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बजट का अभाव, कार में बदलती थीं कपड़े, फिल्म ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर मचाया गदर

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Vidhya Balan
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बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन आज किसी पहचान की मोहताज़ नहीं है. एक्ट्रेस विद्या बालन की गिनती बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन अदाकाराओं में की जाती है. विद्या बालन ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मे दी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टीवी सीरियल से की थी. विद्या बालन की डेब्यू फिल्म ‘परिणीता’ थी,  जिसमें वो सैफ अली खान और संजय दत्त के साथ नजर आई थीं. उनकी पहली ही फिल्म हिट रही जिसके बाद उन्होंने कई फिल्मो में काम किया है. तो चलिए आज हम आपको इस लेख में विद्या बालन की उस फिल्म के बारे में बताते है. जिसका बजट इतना कम था की एक्ट्रेस को कार में ही कपड़े बदलने पड़ते थे.

विद्या की शानदार फिल्मों में से एक

साल 2012 में रिलीज़ हुई फिल्म “कहानी” ये फिल्म थ्रिलर जॉनर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से मानी जाती है. इस फ़िल्म का डायरेक्शन सुजॉय घोष ने किया है. फ़िल्म में विद्या बालन  ने विद्या बागची नामक एक गर्भवती महिला की भूमिका निभाई है. ये फिल्म 12 साल पहले 2012 में रिलीज हुई थी और सुजॉय घोष के करियर के लिए एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. उन्होंने कम बजट में दिलचस्प और सस्पेंस भरी कहानी बनाई थी. इस फिल्म को दर्शको से काफी प्यार मिला था. वही हाल ही में फिल्म के डायरेक्टर सुजॉय घोष ने एक इंटरव्यू में फिल्म से जुड़ी कई सारी बातें कि कुछ हैरान कर देने वाले खुलासे भी किए. और बताया की ‘झंकार बीट्स’ और ‘अलादीन’ जैसी पिछली फिल्मों की असफलता के बाद, मैंने फिल्म ‘कहानी’ में अपना पूरा फोकस लगा दिया था.

सुजॉय घोष ने आगे बात करते हुए कहा, कि इस फिल्म का बजट इतना कम था कि विद्या बालन को वैनिटी वैन तक नहीं मिल पाई थी. ऐसे में उन्हें अपनी गाड़ी में ही कपड़े बदलने पड़ते थे. बावजूद इसके विद्या ने पूरी फिल्म में बेहतरीन काम किया और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी जबरदस्त कमाई की.  इस फिल्म ने न सिर्फ तारीफें बटोरीं बल्कि कमाई के मामले में भी जबरदस्त रही. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये फिल्म 15 करोड़ रुपये के बजट में बनी थी और उसने दुनिया भर में करीब 79.20 करोड़ रुपये की कमाई की थी. ये फिल्म विद्या के करियर की सबसे बड़ी हिट्स फिल्मो में गिनी जाती है.

Vidhya Balan .
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हालांकि, इस फिल्म को बनाते समय टीम को काफी परेशानियों और मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. खासकर, फिल्म में नजर आने वाले मुख्य कलाकारों को लेकर. उन्होंने बताया कि इसमें काम करने वाले कलाकारों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं, वो वे उन्हें नहीं दे पाए. आर्थिक तंगी की वजह से वे विद्या को अक्सर सड़क पर खड़ी टोयोटा इनोवा गाड़ी में ही कपड़े बदलने पड़ते थे, जिसे उनकी प्राइवेसी के लिए काले कपड़े से ढक दिया जाता था.  फिल्म ‘कहानी’ से पहले सुजॉय घोष तीन लगातार फ्लॉप फिल्में दे चुके थे. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिल्म कहानी को बनाया जिसके रिलीज़ होते ही बॉक्स ऑफिस पर कमाल हो गया था.

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वर्कफ्रंट पर विद्या

वहीं, अगर विद्या बालन के वर्कफ्रंट की बात करें तो उनको आखिरी बार फिल्म ‘दो और दो प्यार’ में देखा गया था, जिसमें उनके साथ स्टार प्रतीक गांधी, इलियाना डिक्रूज और सेंथिल राममूर्ति जैसे कलाकार नजर आए थे. इसके अलवा विद्या के बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है और जल्द ही मोस्ट अवेटेड हॉरर कॉमेडी फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ में नजर आने वाली हैं, जिसमें उनके साथ कार्तिक आर्यन और तृप्ति डिमरी जैसे एक्टर्स नजर आएंगे. ये फिल्म इसी साल दिवाली के मौके पर रिलीज होगी.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महंत मुकेश गिरि को दी सशर्त अग्रिम जमानत, सिर पर था एक लाख रुपये का इनाम

