सरकार ने करी जोशीमठ को बचाने की तैयारी
उत्तराखंड (Uttarakhand) का जोशीमठ (Joshimath) शहर किसी भी वक़्त तबाह हो सकता है. यहाँ के पूरे शहर के मकानों और ऐतिहासिक स्थलों में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी है सड़क फट रही है. जिसकी वजह से यहाँ के लोगों ने पलायन करने का विचार किया है? वहीं इस बीच सवाल ये हैं कि जोशीमठ के लोगों को लेकर सरकार ने क्या तैयारी है. वहीं इन लोगों का भविष्य में क्या होगा?
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क्यों तबाह हो रहा है जोशीमठ
उत्तराखंड का जोशीमठ के तबाह होने वजह NTPC का (Vishnugad-Tapovan Hydro Power Project) बन रही टनल (Tunnel) को बताया जा रहा है. वहीं कहा ये भी जा रहा है कि हेलंग मारवाड़ी बाईपास (Helang Marwari Bypass) का निर्माण शुरू होने के बाद जोशीमठ की जमीन धंसने की घटना शुरू हो गई थी. 1976 में आई इस मिश्रा रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया कि जोशीमठ की जड़ पर छेड़खानी करना यहाँ के लिए खतरा साबित होगा. इस मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट को नजरअंदाज किया और यहां बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन किया गया.
सरकार का क्या है प्लान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ को बचाने के लिए केंद्र सरकार (Central govermnet) ने तीन तरह के प्लान तैयार किए हैं। एक शार्ट प्लान जो तत्काल लागू किया जाए। दूसरा मीडियम प्लान व तीसरा लांग टर्म प्लान। वहीं इन तीनों प्लान्स पर पीएमओ के अप्रवूल पर एक्शन शुरू हो जाएगा. वहीं प्लान के तहत ही जोशीमठ को बचाया जाएगा.
वहीं राज्य सरकर ने दो एक्शन प्लान तैयार किए जाएंगे। एक प्लान तो जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास का बनाया जाएगा, जिसमें किस तरह निर्धारित समयावधि में लोगों का पुनर्वास किया जाएगा, यह भी तय किया जाएगा। दूसरा एक्शन प्लान जोशीमठ आपदा की जांच, इसके कारणों, उसके निवारण जैसे रेट्रोफीटिंग आदि का बनाया जाएगा। सरकार इन्हीं दो एक्शन प्लान पर काम करेगी।
प्रभावित लोगों का किया जायेगा पुनर्वास
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, प्रभावित लोगों के पुनर्वास (rehabilitation) किया जायेगा. राज्य सरकार (state goverment) जोशीमठ में धंसाव से पीड़ित लोगों के लिए पुर्नवास की जो योजना बना रही है। उसके तहत नया जोशीमठ शहर भी बसाया जा सकता है। इसके लिए सर्वेक्षण का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए पीपलकोटी, गौचर, गैरसैंण, कोटीबाग जैसे इलाकों में सरकारी जमीन की तलाश भी की जा रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है और जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी।