सह-संस्थापक और सीटीओ धर्मेश शाह से चैट डॉट कॉम का अधिग्रहण किया था, जिसके लिए उन्होंने 15.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे। अगर हम इसे भारतीय मुद्रा में बदलें तो यह 130 करोड़ रुपये बनता है।

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धर्मेश ने पोस्ट कर दी थी जानकारी- Chat Dot com domain name

धर्मेश शाह ने इसी साल मार्च में बताया था कि उन्होंने यह डोमेन नाम बेच दिया है, जिसका नाम उस समय नहीं बताया गया था। इसके बाद हाल ही में धर्मेश शाह ने खुद एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करके इस डील के बारे में बताया। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी इस डील के बारे में एक छोटा सा पोस्ट किया था। इस पोस्ट में सिर्फ Chat.com लिखा था।

Sam Altman ने X पर किया पोस्ट

ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन (OpenAI CEO Sam Altman) ने एक संक्षिप्त ट्वीट के माध्यम से अधिग्रहण का संकेत दिया, जिसमें केवल चैट.कॉम लिखा था।

15 मिलियन डॉलर से अधिक की कीमत में खरीदा

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, ओपनएआई ने इस डोमेन को 15 मिलियन डॉलर से ज़्यादा में खरीदा है। शाह ने बताया कि उन्हें इस डील में ओपनएआई के शेयर मिले हैं, हालांकि उन्होंने पूरी डील का खुलासा नहीं किया है।

शाह ने इस अधिग्रहण के बाद एक्स प्लैटफ़ॉर्म पर एक पोस्ट भी लिखी, उन्होंने पोस्ट में कहा कि चैट डॉट कॉम एक बेहतरीन डोमेन है जो किसी को भी एक बेहद सफल उत्पाद या कंपनी बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

धर्मेश शाह ने किया पोस्ट

OpenAI की बड़ी स्ट्रैटजी 

ओपनएआई द्वारा चैट.कॉम की खरीद उनकी व्यापक योजना का एक घटक है। ऐसा करके, यह अपने प्रोडक्ट को ग्लोबल लेवल पर एक्सेसेबल बनाना चाहता है। GPT सर्च को हाल ही में चैटजीपीटी द्वारा जारी किया गया था, जो एक प्रसिद्ध एआई प्लेटफ़ॉर्म है।

वैनिटी डोमेन्स का मतलब क्या होता है?

छोटे, याद रखने योग्य और सरल डोमेन नाम Vanity Domains के रूप में जाने जाते हैं। आम तौर पर, वे किसी कंपनी, स्टार्टअप, ब्रांड या उद्यम का सार प्रस्तुत करते हैं। कई लोगों को इन डोमेन को याद रखना आसान लगता है क्योंकि उनमें अक्सर सामान्य शब्द होते हैं। शॉप डॉट कॉम, बडी डॉट कॉम और चैट डॉट कॉम जैसे नाम।

वैनिटी डोमेन्स की क्या जरूरत है?

चैट डॉट कॉम की खरीद प्रौद्योगिकी जगत में वैनिटी डोमेन की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है, क्योंकि एआई स्टार्टअप फ्रेंड ने 1.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर में फ्रेंड डॉट कॉम को खरीदा था। ओपनएआई द्वारा चैट डॉट कॉम की खरीद कंपनी की अपने उपयोगकर्ताओं तक पहुंच को बेहतर बनाने की रणनीति को दर्शाती है।

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कौन हैं जैक स्मिथ? जिसे ट्रंप ने दी थी धमकी, बोले- ‘राष्ट्रपति बनने दो, 2 सेकंड में बर्खास्त कर दूंगा….’

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Jack Smith vs Donald Trump
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Jack Smith vs Donald Trump:अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US presidential election) में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Republican candidate Donald Trump) ने शानदार जीत दर्ज की है। जीत के लिए 270 इलेक्टोरल सीटों की जरूरत थी, फिर भी रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप को 277 इलेक्टोरल सीटें मिलीं। इस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ट्रंप की जीत के बाद जैक स्मिथ पर उनका बयान सुर्खियों में आ गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति पद पर बैठने दो, मैं स्मिथ को 2 सेकंड में बर्खास्त कर दूंगा। तो आइए जानते हैं कौन हैं जैक स्मिथ? डोनाल्ड ट्रंप उनसे इतने नाराज क्यों हैं?

