हम जब भी घर लेते हैं या नया घर बनाते हैं तो घर में किचन, बाथरुम और बेडरुम की दिशा का बड़ा ध्यान रखते हैं. वहीं सभी कमरों, किचन, बाथरुम और बेडरुम के साथ-साथ हमें घर के मंदिर का भी ध्यान रखना चाहिए साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बेडरुम में मंदिर नहीं होना चाहिए और इसके पीछे कई सारे कारण हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इसी बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि बेडरुम में मंदिर क्यों नहीं होना चाहिए.
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पारिवारिक जीवन पर पड़ता है असर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा का घर हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. इस दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है. वहीं पूजा का घर बेडरूम के अंदर नहीं होना चाहिये ऐसा इसलिए क्योंकि पूजा का घर बेडरूम में होने से पारिवारिक जीवन पर असर पड़ता है. इसी के साथ बेडरुम में मंदिर बनाते हैं तो पति-पति के रिश्ते खराब होते हैं साथ ही लड़ाई-झगडा भी होता है. वहीं बेडरुम में मंदिर होने से सकारात्मक प्रभाव की जगह घर में नेगेटिविटी आने लगती है. और इसी वजह से बेडरुम में मंदिर नहीं बनाना चाहिए.
इन नियमों का करना चाहिए पालन
वास्तु के अनुसार घर में मंदिर बनाने के लिए एक अलग स्थान होना चाहिए. लेकिन यदि किसी वजह से आपके बेडरूम में ही मंदिर है तो कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. घर में जगह नहीं होने पर अगर आप बेडरूम में मंदिर बनाते हैं तो आपको कमरे के उत्तर पूर्वी हिस्से में मंदिर रखना चाहिए. वहीं बेडरूम में ही मंदिर है तो रात के समय मंदिर खुला हुआ न रहे. हमेशा रात की आरती के बाद मंदिर में पर्दा डाल दें ताकि सीधे तौर पर मंदिर पर नजर न पड़ें.
वहीं घर में पूजा का मंदिर बेडरूम में ही है तो रात को सोते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आपके बेड की दिशा ऐसी हो कि आपके पैर सोते समय मंदिर की तरफ न हों. इसी के साथ बेडरूम में मंदिर रखते हैं तो आपको ध्यान में रखना चाहिए कि मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर न रखें. हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है. इसलिए कभी भी शादी शुदा जोड़े के कमरे में हनुमान जी की मूर्ति न रखें.
इन जगहों पर भी नहीं होना चाहिए मंदिर
वास्तु के अनुसार, घर में सीड़ियों के नीचे, शौचालय या बाथरूम के बगल में या ऊपर नीचे और बेसमेंट में मंदिर नहीं होना, इसी के साथ घर के आसपास जो मंदिर हो, उसमें स्थापित देवी या देवता का चित्र मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए.
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