Bijay Anand: हिंदी सिनेमा की दुनिया कई उतार-चढ़ावों से भरी रही है। कुछ सितारे रातों-रात छा जाते हैं, और कुछ अपने चमकते करियर के बीच अचानक ऐसी राह चुन लेते हैं जिसकी किसी को उम्मीद नहीं होती। 90 के दशक में एक ऐसा ही चेहरा था बिजय आनंद, जिसे देखने के बाद लोग उसे “चॉकलेटी बॉय” कहकर बुलाने लगे थे। काजोल और अजय देवगन जैसे बड़े नामों के साथ स्क्रीन शेयर करने वाले इस एक्टर की जिंदगी ने ऐसा मोड़ लिया कि उन्होंने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को छोड़कर योग को अपना जीवन बना लिया।
फिल्मों में चमकी किस्मत, लेकिन ज्यादा देर नहीं (Bijay Anand)
बिजय आनंद ने अपने करियर की शुरुआत साल 1996 में रिलीज़ हुई फिल्म यश से की थी। लेकिन उन्हें असली पहचान तब मिली जब 1998 में उनकी फिल्म प्यार तो होना ही था रिलीज़ हुई। काजोल के मंगेतर राहुल का रोल निभाने वाले बिजय को अचानक सुर्खियाँ मिलने लगीं। अजय-काजोल की लव स्टोरी ने जितनी हेडलाइंस बटोरीं, उतनी ही चर्चा बिजय की भी हुई।

फिल्म हिट रही और बिजय पर ऑफर्स की बरसात हो गई। उन्होंने खुद बताया था कि प्यार तो होना ही था के बाद उन्हें एक साथ 22 फिल्मों के ऑफर मिले थे। यह किसी भी उभरते अभिनेता के लिए सपने जैसी बात होती है, लेकिन यही वो समय था जब बिजय ने अचानक फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली।
बीमारियों ने बदल दी जिंदगी, चुनी योग की राह
करियर जहां तेजी से आगे बढ़ रहा था, वहीं उनकी सेहत जवाब देने लगी। 33 की उम्र में कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया और कुछ ही साल बाद उन्हें गठिया जैसी गंभीर समस्या भी हो गई। एक्टिंग की भागदौड़ के बीच शरीर इस बोझ को झेल नहीं पा रहा था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि तब उन्हें महसूस हुआ कि अगर वो खुद को अंदर से ठीक नहीं करेंगे, तो किसी बड़े संकट में फंस सकते हैं। यहीं से उनकी जिंदगी ने नया मोड़ लिया उन्होंने कुंडलिनी योग की राह चुन ली।
योग ने न सिर्फ उनकी सेहत सुधारी बल्कि उनकी सोच भी पूरी तरह बदल दी। धीरे-धीरे बिजय योग सीखने के साथ-साथ उसे सिखाने भी लगे और वक्त के साथ वो पूरी तरह एक योगी के रूप में पहचाने जाने लगे।
17 साल बाद एक्टिंग में वापसी, लेकिन पहचान अब अलग
करीब 17 साल तक कैमरे से दूर रहने के बाद बिजय ने 2016 में टीवी शो सिया के राम के साथ वापसी की। इस शो में उन्होंने राजा जनक का रोल निभाया और दर्शकों ने उन्हें काफी पसंद किया। इसके बाद वो कई टीवी शोज और फिल्मों में नजर आए। उनकी छवि बदल चुकी थी अब वो वही चॉकलेटी स्टार नहीं थे, बल्कि एक शांत, गंभीर और आध्यात्मिक व्यक्तित्व वाले कलाकार बन चुके थे। फिल्म आदिपुरुष में उन्हें ब्रह्मा का किरदार निभाने का मौका मिला, जबकि सनी लियोनी की बायोपिक किरणजीत कौर में उन्होंने उनके पिता का रोल किया। उनकी योगी जैसी छवि ने मेकर्स को उन्हें पॉज़िटिव और ग्रेसफुल किरदार देने के लिए प्रेरित किया।
निजी जिंदगी में भी बड़ा बदलाव
बिजय आनंद की निजी जिंदगी भी उतनी ही रोचक है। उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों की जानी-मानी एक्ट्रेस सोनाली खरे से शादी की और अब वो एक बेटी के पिता हैं। आज उनकी लुक पूरी तरह बदल चुकी है लंबे बाल, बढ़ी दाढ़ी और शांत स्वभाव, जिससे उनके योगी वाले व्यक्तित्व की झलक साफ दिखाई देती है।