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कौन हैं  जैक स्मिथ? (Who is Jack Smith)

5 जून, 1969 को जन्मे जॉन लुमन स्मिथ का लालन-पालन न्यूयॉर्क के क्ले के सिरैक्यूज़ इलाके में हुआ। हार्वर्ड लॉ स्कूल में दाखिला लेने से पहले, उन्होंने 1991 में वनोंटा में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क से डिग्री हासिल की। ​​स्नातक होने के कुछ समय बाद, स्मिथ ने मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के कार्यालय में एक अभियोजक के रूप में अपना करियर शुरू किया, इससे पहले कि वह ब्रुकलिन यू.एस. अटॉर्नी के कार्यालय में एक समान पद पर चले गए। अगले दस वर्षों के दौरान उन्होंने कई पर्यवेक्षी भूमिकाएँ निभाईं, जिनमें आपराधिक मुकदमेबाजी के प्रमुख का पद भी शामिल था, जहाँ उन्होंने वित्तीय धोखाधड़ी, सार्वजनिक भ्रष्टाचार, हिंसक अपराध और गिरोहों सहित मामलों की जाँच करने वाले दर्जनों अभियोजकों की देखरेख की।

Jack Smith vs Donald Trump
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ट्रंप पर मुकदमा चलाने वाले जैक स्मिथ

पिछले साल नवंबर में, जैक स्मिथ को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ किए गए दावों की जांच करने के लिए नियुक्त किया गया था। उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनेताओं के खिलाफ उच्च-दांव वाले आरोपों को आगे बढ़ाने में उनकी पृष्ठभूमि के कारण चुना गया था, और उन्हें न्याय विभाग के एक मजबूत, दृढ़ वरिष्ठ अभियोजक के रूप में माना जाता है। उन्हें अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड द्वारा ट्रंप के खिलाफ दो जांचों का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था: एक 2020 के चुनाव में धांधली करने के ट्रंप के प्रयास की जांच, जिसमें 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल पर हमला शामिल था, और दूसरा ट्रंप द्वारा अपने फ्लोरिडा घर में संवेदनशील दस्तावेजों के भंडारण की जांच।

ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद स्मिथ की फुली सांसे

ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद जैक स्मिथ इतने डर गए कि उन्होंने कोर्ट जाकर जज से समय मांगा ताकि वे ट्रंप के मामले में “आगे बढ़ने के लिए उचित कदमों” का आकलन कर सकें। जिसके बाद जज ने समय सीमा रद्द कर दी।

Jack Smith vs Donald Trump
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क्या था वह मामला?

विशेष वकील जैक स्मिथ (Jack Smith vs Donald Trump) ने पिछले साल ट्रंप पर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की साजिश रचने और अपने ‘मार-ए-लागो एस्टेट’ में खुफिया दस्तावेजों को अवैध रूप से संग्रहीत करने का आरोप लगाया था। स्मिथ की टीम ने 2020 के मामले में शुक्रवार को अदालत में दायर एक याचिका में कहा कि उन्हें “ट्रंप की चुनावी जीत के बाद इस अभूतपूर्व स्थिति का आकलन करने और न्याय विभाग की नीति के अनुसार आगे बढ़ने के लिए उचित कदम तय करने के लिए समय चाहिए।” स्मिथ की टीम ने कहा कि वह 2 दिसंबर तक न्यायाधीश को “अपने विचार-विमर्श के परिणाम” के बारे में सूचित करेगी।

“दो सेकंड के भीतर” स्मिथ को बर्खास्त 

ट्रंप ने शुरू से ही कहा है कि उनके खिलाफ़ लगाए गए सभी आरोप राजनीतिक हैं। उन्होंने दोनों मामलों की आलोचना करते हुए कहा कि वे राजनीति से प्रेरित हैं और कहा कि वे पदभार ग्रहण करने के “दो सेकंड के भीतर” स्मिथ को बर्खास्त कर देंगे।

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दुनिया की 5 सबसे महंगी फिल्में, जिसे बनाने में लगा दिए अरबों रुपये

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Jurassic-world, Expensive Movie
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World’s 5 most expensive films – अगर आप भी फिल्मो में रूचि रखते है. आपको भी फिल्मे देखना पसंद है. आप भी फिल्मो की खबर में रूचि रखते हैं, तो चलिए आपको इस लेख में दुनिया की 5 सबसे महंगी फिल्मो के बारें में बताते हैं. इन फिल्मो ने रिलीज़ के साथ बॉक्सऑफिस पर शानदार परफॉर्म किया था. इन फिल्मो का कलेक्शन भी काफी शानदार रहा था.मगर इस लिस्ट में बॉलीवुड की फिल्म दूर दूर तक नहीं है.

