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‘राहुल गांधी संसद में सोते हैं और खाट पर सभा करते है…उन्हें नहीं पता कहां क्या बोलना है’

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‘राहुल गांधी संसद में सोते हैं और खाट पर सभा करते है…उन्हें नहीं पता कहां क्या बोलना है’

नए कृषि कानूनों को लेकर देश की सियासी गलियारों में हलचले तेज हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। संसद से लेकर महापंचायतों तक अब किसान आंदोलन की आवाज गूंजने लगी है। विपक्ष के नेता महापंचायत को संबोधित करते हुए भी दिख रहे हैं।

केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी ने पिछले दिनों लोकसभा में नए कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। तो वहीं, बीते दिन शुक्रवार को इस मुद्दे पर राजस्थान में महापंचायत को संबोधित करते हुए दिखे। इसी बीत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि वह संसद में सोते हैं और खाट पर सभा करते हैं।

बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा का पूरा बयान

पिछले दिनों राहुल गांधी ने लोकसभा में कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था और हम दो हमारे दो की सरकार को लेकर टिप्पणी की थी। जिसपर नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा, ‘राहुल गांधी खाट पर सभा करते हैं, संसद में सो जाते हैं। उन्हें समझ ही नहीं है कि कहां और क्या बोलना है? इसीलिए तो युवराज को ज्ञान देने के लिए दिग्विजय सिंह को ट्वीट करना पड़ता है कि युवाओं को जनता के बीच जाना चाहिए। कांग्रेस का कथित युवा आंदोलन के बीच में इटली जो चला जाता है।‘

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने आगे कहा, उन्हें पता ही नहीं है कि संसद में नहीं सोना चाहिए, खाट पर सोना चाहिए। लेकिन वह संसद में सोता हैं और खाट पर सभा करते हैं।

किसान आंदोलन के बीच गए थे इटली

बता दें, कई मौकों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन में सोते हुए देखा गया है। जिसे लेकर बीजेपी नेताओं की ओर से जोरदार हमला बोला गया था। कांग्रेस नेताओं को तरह-तरह की सफाई देनी पड़ी थी। वहीं, दूसरी ओर किसान आंदोलन के बीच में ही राहुल गांधी इटली चले गए थे। जिसे लेकर बीजेपी के कई नेताओं ने तरह-तरह का आरोप लगाया था। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया था कि वो इटली में अपनी बीमार नानी से मिलने गए थे।

स्टूडेंट के एक ट्वीट से हुआ कमाल, इस IPS अधिकारी ने माफ किए 5000 रुपये का चालान, जानें पूरा मामला

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स्टूडेंट के एक ट्वीट से हुआ कमाल, इस IPS अधिकारी ने माफ किए 5000 रुपये का चालान, जानें पूरा मामला

देश में खाकी और खादी हमेशा से खबरों में रही है। लेकिन खाकी और खादी पहनने वाले कुछ लोग देश के विकास में अपने अहम योगदान के लिए आदर्श बन जाते हैं तो वहीं कुछ लोग खाकी और खादी की गरिमा को धूमिल करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते।

देश की जनता सब कुछ जानने और समझने के बावजूद कुछ नहीं कर पाती, क्योंकि हमारे देश में संवैधानिक पद पर बैठे नेता और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एक आम इंसान मुंह नहीं खोल पाता, जमीनी हकीकत यहीं है। और जो इनके खिलाफ मुंह खोलने की कोशिश करते हैं उन्हें जबरन चुप कराने की तमाम कोशिशें की जाती है।

इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे प्रशासनिक अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी पहले से ही युवाओं के आदर्श रहे हैं। इस बार उन्होंने कुछ ऐसा किया है जिसे जानकर आप भी एक पल के लिए सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।

जानें क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बीते दिन शुक्रवार को दीपेंद्र यादव नाम के एक शख्स ने ट्वीट कर मौजूदा समय में इटावा के एसएसपी आकाश तोमर (Akash Tomar IPS) से मदद मांगी थी। उसकी तुरंत मदद की गई और उसे भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी मिली।

दीपेंद्र ने IPS आकाश तोमर को टैग कर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सर मैं दीपेंद्र यादव आज शाम को अपनी मोटरसाइकिल से पढ़ कर आ रहा था, तभी वाहन चेकिंग के दौरान मुझे रोका गया।‘ उसने लिखा कि उसके बाईक के नंबर प्लेट का एक नंबर हट गया था जिसके कारण उसपर 5 हजार का दण्ड लगाया गया।

दीपेंद्र ने आगे लिखा, सर मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं…सर मैं इतने पैसे देने में असमर्थ हूं एक विद्यार्थी के लिए घर की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है कृपया मदद करें। उसने लिखा कि सर आप बहुत लोगों की मदद करते हो, ऐसा सुना है और देखा भी है..आप की दया होगी। इस ट्वीट पर रिस्पांस देते हुए आकाश तोमर (Akash Tomar IPS) ने कहा, ‘तुम्हारा चालान कैंसिल हो गया है, भविष्य के लिए शुभकामनाएं।‘

2013 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं आकाश तोमर

बता दें, आकाश तोमर उत्तर प्रदेश कैडर के 2013 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। मौजूदा समय में वह इटावा में बतौर एसएसपी काम कर रह हैं। हाल ही में दिसंबर महीने में भी वह चर्चा में आए थे। जब उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी कर रहे छात्रों के मार्गदर्शन के लिए अपने 2012 की परीक्षा के सारे नोट्स सोशल मीडिया पर शेयर किए थे। साथ ही उन्होंने अपनी तैयारी के अनुभव से उम्मीदवारों को कुछ टिप्स भी दिए थे।

इन 2 राशियों को गलती से भी नहीं पहनना चाहिए काला धागा, वरना हो सकते हैं बर्बाद

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इन 2 राशियों को गलती से भी नहीं पहनना चाहिए काला धागा, वरना हो सकते हैं बर्बाद

आजकल आपने देखा होगा कि कई लोगों के पैरों में काला रंग धागा बना हुआ होता है, जिसके बांधने के पीछे उनकी ये वजह होती है कि ये लोगों की बुरी नजर लगने से बचाता है. जिनमें से कुछ लोग तो इसे फैशन के तौर पर पहनते हैं. लोगों को अपने पैरों में काले रंग का धागा पहनना बेहद पसंद होता है, लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि आपका ये फैशन आप पर भारी पड़ सकता है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार काले रंग का धागा पौरों में पहनना सही नहीं माना जाता है.

यू तो हिन्दी धर्म में कई शास्त्र हैं जिनमें से एक वास्तु शास्त्र का व्यक्ति के जीवन पर अच्छा खासा प्रभाव डाला है. इसलिए अगर आप अपने जीवन कई तरह के बदलाव चाहते हैं और खुशहाल पूर्वक से आपना जीवन बिताना चाहते हैं तो इसमें बताई गई बातों पर जरूर ध्यान दे. ज्योतिष की माने तो 12 राशियां होती हैं जिनका अपना ही अलग-अलग महत्व होता है, जिनमें से दो ऐसी राशियां हैं जिन्हें काले रंग का धागा अपने पैरों में नहीं पहनना चाहिए, तो आइए आपको बताते हैं कौन सी हैं वो दो राशियां और उन्हें इस रंग का धागा क्यों नहीं पहनना होता है…

मेष राशि

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल देव, मेष राशि का स्वामी है, जिन्हें काला पदार्थ पसंद नहीं है. जिसके चलते अगर कोई मेष राशि का जातक काले रंग का धागा पहनता है तो उसके जीवन से शुभ प्रभाव खत्म होने लगते हैं और उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगता है. इतना ही नहीं इस रंग का धागा पहनने से जीवन में सुख और शांति दोनों की कमी हो सकती है. जिस वजह से जीवन में असफलता प्राप्त होती है.

