इंडिया टुडे की स्टोरी पर Akhilesh Yadav का गुस्सा फूट पड़ा, समर्थक सड़कों पर, नोएडा में हाई अलर्ट

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Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश की सियासी हलचल इस समय चरम पर है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हाल ही में मीडिया के एक बड़े हिस्से से बुरी तरह नाराज दिखाई दिए। इतना कि उन्होंने एक के बाद एक दो ट्वीट किए और उनके समर्थक लखनऊ से लेकर नोएडा तक सड़कों पर उतर आए। विवाद का केंद्र है इंडिया टुडे ग्रुप की एक स्टोरी, जिसमें महाभारत कालीन गांधारी के श्राप का हवाला देते हुए यादव परिवार की राजनीति को जोड़ दिया गया। अखिलेश यादव ने इसे न केवल गलत, बल्कि परिवार पर हमला करार दिया और इसे लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया।

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इंडिया टुडे स्टोरी पर नाराजगी: Akhilesh Yadav

दरअसल, इंडिया टुडे में छपी उस स्टोरी में महाभारत की कथा को आधुनिक राजनीति के साथ जोड़ा गया। इसमें कहा गया कि गांधारी ने श्री कृष्ण को श्राप दिया था, जिसके कारण उनका वंश विलुप्त हो गया। इसके बाद यादव परिवार को इस कथा से जोड़ते हुए बताया गया कि समाजवादी पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष और परिवारवाद की राजनीति उसी श्राप की तरह पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

स्टोरी में लालू यादव और मुलायम सिंह यादव को विशेष रूप से दिखाया गया। मुलायम सिंह यादव की तस्वीर एआई तकनीक से बनाई गई थी, जिसमें वे खींचे जा रहे हैं और उनके सामने अमर सिंह खड़े हैं। कहानी यह बताती है कि किस तरह समाजवादी पार्टी में सत्ता संघर्ष चल रहा है और इसके चलते पार्टी का राजनीतिक पतन हो रहा है।

अखिलेश यादव का गुस्सा और ट्वीट्स

मुलायम सिंह यादव अब स्वर्गवासी हो चुके हैं, लेकिन उनकी तस्वीर और इस तरह की तुलना अखिलेश यादव को सहन नहीं हुई। उन्होंने ट्विटर पर दो ट्वीट किए और कहा कि यह परिवार पर हमला है। उन्होंने मीडिया को चुनौती दी कि सत्ता पक्ष पर भी इसी तरह की एनालिसिस करें। अखिलेश यादव का कहना था कि परिवारवाद की आलोचना हमारी पार्टी पर हो रही है, लेकिन सत्ता पक्ष के नेताओं पर ऐसी कोई स्टोरी क्यों नहीं बनती?

सड़क पर समर्थन और प्रशासन की तैयारी

अखिलेश यादव के ट्वीट्स के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लखनऊ और नोएडा में सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने उनकी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए लगातार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। नोएडा में फिल्म सिटी के आसपास इंडिया टुडे ग्रुप के कार्यालय के चारों ओर पुलिस कमांडो तैनात कर दिए गए ताकि किसी तरह का हमला न हो।

मीडिया पर सवाल और पिछला इतिहास

इस घटना ने फिर से सवाल खड़े कर दिए कि क्या मीडिया किसी खास तबके के नेताओं पर लगातार हमला करता है और सत्ता पक्ष के नेताओं पर आंखें मूंद लेता है? अखिलेश यादव ने पहले भी मीडिया पर कई बार आरोप लगाए हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने दैनिक जागरण का नाम लेते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनका परिवार लगातार डिफेम किया गया।

अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे, उस दौरान भी उन्होंने मीडिया के खिलाफ गुस्सा जताया था। औरंगजेब से तुलना किए जाने पर उन्होंने कहा था कि अगर वे औरंगजेब होते तो पत्रकार को उसी समय सबक सिखाते। यह केवल एक उदाहरण है कि समाजवादी पार्टी और मीडिया के रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं।

स्टोरी डिलीट और बहिष्कार

हालांकि, इंडिया टुडे ने अखिलेश यादव की नाराजगी को देखते हुए अपनी स्टोरी डिलीट कर दी। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी ने इंडिया टुडे ग्रुप और इससे जुड़े सभी चैनल और पत्रिकाओं का बहिष्कार कर दिया है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि अब इनके किसी भी प्रतिनिधि को कार्यक्रमों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। इससे पहले न्यूज़ 24 के साथ भी इसी तरह का मामला हुआ था।

कुल मिलाकर, अखिलेश यादव और उनके समर्थकों का गुस्सा साफ कर देता है कि यूपी की सियासत में मीडिया और राजनीतिक दलों के बीच जंग केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं है। इंडिया टुडे स्टोरी ने समाजवादी पार्टी के लिए नया विवाद खड़ा कर दिया है।

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