फिर गिरफ्तार हुए मनीष सिसोदिया
दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) को शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. इस घोटाले की वजह से मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद है. वहीं इस बीच मनीष सिसोदिया को एक और बड़ा झटका लगा है और इसके बाद उन्होने तिहाड़ जेल से अपने समर्थकों के लिए एक ओपन लेटर (Manish Sisodia Open Letter) लिखा है जो कि इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है.
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सिसोदिया को ED ने किया गिरफ्तार
दरअसल, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) मामले में गिरफ्तार कर लिया है और यह गिरफ्तारी उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई से एक दिन पहले की गई है. वहीं इस गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से अपने समर्थकों के लिए एक ओपन लेटर लिखा, जिसमें उन्होंने भाजपा पर ‘जेल पॉलीटिक्स’ (Jail politics) करने का आरोप लगाया साथ ही भाजपा पर जांच एजेंसियों के ऊपर दबाव बनाकर लोगों को जेल में ठूंसने का आरोप लगाया. वहीं ये भी कहा है कि देश जेल की राजनीति से नहीं बल्कि शिक्षा की राजनीति करने से ही विश्वगुरु बनेगा.
लेटर लिखकर BJP पर लगाया आरोप
सिसोदिया की गिरफ्तारी के कुछ देर बाद सामने आया ओपन लेटर पैन द्वारा हाथ से किसी कॉपी के पन्नों पर लिखा गया है. इस लेटर का टाइटल रखा गया है ‘शिक्षा-राजनीति और जेल’. लेटर में सिसोदिया ने लिखा है, हम बच्चों को पढ़ाने की राजनीति कर रहे हैं, जबकि भाजपा जेल में डालने की राजनीति में बिजी है. सिसोदिया ने लिखा, बच्चों को पढ़ाने के मुकाबले जेल भेजना आसान है, लेकिन देश जेल भेजने से नहीं बल्कि शिक्षा से आगे बढ़ता है. दिल्ली के शिक्षामंत्री के तौर पर कई बार एक सवाल मन में रहा कि देश और राज्य की सत्ता संभालने वाले नेताओं ने शानदार स्कूल-कॉलेज क्यों नहीं बनाए? हर बच्चे के लिए स्कूल का इंतजाम क्यों नहीं किया? यदि पूरे देश में सारी राजनीति तन-मन-धन से शिक्षा की राजनीति में जुटी होती तो आज हर बच्चे के लिए विकसित देशों की तरह अच्छे से अच्छे स्कूल होते. फिर भी शिक्षा को सफल राजनीति ने हमेशा हाशिए पर क्यों रखा? सिसोदिया ने लेटर में आगे खुद ही इसका जवाब भी दिया है. उन्होंने लिखा, जेल में हूं तो इन सवालों के जवाब खुद मिल गए हैं. देख रहा हूं कि राजनीति में जेल चलाने से सफलता मिल रही है तो स्कूल चलाने की जरूरत किसी को भला क्यों होगी?
स्कूल चलाने से ज्यादा आसान है जेल भेजने की धमकी देना
वहीं सिसोदिया ने ये भी लिखा, सत्ता की खिलाफत वाली आवाज को जेल भेजने की धमकी देना हर बच्चे के लिए स्कूल खोलकर उसे चलाने से ज्यादा आसान है. उन्होंने यूपी का उदाहरण देते हुए लिखा कि एक लोक गायिका का लोकगीत अपने खिलाफ लगा तो उसे पुलिस का नोटिस दे दिया गया. कांग्रेस प्रवक्ता ने मोदी जी के नाम में एक शब्द इधर-उधर कर दिया तो दो राज्यों की पुलिस ने उन्हें खूंखार अपराधी की तरह फिल्मी अंदाज में दबोच लिया. अरविंद केजरीवाल ने तो मोदी जी की राजनीति के समक्ष वैकल्पिक राजनीति खड़ी कर दी है. ये इतना बड़ा गुनाह है कि उनके दो मंत्री आज जेल में हैं.
जेल की राजनीति सत्ताधारी नेता को बनाएगी और ताकतवर
वहीं दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने लिखा, साफ तस्वीर दिख रही है कि जेल की राजनीति सत्ताधारी नेता को और ताकतवर बना रही है. जांच एजेंसी के चार अधिकारी दबाव में लेने से काम हो जाता है. जांच एजेंसियों पर दबाव बनाइए और जिसे चाहे उसे जेल भिजवा दें. सिसोदिया ने आगे लिखा, जेल की राजनीति आज भले ही सफल दिख रही हो, लेकिन स्कूल की, शिक्षा की राजनीति में ही भारत का भविष्य है. भारत इसलिए विश्वगुरु नहीं बनेगा कि यहां की जेलों में कितनी ताकत है बल्कि यहां की शिक्षा की ताकत उसे विश्वगुरु बनाएगी. इसलिए मौजूदा राजनीति में जेल का पलड़ा भले ही भारी है पर आने वाला कल शिक्षा की राजनीति का ही होगा.
सिसोदिया को जमानत मिलना मुश्किल
आपको बता दें, बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उन्हें इस शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी तब हुई है जब शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी जिसकी वजह से अब उन्हें जमानत मिलना मुश्किल माना जा रहा है. सीबीआई की तरफ से दर्ज केस में जमानत मिलने की स्थिति में भी सिसोदिया को ईडी केस के कारण जेल में ही रहना होगा.