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि का स्वामी भी मंगल है, जिन्हें काला रंग पसंद नहीं है. इसलिए इस राशि के जातकों को काला धागा नहीं पहनना चाहिए. वरना आप मंगल देव क्रोधित हो सकते हैं और आपके जीवन को पूरी तरह से तहस-नहस कर सकते हैं. जीवन में खुशियों की जगह आप पर दुखों के पहाड़ टूट सकते हैं. आपके आर्थिक स्थिति भी खराब हो सकती है. इसलिए काले रंग का धागा भूल से भी न पहनने और अगर पहनन रखा है तो उसे आज ही उतार दे फिर देखें कैसे आपके जीवन खुशियों की बौछार होती है.

इस शहर में 6 महीने तक छाया रहता था अंधेरा, इस तरह से अब 2150 वर्ग फीट क्षेत्र में आता है सूरज का उजाला!

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इस शहर में 6 महीने तक छाया रहता था अंधेरा, इस तरह से अब 2150 वर्ग फीट क्षेत्र में आता है सूरज का उजाला!

दुनियाभर में सूर्य को ऊर्जा का स्त्रोत ही नहीं बल्कि नेचर कंट्रोलर भी माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धरती पर कई ऐसे भी जगह हैं. जहां पर साल में कुछ ही महीने सूरज की रोशनी आती है. अब ये जानकर आपके मन में सवाल शायद उठा हो कि “क्या ऐसे शहरों में फिर अंधरा छाया रहता है?” तो इसका जवाब “हां” में है.

आपको बता दें कि जहां आर्कटिक सर्कल के उत्तर में स्थित नॉर्वे का टॉम्सो शहर में हर साल 3 महीने सूरज नहीं दिखता तो वहीं इसके दक्षिण की ओर नॉर्वे का रजुकान गांव में छह महीने तक सूर्य की रोशनी नहीं होती है. जी हां, जानकर भले ही थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन ये सच है. यहां के लोगों को सदियों तक अंधरे में रहना पड़ा, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों ने इसकी मुश्किल का हल निकाल लिया है, आइए आपको इसके बारे में बताते हैं…

सूर्य की रोशनी न होने के पीछे एक बड़ा कारण ये है कि रजुकान गांव दो ऊंचे पहाड़ों के बीच बसा हुआ है, इसकी ऊंचाई 1476 फीट है. वहीं, सूर्य की रोशनी को गांव तक पहुंचाने के लिए विशेषज्ञों ने हल निकालाते हुए सूर्य के प्रकाश की दिशा में पहाड़ों पर विशाल सन मिरर (Sun mirror) की शृंखला लगाई. इसकी मदद से सूर्य की किरणे परावर्तित होते हुए पहाड़ी की तलहटी में रोशनी करती हैं.

एक सदी पुरानी योजना

आपको बता दें कि मार्टिन एंडरसन नामक शख्स ऐसे पहले व्यक्ति थे, जो रजुकान गांव में सूर्य की रोशनी ना होने पर परेशान हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने स्थानीय अधिकारियों की सहायाता से आठ लाख डॉलर की कीमत के साथ सन मिरर लगवाया. भले इस मिरर को एंडरसन ने लगवाए, लेकिन ये लगाने की योजना एक सदी पूर्व यहीं के इंजीनियर सैम का था. जहां साल 1928 में केबल कार की मदद से लोग सूरज के दर्शन करने के लिए ऊपर तक जाया करते थे, वहीं अब दिनभर सूर्य की रोशनी देखी जा सकती है.

पर्यटन बढ़ने से दोहरा उजाला

आपको बता दें कि इस शीशे को 538 वर्ग फुट के इलाके में लगाया गया है और इसकी मदद से शहर के 2150 वर्ग फीट क्षेत्र में उजाला होता है. इसकी रोशनी शेष इलाके में मिल पाती है. जहां रजुकान में लोगों का जिंदगी अंधेरे में गुजर रही थी. वहीं, अब बढ़ते पर्यटनों के चलते यहां के लोगों की जिंदगी में दोहरा उजाला हो गया है.

‘ममता बनर्जी ने दिनेश त्रिवेदी ‘गद्दार’ को सबकुछ दिया बस नोबेल प्राइज देना बाकी रह गया था’

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‘ममता बनर्जी ने दिनेश त्रिवेदी ‘गद्दार’ को सबकुछ दिया बस नोबेल प्राइज देना बाकी रह गया था’

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचले काफी तेज हो गई है। देश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ममता बनर्जी शासित टीएमसी को टक्कर देने की तैयारियों में लगी हुई है।

अभी तक TMC के लगभग 20 विधायक और सांसद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। पिछले दिनों इसमें एक नाम और जुड़ गया। टीएमसी के राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने यह कहकर राज्यसभा की सदस्यता और टीएमसी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया कि उन्हें पार्टी में घुटन हो रही है।

जिसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई कि वह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इसी बीच टीएमसी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने दिनेश त्रिवेदी को निशाने पर लिया है और उन्हें गद्दार करार दिया है।

जमीनी नेता नहीं थे दिनेश त्रिवेदी

TMC नेता मदन मित्रा (Madan Mitra) ने कहा, ममता बनर्जी ने दिनेश त्रिवेदी को सबकुछ दिया, बस उन्हें नोबल प्राइज देना रह गया था। मदन मित्रा ने दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) को ‘गद्दार’ कहते हुए कहा कि पूर्व रेल मंत्री लोकसभा चुनाव हार गए और इसके बावजूद बनर्जी ने उन्हें तृणमूल सांसद बनाकर राज्यसभा भेजा। उन्होंने कहा कि कुछ नेता टीएमसी छोड़ रहे हैं लेकिन इससे पार्टी प्रभावित नहीं होगी।

दूसरी ओर टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने दिनेश त्रिवेदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वह कभी जमीनी नेता नहीं रहे। लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें ममता बनर्जी ने राज्यसभा में भेजा था। तृणमूल कांग्रेस का मतलब जमीनी होता है। उनके इस्तीफे से पार्टी के अन्य जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।’

त्रिवेदी ने पीएम मोदी और अमित शाह को बताया अच्छा दोस्त

बता दें, दिनेश त्रिवेदी ने बीते दिन शुक्रवार को राज्यसभा से इस्तीफे की घोषणा कर सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा वह घुटन महसूस कर रहे हैं क्योंकि वह पश्चिम बंगाल में हिंसा को रोकने के लिए कुछ भी करने में सक्षम नहीं थे। वहीं, बीजेपी में शामिल होने की बात को लेकर उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह उनके अच्छे दोस्त हैं।

बीते दिन दिनेश त्रिवेदी ने कहा, ‘मैं कभी भी बीजेपी में जा सकता हूं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यदि वह मेरा स्वागत कर रहे हैं, जैसा कि मैंने सुना है तो मेरे लिए यह खुशी की बात है। यदि हर जगह उन्हें लोग स्वीकार कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि देश के लिए वह कुछ अच्छा कर रहे हैं।‘

कोरोना जांच फर्जीवाड़े में चुनावी चंदा देने वाले बड़े अधिकारियों को बचा रहे सीएम- तेजस्वी यादव

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कोरोना जांच फर्जीवाड़े में चुनावी चंदा देने वाले बड़े अधिकारियों को बचा रहे सीएम- तेजस्वी यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान आपदा में अवसर को बिहार के कुछ जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नकारात्मक तौर पर ले लिया और कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़ा जैसा बड़ा कांड हो गया। सुशासन बाबू के नाम से प्रसिद्ध नीतीश कुमार के बिहार में जानलेवा कोरोना वायरस की टेस्टिंग में बड़े पैमान पर गड़बड़ी की घटना सामने आई है।