2024 तक, दुनिया की सबसे महंगी फिल्में

अवतार द वे ऑफ वॉटर (Avatar The Way of Water) – इस लिस्ट में सबसे पहली फिल्म अवतार: द वे ऑफ वॉटर हैं.  इस फिल्म को फिल्म डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने डायरेक्ट किया था. ये फिल्म साल 2022 में रिलीज़ हई थी. फिल्म ने रिलीज़ के साथ ही बॉक्सऑफिस पर धमाल मचा दिया था. इस फिल्म को दर्शको से काफी प्यार मिला था. यह फिल्म तकनीकी दृष्टिकोण से बेहद उन्नत है, जिसमें अत्याधुनिक VFX और 3D तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा, फिल्म की शूटिंग समुद्र के नीचे और जटिल सेटों में हुई, जिससे प्रोडक्शन में लागत बहुत बढ़ गई थी. वही इस फिल्म के टोटल बजट की बात करें तो लगभग $460 मिलियन यानी यानी 37.71 अरब रुपये का खर्चा हुआ था.

स्टार वार्स द राइज ऑफ स्काईवॉकर (Stars Wars: The Rise of Skywalker) – दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फिल्म भी स्टार वॉर्स की है. जो कि साल 2019 में आई थी. लुकास फिल्म्स की ‘स्टार वार्स: द राइज ऑफ स्काईवॉकर’ को बनाने के लिए मेकर्स ने 416 मिलियन डॉलर (35.09 अरब रुपये) खर्च किए थे.

एवेंजर्स एंडगेम (Avengers Endgame) – इस लिस्ट में तीसरी फिल्म एवेंजर्स एंडगेम हैं. इस फिल्म को फिल्म डायरेक्टर एंथनी और जो रूसो ने बनाया था. इस फिल्म को फैन्स ने काफी पसंद किया था. ये फिल्म साल 2019 में आई थी. यह MCU (Marvel Cinematic Universe) की सबसे बड़ी फिल्म थी और इसकी लागत अत्यधिक थी, खासकर इसकी विस्तृत कास्ट और VFX पर खर्च हुए पैसों के कारण. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस फिल्म को बनाने में कुल 30 अरब रुपये का खर्चा हुआ था.

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फास्ट एंड फ्यूरियस (Fast and furious) – दुनिया की चौथी सबसे महंगी फिल्म है एक्शन ड्रामा Fast X. साल 2023 में रिलीज हुई अमेरिकी एक्शन फिल्म को लुइस लेटरियर ने डायरेक्टर किया था ये फास्ट एंड फ्यूरियस फ्रैंचाइजी की दसवीं किश्त है जिसमें विन डीजल दिखे थे. इस फिल्म को बनाने में 379 मिलियन डॉलर यानी 31.97 अरब रुपये खर्च किए गए थे.

पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन: ए डेड मैन चेज़ नो टेल्स (Pirates of the Caribbean: Dead Men Tell No Tales) – इसके अलवा फिल्म पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन: ए डेड मैन चेज़ नो टेल्स यह पाइरेट्स फ्रेंचाइज़ की पांचवी फिल्म थी, जिसमें भारी VFX और समुद्री यात्रा के दृश्य शामिल थे, जिसकी वजह इस फिल्म को बनाने में 379 मिलियन डॉलर यानी 31.97 अरब रुपये खर्च किए गए थे.

बता दें, इन फिल्मों में से अधिकांश के बजट उच्च VFX, विस्तृत एक्शन दृश्यों, और बड़ी कास्ट के कारण बढ़े हैं. इनमें से अवतार: द वे ऑफ वॉटर को तकनीकी दृष्टि से सबसे महंगी माना जाता है.

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Guru Nanak Jayanti 2024: इस साल कब है गुरु नानक जयंती? जानें सिखों के लिए गुरु पर्व का महत्व

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Gurunanak, Guru nanak Dev ji
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Guru Nanak Jayanti 2024 – गुरुपर्व सिख धर्म में गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह त्योहार विशेष रूप से सिख समुदाय में बहुत महत्वपूर्ण है. गुरु नानक देव जी पहले गुरु हैं और इन्हें सिख धर्म के संस्थापक माना जाता है. गुरुपर्व के दौरान, श्रद्धालु गुरुद्वारों में जाते हैं, जहां प्रार्थना, भजन और कीर्तन होता है. लोग आमतौर पर लंगर का भी आयोजन करते हैं, जिसमें सभी के लिए भोजन का प्रसाद तैयार किया जाता है. इस दिन सिखों के मूल सिद्धांतों जैसे सेवा, समानता और भाईचारे को विशेष रूप से याद किया जाता है. तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि इस साल गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2024) कब मनाई जाएँगी और इसके महत्व क्या हैं.

