जब इंसान को नाउम्मीदी घेर ले तब धार्मिक ग्रंथ दिखाता है रास्ता
इंसानी दिमाग दुनिया का सबसे बलवान चीज है, लेकिन इसकी एक आदत बहुत बुरी है और वो यह है कि दिमाग की आदत है की वो चीजों को जल्दी भूल जाती है। इसी कारण हमारे पूर्वजों ने शोधों से निकली जन हितैषी जानकारियां किताब और ग्रंथों के माध्यम से सहेज दीं ताकि आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए वो मार्गदर्शन की तरह काम करें। किसी भी इंसान को जीवन में जब भी किसी समस्या का हल ना मिले, हर तरफ से नाउम्मीदी घेर ले और जब इंसान सोचे कि अब क्या करें तो वह इन किताबों का अनुसरण कर सके।
भगवत गीता और कुरान पर ‘समानता’ नामक पुस्तक लिखी
भारत जैसे देश में जहां इतने सारे धर्म और जातियां एक साथ रहती हो, वहां धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए तेलंगाना (Telangana) की एक मुस्लिम महिला (Muslim Lady)ने उदाहरण स्थापित किया है। इस मुस्लिम महिला ने सबसे पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता (Bhagvat Gita) का उर्दू में अनुवाद किया है। हेबा फातिमा (Hiba Fatima) जो की तेलंगाना के निजामाबाद जिले के बोधन शहर के राकासी पेट इलाके की मूल निवासी हैं, उन्होंने सरल भाषा में ‘भगवद गीता और कुरान के बीच समानता’ नामक एक पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक के कारण उन्हें सभी धर्मों के लोगों से वाह-वाही मिल रही है।
- मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं फातिमा
फातिमा फ़िलहाल अंग्रेजी से एमए कर रही हैं। उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट तक की शिक्षा उर्दू माध्यम में पूरी की जबकि उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से की है। वो एक मध्यम परिवार से आती हैं तथा उनके पिता आमेड खान कस्बे में एक छोटे व्यापारी हैं। हेबा फातिमा को बचपन से ही अन्य धर्मों के बारे में जानने की दिलचस्पी थी। जिस कारण फातिमा ने हिन्दू धर्मग्रंथ भगवत गीता का अध्ययन करना शुरू किया। उन्होंने महज तीन महीने के अंदर भगवद गीता के 18 अध्यायों के कुल 700 श्लोकों का उर्दू में अनुवाद कर दिया।
गीता के 500 श्लोकों और कुरान में 500 छंदों का एक अर्थ
उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात चीत के दौरान कहा कि ये मुश्किल काम था। कुछ श्लोकों का मतलब समझने में उन्हें बहुत समय लग गया था। उन्होंने आगे कहा कि, भगवद गीता पढ़ने के बाद गीता के 500 श्लोकों और कुरान (Quran) में 500 छंदों को एक ही अर्थ के साथ पहचाना है। फातिमा ने भगवद गीता का उर्दू में अनुवाद किया ताकि उर्दू पाठक आसानी से जीवन जीने का तरीका समझ सकें।
- सोशल मीडिया का बखूबी किया इस्तेमाल
हेबा अपनी उम्र के लोगों से एकदम अलग हैं। वो चेहरे पर नकाब और सिर पर हिजाब धारण करती हैं और धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन भी करती हैं, लेकिन वो इन्हे नफरत फ़ैलाने की जगह देश में एकता को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल करती हैं। फातिमा सोशल मीडिया का उपयोग आध्यात्मिक ज्ञान को बाँटने के लिए इस्तेमाल करती हैं। हेबा ने अपने काम के जरिये मीडिया और गुणीजनों के लिए सुर्ख़ियों का विषय बन चुकी हैं। इस किताब के बाद कई समाचार चैनल उनका इंटरव्यू लेने पहुँच रही हैं।
‘मैसेज फॉर ऑल बाय हेबा फातिमा’ के नाम से चलती हैं यूट्यूब चैनल
हेबा फिलहाल यूट्यूब पर सक्रिय हैं और गीता ज्ञान संबंधी वीडियो अपलोड करती रहती हैं। इस कारण से उनका नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, मार्वलस बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। फातिमा ‘मैसेज फॉर ऑल बाय हेबा फातिमा (Message For all by Heba fathima)’ के नाम से एक यूट्यूब चैनल चला रही हैं, जिसमे वह उर्दू में भगवद गीता को बताती हैं।
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