कोरोना अभी ख़त्म होने को आया नहीं की अब H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. H3N2 वायरस से देश में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है. कि H3N2 से मौत की वजह का पता लगाने के लिए और जांच की जरूरत है. उधर, कर्नाटक के हासन में एक व्यक्ति की H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है. मृतक मरीज की पहचान एच गौड़ा के तौर पर हुई है. वे 82 साल के थे. उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 1 मार्च को उनकी मौत हो गई. इसके बाद उनके सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे. 6 मार्च को आईए रिपोर्ट में H3N2 की पुष्टि हुई है.
H3N2 ने बढ़ाई देशभर में चिंता
H3N2 इन्फ्लूएंजा के प्रकोप ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी है. इन्फ्लूएंजा के मामले ऐसे वक्त पर सामने आ रहे हैं, जब तीन साल बाद देश कोरोना महामारी से उबर रहा था. बच्चे और बुजुर्ग तेजी से वायरल की चपेट में आ रहे हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक इन्फ्लुएंजा के अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं. जैसे खांसी, गले में संक्रमण, शरीर में दर्द, नाक से पानी आना.
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पहले से बीमार लोगों को सावधान रहने की जरूरत
इसे लेकर मेडिकल एक्सपर्ट्स अलर्ट मोड में आ गए हैं. वह इसके प्रकोप से निपटने के लिए दिशा-निर्देश और सुझाव दे रहे हैं. जहां एम्स(AIIMS) के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि H3N2 एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जिसके मरीज हर साल इस समय सामने आते हैं. यह ऐसा वायरस है, जो समय के साथ उत्परिवर्तित होता है.
डॉ. गुलेरिया का कहना है कि यह इन्फ्लुएंजा वायरस ड्रॉपलेट्स के जरिए कोविड की तरह ही फैलता है. केवल उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, जिन्हें पहले से ये बीमारी है. एहतियात के तौर पर मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं, फिजिकल डिस्टेंसिंग रखें. हालांकि इससे बचाव के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है.
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H3N2 और COVID-19 में क्या अंतर है?
एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर पीयूष रंजन ने कहा कि कोविड निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन पथ को प्रभावित करता है. जबकि H3N2 ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है. जैसे बुखार, खांसी, सर्दी, गले, नाक और आंखों में जलन का लंबे समय तक बने रहना. दरअसल, दोनों के लक्षण समान हैं और यह तेजी से फैल रहा है. वहीं, कुछ निजी अस्पताल H3N2 के लिए टेस्ट कर रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये जांच अनावश्यक और महंगी है. क्योंकि इसके टेस्ट सरकारी अस्पतालों में नहीं किए जा रहे हैं. जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल H3N2 की जांच के लिए 6000 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं.