जोशीमठ में दो होटलों को गिराने पहुंचा बुलडोजर
जोशीमठ की जमीन के धंसने के कारण यहां के लोगों की ज़िन्दगी पर संकट बना हुआ है. इसी के साथ यहां पर बुलडोजर की एंट्री हुई है. दरअसल, जोशीमठ में होने वाली तबाही के पीछे की सरकार द्वारा शुरू किए हुए प्रोजेक्ट को बताया जा रहा है तो वहीं ये भी कहा जा रहा है कि यहाँ पर हुआ अवैध निर्माण भी जोशीमठ के घरों पर आई दरारे और सड़कों के फट जाने की वजह है. वहीं इस बीच सरकार ने यहां पर हुए अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने के निर्देश दिए हैं.
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जानिए क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, जोशीमठ में होने वाली तबाही के पीछे यहां पर चल रहे प्रोजेक्ट को बताया जा रहा है. वहीं अवैध निर्माण से भी जोशीमठ को काफी नुकसान हुआ है. क्योंकि जोशीमठ एक रेतीली चट्टान पर स्थित है. जोशीमठ की तलहटी में कोई भी बड़ा काम नहीं किया जा सकता. वहीं जिस तरह का अवैध निर्माण हुआ है उसकी वजह से जोशीमठ में खतरा पैदा हुआ है. वहीँ इस बीच शहर में स्थित दो होटलों को गिराने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही असुरक्षित घरों को गिराने के लिए बुलडोजर मौके पर पहुंचा.
कार्रवाई का हुआ विरोध
वहीं बुलडोजर इन होटलों को गिराने के लिए यहां पर आया तब होटल के मालिकों ने अचानक होटल गिराए जाने की कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि उन्हें इस बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। बता दें, इन होटलों के नाम मलारी इन और होटल माउंट व्यू हैं। होटल मालिकों ने कहा कि उन्होंने इन होटलों को खून-पसीने की कमाई से बनाया है और उन्हें इसका मुआवजा दिया जाना चाहिए। जोशीमठ के स्थानीय लोगों ने कहा है कि प्रशासन ने कुछ नहीं बताया है कि जिन लोगों की संपत्तियों को तोड़ा जाएगा उन्हें मुआवजा किस आधार पर दिया जाएगा। उन्होंने मांग की है कि उन्हें बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की तर्ज पर मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसे देखते हुए जोशीमठ के प्रशासन ने सभी अफसरों और जिन होटलों को तोड़ा जाना है उनके मालिकों के साथ बैठक की है।
डिमोलेशन पर लगी रोक
उत्तराखंड के जोशीमठ में मुआवजे को लेकर लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया. प्रशासन का बुलडोजर असुरक्षित घरों को गिराने मौके पर पहुंचा तो आपदा पीड़ितों ने विरोध जताना शुरू कर दिया. वहीं, लोगों के हंगामे को देखते हुए जिलाधिकारी ने डिमोलेशन पर रोक लगा दी है.आपदा पीड़ितों ने कहा कि पहले उन्हें उचित मुआवजा राशि दी जाए, तभी घरों को गिराया जाए. हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी.
कैसे हैं जोशीमठ के हालात
जोशीमठ में अब तक 600 से ज्यादा घरों में चौड़ी दरारें आ चुकी हैं और राज्य सरकार ने 4000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ट्रान्सफर कर दिया गया है। वहीं सोमवार को प्रशासन ने जमीन के लगातार धंसने के कारण खाली किए जा चुके मकानों पर रेड क्रॉस के निशान लगाए थे। चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया था कि सिंहधार, गांधीनगर, मनोहरबाग आदि वार्डों को असुरक्षित घोषित कर इन वार्डों में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही जोशीमठ को आपदा संभावित क्षेत्र घोषित किया गया है।
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