घटना संज्ञान में आते ही बिहार सरकार ने आनन-फानन में कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अब बिहार में विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर प्रदेश की एनडीए सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आनन फानन में जमुई के सिविल सर्जन समेत चार कर्मियों के सस्पेंड और छह कर्मियों की बर्खास्ती को महज दिखावा बताया है।

चुनावी चंदा देने वालों को बचा रहे सीएम

आरजेडी नेता ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘अरबों का कोरोना घोटाला सामने आने के बाद नीतीश जी दिखावटी तौर पर जैसा कि पूर्व के 61 घोटालों में करते आए हैं छोटे स्तर के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का नाटक रच, धन उगाही कर JDU को चुनावी चंदा देने वाले उच्च अधिकारियों को बचायेंगे। यही नीतीश कुमार की स्थापित नीति, नीयत और नियम है।‘

सारा माजरा आँकड़ों के अमृत मंथन का है

इससे पहले उन्होंने ट्वीट करते हुए इस पर सवाल उठाए थे। तेजस्वी यादव ने कहा था कि ‘बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही। विपक्ष और जनदबाव में नीतीश जी ने विपदा के बीच ही आँकड़ों की बाज़ीगरी नहीं करने वाले 3 स्वास्थ्य सचिवों को हटा दिया। फिर उन्होंने अपने जाँचे-परखे आँकड़ों की बाज़ीगिरी करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया।

….उसके बाद अगले 3 दिनों में ही टेस्टिंग की संख्या दुगनी हो गई और लगभग 15 दिनों में यह संख्या एक लाख और 25 दिनों में दो लाख तक पहुँच गई। उसी स्वास्थ्य संरचना से मात्र एक महीने से भी कम समय में यह प्रतिदिन जाँच का आँकड़ा इतना गुणा कैसे बढ़ गया? सारा माजरा आँकड़ों के अमृत मंथन का है।‘

स्वास्थ्य मंत्री पर लगे थे आरोप

बता दें, बिहार की विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। आरजेडी, कांग्रेस और जाप ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल दागे हैं। हालांकि, बिहार सरकार की ओर से कहा गया है कि मामले की जांच चल रही है। प्रदेश के 22 जिलों की जांच पूरी कर ली गई है, जिसमें से एक जगह से ऐसा मामला सामने आया है। जिसपर कार्रवाई की गई है।

गौरतलब है कि कोरोना काल में बिहार सरकार ने तीन बार स्वास्थ्य सचिवों को बदला था। जिसपर जमकर सियासत हुई थी। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय पर भी लगातार सवाल उठ रहे थे। तब बिहार में चुनाव की तैयारियां चल रही थी और विपक्ष पार्टियों ने आरोप लगाया था कि मंगल पाण्डेय प्रदेश की जनता के बारे मे सोचने के बजाए चुनाव पर ज्यादा फोकस कर रहे थे।

इस वजह से सुहागन होते हुए भी सफेद साड़ी में नजर आती थीं राज कपूर की पत्नी, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी अनकही बातें…

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इस वजह से सुहागन होते हुए भी सफेद साड़ी में नजर आती थीं राज कपूर की पत्नी, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी अनकही बातें…

सिनेमा जगता के “शोमैन” कहे जाने वाले दिवंगत अभिनेता राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को पेशावर (पाकिस्तान) में हुआ था. वो अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ फिल्म सीटी मुंबई आए, जहां उन्होंने अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत की. आज हम आपको राज कपूर की जिंदगी से जुड़ी अनकही बातें बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं…

बता दें कि जब राज कपूर अपने पिता के साथ मुंबई में आए तब उनके पिता ने उन्हें कहा कि “राजू नीचे से शुरुआत करोगे तभी ऊपर तक जाओगे.” बस इसी बात को उन्होंने गांठ बांध ली जिसके चलते उन्होंने 17 साल की उम्र में रंजीत मूवीकॉम और बाम्बे टॉकीज फिल्म प्रोडक्शन कंपनी में स्पॉटब्वॉय के तौर पर कार्य शुरू किया.