कब है गुरु नानक जयंती 2024?

गुरुपर्व का आयोजन मुख्य रूप से कार्तिक महीने की पूर्णिमा को होता है, वही हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 16 नवंबर को देर रात्रि को 02 बजकर 58 मिनट पर होगा. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2024) मनाई जाएगी और यह एक समर्पित अवसर है जहां लोग अपने गुरु के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं और उनके संदेशों को अपनाते हैं.

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गुरुपर्व के दिन विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ 

गुरुद्वारे में जाना –  लोग अपने नजदीकी गुरुद्वारे जाते हैं, जहां विशेष प्रार्थना और कीर्तन आयोजित किया जाता है.

शबद कीर्तन –  गुरु ग्रंथ साहिब से शबद (भजन) गाए जाते हैं. श्रद्धालु भक्ति भाव से इनमें शामिल होते हैं.

प्रार्थना – लोग गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके संदेशों को याद करते हैं.

लंगर का आयोजन – गुरुद्वारों में लंगर (सामूहिक भोजन) का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी जातियों और समुदायों के लोग मिलकर भोजन करते हैं. यह समानता और भाईचारे का प्रतीक है.

समारोह और विचार-विमर्श – कई जगह संगठनों द्वारा विशेष कार्यक्रम, भाषण और संगोष्ठियाँ आयोजित की जाती हैं, जिसमें गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं पर चर्चा होती है.

पुस्तकों का वितरण –  कुछ स्थानों पर गुरु नानक जी की शिक्षाओं से संबंधित किताबें और साहित्य वितरित किए जाते हैं.

कब और कहां हुआ था गुरु नानक देव का जन्म?

गुरु नानक देव का जन्म सन 1469 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के तलवंडी नामक गांव में हुआ था, आज उस स्थान को श्री ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. यह सिखों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और आस्था का स्थान है. गुरु नानक देव ने समाज की बुराइयों को दूर करने और लोगों के बीच भाईचारे को बढ़ाने का प्रयास किया. उन्होंने गुरु परंपरा की शुरूआत की और सिख धर्म की स्थापना की.

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गुरुपर्व के दिन कई खास गतिविधियाँ और रस्में 

विशेष पूजा-अर्चना: दिन की शुरुआत प्रार्थना और पूजा से होती है. श्रद्धालु सुबह जल्दी गुरुद्वारे पहुंचते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. वही गुरुद्वारे में पूरे दिन भक्ति भरे कीर्तन होते हैं, जिसमें गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के आधार पर भजन गाए जाते हैं. यह श्रद्धा और भावनाओं से भरा होता है. दूसरी और लंगर का आयोजन महत्वपूर्ण होता है, जहां सभी लोगों को मुफ्त भोजन परोसा जाता है. यह समानता और समुदाय की भावना को बढ़ावा देता है. इसके अलवा कई जगह गुरु नानक देव जी के जन्म के समय के अनुसार दीप जलाए जाते हैं और गुरुद्वारों को सजाया जाता है. यह उनके जन्म का उत्सव मनाने का एक तरीका है. (जिसे प्रकाशपर्व भी कहा जाता हैं.) वही कई समुदाय एकत्र होते हैं, जहाँ गुरु नानक की शिक्षाओं पर चर्चा होती है और उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है.

गुरुपर्व का दिन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है, जो सिख धर्म के मूल्यों को आगे बढ़ाता है.

 

 

 

Tulsi Vivah 2024: कब है तुलसी विवाह? जानें तुलसी विवाह की विधि और उसका महत्व

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Tulsi Vivah, Dev Uthani
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Tulsi Vivah 2024 Date: तुलसी विवाह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है. यह मुख्यतः तुलसी (वृंदा) और भगवान श्री विष्णु के बीच विवाह के रूप में मनाया जाता है. यह पूजा दिवाली के समय, आमतौर पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को होती है, जिसे “तुलसी विवाह” कहा जाता है. लेकिन सवाल यह हैं कि इस साल तुलसी विवाह किस दिन होगा.

किस दिन होगा तुलसी विवाह जानें तिथि

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है, इसे धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. वही हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी माता और शालिग्राम जी का विवाह किया जाता है. इस साल 12 नवंबर 2024 को तुलसी विवाह कराया जाएगा. लेकिन कुछ जगहों पर 13 नवंबर 2024 को भी तुलसी विवाह किया जाएगा. इस दिन देवउठनी एकादशी भी है जिसे साल की सबसे बड़ी एकादशी माना जाता हैं. इस दिन विष्णु भगवन 4 महीने बाद नींद से जागते हैं.