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Mahant Mukesh Giri
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक लाख रुपये के इनामी महंत मुकेश गिरि को बड़ी राहत देते हुए उसे सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। महंत मुकेश गिरि पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसके चलते उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में गहन विचार के बाद जमानत मंजूर की है और कुछ विशेष शर्तें भी लगाई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा। अग्रिम जमानत का यह आदेश जस्टिस विक्रम डी. चौहान की कोर्ट ने दिया है।

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पहले ही कर दी थी अग्रिम जमानत की याचिका दायर

महंत मुकेश गिरि पर कई गंभीर आरोप हैं। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जिसके बाद से वो फरार चल चल रहा था। इन आरोपों में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। फरारी के दौरान पुलिस ने उसके खिलाफ कई सबूत जुटाए हैं। हालांकि, महंत ने गिरफ्तारी से पहले ही हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी थी।

ये है पूरा मामला

मुरादनगर थाने में महंत के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। एक महिला ने एफआईआर में बताया था कि 21 मई 2024 को वह अपनी बेटी के साथ गंगनहर घाट पर बने चेंजिंग रूम में कपड़े बदलने गई थी, जहां सीसीटीवी कैमरा देख वह दंग रह गई। महिला को जब पता चला कि यह कैमरा महंत के मोबाइल से जुड़ा है तो वह उसके पास पहुंची और उससे पूछताछ करने लगी। इस पर महंत ने उसे धमकी दी कि अगर उसने पुलिस से शिकायत की तो अच्छा नहीं होगा। महिला ने हिम्मत दिखाई और मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद महंत फरार हो गया। पुलिस चेंजिंग रूम में पहुंची तो पता चला कि वहां कैमरा लगा हुआ है। जांच में यह भी स्पष्ट हो गया कि कैमरा महंत के मोबाइल से जुड़ा हुआ था।

मोबाइल से 320 वीडियो मिली थीं

पुलिस को उसका सेल फोन उसके घर से मिला था। उसमें महिलाओं के नहाते हुए 320 वीडियो हैं। तब से उसकी तलाश की जा रही है, लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका। सबसे पहले, पुलिस ने घोषणा की कि वे उसे 25,000 डॉलर का इनाम देंगे। फिर इसे बढ़ाकर पचास हजार कर दिया गया। उसे सौ दिनों से अधिक समय तक लापता घोषित किया गया, जिसके बाद इनाम को बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया, बशर्ते कि उसका पता न चल सके।

कोर्ट का निर्णय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महंत मुकेश गिरि की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत तो दे दी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। कोर्ट ने निर्देश दिया कि महंत मुकेश गिरि को जांच में पूरा सहयोग करना होगा और जब भी उन्हें जांच के लिए बुलाया जाएगा, उन्हें पेश होना होगा। इसके अलावा उन्हें अपने बयान में कोई तथ्य छिपाने या गुमराह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर वह इन शर्तों का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी जमानत रद्द की जा सकती है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

पुलिस का कहना है कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान करेंगे और इस मामले में निष्पक्ष जांच जारी रहेगी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि महंत मुकेश गिरि को जांच के दौरान पूरा सहयोग करना होगा, अन्यथा उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी और उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। पुलिस के मुताबिक इस मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।

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लखनऊ में इडली-सांभर बेचकर परिवार का सहारा बनीं रेनू यादव, सरकार से मदद की गुहार

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Renu Yadav support family
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गरीबी और लाचारी किसी इंसान से क्या करवा सकती है, यह कोई ऐसा इंसान ही समझ सकता है जो ऐसे हालातों से गुजर रहा हो। कुछ ऐसे ही हालातों से गुजर रही हैं रेनू यादव। लखनऊ के आशियाना इलाके में इडली-सांभर बेचने वाली रेनू यादव अपने परिवार का मुख्य सहारा हैं। उनके पति ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं और घर के सारे खर्च की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है। उनकी संघर्ष की कहानी ने लोगों का दिल जीत लिया है और सरकार से मदद की अपील भी की है।

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रेनू यादव के जीवन में संघर्ष

रेणु यादव का जीवन संघर्ष से भरा है। उनके पति ब्लड कैंसर नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उनके इलाज का खर्च उठाना रेणु के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसके अलावा उनके बच्चों की परवरिश भी उन्हीं पर निर्भर है। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए सड़कों पर इडली-सांभर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।