दिग्गज अभिनेता राज कपूर का व्यक्तित्व कुछ अलग ही रहा, जैसे उनका फिल्मी करियर का शुरुआत सफर. आपको शायद जानकारी न हो कि राज कपूर का फिल्मी करियर एक चांटे के साथ शुरू हुआ था. दरअसल, उस दौरान के प्रसिद्ध निर्देशकों में शुमार केदार शर्मा की एक फिल्म में क्लैपर ब्वॉय के तौर पर कार्य करते हुए राज कपूर ने एक बार काफी तेज क्लैप किया और वो इतना तेज था कि फिल्म के हीरो की नकली दाड़ी क्लैप में फंसकर बाहर आ गई. जिसके चलते केदार शर्मा को उन पर बेहद गुस्सा आया और उन्होंने गुस्से में राज कपूर को एक जोरदार चांटा लगा दिया.

वहीं, आपको जानकार हैरानी होगी कि आगे चलकर निर्देशक केदार शर्मा ने ही अपनी फिल्म ‘नीलकमल’ में अभिनेता राज कपूर को मैन अभिनेता के तौर पर लिया था. अपने पिता पृथ्वीराज कपूर से राज कपूर को अभिनय विरासत में मिली थी. ये अपने पिता के साथ रंगमंच पर काम करते थे और पृथ्वीराज थियेटर के मंच से ही इनकी एकटींग करियर की शुरुआत हुई थी.

ये है राज कपूर का पूरा नाम

आपको बता दें कि अभिनेता राज कपूर का पूरा नाम “रणबीर राज कपूर” था. वहीं, अब रणबीर उनके पोते यानि ऋषि कपूर और नीतू कपूर के बेटे रणबीर कपूर का नाम है. अगर बात करें राज कपूर की पढ़ाई की तो शुरूआत से ही उनका मन पढ़ाई में कभी नहीं लगा, जिस वजह से उन्होंने 10वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी होने से पहले ही छोड़ दी. कहा जाता है कि ये अपने स्कूली जीवन में अपनी कॉपी-किताबों को बेचकर कई तरह के खाने में मौज उड़ाए थे.

सुहागन होने के बाद भी इनकी पत्नी पहनती थीं सफेद साड़ी

कहा जाता है कि राज कपूर को बचपन में एक सफेद साड़ी वाली महिला काफी पसंद आई थी, जिसके बाद से सफेद रंग की साड़ी से उनका मोह इतना ज्यादा गहरा हो गया कि उनकी लगभग सभी फिल्मों की अभिनेत्रियां (नर्गिस, जीनत अमान, वैजयंतीमाला, मंदाकिनी,पद्मिनी कोल्हापुरी) फिल्मों में भी सफेद साड़ी पहने नजर आईं. इतना ही नहीं उनकी पत्नी कृष्णा भी सुहागन होते हुए हमेशा सफेद साड़ी ही पहना करती थीं.

जानें कौन है NSA डोभाल की रेकी करने वाला जैश आतंकी मलिक, जिसने वीडियो रिकार्ड कर भेजा पाकिस्तान

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जानें कौन है NSA डोभाल की रेकी करने वाला जैश आतंकी मलिक, जिसने वीडियो रिकार्ड कर भेजा पाकिस्तान

हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में पलने वाले आतंकी संगठन अपनी कारिस्तानियों से बाज नहीं आ रहे हैं। वे भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमारे पुलिस बल और हमारे जवान पूरे चौकन्ने हैं। इसी बीच खबर है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकरा अजीत डोभाल पर हमले की फिराक में हैं। इसका खुलासा खुद जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हिदायत उल्लाह-मलिक ने की है। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसिया पूरी तरह से अलर्ट हो गई है और एनएसए डोभाल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