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तुलसी विवाह एकादशी तिथि 2024 

Tulsi Vivah 2024 – पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को शाम 06:46 मिनट से होगी. इसका समापन 12 नवंबर को दोपहर बाद 04:04 मिनट पर होगा. वही (तुलसी विवाह एकादशी मुहूर्त 2024) ज्योतिष गणना के अनुसार एकादशी तिथि पर तुलसी विवाह का शुभ समय शाम 5 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगा.

तुलसी विवाह का महत्व

तुलसी का धार्मिक महत्व: तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. इसे घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय और उनके साथ विवाह करने वाली पत्नी के रूप में पूजा जाता है.

विवाह का प्रतीक: तुलसी विवाह को श्री विष्णु के साथ तुलसी के पौधे का विवाह समझा जाता है. यह विवाह वैदिक शास्त्रों और पुराणों के अनुसार होता है, जिसमें तुलसी का प्रतीकात्मक विवाह भगवान विष्णु से होता है.

धार्मिक एवं सामाजिक उद्देश्य: तुलसी विवाह न केवल धार्मिक उद्देश्य से होता है, बल्कि यह एक सामाजिक अवसर भी है. इस दिन परिवारजन एकत्रित होकर पूजा करते हैं, विवाह समारोह की तरह तैयारी करते हैं और वातावरण में खुशी और उल्लास का संचार करते हैं.

तुलसी विवाह की पूजा विधि

तुलसी विवाह – कराने के लिए सर्वप्रथम एक लकड़ी की चौकी लें. इसके बाद उसपर लाल रंग का साफ आसन बिछाएं. इसके बाद तुलसी के गमले को गेरू से रंग दें. फिर उसके चौकी के ऊपर स्थापित कर दें. वहीं आप एक और चौकी लें इसपर साफ या नया आसन बिछा लें. अब इसपर भगवान शालिग्राम को स्थापित कर दें.दोनों चौकियों को एक दूसरे के पास में रखें। दोनों के ऊपर गन्ने से मंडप सजाएं. इसके बाद आप एक साफ कलश में जल भरें और उसमें पांच या फिर सात आम के पत्ते डाल दें। इसे पूजा स्थल पर स्थापित कर दें.

तुलसी के पौधे की सजावट – इस दिन तुलसी के पौधे को अच्छे से साफ कर के सजाया जाता है, इसे रंग-बिरंगे फूलों और आभूषणों से सजाया जाता है.

विधिपूर्वक पूजा –  पूजा के दौरान तुलसी के पौधे के पास दीपक और अगरबत्तियां लगाई जाती हैं. भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा की जाती है.

विवाह की रस्में –  कुछ स्थानों पर विवाह के दौरान तुलसी के पौधे को वस्त्र पहनाए जाते हैं और उसे सिंदूर, कुमकुम, हल्दी आदि से श्रृंगार किया जाता है. भगवान विष्णु का प्रतीक शालिग्राम स्वरूप पिंड या मूर्ति रखी जाती है और तुलसी के पौधे के साथ उसका विवाह रचाया जाता है.

प्रसाद वितरण – पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है, और लोग एक दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं.

पौराणिक कथा अनुसार 

पौराणक कथाओं के अनुसार, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु से नाराज होकर उन्हें श्राप दे दिया था कि आप पत्थर के बन जाओ. तत्पश्चात, इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए विष्णु भगवान ने शालीग्राम पत्थर का रूप धारण किया और तुलसी माता से विवाह किया तब से ही तुलसी विवाह को त्यौहार के रीप में मनाया जाता है. तुलसी माता को मां लक्ष्मी का ही अवतार माना जाता है.

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इस फिल्म के बन चुके हैं आठ रीमेक, सभी रहे हिट, कार्तिक आर्यन वाली फिल्म ने तो कमा डाले तीन दिन में 100 करोड़

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Bhool Bhulaiyaa Movie Remake: बॉलीवुड में रीमेक फिल्मों का चलन दशकों से चला आ रहा है। अलग-अलग भाषाओं में बनी हिट फिल्मों का रीमेक बनाना बॉलीवुड का खास ट्रेड बन गया है। हिंदी में बनी कई रीमेक फिल्में, खासकर दक्षिण भारतीय फिल्मों से प्रेरित होकर, बॉक्स ऑफिस पर सफल रही हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी फिल्म के बारे में बताएंगे, जिसके 8 रीमेक बन चुके हैं और इस फिल्म का अकेले बॉलीवुड में तीन बार रीमेक बनाया गया है। लेटेस्ट रीमेक ने महज तीन दिनों में 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है।