रेनू यादव के दैनिक संघर्ष

रेनू यादव हर सुबह ठेले पर इडली-सांभर बेचने निकल जाती हैं। उनके खाने के स्वाद और मेहनत की चर्चा आशियाना इलाके में हर जगह होती है। लोग उनके हाथ का बना खाना पसंद करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं, लेकिन बीमारी और आर्थिक तंगी के चलते उनकी यह मेहनत नाकाफी है। बच्चों की पढ़ाई, पति के इलाज और घर के दूसरे खर्चों के लिए रेनू को लगातार संघर्ष करना पड़ता है।

सरकार से मदद की गुहार

रेणु यादव ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने आर्थिक मदद की अपील की है ताकि उनके पति का इलाज सुचारू रूप से हो सके और बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके। रेणु का कहना है कि अगर सरकार की तरफ से उन्हें थोड़ी सी भी मदद मिल जाए तो इस मुश्किल घड़ी में उनके परिवार को राहत मिल सकती है।

लोगों की प्रतिक्रिया और समर्थन 

रेनू यादव की यह कहानी सोशल मीडिया पर भी शेयर की गई है, जहां लोग उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कई स्थानीय संगठन और व्यक्ति रेनू की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। साथ ही सरकार से भी इस परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहयोग की उम्मीद है।

रेनू यादव की कहानी हिम्मत और संघर्ष की मिसाल है। एक तरफ वह परिवार का पेट पालने के लिए सड़क पर काम कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ अपने पति की बीमारी से जूझ रही हैं। इस मुश्किल घड़ी में रेनू यादव सरकार और समाज से आर्थिक मदद की उम्मीद कर रही हैं। उम्मीद है कि उनकी गुहार सही जगह पहुंचेगी और उन्हें वह मदद मिलेगी जिसकी वह हकदार हैं।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट: डीसीपी ने कोर्ट के आदेश का नहीं किया पालन, पेश किया झूठा हलफनामा

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DCP Nimish Patil
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ट्रांस हिंडन क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निमिष पाटिल ने निलंबित इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार दीखित की बहाली के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल किया था। इससे नाराज कोर्ट ने इस आदेश की अवहेलना करने पर डीसीपी के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही की संस्तुति की। वहीं, अपर महाधिवक्ता ने आदेश के अनुपालन के लिए कोर्ट से समय मांगा है। महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया है कि डीसीपी निलंबित इंस्पेक्टर की बहाली का आदेश पारित कर कोर्ट में अनुपालन हलफनामा दाखिल करेंगे। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 4 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान डीसीपी निमिष दशरथ पाटिल कोर्ट में मौजूद रहेंगे।

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डीसीपी से व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा

यह आदेश मयागमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के निलंबित जितेन्द्र कुमार दीखित की याचिका पर दिया है। इससे पहले अदालत ने याची जितेन्द्र के निलंबन पर रोक लगाते हुए उसे बहाल करने का आदेश दिया था। याची को बहाल कर दिया गया और डीसीपी से व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा गया। डीसीपी की ओर से एक सितंबर को हलफनामा दाखिल किया गया। इसमें कहा गया कि याची को अदालत के आदेश के अनुपालन में बहाल कर दिया गया है।

Allahabad High Court
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बहाली का लिखित आदेश नहीं किया गया था पारित

नाराज कोर्ट ने याची द्वारा डीसीपी पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए जिला जज गाजियाबाद की अध्यक्षता में आयोग गठित कर रिपोर्ट तलब की थी। इसमें जिला जज द्वारा पुलिस लाइन के निरीक्षण के दौरान डीएम गाजियाबाद और पुलिस कमिश्नर को भी मौजूद रहने के आदेश दिए गए थे। जिला जज की रिपोर्ट गुरुवार को कोर्ट में पेश की गई। इसमें कोर्ट ने पाया कि हाईकोर्ट के आदेश से निलंबन निरस्त होने के बाद याची से पुलिस लाइन का कार्य कराया जा रहा था, लेकिन आदेश के अनुपालन में बहाली का कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया गया। डीसीपी ने याची को बहाल करने के लिए कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल किया था।

कोर्ट- ‘आदेश की जानबूझकर अवहेलना हुई’

कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की जानबूझकर की गई अवहेलना माना है। कोर्ट ने कहा कि डीसीपी निमिष दशरथ पाटिल का यह आचरण कोर्ट के आदेश की स्पष्ट अवमानना ​​है। कोर्ट इस मामले को अवमानना ​​कार्यवाही के लिए संबंधित बेंच को भेजने के मूड में है। इस बीच, अतिरिक्त महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने याचिकाकर्ता को बहाल करने का आदेश पारित किया और डीसीपी को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