वीडियो रिकार्ड कर भेजा पाकिस्तान

जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हिदायत उल्लाह मलिक ने पुलिस के सामने यह बयान दिया है। हाल ही 6 फरवरी को उसे अनंतनाग में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के सामने पूछताछ के दौरान जैश के आतंकी ने बताया कि उसने अजीत डोभाल के दफ्तर और दिल्ली स्थित अन्य ठिकानों की रेकी की है इसका वीडियो पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर को भेजा है।

मलिक ने बताया 24 मई 2019 को उसने NSA के कार्यालय समेत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के सुरक्षा विस्तार का एक जासूसी वाला वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए इंडिगो की फ्लाइट से श्रीनगर से नई दिल्ली आया था।

उसने एनएसए के दफ्तर की रेकी करने के बाद उस रिकॉर्ड किए गए वीडियो को व्हाट्सऐप के जरिए अपने पाकिस्तान स्थित हैंडलर को फॉर्वरड किया था। दिल्ली में रेकी करने और वीडियो पाकिस्तान भेजने के बाद मलिक बस में बैठकर कश्मीर वापस लौट गया। 

पुलवामा आतंकी हमले के दौरान भी मलिक ने की थी रेकी

बता दें, हिदायत उल्लाह-मलिक कोई छोटा-मोटा आतंकी नहीं है। वह जैश के एक अन्य संगठन लस्कर-ए-मुस्तफा का सरगना भी है। जैश का यह आतंकी जम्मू-कश्मीर के शोफियां का रहने वाला है। खबरों के मुताबिक इस आतंकी ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया है कि उसने पुलवामा हमले के दौरान भी रेकी की थी। पुलिस ने जब 6 फरवरी को आतंकी मलिक को अनंतनाग में गिरफ्तार किया था, तब उसके पास से हथियार, गोला बारूद समेत कई विस्फोटक बरामद किए गए थे।

शिकागो यूनिवर्सिटी से बात करते हुए राहुल गांधी ने ट्रोल्स को बताया मार्गदर्शक, कहा- वे मेरी समझ को तेज करते हैं

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शिकागो यूनिवर्सिटी से बात करते हुए राहुल गांधी ने ट्रोल्स को बताया मार्गदर्शक, कहा- वे मेरी समझ को तेज करते हैं

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर देश की सियासत में बवाल जारी है। विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार को निशाना बना रही है। किसान पिछले 79 दिनों से दिल्ली की बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से इन कानूनों को रद्द करने एवं साथ ही एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे है।

देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जगह-जगह महापंचायतों को संबोधित कर रहे हैं और केंद्र को निशाने पर ले रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है। बीते दिन उन्होंने राजस्थान में किसान महापंचायत को संबोधित किया और केंद्र सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए।

जिसके बाद शिकागो यूनिवर्सिटी के दिपेश चक्रवर्ती से बात करते हुए अपने राजनीतिक करियर, ट्रोल्स, परिवारवाद समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। प्रोफेसर दीपेश चक्रवर्ती के साथ डिजिटल संवाद के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘सपने बेचने का आरोप लगाया।

ट्रोल्स मेरे मार्गदर्शक जैसे हैं’

राहुल गांधी ने दिपेश चक्रवर्ती से बात करते हुए कहा, ‘मैं जैसै-जैसे पॉलिटिक्स में आगे बढ़ता हूं मेरी विचारों की लड़ाई तेज़ हो जाती है। इस वजह से जो लोग मेरे विचारों से सहमत नहीं रहते हैं वो मुझ पर लगातार हमले करते रहते हैं। ट्रोल्स द्वारा मुझपर हमला करना मेरी समझ को तेज़ करता है, जब लोग मेरा विरोध करते हैं तो मुझे पता होता है कि मैं सही जगह पर हूं। एक तरह से देखा जाए तो ट्रोल्स मेरे मार्गदर्शक के जैसे हैं जिनसे मुझे पता चलता है कि मुझे क्या करना है। यह एक प्रक्रिया है जो निरंतर आगे बढ़ती रहती है।‘