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बॉलीवुड रीमेक फिल्मों में ‘सिंघम’, ‘दृश्यम’, ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘भूल भुलैया’ जैसी फिल्मों के नाम शामिल है। लेकिन जिस फिल्म के बारे में बताने वाले हैं वो है ‘भूल भुलैया।’

आठ बार बने रीमेक- Remake Movies in Bollywood

बॉलीवुड में बनी पहली भूल भुलैया मूवी ही रीमेक मूवी थी (Bhool Bhulaiyaa Movie 8 Remake)। इसके बाद भूल भुलैया 2 और भूल भुलैया 3 भी रिलीज हुई। पहली मनोवैज्ञानिक हॉरर फिल्म 1993 में मलयालम में बनी थी। मलयालम फिल्म का नाम ‘मणिचित्राथजु’ था। इस कहानी पर विभिन्न भाषाओं में कुल आठ रीमेक बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है।’

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विभिन्न भाषाओं में रीमेक: Bhool Bhulaiyaa Movie Remake

  1. कन्नड़: ‘अपथमित्रा’ (2004)
  2. तमिल: ‘चंद्रमुखी’ (2005)
  3. बंगाली: ‘राजमोहोल’ (2005)
  4. हिंदी: ‘भूल भुलैया’ (2007)
  5. भोजपुरी: ‘भूल भुलैया’ (2008)
  6. तेलुगु: ‘नागवल्ली’ (2010)
  7. तमिल: ‘चंद्रमुखी 2’ (2023)

इनमें से अधिकांश फिल्मों ने अपने-अपने क्षेत्रों में ब्लॉकबस्टर सफलता हासिल की है।

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2024 की ‘भूल भुलैया 3’

1 नवंबर 2024 को रिलीज होने वाली ‘भूल भुलैया 3’ ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार शुरुआत की है। कार्तिक आर्यन, विद्या बालन, माधुरी दीक्षित और तृप्ति डिमरी जैसे सितारों से सजी इस फिल्म ने पहले तीन दिनों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है। फिल्म दर्शकों को सस्पेंस, हॉरर और कॉमेडी का बेहतरीन मिश्रण पेश करती है, जिससे यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। ‘भूल भुलैया’ फ्रेंचाइजी की यह तीसरी किस्त दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरी है और बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बना रही है।

मूवी का कलेक्शन

इस फिल्म का पार्ट टू साल 2022 में आया था और अब पार्ट थ्री रिलीज हो गया है। Sacnilk की रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म ने रिलीज के चौथे दिन 17.50 करोड़ की कमाई की। जिसके बाद अब फिल्म की कमाई 123.50 करोड़ रुपए हो गई है। कार्तिक आर्यन(Kartik Aryan) तृप्ति डिमरी, माधुरी दीक्षित और विद्या बालन (Vidya Balan) की इस फिल्म को विदेशों में भी खूब प्यार मिल रहा है।

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Guru Har Krishan Ji: क्या सिखों के आठवें गुरु की मृत्यु चेचक से हुई थी? जानें गुरु हर कृष्ण के बारे में अनकही बातें

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Guru Har Krishan Biography: गुरु हरकिशन जी सिखों के आठवें और सबसे छोटे गुरु थे, जिन्हें ‘बाला पीर’ के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 7 जुलाई 1656 को पंजाब के कीरतपुर साहिब में हुआ था। वे गुरु हर राय जी और माता किशन कौर के पुत्र थे। गौरतलब है कि महज 5 साल की उम्र में 1661 में उन्हें सिखों के आठवें गुरु के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने छोटे से जीवन में महान सेवा की। 1664 में दिल्ली में चेचक की महामारी के दौरान, उन्होंने बिना किसी भेदभाव के रोगियों की सेवा की, जिससे उन्हें “बाला पीर” (बाल संत) के रूप में जाना जाने लगा।

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बचपन से ही आध्यात्मिक साधना में लिन

गुरु हर किशन (Guru Harkishan Ji) जी बचपन से ही बहुत गंभीर और सहनशील रहे हैं। वे पाँच साल की उम्र में ही आध्यात्मिक साधना में पूरी तरह डूबे हुए थे। हर किशन जी के पिता अक्सर उन्हें और उनके बड़े भाई राम राय को परीक्षा में डालते थे। जब हर किशन जी गुरबानी का पाठ कर रहे होते थे, तो वे उन्हें सुई चुभो देते थे, लेकिन युवा हर किशन जी गुरबानी सुनना बंद नहीं करते थे। उनका पूरा ध्यान गुरबानी सुनने में ही रहता था।

