धन एक ऐसी चीज हैं जिसके लिए हर शख्स मेहनत करता है ताकि उसे पैसा की प्रॉब्लम न हो. सनातन धर्म में धन प्राप्ति के कई सारे उपाए बताए गये हैं और इन उपायों में एक उपाय सही दिशा में बैठकर पूजा पाठ करना भी है. भगवान की पूजा करने से जहाँ मन शांत रहता है तो वहीं हर काम में मन भी लगता है साथ ही धन प्राप्ति भी होती है लेकिन पूजा करने के दौरान दिशा का ध्यान रखना चाहिए. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि किस दिशा में बैठकर पूजा पाठ करनी चाहिए और किस दिशा में पूजा नही करनी चाहिए.
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वास्तु शास्त्र के मुताबिक, हर दिशा का अपना ही अलग महत्व है और एक अलग ही प्रभाव होता है. इसी वजह से हमें पूजा के दौरान दिशा का ध्यान जरुर रखना चाहिए. अगर हम पूजा के समय दिशा का ध्यान रखते हैं तो धन प्राप्ति होती है.
पूर्व दिशा
ये वो जगह है जहाँ से सुबह सूरज उगता है और इस दिशा को धन कुबेर की दिशा माना जाता है और इस वजह से ये दिशा पूजा के लिए सबसे बेहतर है. वहीं इस दिशा में दीपक रखकर पूजा करने से धन की कमी नहीं होती है. वहीं इस दिशा की और मुख करके देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है.
पश्चिम दिशा
वहीं पश्चिम पूजा के लिए ठीक नहीं है कहा जाता है कि ये दिशा शनि की दिशा है और इस वजह से इस दिशा में पूजा करने से धन की प्राप्ति की जगह धन का नुकसान होता है लेकिन इस दिशा में बैठकर आप ध्यान और प्रार्थनाकरते हैं तो आपको इससे लाभ होगा.
दक्षिण दिशा
वहीं दक्षिण दिशा भी पूजा के बेहतर नहीं है और इस दिशा में भी पूजा नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि दक्षिण दिशा यमराज की है और इस वजह से इस दिशा में पूजा करने से धन की हानि होती है साथ ही आपकी तबियत पर भी असर पड़ता है
उत्तर दिशा
वहीं उत्तर दिशा पूजा के लिए खास और उत्तम मानी गयी है. वास्तु के अनुसार, इस दिशा की ओर मुख करके किसी कार्य की शुरुआत करते हैं तो उस काम में जरुर सफल होंगे साथ ही इस दिशा में पूजा करने वाले लोगों को नौकरी और व्यवसाय कामयाबी हासिल होती है. वहीं इस दिशा में बैठकर पूजा करने से से और देवी लक्ष्मी की उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है.
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