भारत में कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दी है और इस बार कोरोना नए रूप में फैल रहा है. दरअसल, देश में कोरोना के सब-वैरिएंट के लगभग 21 मामले सामने आए हैं. इस नए वैरिएंट का नाम जेएन.1 (JN.1) है और इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि कोरोना के सब-वैरिएंट जेएन.1 (JN.1) क्या है और कितना खतरनाक है.
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जानिए कितना खतरनाक है जेएन.1 वायरस
जानकारी के अनुसार, कोरोना का जेएन.1 (JN.1) वैरिएंट ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना है. जहाँ BA.2.86 व्यापक रूप से नहीं फैला था, लेकिन BA.2.86 के स्पाइक प्रोटीन पर अतिरिक्त म्यूटेशन हुए थे और उसी तरह JN.1 के स्पाइक प्रोटीन में भी एक अतिरिक्त म्यूटेशन है. वहीं हाल ही में सामने आये मामलों को देखने के बाद ऐसा कहा जा सकता है कि जेएन.1 एक ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है जो मजबूत इम्यूनिटी वालों को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है.
WHO से मिली जानकारी के अनुसार, जेएन.1 सब-वैरिएंट के कारण कोई अधिक खतरा होगा. हालांकि जेएन.1 संक्रमण तेजी से फैल रहा है इसलिए मामले तो बढ़ सकते हैं लेकिन मौजूदा सबूत यह नहीं बताते कि इसकी गंभीरता अधिक है. वहीं टीकाकरण वाले लोगों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
JN.1 के लक्षण और बचाव के तरीके
वहीं JN.1 के लक्षण सामान्य कोविड-19 लक्षणों बुखार, ठंड लगना, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, स्वाद या गंध की हानि, गले में खराश, भीड़, नाक बहना, मतली, उल्टी और दस्त के जैसे ही हैं.
वहीं देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी है. जेएन.1 वैरिएंट को फैलने से रोकने के लिए हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक धोना, साबुन-पानी न होने पर कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना शामिल है. इसी के साथ भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना साथ ही नाक और मुंह को मास्क से अच्छी तरह ढंकना और सोशल डिस्टेंसिंग भी शामिल है.
देश में कोविड-19 के मामलों में हुई बढ़ोत्तरी
आपको बता दें, हाल ही में देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में गुरुवार को 594 नए कोविड-19 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं. इससे एक्टिव मामलों की संख्या 2311 से बढ़कर 2669 हो गई है. बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्क्रीनिंग और निगरानी करने की एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सभी राज्यों से स्क्रीनिंग बढ़ाने, इन्फ्लूएंजा जैसी गंभीर श्वसन बीमारियों के मामलों की तुरंत रिपोर्ट करने, RT-PCR टेस्ट को बढ़ाने और जीनोम अनुक्रमण के लिए पॉजिटिव नमूने इकट्ठे करने को कहा गया है.