विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का एक पार्टी में छोड़ दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला जारी है। पंजाब चुनावों से पहले भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। पंजाब के श्री हरगोबिंदपुर विधानसभा सीट से विधायक बलविंदर सिंह लड्डी महज 7 दिनों में ही बीजेपी का साथ छोड़ गए। दरअसल, 28 दिसंबर को ही विधायक बलविंदर सिंह लड्डी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था, लेकिन अब 7 ही दिनों के बाद वो अपनी पुरानी पार्टी में वापस चले गए। उन्होंने दोबारा से कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
बता दें कि 28 दिसंबर को लड्डी के साथ कादियान विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक फतेह जंग बाजवा ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थीं। फतेह जंग पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के भाई हैं। बड़े भाई प्रताप सिंह बाजवा के कादियान से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करने की वजह से फतेह जंग नाराज हो गए थे। इसके बाद उनकी प्रताप सिंह बाजवा के साथ खींचतान चलीं और सिद्धू ने फतेह जंग की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
वैसे कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस में वापसी पर बलविंद सिंह लड्डी ने कहा कि मेरा जन्म ही एक नेता के तौर पर कांग्रेस से हुआ था। मैंने बड़ा गलत फैसला लिया था और इसे मैंने महसूस किया। मुझे जो लग रहा था कि पार्टी में अनदेखा किया जा रहा है, लेकिन पार्टी ने मुझे बुलाया और मेरी बात सुनी। सब सुनने-समझने के बाद मैंने पार्टी में वापसी करने का निर्णय लिया। मैंने कांग्रेस वापस से ज्वॉइन कर ली है। कांग्रेस छोड़ने की कोई बड़ी वजह नहीं थी। कुछ हालात ऐसे बने कि मैं खुद को ठगा महसूस कर रहा था। मेरी पार्टी से बात हुई और इसे सुलझाया। पार्टी ने कहा कि जमकर काम करो। अगर पार्टी कहेगी तो मैं अवश्य फिर से चुनाव लड़ूंगा।’
फतेह जंग और लड्डी दोनों पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हैं। दोनों ही नेता सिद्धू के करीबी माने जाते हैं। वहीं अब बलविंदर सिंह लड्डी की घर वापसी पर सवाल भी खड़े हो रहे है। ऐसा क्या हुआ कि वापस कांग्रेस में शामिल गए? क्या चुनाव से पहले किसी योजना के तहत ये नेता बीजेपी में गए थे?