दिल्ली कैबिनेट में मंत्री बने ये AAP के ये दो विधायक
दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. जहाँ सिसोदिया की गिरफ्तारी की वजह से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. वहीं 2 ऐसे नेता हैं जिन्हें सिसोदिया और कई समय से बंद जेल मंत्री सत्येंद्र जैन के गिरफ्तार होने से बड़ा फायदा हुआ है.
सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने दिया था इस्तीफा
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार का हिस्सा रहे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) ने अपनी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया साथ ही जेल मंत्री सत्येंद्र जैन (Jail Minister Satyendra Jain) ने भी इस दौरान अपना इस्तीफा दिया और अब उनकी जगह आम आदमी पार्टी के दो विधायक दिल्ली सरकार में मंत्री बनाए गए हैं।
आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज को हुआ फायदा
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी औउर उनके इस्तीफा देने के बाद विधायक आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज को बड़ा फायदा हुआ है. इन दोनों को आप सरकार में मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी। जिसेक बाद आतिशी को शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, बिजली और पर्यटन विभाग का प्रभार मिला । जबकि सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य, शहरी विकास, पेयजल, इंडस्ट्री विभाग का कार्यभार मिला है।
आतिशी कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। आतिशी, मनीष सिसोदिया की शिक्षा टीम की प्रमुख सदस्य रही हैं। उसने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था और भाजपा के गौतम गंभीर से हार गई थी।पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भारद्वाज ने दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज भी आप सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे।
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
भारत के गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के दो मंत्रियों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के अनुसार आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ.सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद आप सरकार पर मुसीबत आ गयी थी. दरअसल, आप सरकार के सात में दो मंत्री जेल चले गए थे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं होने की वजह से महज चार मंत्रियों के भरोसे सरकार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, दोनों पूर्व मंत्रियों के पास 25 से अधिक महत्वपूर्ण विभाग थे लेकिन दो नए मंत्री की नियुक्ति के बाद दिल्ली के सीएम की मुसीबत कम हो गयी है.