हाल ही में देश की संसद में मीडिया पोर्टल NEWS CLICK (न्यूजक्लिक) को लेकर चर्चा हुई और बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे ने कहा कि NEWS CLICK को चीन से फंडिंग मिल रही है. उन्होंने कहा कि NEWS CLICK देश विरोधी है. वहीं अब NEWS CLICK फिर से चर्चा में आ गयी है. दरअसल, NEWS CLICK सरकारी एजेंसियों के रडार पर आ गयी है और अब चीन से फंडिंग विवाद के बीच न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों (Raid On NewsClick Journalist) के ठिकानों पर दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की है साथ ही इस मामले में अब पूछताछ की जा रही है.
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दिल्ली पुलिस ने की पत्रकारों के ठिकानों पर रेड
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की डिजिटल न्यूज वेबसाइट न्यूज क्लिक और इससे जुड़े कुछ पत्रकारों के ठिकानों पर रेड की और इस दौरान पुलिस की स्पेशल सेल ने मोबाइल और लैपटॉप, कंप्यूटर समेत कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जब्त किए हैं. दिल्ली पुलिस डकवर की जा रही ये छापेमारी 17 अगस्त को यूएपीए और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत दर्ज मामले पर आधारित है. यूएपीए आईपीसी की धारा 153ए, आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. जहाँ ये छापामारी 30 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ चल रही है तो वहीं इससे पहले ईडी ने भी कार्रवाई की थी.
कांग्रेस, चीन और न्यूज क्लिक का है सीधा संबंध
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त के महीने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने न्यूज क्लिक के चीन से संबंध होने की बात कही थी उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर खुलासा करते हुए कहा था कि कांग्रेस, चीन और न्यूज क्लिक एक ही गर्भनाल का हिस्सा हैं. राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान साफ देखा जा सकता है. चीन के लिए उनका प्यार देखा जा सकता है और ये तीनो मिलकर भारत विरोधी एजेंडा चला रहे थे.
इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि 2021 में हमने न्यूज क्लिक के बारे में खुलासा किया था कि विदेशी प्रचार कैसे भारत के खिलाफ हो रहा है. इस भारत विरोधी अभियान में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उनके समर्थन में आए हैं. चीनी कंपनियां मोगुल नेविल रॉय सिंघम के माध्यम से न्यूज क्लिक को फंडिंग कर रही थी, लेकिन उनके सेल्समैन भारत के कुछ लोग थे, जो उनके समर्थन में आए जब उनके खिलाफ कार्रवाई की गई.
जानिए क्या है न्यूज क्लिक से जुड़ा मामला
जानकारी के अनुसार, न्यूज क्लिक एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है और भारतीय जनता पार्टी ने खुलासा किया था कि चीन का साथ देकर भारत में माहौल खराब करने का आरोप लगाया था साथ ही विदेशी फंडिंग का मामला दर्ज हुआ था. वहीं स्पेशल सेल से पहले ईडी ने भी छापेमारी की कार्रवाई कर चुकी है। ईडी ने जानकारी दी थी कि न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपए की फंडिंग हुई थी और यह पैसा कुछ जर्नलिस्ट में शेयर हुआ था.
वहीं 22 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दायर की गई एक याचिका पर न्यूज क्लिक के सीईओ प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस जारी किया था. जिसमें अपने अंतरिम आदेश को हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी. जिसमें जांच एजेंसी को कोई भी जबरदस्ती न करने के लिए कहा गया था.
वहीं 7 जुलाई 2021 को होईकोर्ट ने एक आदेश पारित कर कहा था कि प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हालांकि, यह भी कहा कि जांच अधिकारी द्वारा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें जांच में सहयोग करना होगा. जस्टिस सौरभ बेनराजी की बेंच ने मामले में पुरकायस्थ से जवाब मांगा था. ईओडब्ल्यू की एफआईआर के मुताबिक, आईपीसी की धारा 406, 420 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई.
अनुराग ठाकुर ने किया था खुलासा
अनुराग ठाकुर ने बताया कि न्यूज क्लिक जब शुरू हुआ, उसके बाद करोड़ों रुपये की फंडिंग मिली. हम इस एंटी इंडिया एजेंडे को चलने नहीं देंगे. अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा, चीन के प्रति प्यार दिखता था और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार विदेशी जमीन से, विदेशी न्यूज एजेंसियों के माध्यम से भी प्रोपेगेंडा के तहत होता था. एक अजेंडा था – Anti India और Break India कैंपेन ये लोग चलाते थे. इनके यहां सारा सामान चीनी है और ये चीन को सम्मान देते हैं.
वहीं उन्होंने कहा, अगर आप News Click की फंडिंग का जाल देखेंगे, तो एक विदेशी नेविल रॉय सिंघम ने इसकी फंडिंग की और उसे पीछे से फंड चीन से मिलता है. इस Neville Roy Singham का सीधा संपर्क चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगेंडा आर्म और चीन की मीडिया कंपनी माकु ग्रुप के साथ है.
अमेरिकी अखबार ने जारी की थी रिपोर्ट
अगस्त 2023 में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि न्यूज़क्लिक को दुनिया भर में ‘चीनी प्रोपेगेंडा’ फैलाने के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम की ओर से फंड मिला था. सिंघम खुद शंघाई में रहते हैं. वहीं रिपोर्ट में दावा किया गया कि सिंघम ने ‘चीनी सरकारी मीडिया मशीनरी’ के साथ मिलकर काम किया. वहीं सिंघम के नेटवर्क ने एक समाचार साइट, न्यूजक्लिक को फंडिंग दी है. इसमें जरिए चीनी सरकार के मुद्दों को कवर किया गया.
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