करोड़ों की चोरी के मामले में हुआ था निलंबन

11 अगस्त को चोरों ने इंदिरापुरम के एक शोरूम से 3 करोड़ रुपए कीमत की 125 घड़ियां चुरा लीं। घटना पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर हुई। 12 अगस्त को इंदिरापुरम थाने के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार दीखित और कनावनी पुलिस चौकी इंचार्ज लाल सिंह को निलंबित कर दिया गया। इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार दीखित ने निलंबन की इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने उन्हें बहाल करने का आदेश दिया।

Police incharge outpost incharge suspended for Negligence
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इस आदेश के बावजूद इंस्पेक्टर जितेंद्र ने फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि उन्हें बहाल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। डीसीपी ने हलफनामा देकर कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया गया है। याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर ने कोर्ट को बताया कि आदेश का पालन नहीं किया गया है। इस पर हाईकोर्ट ने जिला जज को पुलिस लाइन का निरीक्षण करने का आदेश दिया। जिला जज ने लाइन जाकर पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट को भेज दी।

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मुस्लिम आबादी पर बयान देकर बुरे फंसे सपा विधायक महबूब अली, विवादित टिप्पणी पर FIR हुई दर्ज

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MLA Mehboob Ali
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समाजवादी पार्टी के विधायक महबूब अली के खिलाफ उनके कथित विवादित बयान को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। मामला तब सामने आया जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आपत्तिजनक बातें कही थीं। उनके बयान को लेकर समाज के कई वर्गों में गुस्सा है और इस पर राजनीतिक बहस भी शुरू हो गई है। दरअसल, अमरोहा से समाजवादी पार्टी के विधायक महबूब अली ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है और बीजेपी का शासन जल्द ही खत्म हो जाएगा।

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सपा विधायक का बयान

अमरोहा से सपा विधायक महबूब अली ने संविधान सम्मान बैठक में कहा कि अब आपका राज खत्म हो जाएगा। मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है। हम सत्ता में आएंगे। जो लोग देश को जला रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि भारत की जनता जाग चुकी है। उन्होंने संसद में जवाब भी दे दिया है। उन्होंने आगे कहा कि आप 2027 में जरूर जाएंगे।

बीजेपी ने इंडिया अलायंस पर साधा निशान

सपा नेता के इस बयान के बाद भाजपा ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। पूर्व सांसद और यूपी में भाजपा महासचिव सुब्रत पाठक ने कहा कि कार्यकर्ताओं की टिप्पणी कहती है कि समाजवादी पार्टी को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, “क्या इसी तरह (समाजवादी पार्टी प्रमुख) अखिलेश यादव वोट चमकाने में लगे हैं? ताकि एक खास समुदाय की इच्छाएं पूरी की जा सकें?”

इंडिया अलायंस को लिया आड़े हाथ

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी समाजवादी पार्टी के विधायक महबूब अली के बयान को लेकर भारत गठबंधन और सपा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘अमरोहा से सपा विधायक महबूब अली ने “संविधान सम्मान” बैठक में कहा, “योगी राज खत्म हो जाएगा क्योंकि अब मुस्लिम आबादी बढ़ रही है।

वे अक्सर 80:20 वाले बयान के बारे में शिकायत करते हैं, 80 बनाम 20 कौन करता है, यह आपके सामने है। क्या यह मुहब्बत की दुकान है? क्या यह संविधान समर्थक है या धर्मनिरपेक्ष? योजना स्पष्ट है हिंदुओं को विभाजित करना और मुस्लिम वोटबैंक को एकजुट करना? अखिलेश कहते हैं कि मठाधीश माफिया जैसे हैं, राहुल कहते हैं कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा नृत्य कार्यक्रम जैसा था और महबूब अली जनसांख्यिकी परिवर्तन को भड़काते हैं!! एजेंडा स्पष्ट है, है न?”

सपा ने विधायक के बयान से किया किनारा

समाजवादी पार्टी ने उनके बयान से खुद को अलग कर लिया है। सपा नेता सुनील महाजन के अनुसार, पार्टी महबूब अली के इस बयान से सहमत नहीं है कि मुसलमानों की संख्या बढ़ने से भाजपा हारेगी। लेकिन यह सच है कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, भाजपा लगातार झूठ बोल रही है। इसलिए बहुत से लोग चाहते हैं कि भाजपा हार जाए। उनके अनुसार, यही कारण है कि भाजपा यहां ज्यादा दिन तक नहीं टिक सकती।

पुलिस की कार्यवाही 

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने महबूब अली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बयान की जांच की जा रही है और सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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जलेबी के बाद फैक्ट्री मेड सब्जी और दाल को लेकर भड़के Avi Dandiya, जानें क्या है पूरा मामला?

