What is Uniform Civil Code in Hindi – देश में साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और ये चुनाव तय करेंगे कि देश में किस पार्टी की सरकार बनेगी साथ ही ये भी तय होगा कि देश का प्रधानमंत्री कौन होगा. जहाँ बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री के दावेदार हैं तो वहीं विपक्ष के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं है जो पीएम मोदी को टक्कर दे. इन चुनाव को जीतने के जहाँ विपक्ष पूरा जोर लगा रहा है तो वहीं बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) का दांव खेला है लेकिन ये पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) का जिक्र किया है.
इससे पहले भी हर चुनाव में बीजेपी की और से यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) को जरुरी बताया गया है. वही इस पोस्ट के जरिए हम आपको यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) क्या है, क्यों जरुरी है और इस यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) को लागू करने के बाद किस धर्म पर इसका क्या असर पड़ेगा इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं.
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What is Uniform Civil Code – क्या है UCC
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि, भारत में रहने वाला हर नागरिक जो किसी भी धर्म, जाति के ताल्लुक रखता हो या किसी भी लिंग का हो UCC लागू होने के बाद इन सबके लिए एक समान कानून होगा. इसी के साथ देश में जब से ये सिविल कोड लागू होगा तब से विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम लागू हो जाएंगे. UCC लागू करने के जिक्र सविधान में भी हुआ है.
संविधान में भी हुआ है UCC का जिक्र
भारत के संविधान के अनुच्छेद-44 (Article 44 Details in Hindi) में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने का जिक्र किया गया है. इस अनुच्छेद में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है. अनुच्छेद 44 उत्तराधिकार, संपत्ति अधिकार, शादी, तलाक और बच्चे की कस्टडी के बारे में समान कानून की अवधारणा पर आधारित है. भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान आपराधिक संहिता है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है. जिसकी वजह से इस UCC बनाने की बात होती आई है.
ब्रिटिश सरकार में भी हुई UCC लागू करने की बात
What is Uniform Civil Code in Hindi – यूसीसी का जिक्र 1835 में ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट में भी किया गया था. इसमें कहा गया था कि अपराधों, सबूतों और ठेके जैसे मुद्दों पर समान कानून लागू करने की जरूरत है. इसी के साथ बीजेपी के हर चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में UCC लागू करने की बात कही है, बीजेपी ने हर आम चुनाव में घोषणा करते हुए कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वो देश में UCC लागू करेंगे. वहीं इस बार बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आने कि रेस में खड़ी है और इस रेस को जीतने के लिए बीजेपी ने हर बार की तरह इस बार भी UCC लागू करने की घोषणा करी है.
1967 से लेकर घोषणा पत्र में हर बार रहा है UCC का मुद्दा
सबसे पहले साल 1967 के आम चुनाव में भारतीय जनसंघ जिसका नाम बाद में बदलकर भारतीय जनता पार्टी हो गया उसने अपने घोषणा पत्र में ‘समान नागरिक संहिता’ (UCC) को लागू करने की बात कही. इसके बाद साल 1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद एक बार फिर ‘समान नागरिक संहिता’ (UCC) लागू करने की बात सामने आई और अब तक बीजेपी के हर आम चुनाव के घोषणा पत्र में इस ‘समान नागरिक संहिता’ (UCC) लागू करने के मुद्दे को जगह दी गयी है लेकिन ये ‘समान नागरिक संहिता’ (UCC) लागू नहीं हो पाया. वहीं मोदी सरकार 2 बार सत्ता में काबिज होने के बाद अब तीसरी बार सत्ता में आने के लिए आम चुनाव में भाग लेगी और इस बार भी UCC बीजेपी के लिए अहम मुदद बना है.
बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आने के लिए खेला UCC का दाव
जहाँ बीजेपी के घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण करने, अनुच्छेद 370 को हटाने और समान नागरिक संहिता को लागू करने की घोषणा के बाद बीजेपी सत्ता में आई और बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण करने, अनुच्छेद 370 को हटाने का काम पूरा किया तो वहीं अब समान नागरिक संहिता के जरिए बीजेपी सत्ता में आने का दावं खेल रही है. वहीं इस UCC को जहाँ पीएम मोदी ने जनता के लिए जरुरी बताया तो वहीं इस UCC को लेकर सियासी और धार्मिक बहस छिड़ गई है साथ इस UCC को लेकर कहा गया है कि सभी धर्मों पर इस UCC का असर देखें को मिलेगा.
हिंदू और मुस्लिम धर्म पर क्या होगा इस UCC का असर
UCC को लेकर बहस छिड़ी है कि इस UCC का असर निजी कानूनों पर पड़ेगा जिसके बाद कई पार्टियों इस UCC का विरोध किया है तो वहीं पार्टियों ने ये भी कहा है की इस UCC एक आने के बाद बीजेपी जबरदस्ती हिन्दू धर्म दूसरे धर्म के लोगो पर थोप सकती है. वहीं UCC आने के बाद हिंदू विवाह अधिनियम (1955) (What is Hindu Marriage Act), हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (1956) जैसे मौजूदा कानूनों को संशोधित करना होगा साथ ही कई धारों में जो छूट दी गयी है यूसीसी आने के बाद ये छूट नहीं मिलेगी. तो वहीं UCC आने के बाद मुस्लिम धर्म में शादी को लेकर जो उम्र तय कि गयी है वो बदल सकती है साथ ही बहुविवाह जैसी प्रथाएं खत्म हो जाएंगी.
सिख और इसाई धर्म के इन नियमों में होगा बदलाव
सिख धर्म (UCC Impact in Sikhism) आनंद विवाह अधिनियम भी खत्म हो सकता है. पारसी धर्म में किसी अन्य धर्मं में शादी करने के बाद पारसी रीति-रिवाजों के सभी अधिकार खो देने की बात कही गयी है तो वहीं UCC आने पर यह प्रावधान समाप्त हो जाएगा. इसी के साथ गोद ली हुई बेटियों और बेटों के अधिकार में बड़ा बदलाव आ सकता है. वहीं ईसाई धर्म (UCC impact on Christians) में भी तलाक, माताओं को उनके मृत बच्चों की संपत्ति में अधिकार जैसे प्रावधान खत्म हो जाएंगे. इसी के साथ आदिवासी लोगों को कई सारे अधिकार खो जाएंगे. यूसीसी के लागू होने से पूरे देश में विवाह, तलाक, विभाजन, गोद लेने, विरासत और उतराधिकार एक समान हो जाएंगे.
भारत के इस राज्य समेत इन देशों में लागू है UCC
What is Uniform Civil Code – भारत के राज्य गोवा (UCC in Goa) में यूनिफॉर्म सिविल कोड पहले से ही लागू है. वहीं इस राज्य में UCC इस वजह से लागू किया गया है क्योंकि संविधान में गोवा को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है. वहीँ भारत के राज्य के अलावा समान नागरिक संहिता पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्की, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, अमेरिका, आयरलैंड, में लागू किया गया है और यहाँ पर इन सभी धर्मों के लिए एकसमान कानून है.
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