गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी में ऐसी शक्ति है कि इसके कान में पड़ते ही इंसान शांतचित होते हुए मंत्र मुग्ध हो जाता है. मन मस्तिष्क शांत हो जाता है..गुरुद्वारों में लोग आराम से बैठकर कुछ देर तक गुरबाणी को सुनते हैं और उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं. आज के लेख में हम आपको गुरु ग्रंथ साहिब जी की 11 सर्वश्रेष्ठ बातों से परिचित कराएंगे, जिसके माध्यम से आप अपना जीवन संवार सकते हैं.
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गुरु ग्रंथ साहिब में हैं 1430 पेज
दरअसल, गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाशन अमृतसर हरमंदिर साहिब में 1604 में हुआ था..लेकिन 1705 में गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द को जोड़कर इस ग्रंथ को पूरा किया गया. इसमें कुल 1430 पेज हैं. इस ग्रंथ में सिर्फ सिख गुरुओं के ही उपदेश नहीं हैं बल्कि 30 अलग अलग संतों और भगतों की वाणी भी है. जात-पात से ग्रस्त समाज को आइना दिखाने के लिए इस ग्रंथ में हर तबके के भगतों की वाणी को सम्मिलित किया गया.
इसमें कई ब्राह्मण और मुस्लिमी गुरुओं की वाणी है तो वहीं कबीर, रविदास, नामदेव जैसे प्रतिनिधियों के विचार को भी सम्मिलिति किया गया है. गुरु ग्रन्थ की भाषाई सरलता, सटीकता, सुभोधता ही लोगो को आकर्षित करती है. साथ ही संगीत के सुरों और 31 रागों के साथ वाणी को मधुर बना दिया. आज हम आपको गुरु ग्रंथ साहिब की ऐसी बाते बताएंगे, जिनपर अमल किया जाए तो इंसान की जिंदगी बदल सकती है.
गुरु ग्रंथ साहिब के आदर्श वाक्य
- पहला है एकता का संदेश: गुरु ग्रंथ साहिब में सभी धर्मों की समानता और एकता का महत्वपूर्ण संदेश है, जिसमें सभी मनुष्यों को एक ही परमात्मा की सेवा करने की आवश्यकता बताई गई है.
- दूसरा है सेवा और दान का महत्व: इसमें सेवा और दान के कार्यों के महत्वता को बताया गया है, जिससे समाज में उदारता और भलाई की भावना बढ़ती है.
- तीसरा है आत्मनिर्भरता और मेहनत: श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मेहनत के माध्यम से आत्म निर्भरता की महत्वता को प्रोत्साहित किया गया है.
- चौथा है प्रेम और दया का संदेश: इसमें दया के महत्व का उल्लेख करते हुए, सभी मनुष्यों को प्रेम और समर्पण से जीने की सीख दी गई है.
- पांचवा है आत्म समर्पण और अनुष्ठान: श्री गुरु ग्रंथ साहिब में आत्म समर्पण के महत्व को बताते हुए परमात्मा की इच्छाओं को पूरा करने के लिए आत्म निष्ठा और अनुष्ठान की महत्वता को बताया गया है.
- छठा है अनंतकालीन प्रेम: इसमें परमात्मा के प्रति अनंतकालीन प्रेम की भावना को प्रोत्साहित किया गया है, जिससे व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है.
- सातवां है समर्पण और त्याग: इसके माध्यम से समर्पण और त्याग की महत्वता को बताते हुए आत्मा को परमात्मा के सेवा में समर्पित करने की सिख दी गई है.
- आठवां है आदर्श जीवन शैली: श्री गुरु ग्रंथ साहिब में आदर्श जीवन शैली को बताने के लिए गुरुओं और संतों के जीवन के उदाहरण दिए गए हैं, जो सिखों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं.
- नौवां है आत्म सुधार और मानवीय मूल्यों का सम्मान: इसके महत्व का उल्लेख करते हुए व्यक्ति को आत्म सुधार का मार्ग दिखाया गया है और इसके माध्यम से समाज में न्याय और सहमति की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है.
- दसवां है सच्चे सिखों की पहचान: श्री गुरुग्रंथ साहिब जी में सच्चे सिखों की पहचान के मापदंड बताते हुए, उन्हें आध्यात्मिक गुणों, सेवा भावना और ईमानदारी से जुड़ा हुआ बताया गया है.
- 11 वां और सबसे अंतिम है जीवन का मकसद: गुरुग्रंथ साहिब में जीवन के मकसद को समझाने के लिए परमात्मा के साथ एक मेल को प्रोत्साहित किया गया है, जिससे व्यक्ति आत्मा की शांति और आनंद प्राप्त कर सकता है.
गुरु ग्रंथ साहिब जी इन सर्वश्रेष्ठ बातों के माध्यम से सिखों को एक आदर्श जीवन जीने, समाज में सहयोग करने और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. इस अद्वितीय ग्रंथ का अध्ययन और उसके संदेशों का अनुसरण कर किसी भी धर्म का इंसान मोक्ष की प्राप्ति की ओर बढ़ सकता है.
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