सत्य साईं बाबा से जुड़ी आस्था और चमत्कार
सत्य साईं बाबा (Satya Sai Baba) आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके भक्तों (Devotees) के दिलों में आज भी वो जिंदा है. अपने चमत्कारों (miracles) से खास पहचान रखने वाले श्री सत्य साईं बाबा ने अपने जीवनकाल (Life span) में कई ऐसे चमत्कार किए थे जिसकी वजह से देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सत्य साईं बाबा में आस्था (faith) रखने वालों की कमी नहीं है। हवा में चीजें प्रकट करना हाथ और मुंह से सोना निकलना जैसे चमत्कार की वजह से उनके भक्तों की उनसे आस्था जुडी हुई है.
जानिए कौन थे सत्य साईं बाबा
सत्य साईं बाबा का जन्म आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के अनंतपुर जिले में पुट्टपर्थी गांव में एक सामान्य परिवार में 23 नवंबर 1926 को हुआ और जन्म के बाद उनका नाम सत्यनारायण राजू (Satyanarayana Raju) रखा गया. राजू ने 20 अक्टूबर 1940 को 14 साल की उम्र में खुद को शिरडी वाले साईं बाबा का अवतार कहा था और इस बात का ऐलान उन्होंने अपने साथ हुई एक घटना के बाद किया गया था. दरअसल, राजू को एक जहरीले बिच्छू ने काट दिया था और राजू बेहोश हो गये और लोगों को लगा की वो मर गये हैं लेकिन इसके बाद अचानक से वो होश में आ गये और अलग व्यवहार करने लगे. होश में आने के बाद संस्कृत भी बोलने लगे, जिस भाषा के बारे में वे पहले कुछ नहीं जानते थे. वहीँ इसके बाद उन्होंने खुद को साईं का बाबा का अवतार कहा .
साईं बाबा को कहते थे अपना पूर्व शरीर
वहीं जब भी वो शिरडी साईं बाबा की बात करते थे तो उन्हें ‘अपना पूर्व शरीर’ कहते थे. वहीं सत्य साईं बाबा अपने चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध रहे. सत्य साईं वह हवा में हाथ घुमाते थे और कई चीजें प्रकट कर देते थे. वहीं उनके द्वारा किए चमत्कारों की वजह से वो प्रसिद हो गए और धीरे-धीरे उनके भक्त बढ़ते ही गये और आज उनके भक्तों की संख्या करोड़ो में हैं.
चमत्कारों से मिली पहचान
साईं द्वारा किये गये चमत्कारों की वजह से उनके भक्तों की संख्या मे इजाफा होने लगा और उन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली. जिसके बाद उनकी पूजा ली जाने लगी. वहीं प्रसिद्धी का आलम ये कि कस्बे में एक विशेष हवाई अड्डा है. जहां दुनियाभर के अनेक हिस्सों से बाबा के भक्त चार्टर्ड विमानों से आते रहे हैं.
सोना और भभूत गिराना थे प्रचलित चमत्कार
साईं बाबा का रूप कह जाने वाले सत्य साईं बाबा को चमत्कारों का बाबा भी कहा जाता है. जैसे साईं बाबा की भभूत को लेकर धार्मिक मान्यता है वैसे ही सत्य साईं बाबा अपने भक्तो पर भभूत गिराते थे और ये उनके प्रचलित चमत्कारों में से एक था. बाबा का दावा था कि उनके खाली हाथ में भभूत चमत्कार से आती थी. भक्तों से भरे हॉल में बाबा सिर्फ अपना हाथ उठाते थे औऱ उनके हाथ से भभूत निकलने लगती थी.
इसी के साथ सत्य साईं बाबा एक और चमत्कार किया करते थे. ये था भक्तों के गले में चेन डालने का कारनामा. ये कारनामा वो अक्सर जब शिरडी के साईं बाबा की मूर्ति की सफाई करते थे. अचानक मूर्ति पर सोने की चेन दिखने लगती थी. साईं का ये चमत्कार उनके भक्तों की श्रद्धा को और बढ़ाता चला गया. वहीं वो अपने मुंह से सोना के टुकड़े भी निकालते थे.
सत्य साईं का मंदिर
साल 1944 में सत्य साईं के एक भक्त ने उनके गांव के नजदीक उनके लिए एक मंदिर बनाया जो आज पुराने मंदिर के नाम से जाना जाता है. उनके मौजूदा आश्रम प्रशांति निलयम का निर्माण कार्य 1948 में शुरू हुआ था. 1950 में ये बनकर तैयार हुआ था. वहीं आज भी उनके आश्रम में उनकी रोजाना पूजा होती है.
खुद ही करी थी अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी
साईं बाबा ने भविष्यवाणी करी थी कि वह 96 वर्ष की उम्र में मर जाएंगे और तब तक स्वस्थ रहेंगे लेकिन प्रशांतग्राम के श्री सत्य साई सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 24 अप्रैल, 2011 को 84 वर्ष की आयु में सत्य साईं बाबा का निधन हो गया. भविष्यवाणी गलत होने का खंडन करते हुए उनके भक्तों ने कहा कि बाबा सूर्य वर्षों के बजाय तेलुगू भाषी हिंदुओं द्वारा गिनने वाले कई चंद्र वर्षों का जिक्र कर रहे थे. वहीं इस हिसाब से उनकी मृत्यु उनके द्वारा बताए गये समय पर ही हुई है.
सचिन तेंदुलकर के अलावा ये थे VIP भक्त
सत्य साईं बाबा के भक्त VIP भी थे और इन VIP भक्तों की लिस्ट में सबसे पहला नाम था क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का था. सचिन उनके इतने बड़े भक्त हैं कि उनकी मृत्यु पर सचिन को इतना दुख हुआ था कि उन्होंने उस साल अपना जन्मदिन भी नहीं मनाया। वहीं कहा जाता है कि सचिन की माताजी भी बाबा की भक्त हैं । वहीं पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, बीएचपी के अशोक सिंधल और आरएसएस के सभी बड़े नेता उनके दरबार में जाते थे।
23 नवम्बर को पैदा हुए सत्य साईं बाबा का जन्मदिन भी विशेष तरह से मनाया जाता है इस दिन बाबा के भक्त उनके दरबार में हाजिरी लगाते हैं साथ इस दिन उनके नाम पर कई सारी जगह भजन संध्या के प्रोग्राम भी रखे जाते हैं.