संविधान दिवस पर जाने संविधान की खास बातें
संविधान किसी भी लोकतांत्रिक देश की आत्मा होती है। संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर (Baba sahb dr. Bhim Rav Ambedkar) ने संविधान को आम जनता के लिए एक औजार के रूप में बनाया था, लेकिन उन्होंने देश की जनता को सचेत भी किया था की इस संविधान रुपी औजार को गलत हाथों से बचा कर रखना। आज हम जिस राजनीति में नियमों, नीतियों, सिद्धांतों, नैतिकताओं, उसूलों व चरित्र के जिन संकटों से रु-ब-रु हैं, उनके अंदेशे उन्होंने तभी भांप लिए थे। 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस (Constitution Day 2022) के रूप में मनाया जाता है।
2015 से मोदी सरकार ने इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया
इस दिन पूरा देश संविधान दिवस मना रहा है, आज के ही दिन संविधान सभा में इसको पारित किया गया था। भारत सरकार ने 26 नवंबर को देश के सभी नागरिकों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का आग्रह किया है ताकि देश का हर नागरिक इसे समझ सके। पहले इस दिन को भारतीय कानून दिवस के नाम से जाना जाता था। साल 2015 से मोदी सरकार ने इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। आज हम जानेंगे संविधान की कुछ ऐसी बातें जो हर भारतीय को जरूर जाननी चाहिए।
- भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं. ये 22 भागों में विभाजित है।
- इसके निर्माण 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन लगा था। यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ था।
- इसके अधिकतर प्रावधान दूसरे-दूसरे देशों से लिए गए हैं, जिस कारण भारत के संविधान को Bag of Borrowings के नाम से भी जाना जाता है।
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने भारतीय संविधान की असली कॉपी अपने हाथों से लिखी थी, जबकि इसके हर पैन को शांतिनिकेतन के मंझे हुए कलाकारों ने सजाया है।
- संविधान के ओरिजनल कॉपी में 284 संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था, जिसमें से 15 महिला सदस्य थीं।
- संविधान की मूल प्रति 16 इंच चौड़ी है जबकि 22 इंच लंबी हैं। इसे पाण्डुलिपि में लिखा गया है और इसमें कुल 251 पेज है।
- देश में एकता का प्रतीक हमारा संविधान हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखा गया है।
- हमारा संविधान तो 1950 में पूरा हुआ था लेकिन इसकी बुनियाद 1935 में ही रख दी गयी थी। इसी कारण हमारे संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित है।
- संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों को मौलिक इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इन्हे देश के संविधान में जगह दी गई है। इसे संशोधन की प्रक्रिया के अतिरिक्त किसी और तरीके से नहीं बदला जा सकता।
- संविधान सभा में संविधान सम्बन्धी कार्यों को निपटने के लिए 13 समितियां बनाई गई थी। पहले कानून मंत्री डॉ. अंबेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।
आखिर क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?
संविधान के बारे में देश के नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार करने के लिए संविधान दिवस मनाने का फैसला किया गया था। इसे 2015 में लागू किया गया था और इसके पीछे भी एक कारण था। साल 2015 में ही संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती थी।