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क्‍यों कहे जाते हैं बाला पीर

गुरु हरकिशन जी ने जनता के साथ मित्रवत व्यवहार करके बहुत ही कम समय में लोकप्रियता हासिल कर ली थी। गुरु हरकिशन जी ने अपनी सेवा और दया के कार्यों से बहुत कम उम्र में ही लोगों के दिलों में एक खास जगह बना ली थी। उनकी सादगी, करुणा और दयालुता ने उन्हें “बाला पीर” (Sikh Guru Bala Peer) के रूप में प्रसिद्ध कर दिया।

छोटी उम्र में उन्हें गुरु गद्दी पर बिठाया गया

गुरु हरकिशन जी के पिता, गुरु हरिराय जी के दो पुत्र थे- राम राय और हरकिशन। हालाँकि, गुरु जी ने सिख धर्म के नियमों को तोड़ने के लिए राम राय को पहले ही निर्वासित कर दिया था। नतीजतन, गुरु हरि राय ने अपने छोटे बेटे, जो उस समय केवल पाँच साल का था, को अपने निधन से कुछ समय पहले सिख धर्म की बागडोर सौंपी।

गुरुद्वारा बंगला साहिब

खबरों की मानें तो, गुरुद्वारा बंगला साहिब एक बंगला है जो 7वीं शताब्दी के भारतीय राजा जय सिंह का था। कथित तौर पर औरंगजेब द्वारा उन्हें दिल्ली बुलाए जाने के बाद वे यहीं रहे। यह भी माना जाता है कि जब गुरु हरकिशन सिंह जी दिल्ली आए थे, तो शहर में चेचक का प्रकोप था। गुरु जी ने इस बंगले में लोगों को ठीक करने के लिए झील के पवित्र जल का इस्तेमाल किया था। उनके सम्मान में, बाद में इस बंगले का नाम बदलकर गुरुद्वारा बंगला साहिब कर दिया गया।

Gurdwara Bangla Sahib
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दिल्ली में चेचक महामारी के दौरान सेवा- Guru Harkishan died of smallpox

1664 में जब दिल्ली में चेचक और हैजा की महामारी फैली थी, तब गुरु हर किशन जी ने पीड़ितों की सेवा की। उन्होंने जाति, धर्म और सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर रोगियों की मदद की और उनकी सेवा की। रोगियों के संपर्क में आने के कारण गुरु हर किशन जी स्वयं चेचक से संक्रमित हो गए। मात्र 8 वर्ष की आयु में 30 मार्च 1664 को उन्होंने “वाहेगुरु” को याद करते हुए दिल्ली में अंतिम सांस ली। उनके निधन से पहले जब लोगों ने पूछा कि अब गुरु गद्दी पर कौन बैठेगा तो उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के लिए केवल ‘बाबा बकाला’ का नाम लिया, जिसका मतलब था कि उनका उत्तराधिकारी बकाला गांव में ही मिलना चाहिए। उनके उत्तराधिकारी गुरु तेज बहादुर सिंह जी थे और उनका जन्म बकाला में ही हुआ था।

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इन 5 लोगों ने घर पर रहकर घटाया वजन, Weight Loss के लिए इससे बढ़िया मोटिवेशन आपको नहीं मिलेगा

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Weight Loss Journey: घर पर वजन कम करना चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है लेकिन यह असंभव नहीं है। कई लोगों ने बिना जिम जाए या महंगे न्यूट्रिशन सप्लीमेंट खरीदे अपनी हेल्दी लाइफस्टाइल और दृढ़ संकल्प से वजन कम किया है। आज हम आपको ऐसे ही 5 लोगों की वेट लॉस जर्नी (5 people Weight Loss Journey) के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने घर पर ही सिंपल डाइट फॉलो करके 10 से 100 किलो वजन घटाया है। इन लोगों ने साबित कर दिया है कि वजन कम करने के लिए जिम जाना जरूरी नहीं है।

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राजी घनघस- Easy Weight Loss Journey

हरियाणा की 19 वर्षीय मेडिकल छात्रा राजी (Weight Loss, Raji Ghanghas) ने अपना वजन 155 किलो से घटाकर 100 किलो कर लिया। उसने यह सफलता रोजाना 10,000 कदम चलने, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से हासिल की। ​​राजी ने अपने वजन घटाने के सफर से अपने शरीर के साथ-साथ अपने आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति को भी मजबूत किया है। राजी ने बताया कि उसका वजन घटाने का सफर 80 प्रतिशत मानसिक और 20 प्रतिशत शारीरिक था।