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Avi Dandiya
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जलेबी और मिठाइयों में मिलावट और फैक्ट्री में बनाई जा रही खाद्य वस्तुओं पर चल रही चर्चा के बीच, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट Avi Dandiya ने अब फैक्ट्री में तैयार की जाने वाली सब्जियों और दालों को लेकर अपना बयान दिया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की चीज़ें भारतीय संस्कृति और स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरा हैं। Avi Dandiya ने दावा किया कि यह हमारे पारंपरिक भोजन के ढांचे को नुकसान पहुंचा सकता है।

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Avi Dandiya का बयान

Avi Dandiya ने अपने बयान में कहा कि जिस तरह से अब फैक्ट्री में सब्जियां और दालें तैयार की जा रही हैं, वह लोगों की सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए कहा, “जलेबी के बाद अब सब्जियों और दालों का भी इंडस्ट्रियलाइजेशन हो रहा है, जो हमारे खाने के असली स्वाद और सेहत को प्रभावित कर रहा है। क्या हमें फैक्ट्री में बनी ये चीजें अपने घरों में स्वीकार करनी चाहिए?”

आम जनता में चिंता

Avi Dandiya के बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। कई लोगों ने इसे सेहत के लिए खतरे का संकेत माना और सरकार से इस पर कड़े कदम उठाने की मांग की है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि फैक्ट्री में तैयार खाद्य पदार्थ सुविधाजनक जरूर होते हैं, लेकिन इनके नियमित उपयोग से हमारी पारंपरिक भोजन संस्कृति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों की राय 

खाद्य विशेषज्ञों का मानना है कि इंडस्ट्रियल फूड्स का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है, खासकर जब इसे पारंपरिक सब्जियों और दालों की जगह उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फैक्ट्री में बनी खाद्य वस्तुओं में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया

इस विषय पर अभी तक किसी सरकारी प्रतिनिधि का बयान नहीं आया है। लेकिन इससे पहले भी मिलावट और इंडस्ट्रियलाइजेशन से जुड़े मामलों में सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। यह देखना होगा कि इस बार सरकार इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करती है।

Avi Dandiya का बयान भारतीय खाद्य उद्योग के बदलते स्वरूप पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। जैसे-जैसे पारंपरिक भोजन के विकल्प के रूप में इंडस्ट्रियल फूड्स का प्रचलन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों को लेकर चिंता बढ़ रही है। यह आवश्यक है कि सरकार इस पर ध्यान दे और जनता को स्वच्छ और पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाए।

कौन है Avi Dandiya?

अवि डांडिया एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक टिप्पणीकार हैं जो सोशल मीडिया पर अपने बेबाक बयानों और सक्रियता के लिए जाने जाते हैं। वह विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं और अक्सर विवादास्पद विषयों पर अपने विचार साझा करते हैं। अवि डांडिया अपने आलोचनात्मक और कभी-कभी आक्रामक रुख के कारण विवादों में रहे हैं और उनके विचारों को लोगों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिलती है। उनकी सक्रियता ने उन्हें सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोअर दिलाए हैं, जहाँ वे भारतीय राजनीति और समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का प्रयास करते हैं।

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Chhattisgarh: कवर्धा में बेटी की डंडे से पिटाई का मामला फिर आया सुर्खियों में, सामाजिक कार्यकर्ता ने उठाई आवाज

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छत्तीसगढ़ में हर दिन कोई न कोई आपराधिक घटना देखने को मिल रही है। पहले कबीरधाम में भाजपा नेता की हत्या के आरोपी प्रशांत साहू (27) की मौत पर बवाल मचा था, वहीं अब छत्तीसगढ़ में एक बेटी की डंडे से पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यह पूरा मामला डिप्टी सीएम विजय शर्मा के क्षेत्र कवर्धा से सामने आया है। जहां सोशल मीडिया पर रील बनाकर सुर्खियों में रहने वाले आईपीएस अधिकारी अभिषेक पल्लव के सामने पुलिस एक नाबालिक लड़की की डंडे से जमकर पिटाई कर रही है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना सितंबर की बताई जा रही है, लेकिन एक बार फिर यह मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल इस मामले को हवा देने का काम सामाजिक एवं आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने किया है। आइए आपको इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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भूपेश बघेल: एसपी रील मास्टर

