महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर समाने आई है खबर है कि यहां के नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मौत हुई है साथ ही जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे मौत की आकंडा भी बढ़ता जा रहा है और अभी तक 36 घंटे के दौरान मरने वालों की संख्या 31 पहुंच गई है.
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इन वजहों से हुई मरीजों की मौत
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल अस्पताल प्रशासन में 30 सितंबर की रात 12 बजे से 1 अक्टूबर रात 12 बजे के बीच 24 लोगों की जान चली गयी और जान गंवाने वालों में 12 बच्चे, 7 महिलाएं और 5 पुरुष हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी मौत अस्पताल में दवा की आपूर्ति नहीं होने और वक्त पर इलाज नहीं मिलने साथ ही स्टाफ की वजह से हो रही है. जहाँ अस्पताल पर मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि दवा और स्टाफ की कमी से मरीजों की मौत हो रही है. इसी के साथ प्रशासन ने मरीजों की हुई मौत पर सफाई देते हुए कहा कि ये आम बात है यहां मरीज इसलिए मर रहे हैं क्योंकि अस्पताल में 500 बेड की व्यवस्था है, लेकिन 1200 मरीज भर्ती हैं. वहीं इनमें 70 मरीजों की हालत अभी भी गंभीर है.
इस मामले में सरकारी अस्पताल के अधीक्षक वाकोडे ने कहा की 70 से 80 किलोमीटर तक के क्षेत्र के सभी गंभीर मरीजों को हमारे यहां भर्ती कराया जाता है. सोमवार को 12 बच्चों की मौत हुई है, जिसमें 12 नवजात शिशु हैं. 4 की मौत हर्ट की बीमारी और 3 लोगों की मौत सांप काटने के वजह से हुई है.
सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
वहीं इस मामले पर अब राजनीती भी हो रही है NCP प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने एक्स पर लिखा- नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में हुई मौतें कोई संयोग नहीं है. इनकी जांच की जानी चाहिए. वहीं अब अब अस्पताल में 31 लोगों की मौत के बाद सरकार ने जांच कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी मौत के कारणों की जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
प्रसाशन ने बताई अपनी परेशानी
इसी के साथ प्रसाशन ने ये भी कहा कि 4 मरीजों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई. 1 मरीज का लिवर फेल हुआ था. 1 मरीज की मौत जहर खाने, 2 की संक्रमण और 1 महिला की मौत डिलीवरी के वक्त ज्यादा ब्लड बहने से हुई. वहीं, अन्य मौतों की जांच चल रही है.