‘राज्यसभा में फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की बात लेकिन हमें रैली करने की इजाजत नहीं…’- ओवैसी

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जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे ही सियासी पारा भी लगातार हाई होता दिख रहा है। पिछले 2 बार से पूर्ण बहुमत की सरकार बना रही ममता बनर्जी की राह इस चुनाव में आसान नहीं होने वाली है। क्योंकि इस चुनाव में कई पार्टियां हिस्सा ले रही है और TMC अकेले सबसे सामना करने वाली है। 

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। बताया जा रहा है कि AIMIM इस चुनाव में ममता बनर्जी के वोटबैंक में सेंध लगा सकती है। इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला है।

असदुद्दीन ओवैसी का पूरा बयान

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ममता को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘आप हमे बंगाल में रैली करने की इजाजत नहीं देती हैं, आपके MP इसपर स्पीच देते हैं और आप हमे रैली नहीं करने देती।‘

दरअसल, आगामी चुनाव को लेकर ओवैसी आज कोलकाता के अल्पसंख्यक इलाके मटियाबुर्ज में रैली करने वाले थे, लेकिन उन्हें पुलिस से इजाजत नहीं मिली। जिसके बाद असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया। 

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में इनके सांसदों की स्पीच सुनकर बड़ी तालियां मारते हैं उनको सोचना पड़ेगा, राज्यसभा में तो आप बड़ा बोलते हैं फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन, टैगोर के बयान को कोट करते हैं और आपकी सरकार पश्चिम बंगाल में तो हमें एक रैली की अनुमति नहीं देते।’

ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ा सकती है AIMIM

ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 5 सीटों पर जीत हासिल किया था। जिसके बाद ओवैसी ने बंगाल में चुनाव लड़ने का ऐलान किया। बताया जा रहा है कि AIMIM की नजर पश्चिम बंगाल के मुस्लिम वोटों पर है। 

खबर थी कि ओवैसी की पार्टी बंगाल में फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी के समर्थन से चुनाव लड़ेंगे। हाल ही में सिद्दीकी ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट नाम से संगठन बनाया है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि AIMIM और ISF गठबंधन में चुनाव लड़ेगी लेकिन बताया जा रहा है कि गठबंधन को लेकर मतभेद हो गया है।

गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी बंगाल में पहली बार चुनाव लड़ने वाली है। उन्होंने पहले ममता बनर्जी की पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी लेकिन शायद बात नहीं बनी।

ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी अपने दम पर अकेले इस चुनाव में उतरने वाली है। ऐसे में चुनौती काफी बड़ी है। क्योंकि अब ममता बनर्जी को बीजेपी, कांग्रेस, लेफ्ट, AIMIM, जदयू और क्षेत्रीय पार्टियों से टक्कर लेनी होगी।

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