लोहारीडीह में आगजनी की घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांव पहुंचे और आगजनी से मरे रघुनाथ साहू और फांसी लगाकर जान देने वाले शिवप्रसाद साहू के परिजनों से बात की। उन्होंने ग्रामीणों से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने इस घटना के लिए पुलिस और गृहमंत्री को जिम्मेदार ठहराया। बघेल ने कहा- घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई। एसपी यहां मौजूद थे। वे वीडियो बना रहे थे, वे रील बनाने में माहिर हैं।

कवर्धा एडिसनल एसपी निलंबित

रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहारीडीह में आगजनी मामले के आरोपी प्रशांत साहू की जेल में मौत के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर उसे निलंबित कर दिया गया। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने माना कि पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की है। डीजी जेल हिमांशु गुप्ता ने जेल का निरीक्षण किया और जेल में बंद आरोपियों से बात की। डिप्टी सीएम ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

160 लोगों को आगजनी का आरोपी बनाया

यह वीडियो रेंगाखार थाना के ग्राम लोहारीडीह का है। जहां 15 सितंबर को उपसरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगा दी गई थी, जिसमें रघुनाथ साहू की मौत हो गई थी। घटना के बाद पुलिस बल गांव पहुंचा था। उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा अपनाए गए तरीके को लेकर लोगों में गुस्सा है। पुलिस ने बिना जांच किए लोगों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। इसके बाद 160 लोगों पर आगजनी का आरोप लगा, जिसमें से 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 33 महिलाएं शामिल हैं। वायरल वीडियो उसी समय का है, जब एक नाबालिक को पीटते हुए गिरफ्तार किया जा रहा है। यह घटना पिछले महीने हुई थी और इस घटना से जुड़ा वीडियो भी वायरल हुआ था।

सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ आक्रोश

फेसबुक पर नवीन जायसवाल नाम के यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस वीडियो को ध्यान से देखिए और सुनिए कवर्धा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) क्या कह रहे हैं। क्या यही है भाजपा का #बेटी_बचाओ_बेटी_पढ़ाओ। जिला पुलिस अधीक्षक अपने सामने एक लड़की की इस तरह पिटाई करवा रहे हैं।

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मामले को लेकर दर्ज हुई जांच

इस मामले को लेकर अब सामाजिक एवं आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने भी अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘छोटी बच्ची को पिटवाने वाले छत्तीसगढ़ के कवर्धा ज़िले के तत्कालीन रील एसपी अभिषेक पल्लव तथा अन्य पुलिस वालों की शिकायत मैंने राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग में की थी! मेरी शिकायत पर जाँच शुरू हो गई है,आज जाँच अधिकारी ने मेरे से घटना का वीडियो,पेपर कटिंग और न्यूज़ लिंक माँगा था जिसे मैंने उपलब्ध करवा दिया है! नाबालिग को पिटवाने वाले इन बेशर्म पुलिस वालों पर इसलिए भी कार्यवाही ज़रूर होना चाहिए जिससे कि भविष्य में कोई पुलिस अधिकारी किसी नाबालिग को लाठी डंडों से पिटवाने की हिम्मत ना कर सके!’

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जानिए रोहतक के ऐसे स्कूल के बारे में जहां देशभर के दलित बच्चे कर सकते हैं फ्री में पढ़ाई, 1945 में हुई थी स्थापना

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Rohtak dalit school
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हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित एक अनोखा स्कूल दलित बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए हर संभव तरीके से उनकी मदद करता है। यह स्कूल खास तौर पर उन बच्चों के लिए बनाया गया है जो समाज के हाशिये पर रहते हैं और जिनके पास सीमित आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक अवसर हैं। इस स्कूल का मुख्य उद्देश्य दलित समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना और समाज में उनकी पहचान स्थापित करने में मदद करना है।

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विद्यालय की स्थापना

यह स्कूल गुरु रविदास एजुकेशन सोसाइटी के नाम से प्रसिद्ध है। यह स्कूल रोहतक के आर्य नगर में स्थित है। इस स्कूल के प्रबंधक का नाम जगबीर सिंह अहलावत है। स्कूल प्रबंधक के अनुसार इस स्कूल की स्थापना 1945 में हुई थी। इसकी स्थापना केर सिंह तूर, मास्टर लक्ष्मण सिंह, अमर सिंह, चांदराम, रूपचंद्र, स्वामी भजनंद ने मिलकर की थी। 1945 के समय इस स्कूल का नाम चमार एजुकेशन सोसाइटी था, लेकिन बाद इस स्कूल का नाम बदलकर गुरु रविदास एजुकेशन सोसाइटी कर दिया गया।

School Manager Jasvir Singh Ahlawat
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दलित विद्यालय स्थापना का उद्देश्य

इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य दलित बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और नैतिक मूल्यों के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता प्रदान करना है। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को न केवल निःशुल्क शिक्षा बल्कि निःशुल्क आवास, भोजन और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएँ भी प्रदान की जाती हैं। स्कूल का उद्देश्य न केवल बच्चों को शिक्षित करना है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और उनमें आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास विकसित करना भी है। यह स्कूल दलित बच्चों को मुख्यधारा में लाने और उन्हें समाज में समान अवसर दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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शैक्षिक सुविधाएँ

यह विद्यालय सभी आवश्यक शैक्षणिक सुविधाएँ प्रदान करता है, जिसमें विज्ञान, गणित, भाषा और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इसके साथ ही बच्चों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा और कंप्यूटर प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि वे आधुनिक दुनिया में प्रतिस्पर्धा कर सकें। यहाँ बच्चों की अंग्रेजी और हिंदी में दक्षता पर समान जोर दिया जाता है, ताकि वे भविष्य में किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकें। इसके साथ ही विद्यालय में नियमित रूप से शारीरिक शिक्षा, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, ताकि बच्चों का समग्र विकास हो सके।

नि:शुल्क रहने और खाने की सुविधा

इस स्कूल में सभी बच्चों के लिए मुफ्त रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है। यह सुविधा खास तौर पर उन बच्चों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास शिक्षा प्राप्त करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं हैं। हालांकि, यहां केवल बिजली का शुल्क शामिल है जिसकी कीमत मात्र 600 रुपये है।

देशभर से बच्चे कर सकते हैं दाखिला

इस स्कूल की सबसे खास बात यह है कि यहां हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश से दलित बच्चे आकर मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया बेहद सरल है और स्कूल प्रशासन बच्चों का चयन करते समय उनकी शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ उनके परिवार और आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि जिन बच्चों को शिक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत है, वे यहां आकर इसका लाभ उठा सकें।

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Amethi Horror: अमेठी में पति-पत्नी और बच्चों समेत 4 की खौफनाक हत्या, सीएम योगी ने सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश

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Amethi horror
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उत्तर प्रदेश के अमेठी में गुरुवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां अमेठी जिले के गौरीगंज में देर शाम दलित शिक्षक सुनील कुमार, उनकी पत्नी पूनम और दो मासूम बेटियों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। इन बच्चों की मृतक मां ने 18 अगस्त को रायबरेली जिले में चंदन वर्मा के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मृतका की तहरीर पर आरोपी चंदन के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। वहीं, दलित परिवार की हत्या की इस सनसनीखेज वारदात से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।

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मामले में आया अफेयर का ट्विस्ट

अमेठी में दलित शिक्षक और उसके पूरे परिवार की हत्या की जांच के दौरान यह बात सामने आ रही है कि मृतक महिला और आरोपी चंदन वर्मा के बीच प्रेम संबंध थे। रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक के परिवार की हत्या करने के बाद आरोपी चंदन ने खुद की जान लेने की कोशिश की, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका। इसके अलावा, आरोपी चंदन वर्मा ने अपने फोन स्टेटस पर आज पांच हत्याएं होने की घोषणा की। इसके अलावा, मृतक महिला के वीडियो कॉल के कई स्क्रीनशॉट मिले हैं।

राहुल गांधी ने पीड़ित फैमिली से बात

अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा ने इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। सांसद किशोरी लाल शर्मा ने कहा, “मैं लगातार मृतक के परिवार के संपर्क में हूं और उनकी समस्याओं को समझ रहा हूं। यह घटना एक गंभीर अपराध है और इसमें रायबरेली पुलिस की बड़ी लापरवाही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने मृतक के पिता से बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

घर में घुसकर मारी गोली

इस पूरे मामले में देर रात चंदन वर्मा के खिलाफ धारा 103-1 के तहत केस दर्ज किया गया। जानकारी के मुताबिक 18 अगस्त को मृतक की पत्नी पूनम का रायबरेली में चंदन से विवाद हुआ था। बताया जा रहा है कि बदमाशों ने रात में सरकारी शिक्षक सुनील कुमार के घर में घुसकर उनकी, उनकी पत्नी और दो मासूम बेटियों की गोली मारकर हत्या कर दी।

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सुनील कुमार, उनकी पत्नी और दो बेटियों को सीएचसी सिंहपुर पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत की खबर से इलाके में दहशत का माहौल है।

सपा ने यूपी सरकार को घेरा

सपा के मीडिया सेल ने अमेठी की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर एक्स पोस्ट किया। इसमें लिखा था कि दिनदहाड़े घर में घुसकर शिक्षक, उनकी पत्नी और दो मासूम बच्चों की अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गई। दूसरे राज्यों में जाकर मंच से यूपी की कानून व्यवस्था का झूठा राग अलापने वाले सीएम योगी को शर्म आनी चाहिए। यूपी में लगातार जघन्य अपराधों से जनता भयभीत है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि कोई तो है…कहीं तो…हमें नहीं चाहिए भाजपा।

यूपी सीएम योगी ने दिया ये आदेश

सीएम योगी ने घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और ट्विटर पर लिखा, “जनपद अमेठी में घटित घटना अत्यंत निंदनीय एवं अक्षम्य है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

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अक्षय कुमार की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म कौन-सी है?