राजनीति से जुड़े सवाल पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘अब मैं इस रास्ते पर बहुत आगे निकल चुका हूं। हालांकि, अगर आप मुझसे यह सवाल 15-20 साल पहले पूछते कि मैं राजनीति के बारे में क्या सोचता हूं तो मेरा जवाब आज के हिसाब से बिल्कुल अलग होता।‘

मेरे परिवार से आखिरी बार 30-35 साल पहले कोई PM था’

राजनीतिक पार्टियों की ओर से कांग्रेस पर हरदम वंशावाद का आरोप लगता आया है। शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने जब राहुल गांधी से वंशवाद पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ‘मेरे परिवार से आखिरी बार 30-35 साल पहले प्रधानमंत्री बने थे। संप्रग सरकार में मेरे परिवर से कोई शामिल नहीं था। मैं कुछ मूल्यों के लिए लड़ता हूं। आप यह नहीं कह सकते कि मैं राजीव गांधी का बेटा हूं तो मैं इन मूल्यों के लिए क्यों नहीं लड़ सकता।

राहलु गांधी ने कहा, ‘मेरा परिवार शुरू से इस देश के लिए खड़ा रहा है। मेरी दादी और मेरे पिता ने देश के लिए अपनी जान दे दी। उन्होंने इस देश को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। मेरे परिवार का बलिदान मुझे बताता है कि मुझे आगे क्या करना है। मैं उनसे हमेशा सीख लेता हूं।‘

राजस्थान में केंद्र सरकार पर बरसे राहुल गांधी, कहा- अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए रास्ता बना रही सरकार

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राजस्थान में केंद्र सरकार पर बरसे राहुल गांधी, कहा- अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए रास्ता बना रही सरकार

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर देश की सियासत में भूचाल मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियां और विपक्ष के बड़े-बड़े नेता लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर ले रहे हैं और केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को पूरा करने की बात कह रहे हैं। दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान आंदोलन पिछले 78 दिनों से चल रहा है और अभी तक लगभग 200 किसानों के मौत की खबर सामने आई है। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है।

किसानों के भविष्य को छीनना चाहती है सरकार

आज शुक्रवार को राजस्थान में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, कांग्रेस की यही कोशिश रही है कि खेती किसी एक हाथ में न जाए, लेकिन नए कानून में इसका उलट किया जा रहा है।

किसानों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘मोदी जी कहते हैं कि हम किसानों के साथ बात करना चाहते हैं, आप क्या बात करना चाहते हैं? कानूनों को निरस्त करें, किसान आपके साथ बात करेंगे। आप उनकी जमीन, भविष्य को छीन रहे हैं और ऐसे में आप उनसे बात करना चाहते हैं। पहले कानून वापस लें, फिर बात करें।’

दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार है कृषि

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपके लिए जो ये तीन कानून आए हैं, इनका लक्ष्य क्या है? मोदीजी इन्हें क्यों ला रहे हैं, इसे मैं आपको समझाऊंगा। कृषि दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार है, क्योंकि इससे करोड़ों लोगों को भोजन मिलता है। भारत की 40 प्रतिशत जनता इस व्यापार को चलाती है।‘ उन्होंने कहा, कांग्रेस की कोशिश रही है कि कृषि किसी एक के हाथ में न जाए। आजादी के बाद यही हमारा लक्ष्य रहा है कि इसमें 40 प्रतिशत लोगों की भागीदारी रहे।

अपने उद्योगपति दोस्तो के लिए रास्ता बना रही सरकार

राहुल गांधी ने राजस्थान में किसानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं यहां आपको आश्वासन देने आया हूं कि इन कानूनों को बढ़ने नहीं देंगे। हम इन्हें रद्द करवाकर ही मानेंगे। तीन कानून क्या हैं? ये लोग कृषि के बिजनेस को किसान, खेतिहर से छीनना चाहते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 40 प्रतिशत लोगों का व्यापार 2-3 लोगों के हाथ में चला जाए। वे अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए रास्ता बना रहे हैं।’