आत्महत्या के लिए उकसाने पर ये है भारतीय संविधान में सजा ?
बीते 2 से 3 सालों में लगातार हमने Suicide की तमाम खबरें सुनी। जिसमे बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल रही तो गरीब परिवार से जुड़े लोग भी। आमतौर पर हम इसे आत्महत्या का नाम दे देते हैं जैसे की जहर खा लिया ,फांसी लगा ली तो आत्महत्या ही होगी और यहीं तक सोच कर छोड़ देते हैं, जबकि इन आत्महत्यांओ के पीछे की असलियत कुछ और होती है जिससे हम आम लोग हमेशा अनजान रहते हैं। लेकिन अक्सर एक सवाल सामने आता है क्या आत्महत्या के लिए उकसाने वाले शख्स या आत्महत्या के पीछे की वजह बनने वाले के लिए भी भारतीय संविधान में कोई सजा है या नहीं ?
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आज ये बात इसलिए हमने उठाई क्योंकि अभी कुछ दिनों से Sushant Singh Rajput suicide case और Tunisha Sharma Suicide case TRENDING पर है। सवाल बड़ा सिम्पल सा है की अगर ये साबित हो जाता है की इन दोनों को आत्महत्या करने के लिए किसी ने उकसाया है या मजबूर किया है तो उन आरोपियों के साथ क्या होगा या INDIAN CONSTITUTION में ऐसे अपराध की क्या सज़ा है ?
- सुशांत सिंह राजपूत Suicide Or Murder ?
करीब 3 साल पहले 20 जून 2020 को Bollywood के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत ने अपने ही घर में फांसी लगा ली थी। एक नज़र से तो मामला suicide का था क्योंकि उन्होंने अपने कमरे में फांसी लगायी थी, लेकिन जब पुलिस की तहकीकात आगे बढ़ी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट्स आयी तो मामला कुछ और ही निकला. Sushant Singh Rajput case की गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है। Narcotics Control Bureau के हाथ जब ये कसे लगा तो पता चला की सुशांत सिंह राजपूत Drugs Addicted हो चुके थे, जिसका इस्तेमाल कर ज्यादातर लोग depression का शिकार हो जाते हैं जिसमे उन्हें खुद नहीं पता होता की उन्होंने क्या किया ? और क्यों किया ? कई जाँच Agencies के इस केस में इन्वोल्व होने के बावजूद भी अभी तक ये नहीं पता चल पाया की सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी या उनका मर्डर हुआ था या फिर किसी ने उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर किया था या उकसाया था ?
- Tunisha Sharma Suicide का मामला भी मिलता-जुलता
बीते शनिवार को Bollywood एक्ट्रेस Tunisha Sharma ने शो के शूटिंग सेट पर ही आत्महत्या कर ली। ये मामला भी सुसाइड का ही था लेकिन ये केस भी उस वक़्त तक matter of moment था जबतक पुलिस और जांच एजेंसियां इसमें शामिल नहीं हुई थी और जब तक तुनिशा की माँ ने अपना स्टेट्मेंट नहीं दिया था। पुलिस जाँच और तुनिशा की माँ के बयान से ये पता चला की तुनिशा के साथ शो में लीड रोल कर रहे शीजान खान के साथ उनका अफेयर था और १५ दिन पहले ही दोनो का ब्रेकअप भी हुआ था लेकिन शो के चलते नजदीकियां बनी रही। पिछले कई दिनों से Tunisha Dipression का शिकार थी और उनके डिप्रेशन की वजह उनका So-called बॉयफ्रेंड शीजान था। फ़िलहाल शीजान पुलिस हिरासत में है लगातार उससे पूछताछ की जा रही है। तुनिशा की माँ ने शीजान पर तुनिशा को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया है ओर धारा 306 के तहत उनपर मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है। अब मुद्दा ये की अगर ये साबित हो जाता है की शीजान खान की वजह से ही तुनिशा ने आत्महत्या की है तो शीजान को क्या सज़ा होगी ?
गरीब लोग अक्सर कर्ज में डूबकर या तानाशाहों के दबाव में आकर, ज्यादातर महिलाएं Domestic Violence का शिकार होकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेती हैं, उनके मामलों को इतना तूल नहीं दिया जाता क्योंकि वो आम जिंदगी है आपने 3 Idiots मूवी तो देखी ही होगी। जिसमे सुसाइड का किस्सा तो आपको मालूम होगा। ये सारे मामले ठीक उसी तरह हैं जिसमे आत्महत्या की वजह सिर्फ दिमाग का Pressure होता है और लोग उसे सुसाइड का नाम दे देते हैं।
‘IPC’ की किस धारा के तहत होती है सजा ?
भारतीय संविधान में आत्महत्या के लिए उकसाने या उसको बढ़ावा देने के लिए भी कड़ी सजा है जिसमे संविधान की IPC (Indian Penal Code) के धारा 306 के तहत ऐसा करने वाले शख्स के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करती है और कोर्ट में सुनवाई होती है अगर कोर्ट में व्यक्ति को दोषी पाया गया तो उसे एक निश्चित अवधि के लिए कारावास में डाला जाएगा। इसके अलावा न्यायाधीश अगर चाहे तो उसकी सजा को 10 सालों तक बढ़ा सकते हैं या फिर उस पर फाइन (जुर्माना) भी लगा सकते हैं। जुर्माने के तौर पर आरोपी से लिया गया पैसा victim के परिवार को Financial Support के तौर पर दे दिया जाता है। ऐसे मामलों में गिरफ्तार किये गए आरोपी को जमानत देने का अधिकार केवल सेशन कोर्ट को है। जिसमें आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को किसी Arrest Warrant की जरूरत नहीं होती। IPC के सेक्शन 108 के तहत इस तरह के मामले को non-coumpoundable category में रखा जाता है जिसे शिकायतकर्ता वापस नहीं ले सकता, और न ही आरोपी और victim कोई आपसी समझौता कर सकते हैं। इसमें सारी कार्यवाही पुलिस और कोर्ट की होती है। 1997 में सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसा एक मामला आया था जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की आत्महत्या की साजिश या उकसाने वाले आरोपी को हत्या का दोषी नहीं माना जा सकता और न ही इसे हत्या कह सकते हैं।
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इससे दोषी को सजा तो दे दी जाती है लेकिन क्या Victim को वापस लाया जा सकता है ? आज देश और दुनियाभर में हर रोज़ ऐसे तमाम मामले आते हैं जिसमे से VIP मामलों को जनता या सोशल मीडिया द्वारा उठा दिया जाता है लेकिन क्या ऐसे मामलों की गंभीरता को देखते हुए इस धारा में संशोधन की जरूरत है या नहीं ? हमे कमेंट करके जरूर बताएं।