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बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मे दी है. अक्षय कुमार को इंडस्ट्री में तीन दशक पूरे हो गए हैं. अक्षय कुमार ने बॉलीवुड में फिल्म ‘सौगंध’ से डेब्यू किया था. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी. लेकिन एक दौर था जब हर ओर अक्षय कुमार ही थे…साल में 5-5 हिट देने का रिकार्ड भी अक्षय कुमार के नाम है…उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में की हैं…जिनमें से कई फिल्में आइकॉनिक हैं. आज हम आपको अक्षय की एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कुछ साल पहले रिलीज हुई थी और आते ही बॉक्स ऑफिस पर छा गई थी. उस वक्त इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कई फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़े थे.

अक्षय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म

आज के समय में अक्षय कुमार की फिल्में भले ही फ्लॉप साबित हो रही हैं. लेकिन एक समय था जब बॉलीवुड में अक्षय को हिट फिल्मों की गारंटी कहा जाता था. बीते 2 साल में अक्षय की ज्यादातर फिल्में फ्लॉप रही हैं. उनकी दो साल में 8 से ज्यादा फिल्में रिलीज हुई हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी फ्लॉप हुईं. हालांकि, आने वाले समय में वो कुछ अच्छा लाने की ट्राई कर रहे हैं. इतना ही नहीं, उनके फैंस भी उनसे काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं. खैर, अक्षय के साथ ऐसा पहले नहीं था. 2022 से पहले अक्षय की कई फिल्म रिलीज हुईं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की, जिसमें से एक ये फिल्म भी है.

ये फिल्म 6 साल पहले यानी 2018 में रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म में अक्षय के साथ साउथ फिल्मो के सुपरस्टार रजनीकांत भी थे. ये फिल्म 2.0 थी. जिसमें मोबाइल के यूज के बुर प्रभावों के बारे में बताया गया था. इस फिल्म में अक्षय कुमार ने ‘पक्षीराजन’ का किरदार निभाया था, जो पक्षियों से बेहद प्यार करता है, लेकिन ज्यादा मोबाइल यूज करने की वजह से वो मर रहे होते हैं, जिनका वो बदला लेता है. वही जब ये फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी तो इसने पहले ही दिन 20.25 करोड़ रु. का कारोबार किया था. इसके अलवा फिल्म ने Worldwide Gross पर 665 करोड़ और Domestic Net collection(Hindi) में 190 करोड़ का बिजनेस किया था.

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दरअसल, ये फिल्म 2010 में आई फिल्म रोबोट की रीमेक थी. फिल्म 2.0 में भी रजनीकांत एक बार फिर रोबोट के किरदार में ही नजर आये थे. फिल्म में अक्षय कुमार और रजनीकांत के साथ एमी जैक्सन भी नजर आई थीं. इस फिल्म के डायरेक्टर शंकर और राइटर जयमोहन है. इस फिल्म का बजट 400 से 600 करोड़ रुपये का था. फिल्म 2.0 को दुनिया की सबसे बेहतरीन वैज्ञानिक फिल्मों में से एक माना जाता है. वही इस फिल्म को आप YouTube और OTT प्लेटफार्म पर देख सकते है. इस फिल्म को IMDb पर भी अच्छी रेटिंग मिली हुई है.

वर्कफ्रंट पर अक्षय कुमार

वर्कफ्रंट की बात करें तो अक्षय कुमार की पाइप लाइन में इन दिनों कई बड़ी फिल्में हैं. जिनका फैन्स को बेसब्री से इंतज़ार है. अक्षय इस साल सुनील शेट्टी, निमरत कौर और सारा अली खान के साथ ‘स्काई फोर्स’ में भी नजर आएंगे. वही तापसी पन्नू के साथ फिल्म खेल खेल में भी दिखाई देंगे हैं. इसके अलावा वह रोहित शेट्टी की फिल्म सिंघम अगेन में भी नजर आएंगे. इसके अलावा उनके पास वेलकम टू द जंगल भी है.

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