Weight Loss, Raji Ghanghas
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पूजा जोशी- Pooja Joshi Weight Loss Journey

दिल्ली की 47 वर्षीय पूजा ने स्टेरॉयड के कारण बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाई और 13 किलो वजन कम किया। उन्होंने नियमित योग और हेल्दी डाइट का पालन किया। पूजा कहती हैं, कोरोना के बाद मुझे गठिया हो गया था। गठिया के इलाज के लिए मैंने कुछ स्टेरॉयड लिए। स्टेरॉयड लेने के बाद मेरा वजन तेजी से बढ़ने लगा। इसकी वजह से मेरी आंखों में भी दिक्कत होने लगी। मैंने वजन घटाने के लिए डाइट प्लान फॉलो किया, मेरा 13 किलो वजन कम हुआ है। पहले मेरा वजन 86 किलो था, जो अब 73 किलो हो गया है। हेल्दी डाइट लेने से मुझे गठिया के दर्द से भी काफी राहत मिली है।

Pooja Joshi Weight Loss Journey
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पूजा कहती हैं, “वजन घटाने के दौरान मैं ग्लूटेन-फ्री डाइट पर हूं। मैं गेहूं का सेवन करने से बचती हूं। इसके साथ ही मैं दूध और दूध से बने उत्पादों का भी कम मात्रा में सेवन करती हूं।”

वसुंधरा वर्मा- Vasundhara Verma Weight Loss Journey

21 वर्षीय कॉलेज छात्रा वसुंधरा ने लॉकडाउन के दौरान 75 किलो से 55 किलो वजन कम किया। उन्होंने चीनी और जंक फूड से परहेज, जल्दी डिनर करने और नियमित HIIT वर्कआउट के ज़रिए यह उपलब्धि हासिल की।

Vasundhara Verma Weight Loss Journey
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वसुंधरा कहती हैं, ‘सबसे पहले मैंने यूट्यूब पर लो इम्पैक्ट वर्कआउट देखे और उन्हें फॉलो करना शुरू किया। लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ। फिर मैंने चॉकलेट और सैंडविच खाना बंद कर दिया, जो मैं रोज खाती थी। मैंने अपनी डाइट पूरी तरह बदल दी। मैंने चीनी और जंक फूड खाना बंद कर दिया। आज नतीजा सबके सामने है।’

मदन चिंटला- Madan Chintala Weight Loss Journey

35 वर्षीय मदन ने 100 दिनों में अपना वजन 100 किलो से घटाकर 72 किलो कर लिया। उन्होंने शहद में भिगोए हुए सब्जा के बीज, ग्रीन टी और संतुलित आहार के साथ सूर्य नमस्कार जैसे योग आसन का अभ्यास किया। मदन बताते हैं कि वे 2-3 मिनट तक हाई इंटेंसिटी कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं। इसके अलावा उन्हें जिम में चेस्ट और लेग वर्कआउट करना पसंद है। मदन बताते हैं कि वे ज्यादातर कंपाउंड एक्सरसाइज करते हैं। उन्होंने अपना वजन कम करने में सूर्य नमस्कार योगासन को बहुत श्रेय दिया है।

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आदित्य और गायत्री शर्मा- Aditya-Gayatri Sharma Weight Loss Journey

राजस्थान के इस दंपत्ति ने 3 महीने में क्रमश: 20 और 14 किलो वजन कम किया। उन्होंने घर पर ही संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाया। आदित्य कहते हैं कि उन्होंने वजन घटाने के लिए 3 स्तर पर मेहनत की। पहला, खान-पान की आदतों में सुधार, दूसरा, दिनचर्या में थोड़ा बदलाव और तीसरा, जिम जाकर नियमित व्यायाम। उनकी दिनचर्या थी कि वे सुबह 5 बजे उठकर जिम जाते और डेढ़ घंटे वर्कआउट करते।

Aditya-Gayatri Sharma Weight Loss Journey
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इसके बाद वे ऑफिस के लिए तैयार हो जाते और अपनी सामान्य दिनचर्या का पालन करते। इसी तरह गायत्री भी जिम जाती और वहां से लौटने के बाद अपनी सामान्य दिनचर्या का पालन करती। इस दिनचर्या के अलावा उन्होंने अपने खान-पान की आदतों में भी कई बदलाव किए। उन्होंने फास्ट फूड की जगह घर पर ही हेल्दी फूड बनाना शुरू किया और पैकेज्ड फूड की जगह घर पर ही स्नैक्स बनाना शुरू किया।

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